आज का पंचाग आपका राशि फल, इस जन्म में लगाये गये पेड़ अगले जन्म में संतति रूप में प्राप्त होते हैं, जर्मनी की अमीर लड़की बन गयी काल शिला की सरस्वती माई

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻सोमवार, ५ जुलाई २०२१🌻

सूर्योदय: 🌄 ०५:३३
सूर्यास्त: 🌅 ०७:१४
चन्द्रोदय: 🌝 २६:१९
चन्द्रास्त: 🌜१५:२४
अयन 🌕 दक्षिणायने (उत्तरगोलीय)
ऋतु: 🌦️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 आषाढ़
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 एकादशी (२२:३० तक)
नक्षत्र 👉 भरणी (१२:१२ तक)
योग 👉 धृति (१३:३० तक)
प्रथम करण 👉 बव (०९:१२ तक)
द्वितीय करण 👉 बालव (२२:३० तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟 वृष (१८:५९ से)
मंगल 🌟 कर्क (उदित, पूर्व, मार्गी)
बुध 🌟 वृष (उदय, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 कुम्भ (उदय, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 कर्क (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५३ से १२:४९
अमृत काल 👉 ०६:४७ से ०८:३५
विजय मुहूर्त 👉 १४:४२ से १५:३८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०८ से १९:३२
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०२ से २४:४२
राहुकाल 👉 ०७:०६ से ०८:५१
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:३६ से १२:२१
होमाहुति 👉 राहु (१२:१२ तक)
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 आकाश
चन्द्रवास 👉 पूर्व (दक्षिण १९:०० से)
शिववास 👉 कैलाश पर (२२:३० से नन्दी पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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योगिनी एकादशी व्रत (सभी के लिये), देवराहा बाबा पुण्य दिवस आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १२:१२ तक जन्मे शिशुओ का नाम
भरणी नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ले, लो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम कृतिका नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (अ, ई, उ, ए) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – २८:०० से ०६:१५
कर्क – ०६:१५ से ०८:३७
सिंह – ०८:३७ से १०:५५
कन्या – १०:५५ से १३:१३
तुला – १३:१३ से १५:३४
वृश्चिक – १५:३४ से १७:५४
धनु – १७:५४ से १९:५७
मकर – १९:५७ से २१:३८
कुम्भ – २१:३८ से २३:०४
मीन – २३:०४ से २४:२८
मेष – २४:२८ से २६:०१
वृषभ – २६:०१ से २७:५६
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पञ्चक रहित मुहूर्त
चोर पञ्चक – ०५:२१ से ०६:१५
शुभ मुहूर्त – ०६:१५ से ०८:३७
रोग पञ्चक – ०८:३७ से १०:५५
शुभ मुहूर्त – १०:५५ से १२:१२
मृत्यु पञ्चक – १२:१२ से १३:१३
अग्नि पञ्चक – १३:१३ से १५:३४
शुभ मुहूर्त – १५:३४ से १७:५४
रज पञ्चक – १७:५४ से १९:५७
शुभ मुहूर्त – १९:५७ से २१:३८
चोर पञ्चक – २१:३८ से २२:३०
शुभ मुहूर्त – २२:३० से २३:०४
रोग पञ्चक – २३:०४ से २४:२८
चोर पञ्चक – २४:२८ से २६:०१
शुभ मुहूर्त – २६:०१ से २७:५६
रोग पञ्चक – २७:५६ से २९:२१
