चक्रवर्ती राजा दिलीप की गो भक्ति से उनके घर रघु का जन्म हुआ और रघुकुल में आगे भगवान राम का जन्म हुआ, ऋषि मतंग त्रिकालदर्शी थे राजा दशरथ के जन्म से भी पहले ही अपनी शिष्य शबरी को दंडवत करके बोले बेटी तुम धन्य हो तुम्हें इसी कुटिया में भगवान राम के दर्शन होंगे उनकी प्रतीक्षा करना

आज से लगभग छब्बीस लाख वर्ष पूर्व त्रेता युग में भारत वर्ष के के चक्रवर्ती सम्राट महाराज दिलीप के कोई संतान नहीं थी। एक बार

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