जी 20 सम्मेलन में भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र का विश्व के देशों को संदेश ये समय सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास का है न कि अस्थिरता और परस्पर विभेद का, ‘एक दशक में $10 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनेगा भारत’: मोदी सरकार के कायल हुए ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम’ के अध्यक्ष, कहा – सीखें दूसरे देश

✍️रिपोर्ट – हरीश मैखुरी

G20 Summit: जी 20 अब होगा जी 21, अफ्रीकी यूनियन बना नया सदस्य; PM मोदी ने की घोषणा। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी ने कहा कि ये युध्द का युग नहीं। एक धरती एक परिवार एक भविष्य का दिया मूल मंत्र। कुल ७३ विषयों पर चर्चा हुई जिसमें २७ विषयों पर सहमति बनी जो अब का सबसे बड़ा रिकार्ड है। संसार के देशों का ग्रीन इनर्जी और खादय सुरक्षा पर भी सहमति बनी। 

नई दिल्ली 9 सितम्बर । G20 Summit दुनिया के शीर्ष राष्ट्राध्यक्षों के आगमन के बाद पीएम मोदी के भाषण से G20 शिखर सम्मेलन का शुभारंभ हो गया है। राजधानी दिल्ली स्थित भारत मंडपम में इसका आयोजन किया जा रहा है, जहां विश्व के कई दिग्गज नेता और उद्योग जगत से जुड़े नेता पहुंचे।

G20 का सदस्य बना अफ्रीकी यूनियन

पीएम मोदी ने आज अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक के साथ विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों का सम्मेलन में स्वागत किया। पीएम ने इसके बाद सम्मेलन का आगाज करते हुए सबसे पहले अफ्रीकी यूनियन का जी20 का सदस्य बनने का एलान किया।

पुरानी चुनौतियां नए समाधान मांग रही: पीएम मोदी

पीएम ने सभी देशों के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी का ये समय पूरी दुनिया को नई दिशा दिखाने वाला और नई दिशा देने वाला एक महत्त्वपूर्ण समय है। उन्होंने कहा कि ये वो समय है जब वर्षों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही हैं, इसलिए हमें मानव केन्द्रित दृष्टिकोण अपनाना होगा और मिलकर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि हमे साथ मिलकर ही विश्व की तरक्की के लिए काम करना होगा। पीएम ने कहा,

पीएम मोदी बोले- जी20 में अफ्रीकी यूनियन देगा अहम योगदान

हम G20 के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी यूनियन का स्वागत करते हैं और दृढ़ता से मानते हैं कि G20 में अफ्रीकी संघ को शामिल करने से हमारे समय की वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।

जी20 बैठकों में ये होंगे अहम मुद्दे

शिखर सम्मेलन में जिन अन्य मुद्दों पर निर्णय लिया जाना है, उनमें बहुपक्षीय संस्थानों द्वारा विकासशील देशों को अधिक ऋण, अंतर्राष्ट्रीय ऋण प्रणाली में सुधार, क्रिप्टोकरेंसी पर नियमन और खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर भूराजनीति प्रभाव पर चर्चा शामिल हैं।

*‘एक दशक में $10 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनेगा भारत’: मोदी सरकार के कायल हुए ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम’ के अध्यक्ष, कहा – सीखें दूसरे देश_*

*_9 September, 2023_*

*_जहाँ एक तरफ दिल्ली में G20 समिट का भव्य आयोजन हो रहा है, वहीं इसे लेकर ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम’ के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे ने मोदी सरकार की खुल कर तारीफ़ की है। उन्होंने कहा कि G20 अध्यक्षता के दौरान भारत ने बहुत कुछ किया है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि कैसे भारत ने 140 करोड़ लोगों को डिजिटल आईडी देने का रिकॉर्ड कायम किया और लोगों को जबरदस्त डिजिटल कनेक्टिविटी मिली है। उन्होंने कहा कि इससे दूसरे देश भी प्रेरित हुए हैं।*

*_WEF के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे ने कहा कि इससे दुनिया के 350 करोड़ लोगों को डिजिटल रूप से जोड़ने का मौका मिलेगा, जो भारत की तरह कनेक्टेड नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में भी नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। उन्होंने बताया कि कैसे भारत एक लो-कार्बन इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि खास बात ये है कि विकास और रोजगार के क्षेत्रों में आगे बढ़ते हुए भारत ऐसा कर रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत आज 8% विकास दर के साथ ग्रोथ के मामले में भी नेतृत्व कर रहा है।*

*_‘विश्व आर्थिक मंच’ के अध्यक्ष ने दुनिया में विकास दर को उच्च स्तर पर ले जाने को एक बड़ी चुनौती करार दिया। उन्होंने कहा कि दूसरे देश भारत से इस मामले में सीख सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति को बुलबुला नहीं है कि फूट जाए, वो अगले एक दशक में भारत को 10 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनते हुए देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत का घरेलू बाजार बहुत विशाल है और नए कंजम्प्शन पैटर्न के लिए भारत ज़्यादा तैयार है*