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आप स्वयं को नियंत्रित कर परिस्थिति अनुसार ढालने का प्रयास करेंगे लेकिन अन्य लोगों से स्वयं की तुलना करने पर मन हीन भावना से ग्रस्त होगा। स्वभाव में अहम की भावना अधिक रहेगी अपनी बात को ऊपर रख किसी की नही चलने देंगे। कार्य व्यवसाय में भी मनमर्जी चलाएंगे कुछ गड़बड़ होने पर आरोप किसी अन्य के सर मढ़ने का प्रयास करेंगे जिससे वातावरण खराब हो सकता है। अन्य लोगो को स्वयं से नगण्य आंकने पर बिना बात शत्रु वृद्धि होगी साथ मे काम निकालने में भी परेशानी आएगी आज धन लाभ पाने के लिये किसी की कटु बाते सुन्नी भी पड़े तो सुनले अन्यथा लाभ को भूल ही जाए। घरेलू वातावरण में गलत फहमियों को जगह ना दे नही तो किसी न किसी की विरोधी प्रतिक्रिया सहने के लिये तैयार रहें। संध्या का समय दिन की तुलना में शांत रहेगा कुछ हांसिल ना होने पर मन मारकर रह जाएंगे गलतियों का आंकलन कर स्वभाव में भी नरमी लाएंगे। शरीर के गुप्त अंगों में समस्या हो सकती है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज प्रातः काल जल्द ही अपने आवश्यक कार्य पूर्ण करने का प्रयास करे इसके बाद परिस्थिति प्रतिकूल होने लगेगी जो काम आसानी से बन रहे थे वही बाद में खुशामद के बाद भी बनाने में परेशानी आएगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर आज भी आपकी छवि गरिमामय रहेगी लेकिन घर मे कोई नए पुराने विवाद के बढ़ने से मानसिक रूप से विचलित हो सकते है इसका प्रभाव कार्य क्षेत्र पर भी देखने को मिलेगा। उखड़े मन से कार्य करने पर आस पास को लोगो को असहजता होगी। आज स्वयं के व्यवसाय की जगह शेयर सट्टे अथवा पैतृक व्यवसाय से लाभ की सम्भवना अधिक है लेकिन होगा कामचलाऊ ही। पूर्व में किसी सुखोपभोग के लिये अमर्यादित आचरण अथवा अन्य गलत कार्य को लेकर दंडित भी हो सकते है। घर एवं कार्य क्षेत्र के अधिकार आपके पास रहने के बाद भी आपकी चलेगी नही। व्यसन से दूरी रखे सेहत संबंधित समस्या अकस्मात हो सकती है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिये सार्वजनिक क्षेत्र और सामाजिक कार्यो के लिये शुभ रहेगा लेकिन घरेलू मामलों में कुछ न कुछ खटपट लगी रहेगी। दिन के आरम्भ में पूर्वनियोजित कार्यो से लाभ होने के आसार बनेंगे लेकिन टलते टलते मध्यान तक ही हो पायेगा पर जितनी लाभ की संभावना रहेगी उससे कम ही मिल मिलेगा। कार्य क्षेत्र पर आज वातावरण सहयोगी नही रहेगा सहकर्मी आराम तलबी के कारण आवश्यक कार्यो में भी लापरवाही करेंगे जिससे क्रोध तो आएगा पर स्थिति को भांप शांत ही रहेंगे। घरेलू वातावरण आज समझ से परे रहेगा किसी के हित में बात करना भी परिजन को बुरा लगेगा। पति पत्नी के आपसी विचारों को छोड़ आज घर मे किसी से विचार मेल नही खाएंगे। भाई बंधु भी शत्रु जैसा व्यवहार कर मन को आहत करेंगे किसी के व्यक्तिगत मामले में ना पड़े अन्यथा आत्मसम्मान को ठेस पहुच सकती है। पेट मे गैस कब्ज की परेशानी हो सकती है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज दिन के पूर्वार्ध भाग में सुख शांति यथावत बनी रहेगी लेकिन मध्यान से पहले कोई अशुभ समाचार मिलने से मानसिक बेचैनी बढ़ेगी। आप जिस कार्य को लेकर कई दिन से उम्मीद लगा रहे थे उसके अकस्मात निरस्त होने या आगे बढ़ने से मन मे नकारत्मक भाव आएंगे। दिनचार्य आज व्यवस्थित नही रहेगी जो काम पहले सोचकर बैठे है उसमें बदलाव के चलते अनावश्यक कार्य पहले करना पड़ेगा। कार्य क्षेत्र पर भी व्यवसाय मन मुताबिक नही रहेगा जहां से धन मिलने की संभावना थी वहां से निराशा मिलने के कारण कई कार्य अधूरे रह सकते है। दिमाग मे धन प्राप्ति