आज का पंचाग आपका राशि फल और विचार दर्शन

*शरीर कभी भी पूरा पवित्र**

नहीं हो सकता फिर भी*

*सभी इसकी पवित्रता की* 

*कोशिश करते रहते है*
*मन पवित्र हो सकता है*
*मगर अफसोस*
*कोई कोशिश नहीं करता* 

🌹………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹

*श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || याम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| हेमन्त ऋतु || मार्गशीर्ष कृष्णपक्ष || पञ्चमी तिथि || मन्दवासर || मार्गशीर्ष सौर २० प्रविष्ठ || तदनुसार ०५ दिसम्बर २०२० ई० || नक्षत्र पुष्य अपराह्न २:२९ तक उपरान्त सर्प || कर्कस्थ चन्द्रमा ||*
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐
📖 *नीतिदर्शन……………………*
*अधो$ध: पश्यतः कस्य महिमा नोपचीयते।*
*उपर्युपरि पश्यन्तः सर्व एव दरिद्राति।।*
📝 *भावार्थ*👉🏾 नीचेको देखते हुए किसकी महिमा नहीं बढ़ती? और उपरको देखने वाले सभी दरिद्री होते हैं। जिसने जानाकि मैं बड़ा हो गया और उन्नति करने का यत्न नहीं किया वही दरिद्री हो जाता है।
💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