मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी के आवाह्न का दिखा प्रभाव उत्तराखंड में इगास कांणसि बग्वाल में रहा असीम उत्साह, आज का पंचाग आपका राशि फल, मंदिर जाने से होते हैं छत्तीस वैज्ञानिक लाभ

इस बार इगास यानी एकादशी की दीपावली का पूरे उत्तराखंड में अलग उत्साह एवं उमंग देखने को मिली। उत्तराखंड में दीपावली को बग्वाल कहा जाता है। यहां दीपावली बारह दिनों का त्योहार रहा है, बारहवें दिन की बग्वाल को गढ़वाल में कांणसि बग्वाल और कुमाऊं में बुड्य बग्वालि कहा जाता है। इस पर्व के दिन सुबह स्वांलि पकौड़े और मालपुवे रौंटाने खीर आदि अनेक मीठे पकवान भी बनाए जाते हैं, सड़क से लगे गांवों में अब दुकानों से मिठाई लाने का भी चलन आने लगा है  लेकिन यह मुख्य रूप से स्थानीय देवी-देवताओं की पूजा अर्चना के बाद भैलो खेलने का पर्व रहा है जिसमें क्वलें (चीड़) के लीसेदार छिल्ले या भिंकोल (भीमल) के केड़े जलाने हेतु दिन से ही लफ्फे से गठरी (भैल्लो) बांधी जाती है और शाम आठ बजे के बाद  जला कर उसे घुमाया जाता है और ढोल नगाड़ों के साथ आग के चारों ओर पारंपरिक नृत्य किया जाता है।
पौराणिक मान्यता है कि जब भगवान राम 14 वर्ष बाद लंका विजय कर अयोध्या पहुंचे तो लोगों ने मार्ग पर उनके लिये दीपावली सजाकर उनका स्वागत किया तब से दीपावली के त्योहार के रूप में मनाया।

ऐसा भी कहा जाता है कि गढ़वाल क्षेत्र में लोगों को इसकी जानकारी 11 दिन बाद मिली। इसलिए यहां पर दिवाली के 11 दिन बाद यह इगास मनाई जाती है। उत्तराखंड में दूसरी प्रचलित मान्यता के अनुसार गढ़वाल के वीर भड़ माधो सिंह भंडारी टिहरी के राजा महीपति शाह की सेना के सेनापति थे। करीब 400 वर्ष पूर्व राजा ने माधो सिंह को सेना सहित तिब्बत से युद्ध करने के लिए भेजा। इसी बीच बग्वाल (दिवाली) का त्यौहार भी था, परंतु इस त्योहार तक कोई भी सैनिक वापस न आ सका। सबने सोचा माधो सिंह और उनके सैनिक युद्ध में मृत हो गए, इसलिए किसी ने भी दीपावली (बग्वाल) नहीं मनाई। लेकिन दीपावली के ठीक 11वें दिन माधो सिंह भंडारी अपने सैनिकों के साथ तिब्बत से दवापाघाट युद्ध जीत वापस लौट आए। तब प्रसन्नतापूर्वक दीपावली मनाई गई। विशेष बात ये कि पर्व भैलो खेलकर मनाया जाता है। तिल, भंगजीरे, हिंसोंल भीमल और चीड़ की सूखी लकड़ी के छोटे-छोटे गठ्ठर बनाकर इन्हें विशेष रस्सी से बांधकर भैलो तैयार किया जाता है। बग्वाल के दिन पूजा अर्चना कर भैलो का तिलक किया जाता है। फिर ग्रामीण एक स्थान पर एकत्रित होकर भैलो खेलते हैं। भैलो पर आग लगाकर इसे चारों ओर घुमाया जाता है। आग के अग्येठे के चारों ओर ढोल दमाऊं की ताल पर नाचा जाता है।
बग्वाल का सबसे मुख्य आकर्षण पारंपरिक लोकनृत्य चांछड़ी और झुमेलों के साथ भैलो रे भैलो, काखड़ी को रैलू, उज्यालू आलो अंधेरो भगलू आदि लोकगीतों के साथ मांगल व देवी-देवताओं की जागर गाई जाती हैं, कई ग्रामीण भैलो से करतब भी दिखाते हैं। लेकिन यह सधे हुए व्यक्ति को ही दिखाने चाहिए नहीं तो त्यौहार के दिन चौटिल होने का डर रहता है। कुछ ऊटपटांग तो अनजाने में अग्नि को पैरों से रौंदते हैं भैलो को पैरों के नीचे से घुमाते हैं इससे तात्कालिक रूप से चोट लगने का भय तो रहता ही है साथ ही उनको लक्ष्मी की कृपा भी नहीं मिलती। मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी के प्रयास भी इस बार रंग लाये धामी सरकार , इस बार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इगास का अवकाश घोषित किया अपितु धामी के आह्वान के बाद इस त्योहार को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। देहरादून जहां कम संख्या में लोग इगास मनाते थे यहां भी इस बार इगास को लेकर भारी उत्साह दिखा है। देहरादून में कई स्थानों पर सामूहिक रूप से इगास मनाया गया तो लोगों ने अपने घरों में दीवाली की तरह ही दीयों की रोशनी की और पारंपरिक दाल की पकौड़ी आदि व्यंजन बनाए।  यहां तक कि सीएम के आह्वान के बाद बड़ी संख्या में प्रवासी अपने गांव में विशेष रूप से इगास मनाने के लिए पहुँचे हैं। वहीं, दीवाली की तरह ही विभिन्न सामाजिक संगठनों, व्यक्तिगत लोगों ने उपहार की तरह एक दूसरे को समौन भेंट की। मुख्यमंत्री की ही मुहिम का परिणाम रहा कि आज देशभर से प्रदेशवासियों को इगास की शुभकामनाएं मिल रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंडियों को इगास की शुभकामनाएं दी हैं। एनएसए अजीत डोभाल और सांसद अनिल बलूनी से भी कांणसि बग्वाल अपनी परम्परा के अनुसार मनाया।✍️हरीश मैखुरी
breakinguttarakhand.com