को लेकर उटपटांग युक्तियां लगाएंगे फिर भी आमद आज अत्यंत अल्प ही रहेगी। परिवार कुटुम्ब से आर्थिक सहायता मिलने से थोड़ा सब्र आएगा। निवेश भूल कर भी ना करें। परिवार का वातावरण कुछ समय के लिये गमगीन बनेगा। सेहत संबंधित समस्या अकस्मात बनने से ज्यादा परेशानी होगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिये बीते कुछ दिनों की तुलना में सुधार वाला रहेगा दिन के आरंभिक भाग में धन एवं कुटुम्ब संबंधित उलझनों के कारण आक्रोश में रहेंगे हो सके तो मध्यान तक विवाद से बचने का प्रयास करें किसी परिजन की गलती को पकड़ कर ना बैठे अन्यथा मानसिक संतुलन खराब होने पर दिन का उचित लाभ उठाने से वंचित रह सकते है। नौकरी कारोबार में आज भी विविध अड़चनों का सामना करना पड़ेगा लेकिन आज कोई पूर्व में सोची योजना के सफल होने से भविष्य में लाभ के मार्ग खुलने से राहत मिलेगी। स्वयंजन के सहयोग एवं अपनी बुद्धि विवेक से सरकारी कार्यो में भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे सरकारी कर्मचारियों से काम निकालना आसान रहेगा आज लोन अथवा अन्य आर्थिक कार्यो में ढील ना दें अन्यथा बाद में इसका मलाल रहेगा। आज धन की आमद आशा से कम लेकिन भविष्य में होने के मार्ग खुलेंगे। घर मे किसी के व्यर्थ खर्च करने अथवा अनैतिक आचरण को लेकर कहासुनी हो सकती है। परिजन की सेहत को लेकर अतिरिक्त दौड़धूप हो सकती है।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज दिन के आरंभिक भाग को छोड़ अन्य समय सेहत संबंधित मामलों में अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। बीमारी की थोड़ी सी आशंका होने पर ही तुरंत उपचार ले अन्यथा बाद में बढ़ने से ज्यादा परेशानी देखनी पड़ेगी। घर अथवा कार्य क्षेत्र पर भाई बंधुओ का प्रभाव ज्यादा रहेगा जिससे स्वयं को निम्नतर आकेंगे मन मे ईर्ष्या की भावना भी रहेगी फिर भी अपने हित साधने के लिये किसी की गलत बातो का भी विरोध नही करेंगे। नौकरी पेशाओ को व्यवसायी वर्ग की तुलना में अधिक संघर्ष करना पड़ेगा दिन भर की भाग दौड़ के बाद भी परिणाम निराश करने वाले ही मिलेंगे। धन की आमद तो कही न कहीं से हो जाएगी लेकिन व्यर्थ के खर्च भी साथ रहने से कम ही लगेगी। पारिवारिक वातावरण में ऊबन अनुभव होगी लेकिन ससुराल पक्ष से आकस्मिक लाभ या शुभ समाचार मिल सकते है। यात्रा में विशेष सावधानी बरते वाहनादि से दुर्घटना का भय है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज प्रातःकाल में किसी अनिच्छित प्रसंग अथवा कार्य करने पर मन मे ग्लानि होगी फिर भी पारिवारिक दबाव के चलते करना ही पड़ेगा। मध्यान बाद का समय कार्यो में विजय दिलाने वाला रहेगा। पूर्व में की मेहनत का फल धीरे धीरे मिलने से मन को संतोष होगा। आज कार्य क्षेत्र पर कम समय मे अधिक मुनाफा कमाने के प्रलोभन भी मिलेंगे भविष्य को देखते हुए ये लाभदायक ही रहेंगे फिर भी सतर्कता बरते ठगी के शिकार भी हो सकते है। आज आपके अंदर साहस एवं धैर्य की कमी भी रहेगी जिसके चलते अपने दम पर कोई कार्य करने की हिम्मत नही जुटा पाएंगे फिर भी भागीदार एवं सहयोगियों का मार्गदर्शन सही मिलने से धन लाभ अवश्य होगा इसकी गति भले ही धीमी रहे पर संतुष्ट जरूर करेगी। कुटुम्बीजनो की आपसे कुछ महात्त्वकांक्षाये रहेंगी इनको पूर्ण करने का प्रयास करेंगे फिर भी कुछ न कुछ कमी के कारण