यही है वो मंदिर, आगया कठुआ मामले में देश की आंखें खोलने वाला सच

रिपोर्ट – आमिर मुहम्मद अली

#गौर_से_इस_मंदिर_के_अंदर का नजारा देखलो , जो मन्दिर इतना बड़ा हो के कैमरे की सिर्फ एक फ़्लैश में समा जाए उस मंदिर में 8 लोग लगातार 8 दिन तक बलात्कार कर सकते है? जबकि मन्दिर गांव के बीचों बीच बना हुआ है और मन्दिर में रोज ब्रह्म मुहर्त में पूजा पाठ शुरू हो जाते हो , और 13 तारीख को लोहड़ी का पर्व हो और लोहड़ी के पर्व पर भी मन्दिर में बलात्कार होता रहा हो? क्या आपको यहां सब बाते कुछ अटपटी सी नही लग रही है? क्या मन्दिर 8 दिन तक बन्द था? क्या मन्दिर में 8 दिन तक पूजापाठ नही हुई? यहां सब वोह सवाल है जिनका जवाब आजतक कश्मीर पुलिस नही दे पाई है।।।।

अपराधी कोई भी हो उसको सजा होनी चाहिए फांसी मिले यहां भी मंजूर है मगर कोई मासूम को फंसाया जाये यहां भी जाइज़ नही है इस लिए सीबीआई जांच की डिमांड तो बनती है(साभार)

कठुआ मामले में और भी सनसनीखेज जानकारी सामने आ रही है

 वारदात जनवरी की है। अब मामले को राजनीतिक नफानुकसान के लि‍ए प्रयुक्त किया जा रहा है। 

बलात्कार और हत्या मामलों में अमूमन पहिचान छिपाई जाती है लेकिन इस मामले में जानबूझकर कर आसिफा का नाम छापा जा रहा है। 

> मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार हुआ ही नहीं है, यह सीधा सीधा मर्डर केस हो सकता है। 

> जिस मंदिर में आठ दिन तक बलात्कार और लाश मिलने की खबर फैलाई गयी है वह भी झुठी है। *कारण मंदिर में कोई दरवाजा नहीं है,और मंदिर बस्ती के बीचोंबीच है*।  उपर से मंदिर मार्बल का है। बच्ची के सिर व बदन पर मिट्टी लगी थी जो आसपास की मिट्टी से अलग है, संभत: उसे कहीं मारने के बाद मंदिर में रखा गया हो। 

अगर 8 दिन तक वहाँ बलात्कार होता रहा, तो लड़की को चीखने की, या यह सब होने की आवाज क्या बाहर नहीं आती?

-जब मंदिर में छिपने छिपाने की जगह ही नहीं है, और गांव के बीचोंबीच स्थित इस क्या आठ दिन तक कोई पूजा करने अंदर नहीं आया ? अगर आया तो क्या उसे यह सब नहीं दिखा ?

– वहाँ जितनी भी रैलियां हुई वह रोहिंग्या को हटाने के लिये हुई, ना की आरोपियों को बचाने के लिये। 

अगर इस मामले की अच्छे से जाँच हो तो इसमें अंत में जरूर कोई *रोंहिग्या* हो सकते हैं , जो वहाँ बस गये हैं।

-*फसादियों द्वारा हत्या हंगामे के मकसद से भी की जा सकती है, जो दिख भी रहा है। 

*मामले में जिस व्यक्ति को फसाने की कोशिश की जा रही है वह व्यक्ति  सुरक्षा अधिकारी है और जम्मू-कश्मीर में रोहियांगों को बसाने का पक्षधर नहीं है। 

PDP की हालत कश्मीर में खराब है, जिस प्रकार वह *भारत सरकार* से गलबाहियाँ करते दिखी है उससे कश्मीर की कट्टर प्रजाती नाराज है, महबूबा उन्हें खुश करने में लगी है। तभी इस कांड की जांच ऐसे अधिकारी को सोंपी है जिस पर पहले से ही आतंकी संगठनों से सांठगांठ के मुकदमे चल रहे हैं 

वहीं एक बच्ची के लाश पर तमाम राजनीतिक दल अपनी रोटियां  सेक रहे हैं। एक तरफा मिडिया इस मुद्दे को तोड़मरोड़कर *हिंदुओं विरूद्ध दिखाने की कोशिश में लगे हैं*। बॉलीवुड के कुछ लोग  तख्ती लेकर बताने की कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय होना कितने शर्म की बात है। *कथित* बलात्कार “देवी स्थान” में हुआ है।

*शाजिस बहुत बड़ी गहरी और देश के खिलाफ लगती है, इस मामले की CBI जाँच होनी चाहिए। 

हम तेरे और तेरे जैसी बच्चियों की मौत से मर्मान्तक वेदना से गुजर रहे हैं आसिफा खुदा तुझे जन्नत बक्शे। बलात्कारी दरिन्दों के हौसले शायद इसलिए भी बुलंद हैं कि निर्भया जैसों के हत्यारे फांसी की बजाय सरकारी संरक्षण में बिरयानी छकते हैं ।