सुर साम्रगी लता मंगेशकर के स्वर्ग सिधारने से पसरा मातम्, दुनियां दे रही अश्रुपूरित श्रद्धाञ्जली

✍️ हरीश मैखुरी

सुर साम्रगी लता मंगेशकर के स्वर्ग सिधारने से पसरा मातम्, दुनियां दे रही अश्रुपूरित श्रद्धाञ्जली

इतिहास बनाने वाले लोग बहुत कम होते हैं लेकिन वे ही इतिहास में सदैव याद भी किए जाते हैं। लता मंगेशकर के परलोक गमन के साथ ही आज से भौंण भाषा ( लयबद्ध) गायकी के युग का अंत हो गया लेकिन उनके गीत अतंत काल तक जीवित रहेंगे लता के साथ ही। 

      गोवा के मंगेशी गाँव के जाने माने मंगेशी मंदिर के पुजारी के बेटे दीनानाथ मंगेशकर को मराठी थियेटर से प्रेम था ! अपनी इसी दिलचस्पी के चलते दीनानाथ अपनी  थियेटर मंडली बनाकर पूरे हिंदुस्तान के शहर शहर घूमे ! ऐसे ही घुमन्तू दौर में इंदौर प्रवास के दौरान 28 सितबंर 1929 को उनकी पत्नी शेवंती ने एक बेटी को जन्म दिया ! दरअसल सरस्वती खुद चली आईं थी पुण्यात्मा दीनानाथ के घर ! दीनानाथ ने अपनी इस बेटी को उसकी दिवंगत बड़ी बहन का ही नाम दिया लता ! 

होनहार एक्टर और उससे भी अच्छे गायक दीनानाथ ज़्यादा जिये नहीं ! जब पिता ने आँखें बंद की तब लता केवल तेरह बरस की थी ! पिता के ना रहने पर अपने से छोटे भाई बहनो उषा ,आशा ,मीना और हृदयनाथ की ज़िम्मेदारी लता के ज़िम्मे आई ,और परिवार का पेट भरने के लिये इस बड़ी बड़ी आँखों वाली छोटी सी साँवली लड़की को फ़िल्मों में एक्टिंग करना पड़ी ! पर अपना खुद का घर बसाने का ख़्याल छोड़कर अपने भाई बहनों की माँ बनी यह लड़की जिसे कभी स्कूल जाने का मौक़ा नहीं मिला ,गाना गाने के लिये पैदा हुई थी ! उसने यही करना चाहा पर नूरजहां ,अमीर बाई कर्नाटकी और शमशाद बेगम का जमाना था वो ! गाने के इलाक़े में उनकी ही तूती बोलती थी ! सन् 47 के दिनों में बंसतराव जोगलेकर ने फ़िल्म आपकी सेवा में लता को गाने का मौक़ा दिया ! लोग इस नई आवाज़ से प्रभावित भी हुये ! पर बात बनी 1949 में आई फ़िल्म महल के एक गाने से ! इस फ़िल्म में लता का गाया हुआ एक गाना आयेगा आने वाला ,बड़ा मशहूर हुआ और फिर लंबी चोटी वाली लता को कभी पीछे देखने की आवश्यकता नहीं पड़ी ! दीनानाथ की यह बड़ी लड़की इतनी बड़ी हुई कि पूरा ज़माना उसके सामने छोटा पड़ गया।

हमेशा नंगे पाँव गाना गाने वाली सादी सी लता अपनी मीठी आवाज़ की बदौलत हिंदी फ़िल्म पार्श्वगायन के शिखर पर पहुंची ! लता ने हिंदी फिल्म संगीत को हरा किया ! उन्होंने बीस भाषाओं में तीस हज़ार से ज़्यादा गाने गाये ! दुनिया भर के सम्मान ,पुरूस्कार उनके सामने बिछ गये ! व्यक्तिगत रूप से भी जो आदर मिला उन्हें उसकी बराबरी का दूसरा नाम तलाशना बहुत मुश्किल है ! पूरी दुनिया उनकी क़ायल हुई ! उनसे गुनगुनाना सीखा संसार ने ,और उस समय भी कोई दंग नहीं हुआ जब मज़ाक़ में ही सही पर पाकिस्तान के एक डिक्टेटर ने हमसे लता के बदले कश्मीर देने की पेशकश की। 

लता भारत की वो रत्न थी जिसके बारे में कभी बड़े गुलाम अली खाँ साहब ने कहा था कि जो कमाल हम तीन घंटे में कर पाते हैं उसे लता जी तीन मिनटों में पैदा कर देती है। 

मुंबई के ब्रिचकैंडी चिकित्सालय में उन्होंने आज अंतिम सांस ली, फिर भी यह मानने को जी नहीं करता कि लग जा गले गाने वाली लता मंगेशकर हमें छोड़ गई हैं ! वो चाहे भी तो हमसे दूर जा ही नहीं सकती ! हिंदुस्तानियों की चार पीढ़ियों का मन मीठा करने वाली मिश्री जैसी लता तो उज्ज्वल ध्रुव तारा है हमारे संगीत जगत का ! और ध्रुव तारे को तो बना ही रहना होता है।  सुर साम्रगी लता मंगेशकर जी आज हम सब को कर चले हमफिदा जानेतन साथियों के अंदाज चली गयी है। उन्हीं के साथ भोणभाषा (लयबद्ध) गायकी का स्वर्णिम इतिहास भी समाप्त हो गया लेकिन उनके गीत युगों तक गाये जायेंगे। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गृह मंत्री अमित शाह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, संस्कृति और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने भी भावभीनी श्रद्धांजलि दी। उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। लता मंगेशकर के परलोक गमन पर पूरी दुनिया में जैसे मातम पसर गया है सोशल मीडिया पर देश-विदेश में उनके चाहने वाले उन्हें आज अश्रुपूरित विदाई दे रहे हैं। 

breakinguttarakhand.com न्यूज संस्थान की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि😢😢😢🇮🇳🇮🇳💐💐🙏🏼