विरोध देखना पड़ेगा। घर मे स्त्री वर्ग की सेहत चिन्ता बढ़ाएगी खर्च करने पर भी लाभ कम ही होगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज दिन के पहले भाग में स्फूर्ति की कमी रहेगी। शरीर मे अकड़न सरदर्द की थोड़ी बहुत समस्या रहेगी लेकिन दिन चढ़ते इनमे सुधार आने लगेगा। धार्मिक भावना भी आज अन्य दिनों की तुलना में अधिक रहेगी लेकिन कार्य व्यस्तता के कारण इनके लिये उपयुक्त समय नही दे पाएंगे फिर भी दिन के खाली समय मे किसी न किसी रूप में आध्यात्म से जुड़े रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर किसी नए काम के आने से अतिरिक्त दौड़ धूप होगी लेकिन इसका कोई विशेष लाभ नही उठा पाएंगे फिर भी दैनिक आय संतोषजनक हो ही जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र पर सरल व्यक्तित्त्व के कारण सम्मान में वृद्धि होगी लेकिन आपकी धीमी कार्यशैली आलोचना भी कराएगी। घरेलू वातावरण भी आज सुखदायक रहेगा भूमि भवन वाहन सुख उत्तम मिलेगा लेकिन पैतृक मामलो में कल जैसा सहयोग आज नही मिल पाने का दुख भी रहेगा। आज किसी पुराने परिचित से भेंट होने पर काफी समय गप्पे मारेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपकी दिनचार्य व्यवस्थित रहेगी। व्यावसायिक एवं पारिवारिक कार्यो में बुद्धिमता का परिचय देंगे जिससे गलती होने की संभावना बहुत कम रहेगी। आज कुटुम्बीजन इच्छा पूर्ति के लिये ही मीठा व्यवहार करेंगे। कार्य क्षेत्र और घर मे तालमेल बैठाने में थोड़ी दिक्कत जरूर आएगी घर परिवार का वातावरण प्रतिकूल रहने पर भी मानसिक रूप से विचलित नही होंगे। किसी विषय को लेकर माता पिता के विरोध का सामना करना पडेगा फिर भी कुछ ही देर में जटिल समस्या का समाधान कर प्रशंसा के पात्र बनेंगे। कार्य व्यवसाय में भी आज जोखिम लेने से बचेंगे यह निर्णय आज आपके लिये ठीक ही रहेगा। बाजार का हाल सुस्त रहने के कारण धन फंस सकता है दैनिक उपभोग की वस्तुओ को छोड़ अन्य सभी मे निवेश हानि कराएगा। सुखोपभोग की चाहत आज भी अधिक रहेगी लेकिन इसके लिये बेचैन नही होंगे। भाई बंधु अथवा नौकरों के हाथ हानि होने की संभावना है। त्वचा अथवा गर्दन के ऊपरी भाग में समस्या बन सकती है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज दिन के पहले भाग में किसी मनोकामना के पूरा ना होने पर क्रोध से भरे रहेंगे जानबूझकर कार्यो में विलंब या खराब भी कर सकते है। मध्यान के समय स्वभाव में जिद्दीपन भी आने से आस पास के लोगो से बैठे बिठाये झगड़ा मोल लेंगे आज आपकी कोई भी कामना भविष्य के लिये लाभदायक ना रहने से परिजन भी इनको टालने के प्रयास करेंगे लेकिन जिद बहस के बाद अपनी बात मनवा ही लेंगे। कार्य क्षेत्र पर आपका व्यवहार घर की तुलना में एकदम विपरीत रहेगा अपना हित साधने के लिए किसी की झूठी तारीफ करने से भी संकोच नही करेंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन शुभ रहेगा धन किसी न किसी मार्ग से आप तक अवश्य पहुचेगा लेकिन भविष्य में इसके गलत कार्यो में लगने की संभावना अधिक है। परिवार के सदस्य आपके व्यवहार के एकदम विपरीत शांत होकर आपकी उल्टी सीधी हरकतों को सह लेंगे जिससे टकराव की आशंका नही रहेगी फिर भी पिता से गरमा गर्मी हो सकती है। सेहत आज थोड़े बहुत शारीरिक दर्द को छोड़ लगभग ठीक ही रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