*””मंदिर* जाने के ३६ ठोस वैज्ञानिक लाभ “”

 मंदिर में कदम रखते ही हमे ईश्वर का भक्ति के अलावा कई चौमुखी लाभ मिलते है जिनका विवरण नीचे की पंक्तियों मे किया गया है। 

🙏 मंदिर जाने हमारा सुबह ब्रह्म महुर्त में जगने का नियम बनता है और हम उठते ही अपने नित्य कर्म जैसे उषापान, शौच, दन्त धावन, स्नान आदि से निवृत हो जाते है। 

🙏पास के मंदिर पैदल जाने से हमारा भ्रमण व्यायाम होता है, प्राणवायु मिलती है और उगते हुए सुर्य की दिव्य लालिमा का अवलोकन होता है। 

🙏मंदिर के घंटी की ७ सेकंड की टन्कार पर ध्यान केन्द्रित होनें से हमारा मन सभी संसारिक विषमताओ से हट कर प्रभु के चरणों मे अर्पित हो जाता है। 

🙏हम मंदिर में भगवान को अर्पित फूलों की सुगंध से हमें मानसिि व चयापचय केे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं और उत्साह वर्धन होता है। 

🙏मंदिर में अर्पित भिन्न भिन्न फूलों के विविध रंगो से हमारे अन्तरमन को शांति और तृप्ति मिलती है। 

🙏मंदिर में कपूर और अगरबत्ती की दिव्य सुगंध से हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और नकारात्मकता समाप्त होती है। कोरोना और  स्वाइन फूल्यू के जैविक संक्रमण से बचने मे कपूर की अहम भूमिका की बहुत चर्चा हुई है । 

🙏मंदिर में अपने जीवन के उद्देश्यों को दोहराते हैं और ईश्वर से सफलता का आशिर्वाद माँगते हैं। 

