“योगरतो वाभोगरतोवा, सङ्गरतो वा सङ्गवीहिनः । यस्य ब्रह्मणि रमते चित्तं, नन्दति नन्दति नन्दत्येव ॥” (आदि शंकराचार्य) अर्थात – “कोई योग में लगा हो या भोग
Read more![](https://www.breakinguttarakhand.com/wp-content/uploads/2024/02/20240208_001301-750x450.jpg)
“योगरतो वाभोगरतोवा, सङ्गरतो वा सङ्गवीहिनः । यस्य ब्रह्मणि रमते चित्तं, नन्दति नन्दति नन्दत्येव ॥” (आदि शंकराचार्य) अर्थात – “कोई योग में लगा हो या भोग
Read moreउत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता हेतु सुझावों के लिए गठित विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष व सदस्यगणों ने सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से
Read more