बीते दिनों की तुलना में आज का दिन राहत वाला रहेगा आज भी दिन के आरम्भ में पारिवारिक एवं व्यावसायिक चिंताये रहेंगी लेकिन मध्यान आते आते अनुकूल वातावरण बनने से आपकी मानसिकता एकदम विपरीत हो जाएगी। लेकिन आज मानसिक रूप से चंचलता अधिक रहेगी अनुभव होने के बाद भी हड़बड़ी में कार्य करने पर सफलता संदिग्ध बनेगी। कार्य क्षेत्र पर सहयोग भी आसानी से मिल जाएगा घर के सदस्य भी व्यावसायिक कार्यो में हाथ बटाएंगे लेकिन विचारों में मेल ना खाने पर थोड़ी बहुत बहस हो सकती है। सार्वजनिक क्षेत्र पर उच्च प्रतिष्ठित लोगो से मेल जोल होने पर आपकी पहचान भी ऐसी ही बनेगी चाहे इसका कोई व्यक्तिगत लाभ ना मिल पाए। अनुभव के आधार पर जरूरत के अनुसार आय बना लेंगे। घरेलू मामलो में आज स्त्री संतान पक्ष की ही अधिक चलेगी। पेट एवं गले संबंधित थोड़ी बहुत समस्या रह सकती है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज दिन के आरम्भ में आपका स्वभाव उदासीन रहेगा। व्यवहार मे भी रूखापन रहने के कारण दाम्पत्य जीवन मे खटास आएगी बाद में पछताना ना पड़े इसका ध्यान रख दिन का आरंभिक भाग धैर्य से बिताए। मध्यान के समय व्यवसाय अथवा अन्य रोजगार संबंधित कार्य से शुभ समाचार मिलने पर दिमाग ठंडा होगा। किसी नई योजना अथवा पुराना अटका धन अकस्मात मिलने की संभावना है। पिता अथवा घर के वरिष्ठ व्यक्ति का स्वभाव थोड़ा जिद्दी अवश्य रहेगा लेकिन आपको आज इनसे किसी न किसी रूप में लाभ ही मिलने वाला है। पूर्व में बनाये सामाजिक व्यवहार आवश्यकता के समय काम आएंगे लेकिन आपका संकोची स्वभाव मदद में देरी कर सकता है। आज मन की बात निसंकोच होकर कहे। पति पत्नी के बीच घर के किसी सदस्य को लेकर असंतोष दिखेगा फिर भी मामला गंभीर होने से पहले ही शांत हो जाएगा। मूत्राशय स्थान में कोई लंबा रोग होने की संभावना है रक्त एवं कफ संबंधित समस्या भी हो सकती है।
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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏

*👉पुराणों व हिन्दू धर्मग्रंथों में उल्लिखित पर्यावरण ज्ञान*👇
*👉 10 कुॅंओं के बराबर एक बावड़ी, 10 बावड़ियों के बराबर एक तालाब, 10 तालाब के बराबर 1 पुत्र एवं 10 पुत्रों के बराबर एक वृक्ष है।*
*👉 जीवन में लगाए गए वृक्ष अगले जन्म में संतान के रूप में प्राप्त होते हैं। (विष्णु धर्मसूत्र 19/4)*जबकि वृक्ष काटने पर जड़ नाश होती है। 
*👉 जो व्यक्ति पीपल अथवा नीम अथवा बरगद का एक, चिंचिड़ी (इमली) के 10, कपित्थ अथवा बिल्व अथवा ऑंवले के तीन और आम के पांच पेड़ लगाता है, वह* *सब पापों से मुक्त हो जाता है। ( भविष्य पुराण)*
*👉 पौधारोपण करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।*
*👉 शास्त्रों के अनुसार पीपल का पेड़ लगाने से संतान लाभ होता है।*
*👉 अशोक वृक्ष लगाने से शोक नहीं होता है।*
*👉 पाकड़ का वृक्ष लगाने से उत्तम ज्ञान प्राप्त होता है।*
*👉 बिल्वपत्र का वृक्ष लगाने से व्यक्ति दीर्घायु होता है।*
*👉 वट वृक्ष लगाने से मोक्ष मिलता है।*
*👉 आम वृक्ष लगाने से कामना सिद्ध होती है।*
*👉 कदम्ब का वृक्षारोपण करने से विपुल लक्ष्मी की प्राप्त होती है।*
*प्राचीन भारतीय चिकित्सा- पद्धति के अनुसार पृथ्वी पर ऐसी कोई भी वनस्पति नहीं है, जो औषधि ना हो।*
 *👉स्कंद पुराण में एक सुंदर श्लोक है👇*
*अश्वत्थमेकम् पिचुमन्दमेकम्*