🙏सुबह उठते ही हम उस दिन की कार्य सूची लिखते है और उसे मंदिर ले कर जाते है। वहाँ उन सभी कार्य को पुरा करने हेतू कठोर परिश्रम का संकल्प लेते हैं।  

🙏जब हम मंदिर में आरती और कीर्तन के दौरान ताली बजाते है तो हमे इस एक्यूप्रेशर से स्वास्थ्य लाभ मिलता है। 

🙏आरती मे बजाये जाने वाली छोटी घंटी से हमारा पित्त दोष सन्तुलित होता है। शायद इसी कारण से गऊमाता के गले मे भी घंटी बाँधी जाती है क्योंकि ये सर्वमान्य है गाय मे पित्त ज्यादा होती है। 

🙏आरती गायन व देवी चालीसा के जाप से हमारी वाणी मे दिव्यता आती है। ओम् के उच्चारण से हमारा चित एकाग्र होता है । 

🙏आरती के बाद शंख बजाया जाता जो श्रद्धालुओं के लिए बहुत सुखदायी और स्वास्थ्य वर्धक है। 

🙏आरती के बाद हम भारत माता की, गंगा मैया की जय बोलते है जिससे हमारी देश भक्ति जागृत होती है। 

🙏हर मंदिर मे आरती के बाद गो रक्षा और गौ हत्या बंद होने का संकल्प ज़रूर दोहराते है।  

🙏आरती के बाद हम ज्योत पर अपना हाथ घुमा कर अग्नि स्पर्श करते है। इससे हमारी कोशिकाओं को दिव्य उषमता मिलती है और हमारे भीतर पल रहे सभी जीवाणु संक्रमण समाप्त हो जाते है। 

 🙏ज्योत पर फरने के उपरान्त हम अपनी ऊष्म हाथेलियो को आंखों से लगाते हैं। यह गर्माहट से हमारी आँखो के पीछे की सुक्षम रक्त वाहिकाओं को खोल देती है और उन में ज्यादा रक्त प्रवाहित होने लगता है जिससे हमारी आँखो कि ज्योति मे वृद्धि होती है।

🙏ज्योत पर हथेली रखना हमारे द्वारा हुई सभी भूल चूक के प्रायश्चित का भी प्रतीक है। और हमारे हाथ हानिकारक वैक्ट्रिया जरासीम से मुक्त होते हैं। 

🙏आरती के बाद हम दण्डवत हो कर माथा धरती पर लगाते है. तो हमारा घमण्ड चूर चूर होकर धरती मे समाहित हो जाता है।

🙏मंदिर में भगवान के दर्शन के बाद हमें तुलसी, चरणामृत और प्रसाद मिलता है। चरणामृत एक दिव्य पेय प्रसाद होता है जिसे गाय के दुग्ध, दही, शहद, मिस्री, गंगाजल और तुलसी से बना कर विशेष धातु के बर्तन में रखा जाता है। आयुर्वेद के मुताबिक यह चरणामृत हमारे शरीर के तीनों दोषों को संतुलित रखता है। 

🙏चरणामृत के साथ दी गई तुलसी हम बिना चबाए निगल लेते हैं जिससे हमारे सभी रोग ठीक हो जाते हैं। 

🙏मंदिर में पूजा अर्चना के बाद जब हम भगवान की मूर्ति की परिक्रमा करते हैं। पुरे ब्रह्मांड की दैवीय उर्जा गर्भस्थान के शिखर पर विघ्यमान धातु के कलश से प्रवाहित हो कर ईश्वर की मूर्ति के नीचे दबाई गई धातु पिंड तक जाती है और धरती में समा जाती है। गर्भस्थान की प्ररिक्रमा के दौरान हमे इस ब्रह्मांडिय उर्जा से लाभ मिलता है। 

🙏मंदिर की भूमि को सकारात्मक ऊर्जा का वाहक माना जाता है। यह ऊर्जा भक्तों में पैर के जरिए ही प्रवेश कर सकती है। इसलिए हम मंदिर के अंदर नंगे पांव जाते हैं। 

🙏मंदिर से बाहर आते हुए फिर से घंटी बजा कर हम संसारिक ज़िम्मेदारियों मे वापिस आ जाते हैं।  

🙏मंदिर में सूर्य को जल अर्पित करने से हम उसकी आलौकिक किरणों से लाभान्वित होते हैं। 

🙏पीपल,बड़, बरगद को जल अर्पण करने से हमे वहाँ फैली ख़ास तरह की ऑक्सिजन मिलती है। ये सभी एक दिव्य वृक्ष है जो बहुत अघिक मात्रा में प्राणवायु को चारों और विसर्जित करते हैं। इसके पत्ते इतने संवेदनशील होते है कि वे रात्रि मे भी चंद्रमा की किरणों से आक्सिजन पैदा करते हैं। 

🙏मंदिर में हम तुलसी के पौधे और केले के पेड़ को भी जल देकर तृप्ति होते है। 

🙏मंदिर मे बाहर आकर हम वहाँ मौजूद ज़रूरतमंदों को दान पुण्य करते है जिससें हमारे मन मे शान्ति आती है।  

🙏मंदिर के माध्यम हम अपनी कमाई का दशम सामाजिक कार्यो में लगाते है और समाज में समरसता और सौहार्द आता है। 

🙏आजकल शहर मे घरो मे गो माता रखने का प्रवधान नही है पर हम मंदिर जा कर गो ग्रास देकर अपने संस्कारों को जारी रख सकते है। 

🙏मंदिर नित दिन जाने से हमारा नये धार्मिक लोगों से परिचय होता है।  

🙏मंदिर जाने से हमारी सामाजिक प्रतिष्ठा बढती है। 

🙏मंदिर जाने से वहाँ के पुरोहित जी से आशिर्वाद मिलता है और हमें पंचांग आदि जैसी कई ज़रूरी सांस्कृतिक जानकारी मिलती है। पंचांग के श्रावण या पाठन से हमें अपनी धार्मिक ज़िम्मेदारियों का पालन करने में मदद मिलती है और हमारा कल्याण होता है। 

🙏मंदिर में सभी वेद, पुराण, गीता, रामायण, महाभारत, आदि शास्त्र विद्यमान होते हैं जिन्हें पढ़ कर हम अपना जीवन सफल कर सकते है। 

𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
श्री हरिहरो
विजयतेतराम

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓

*शनिवार, ५ नवम्बर २०२२*

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सूर्योदय: 🌄 ०६:३६
सूर्यास्त: 🌅 ०५:२८
चन्द्रोदय: 🌝 १५:४७
चन्द्रास्त: 🌜२८:१६
अयन 🌖 दक्षिणायने
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)
मास 👉 कार्तिक
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि👉द्वादशी(१७:०६ से त्रयोदशी
नक्षत्र 👉 उत्तराभाद्रपद
(२३:५६ से रेवती)
योग👉हर्षण(२५:२३ से वज्र
प्रथम करण 👉 बालव
(१७:०६ तक)
द्वितीय करण 👉 कौलव
(२८:४४ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 तुला
चंद्र 🌟 मीन
मंगल 🌟 मिथुन
(उदित, पश्चिम, वक्री)
बुध 🌟 तुला
(अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मीन
(उदित, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 तुला (अस्त, पूर्व)
शनि 🌟 मकर
(उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:३८ से १२:२२
अमृत काल 👉 १९:१२ से २०:४७
रवियोग 👉 २३:५६ से ३०:३४
विजय मुहूर्त 👉 १३:४९ से १४:३३
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:१६ से १७:४०
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:२७ से १८:४६
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३४ से २४:२७
राहुकाल 👉 ०९:१७ से १०:३९
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १३:२२ से १४:४३
होमाहुति 👉 शनि (२३:५६ से चन्द्र)
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी (१७:०६ तक)
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 कैलाश पर (१७:०६ से नन्दी पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (वाय विडिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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शनि प्रदोष व्रत, कालिदास जयन्ती, गृह प्रवेश मुहूर्त प्रातः ०८:०३ से प्रातः ०९:२५ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २३:५६ तक जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (दू, थ, झ, ञ) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रेवती नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार (दे) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
तुला – २९:११ से ०७:३२
वृश्चिक – ०७:३२ से ०९:५१
धनु – ०९:५१ से ११:५५
मकर – ११:५५ से १३:३६
कुम्भ – १३:३६ से १५:०२
मीन – १५:०२ से १६:२५
मेष – १६:२५ से १७:५९
वृषभ – १७:५९ से १९:५४
मिथुन – १९:५४ से २२:०९
कर्क – २२:०९ से २४:३०
सिंह – २४:३० से २६:४९
कन्या – २६:४९ से २९:०७
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:३४ से ०७:३२
रोग पञ्चक – ०७:३२ से ०९:५१
शुभ मुहूर्त – ०९:५१ से ११:५५
मृत्यु पञ्चक – ११:५५ से १३:३६
अग्नि पञ्चक – १३:३६ से १५:०२
शुभ मुहूर्त – १५:०२ से १६:२५
मृत्यु पञ्चक – १६:२५ से १७:०६
अग्नि पञ्चक – १७:०६ से १७:५९
शुभ मुहूर्त – १७:५९ से १९:५४
रज पञ्चक – १९:५४ से २२:०९
शुभ मुहूर्त – २२:०९ से २३:५६
चोर पञ्चक – २३:५६ से २४:३०
शुभ मुहूर्त – २४:३० से २६:४९
रोग पञ्चक – २६:४९ से २९:०७
शुभ मुहूर्त – २९:०७ से ३०:३४