*न्यग्रोधमेकम्  दश चिञ्चिणीकान्*
*कपित्थबिल्वाऽऽमलकत्रयञ्च पञ्चाऽऽम्रमुप्त्वा नरकन्न पश्येत्।।*
*अश्वत्थः = पीपल (100% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)*
*पिचुमन्दः = नीम (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)*
*न्यग्रोधः = वटवृक्ष(80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)*
*चिञ्चिणी = इमली (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)*
*कपित्थः = कविट (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)*
*बिल्वः = बेल (85% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)*
*आमलकः = आँवला (74% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)*
*आम्रः = आम (70% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)*
*(उप्ति = पौधा लगाना)*
        *👉अर्थात्- जो कोई इन वृक्षों के पौधों का रोपण करेगा, उनकी देखभाल करेगा उसे नरक के दर्शन नही करना पड़ेंगे।*
       *इस सीख का अनुसरण न करने के कारण हमें आज इस परिस्थिति के स्वरूप में नरक के दर्शन हो रहे हैं।*
*अभी भी कुछ बिगड़ा नही है, हम अभी भी अपनी गलती सुधार सकते हैं।*
*👉औऱ👇*
      *गुलमोहर, निलगिरी- जैसे वृक्ष अपने  देश के पर्यावरण के लिए घातक हैं।*
       *पश्चिमी देशों का अंधानुकरण कर हम ने अपना बड़ा नुकसान कर लिया है।*
         *👉पीपल, बड और नीम जैसे वृक्ष रोपना बंद होने से सूखे की समस्या बढ़ रही है*
         *ये सारे वृक्ष वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाते है साथ ही धरती के तापनाम को भी कम करते है।*
          *हमने इन वृक्षों के पूजने की परंपरा को अन्धविश्वास मानकर  फटाफट संस्कृति के चक्कर में इन वृक्षों से दूरी बनाकर  यूकेलिप्टस (नीलगिरी) के वृक्ष सड़क के दोनों ओर लगाने की शुरूआत की।  यूकेलिप्टस झट से बढ़ते है लेकिन  ये वृक्ष दलदली जमीन को सुखाने के लिए लगाए जाते हैं। इन वृक्षों से धरती का जलस्तर घट जाता है। विगत ४० वर्षों में नीलगिरी के वृक्षों को बहुतायात में लगा कर पर्यावरण की हानि की गई है*
*👉शास्त्रों में पीपल को वृक्षों का राजा कहा गया है।*
*मूले ब्रह्मा त्वचा विष्णु शाखा शंकरमेवच।*
*पत्रे पत्रे सर्वदेवायाम् वृक्ष राज्ञो नमोस्तुते।।*
*भावार्थ-जिस वृक्ष की जड़ में ब्रह्मा जी तने पर श्री हरि विष्णु जी एवं शाखाओं पर देव आदि देव महादेव भगवान शंकर जी का निवास है और उस वृक्ष के पत्ते पत्ते पर सभी देवताओं का वास है ऐसे वृक्षों के राजा पीपल को नमस्कार है।।*
*आगामी वर्षों में प्रत्येक ५०० मीटर के अंतर पर यदि एक एक पीपल, बड़ , नीम आदि का वृक्षारोपण किया जाएगा, तभी अपना भारत देश प्रदूषणमुक्त होगा।*
*👉घरों में तुलसी के पौधे लगाना होंगे।*
          *हम अपने संगठित प्रयासों से ही अपने “भारत” को नैसर्गिक आपदा से बचा सकते है।*
        *भविष्य में भरपूर मात्रा में नैसर्गिक ऑक्सीजन मिले इसके लिए आज से ही अभियान आरंभ करने की आवश्यकता है।*
         *आइए हम पीपल, बड़, बेल, नीम, आंवला एवं आम आदि वृक्षों को लगाकर आने वाली पीढ़ी को निरोगी एवं* *सुजलां सुफलां पर्यावरण”  देने का प्रयत्न करें।*

गुप्तकाशी से ठीक दाहिनी ओर
कालीमठ कालशिला में

उत्तराखंड में घूमने आई थी जर्मनी की अमीर लड़की…पहाड़ों रही और सरस्वती माई बन गई..