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपको विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। दिन के आरंभ में जिन लोगों से आर्थिक अथवा अन्य प्रकार की मदद का आश्वासन मिलेगा मध्यान्ह आते आते सभी एक-एक करके साथ छोड़ते जाएंगे शारीरिक रूप से भी सामर्थ्य कम ही रहेगा फिर भी परिस्थितियों को देखकर भागदौड़ करनी ही पड़ेगी व्यवसायी वर्ग निवेश अथवा कोई महत्वपूर्ण सौदा करते हुए सतर्क रहें धोखा होने की संभावना है। उधार के व्यवहार भूलकर भी ना करें संध्या का समय दिन की अपेक्षा सुधार वाला रहेगा थोड़ी बहुत आय बनने से मानसिक राहत मिलेगी। घर में भी भाई बंधू अथवा अन्य पारिवारिक मामलों में बाहरी लोगों के दखल से आपसी फूट जैसी स्थिति बनेगी। स्त्री एवं संतान के अलावा अन्य किसी का सहयोग ना के बराबर ही रहेगा। यात्रा की योजना फिलहाल स्थगित करें सेहत एवं धन व्यर्थ खराब होंगे।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप सार्वजनिक क्षेत्र पर बेहतर प्रदर्शन कर प्रशंसा के पात्र बनेंगे। जटिल कार्यो को भी अपने व्यवहार कुशलता से आसान बनाएंगे। दिन के आरंभ में थोड़ी बहुत शारीरिक समस्या बनेगी लेकिन कार्य व्यस्तता के चलते इनको अनदेखा करना पड़ेगा। कार्य व्यवसाय में आज संभावनाएं तो काफी रहेगी लेकिन अंत समय में कुछ ना कुछ व्यवधान आने से लाभ के नजदीक पहुंचकर निराश हो सकते हैं। नौकरीपेशा लोगों के लिए आज दिन शुभ ही रहेगा अपनी वाक पटुता से अधिकारियों को प्रसन्न कर सकेंगे। परिवार में छोटी मोटी नोकझोंक को छोड़ सुख शांति का अनुभव होगा। आज कुटुंब में किसी के अमर्यादित आचरण के कारण शर्मसार भी होना पड़ सकता है। संध्या बाद अत्यधिक थकान होने से मन में उच्चाटन आएगा। छोटी बड़ी यात्रा आनंद के साथ लाभ भी कराएगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिए कार्य सफलता वाला रहेगा। आप दिन के प्रथम भाग के बाद पूर्वनियोजित योजनाओं में सफलता मिलने से उत्साहित रहेंगे। कई दिनों से चल रही आर्थिक मंदी अकस्मात धन लाभ होने से खत्म होगी। लेकिन भविष्य के लिए संचय आज भी नहीं कर पाएंगे धन हाथ में आते ही अक्समात खर्चों में भी वृद्धि होने से तुरंत निकल जाएगा। फिर भी सुख सुविधा जुटाने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। आज परिजनों की बातों पर आंख बंद कर कर भरोसा करने पर हानि हो सकती है इसका विशेष ध्यान रखें। दांपत्य जीवन में अचानक परिवर्तन देखने को मिलेगा कई दिनों से चल रही खींचतान अकस्मात ही प्रेम में बदल जाएगी। इसके पीछे पति-पत्नी का व्यक्तिगत स्वार्थ भी हो सकता है। घरेलू खर्चों के अतिरिक्त बड़े बुजुर्गों पर खर्च करना पड़ेगा। लोहे के उपकरणों से कार्य करते समय सावधानी बरतें जलने कटने का भय रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप की धार्मिक भावनाओं में वृद्धि होगी। अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर पूजा पाठ आदि धार्मिक कृत्यों एवं परोपकार में लगेंगे। धन की आवश्यकता होने पर भी आप कार्य व्यवसाय के प्रति ज्यादा गंभीर नहीं रहेंगे। इसके फलस्वरुप सीमित आय से ही गुजारा करना पड़ेगा। कार्यक्षेत्र पर आज अधीनस्थ कर्मचारियों एवं सहकर्मियों के कहे अनुसार ही कार्य करना पड़ेगा। फिर भी अति आवश्यक निर्णय स्वयं के विवेक से ही लें अन्य लोगों के भरोसे रहने पर बाद में पश्चाताप होगा। पारिवारिक वातावरण भी धार्मिक रहेगा घर में पूजा पाठ आदि शुभ कर्म संपन्न होंगे। मित्र परिजनों के साथ धार्मिक क्षेत्र की यात्रा होगी। दान पुण्य पर भी थोड़ा बहुत खर्च करेंगे सेहत आज ठीक-ठाक ही रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन प्रातः काल से ही सेहत में नरमी बनेगी। असंयमित खान-पान अथवा अपच के कारण पेट दर्द के साथ शारीरिक अंगों में शिथिलता अनुभव करेंगे। कार्य व्यवसाय में तेजी रहने पर भी धन की आमद के लिए प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। कार्यक्षेत्र हो या घर परिवार सभी लोग आपसे स्वार्थ सिद्धि के लिए ही प्रेम करेंगे। दोपहर के आस-पास कोई नया कार्य हाथ लगेगा लेकिन इसमें भी आर्थिक लाभ होते होते टलेगा। आज किसी भी प्रकार के जोखिम भरे कार्य से दूर ही रहना बेहतर है। संध्या का समय दिन की अपेक्षा बेहतर रूप से गुजरेगा किसी पुराने परिचित से भेंट होगी। घर के बड़े बुजुर्गों से अपनी कामना पूर्ति की आस अंत समय मे टूटने पर मन दुखी होगा। सफर अतिआवश्यक होने पर ही करें उधार किसी परिचित को भी ना दें।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज मध्यान तक का समय आपको विभिन्न सुखों की प्राप्ति कराएगा। दिन के आरंभ में आलस्य प्रमाद फैलाएंगे जिससे किसी महत्वपूर्ण कार्य में विलंब होगा परिजन भी इस कारण नाराज हो सकते हैं। आज मन ना होने पर भी प्रलोभन में आकर व्यवसायिक दौड़-धूप करेंगे परंतु धन लाभ होने पर की गई दौड़-धूप अखरेगी नहीं। सार्वजनिक क्षेत्र पर वरिष्ठ व्यक्ति से मिलने के अवसर प्राप्त होंगे परंतु इसका कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं उठा पाएंगे। घर में किसी परिजन के द्वारा सामर्थ्य से अधिक वस्तु की मांग मुश्किल में डालेगी इसे टालने का प्रयास करेंगे लेकिन सफल नहीं हो पाएंगे। झूठे वादे किसी से ना करें अन्यथा सम्मान हानि हो सकती है। माता का व्यवहार आज शत्रु तुल्य लगेगा लेकिन यह आपके लिए हितकर ही होगा। मधुमेह अथवा असंयमित रक्तचाप के मरीजों को कुछ समय के लिए मूर्छा अथवा शारीरिक शिथिलता बनेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपका किसी भी कार्य को करने में मन नहीं लगेगा मध्यान्ह तक का समय व्यर्थ की कल्पनाओं में खराब करेंगे। घरेलू कार्य एक साथ सर पर आने पर बेमन से करने ही पड़ेंगे अपने कार्य अन्य किसी के ऊपर डालने पर नोकझोंक होगी। दैनिक उपभोग की वस्तुओं से जुड़े व्यवसाइयों के अतिरिक्त अन्य कोई भी कार्य क्षेत्र से मनचाही सफलता की आशा न रखें। मध्यान्ह के बाद का समय आनंद मनोरंजन में व्यतीत होगा इसके लिए अपने आवश्यक कार्यों को भी अनदेखा करेंगे। मित्र परिचितों के साथ किसी रमणीय स्थल की यात्रा होगी धार्मिक क्षेत्र पर आज चोरी होने का भय है सतर्क रहें। संतानों के ऊपर आज विशेष नजर रखें जाने अनजाने कोई गलती कर सकते हैं। जिसका पारिवारिक प्रतिष्ठा पर विपरीत असर पड़ेगा। रात्रि के समय उत्तम भोजन सुख मिलेगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप अपनी बुद्धि विवेक का आवश्यकता से अधिक ही उपयोग करेंगे प्रत्येक कार्य में मीनमेख निकालना परिजनों के साथ बाहरी लोगों को भी अखरेगा। आज भी स्वाभाव में थोड़ी बहुत जीद रहेगी लेकिन कल जैसे कोई आपकी बातों को सहन नही करेगा अपना विरोध होते देख तुरंत बाद से पलट जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था रहने के कारण उचित लाभ नहीं उठा पाएंगे फिर भी कार्य क्षेत्र के अतिरिक्त बाहरी संपर्कों में से किसी की खुशामद करने पर धन की आमद हो ही जाएगी। मध्यान्ह के बाद मन मनोरंजन की ओर भटकेगा दुर्व्यसनों पर खर्च करेंगे। मित्र मंडली में बैठते समय मौन ही रहने का प्रयास करें अन्यथा आपस की छोटी मोटी मजाक भी किसी के दिल को लगने पर गंभीर विवाद खड़ा कर सकती है। संध्या बाद घर में भी कलह होने की संभावना है। अपना आचरण मर्यादित रखें स्वयं की ही किसी गलती से सेहत खराब होगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपको शांत रहने