जहां हम हिन्दू अपने शास्त्रीय विधि विधानों को त्याग कर पश्चिमी देशों की संस्कृति अपनाते जा रहे हैं।

वहीं हमारे धर्मगुरुओं की कृपा से लाखों विदेशी अपना कुल, धर्म व देश छोडकर हिन्दू धर्म के अनुसार, विभिन्न गुरुओं से दीक्षित होकर भारत में ही रहकर आत्मकल्याण कर रहे हैं। आप जो ये तस्वीर देख रहे हैं ये उत्तराखंड के कालीशिला धाम में रहने वाली जर्मनी मूल की सरस्वती माई की है। औद्योगिक क्रान्ति वाले विकसित देश जर्मनी की मूल निवासिनी ने अपना सन्यासी नाम सरस्वती माई रखा है। सरस्वती माई कम से कम तीस सालों से रुद्रप्रयाग जिले की ऊखीमठ तहसील के अन्तर्गत कालीमठ से 6 किमी पैदल खडी चढाई चढने के बाद पर्वत चोटी पर स्थित कालीशिला नामक शक्ति पीठ में रोजाना साधना करती हैंं।

बताते हैं कि माई जी जर्मनी के सम्पन्न घर में पैदा हुईं थीं लेकिन अब इनको सन्यास के चलते सांसारिक वस्तुओं के संग्रह से कोई लेना देना नहीं है। ये एक साधारण सी झोपडी में रहती हैं। सरस्वती माई अपने खाने के लिए साग सब्जियां खुद उगाती हैं। ये पूरी गढ़वाली और हिन्दी भाषा को समझती और बोलती हैं। विख्यात पत्रकार श्री क्रान्ति भट्ट जी की टिप्पणी में लिखा गया है कि सरस्वती माई सन 2000 की नन्दा राज यात्रा भी कर चुकी ह़ैं। देवभूमि के कालीमठ क्षेत्र में सरस्वती माई जी के प्रति लोगों की अपार श्रद्धा है।

इसी कालीशिला धाम में जर्मनी की सरस्वती माई साधना करती हैं। कहा जाता है कि एक बार सरस्वती माई जब जर्मनी में थी, तो उन्हें कालीशिला का सपना आया था। इस स्वप्न में क्या हुआ ये भी जानिए।
सपने में खुद उन्हें रास्ता भी बताया गया था कि यहां उन्हें इस सांसारिक जीवन से मुक्ति मिलेगी। इसके बाद ही वो जर्मनी से यहां आई। सरस्वती माई कहती हैं कि उन्हें इस जगह पर असीम शांति मिलती है। फिलहाल घर क्या है, वो भूल चुकी हैं और उत्तराखंड की धरा को ही अपना घर बना चुकी हैं।

ऐसी महान तपस्विनी को हमारा हृदय से नमन है। अब आप ये भी जानिए कि आखिर कालीशिला देवभूमि की कैसी अद्भुत जगह है। विश्वास है कि मां दुर्गा शुंभ-निशुंभ और रक्तबीज का संहार करने के लिए कालीशिला में 12 वर्ष की कन्या के रूप में प्रकट हुई थीं। कालीशिला में देवी-देवताओं के 64 यंत्र हैं।मान्यता है कि इस स्थान पर शुंभ-निशुंभ दैत्यों से परेशान देवी-देवताओं ने मां भगवती की तपस्या की थी। तब मां प्रकट हुई। मां ने युद्ध में दोनों दैत्यों का संहार किया था।

कालीमठ सिद्ध शक्ति पीठ

दमयन्ती भट्ट