का सुझाव है। आज परिजन से कोई मनोकामना पूर्ण ना होने पर क्रोध आएगा जिस पर संयम ना रहने पर किसी से हाथापाई की भी नौबत आ सकती है। परिजन फिर भी धैर्य रखेंगे लेकिन बाहर आपका ऐसा आचरण अवश्य ही किसी बड़ी मुश्किल में डाल सकता है। कार्य क्षेत्र पर भी आप के अभद्र व्यवहार के कारण हंगामा होने के आसार हैं। सहकर्मियों को शक की निगाह से देखना आपके लिए ही हानि करेगा। धन की आमद बिना किसी की सिफारिश अथवा चापलूसी के होना मुश्किल ही है। थोड़ी बहुत आय होगी भी लेकिन सुख के साधनों पर खर्च हो जाएगी। किसी दुर्व्यसन पर भी खर्च करेंगे इसके लिए संचित धन को खर्च करने में भी संकोच नहीं करेंगे। आकस्मिक दुर्घटना के योग हैं सतर्क रहें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिए व्यर्थ की मानसिक परेशानियों वाला रहेगा। खर्च अनियंत्रित होने के कारण मानसिक तनाव बढ़ेगा। हाथ में पैसा ना होने पर मजबूरी में किसी से उधार लेने की नौबत आ सकती है। कार्यक्षेत्र पर लाभ की संभावना भी बनते-बनते अंत समय में टलने से मन निराश होगा। घर परिवार में किसी शुभ आयोजन की खरीदारी होगी। अन्य कार्यों की व्यस्तता के चलते कार्यक्षेत्र पर कम ही समय दे पाएंगे फिर भी दैनिक खर्चों की पूर्ति थोड़े ही समय में हो जाएगी। भागीदारों अथवा जीवन साथी से आर्थिक मामलों को लेकर कहासुनी होने की संभावना है। धैर्य से काम लें अन्यथा आगे के लिये समस्या बनेगी। जब भी मेहनत करने का मौका मिले इससे पीछे ना हटे निकट भविष्य में इसका फल अवश्य ही आपके लिए हितकर रहेगा। पारिवारिक वातावरण छोटी-छोटी बातों में गर्म होने से मन बेचैन रहेगा फिर भी बीच-बीच में दिमाग ठंडा करने के प्रसंग बनते रहेंगे। पेट संबंधित शिकायत आज भी रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन भी आपके लिए बेहतर रहने वाला है लेकिन आज आलस्य प्रमाद अधिक रहने के कारण जल्दी से किसी कार्य को करने के लिए तैयार नहीं होंगे। काम धंधे के प्रति आज पूरी तरह से लापरवाही रहेंगे बैठे-बिठाए लाभ कमाने की मानसिकता आर्थिक लाभ में कमी करेगी। वैसे तो आपकी पराक्रम शक्ति बढ़ी रहेगी लेकिन इसका प्रयोग आवश्यक कार्यों में ना कर व्यर्थ के कार्यों में करेंगे आज के दिन सरकारी कार्यों को छोड़ अन्य जिस भी कार्य में अपना दिमाग लगाएंगे उसमें अन्य लोगों की अपेक्षा तुरंत सफलता मिल सकती है। कुटुंब की आवश्यकता एवं सुख सुविधा बढ़ाने पर अत्यधिक खर्च होगा पर्यटक स्थल पर सैर-सपाटे के प्रसंग बनने से मन रोमांचित रहेगा। संध्या से सेहत में गिरावट दर्ज होने लगेगी समय रहते उपचार करें अन्यथा आगे स्थिति ज्यादा गंभीर हो सकती है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आप का मन आवश्यकता से अधिक चंचल रहेगा। मित्र मंडली में लंबी-लंबी डींगें हांकने पर हंसी के पात्र बनेंगे। अपनी उम्र से बड़े लोगों के सामने विवेक से पेश आएं अन्यथा मानहानि अवश्य हो कर रहेगी। सरकारी कर्मचारियों को पद प्रतिष्ठा का लाभ एवं सामान्य वर्ग को भी सरकार के द्वारा लाभ होने की संभावना है। व्यवसायी वर्ग को आशाजनक धन लाभ किसी ना किसी मार्ग से हो जाएगा। कार्यक्षेत्र पर ले देकर काम बनाने की मानसिकता हानि करा सकती है जो भी कार्य करें दृढ़ निश्चय हो कर करें परिणाम आपके पक्ष में ही रहेगा। घरेलू वातावरण में अपने विनोदी स्वभाव से तालमेल बनाए रखेंगे। लेकिन आज विपरीत लिंगीय आकर्षण मानहानि करा सकता है इसका विशेष ध्यान रखें। पेट संबंधित कुछ ना कुछ विकार बना रहेगा।
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