*उन्होंने सेवाओं के एक्सपोर्ट के मामले में भी भारत को एक बड़ा देश करार दिया। ‘वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम’ के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे ने कहा कि ये धीमे विकास का दशक चल रहा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से भारत का महत्व बढ़ता ही जा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाला दशक भारत का है, और G3 (अमेरिका, चीन, भारत) पर बहुत कुछ निर्भर करेगा। उन्होंने कहा कि भारत को वो आगे बढ़ते हुए देख रहे हैं। साथ ही उन्होंने G20 देशों के बीच आपसी विश्वास में बढ़ोतरी पर भी बल दिया।*

दुनिया ने दो विश्व युद्ध देखे है…

पहले विश्व युद्ध में 85 लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था…

दुसरे विश्व युद्ध की शुरुवात 1939 में हुई…

इसमें मरने वालों की आधिकारिक संख्या 7 करोड़ से अधिक थी…

इन दोनों युद्धों में कुल 16 देशों ने भाग लिया… इसमें से 15 इसाई देश थे और एक मुस्लिम देश तुर्की भी शामिल था…

दूसरा विश्व युद्ध 9 अगस्त 1945 के दिन यानी जापान पर एटम बम गिराने वाले दिन समाप्त हुआ…

अगर आप आकड़ों पर दृष्टि डालें तो एक अनुमान के मुताबिक इस्लाम ने अपने जन्म से लेकर अब तक अपने धर्म के प्रचार में दुनिया भर में 270 करोड़ लोगों की हत्या की…

ईसाईयों ने पुरे यूरोप और एशिया मिलाकर 110 करोड़ इंसानों की हत्या केवल कैथोलिक चर्च के कहने पर की… जिसमे 90 लाख महिलायें थी…

दुनिया को सभ्यता का पाठ पढ़ाने वाले अमेरिका में दस करोड़ मय सभ्यता के लोगों की हत्या स्पेन के पादरियों के नेतृत्व में कर दी गयी सोवियत संघ में स्टालिन ने 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतारा… हिटलर ने 60 लाख यहूदियों को मारा…

आप ये सारी घटनाए गूगल पर सर्च कर सकते हैं…

अमेरिका ने 70 के दशक में लेबनान पर हमला किया… अस्सी के दशक में अफगानिस्तान पर हमला किया… नब्बे के दशक में सोमालिया पर हमला किया… वहीँ ईराक ने नब्बे के दशक में ही कुवैत पर हमला किया… 21वी शताब्दी में अमेरिका ने फिर ईराक पर हमला किया… यानी इसाई और मुस्लिम देशों ने दुसरे मुस्लिम और इसाई देशों पर अपने प्रभुत्व और व्यवसायिक हित के लिए हमले किये और करोड़ों लोगों का खून बहाया..

मुसलमानों ने तो भारत में 7वी शताब्दी से ही हिन्दुवों का खून बहाना शुरू कर दिया था… 80 के दशक से अकेले काश्मीर में ही 2 लाख से ज्यादा हिन्दुओ की हत्या हो चुकी है…

आज इस्लाम दुनिया में जोर जबरदस्ती के द्वारा दुनिया में सबसे ज्यादा तेज़ी से फैलता साम्प्रदाय है…

मैंने कुछ साल पहले टाइम्स ऑफ़ इंडिया में एक लेख पढ़ा था… उस लेख के अनुसार 2012 में इंडोनेशिया के मुसलमानों ने वहां के ईसाईयों को इस्लाम कुबूल करने की धमकी दी… और ना कबूल करने की दशा में गला काट देने को कहा गया… इसके बाद हजारों की संख्या में ईसाईयों ने इस्लाम कूबुला… उन्हें खतना करवाना पड़ा… ताकि उनकी मुस्लिम के रूप में पहचान हो सके…

अल्जीरिया सालों से इस्लामिक कट्टरपंथियों और वहां की सेना के संघर्ष में पिस रहा है…

नाईजेरिया में मुसलमानों का खुनी संघर्ष चरम पे है… वहां ईसाईयों के चर्चो को जला दिया गया… मिस यूनिवर्स के कार्यक्रम के दौरान ‘This Day’ नामक स्थानीय अखबार का दफ्तर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा जला दिया गया…

केन्या में वहां की लोकतान्त्रिक सरकार के विरुद्ध वहां के मुस्लिम संघठनो ने जेहाद का ऐलान किया…

सूडान में गृह युद्ध के दौरान मुसलमानों और ईसाईयों में भयंकर युद्ध हुआ…

19वी शताब्दी के मध्य में यानी 1860 में लेबनान में वहां के ईसाईयों की हत्या मुसलमानों ने की… सत्तर के दशक में लेबनान में गृह युद्ध छिड़ गया जो नब्बे की दशक की शुरुआत में जाकर खत्म हुआ जिसमे 1 लाख से अधिक लेबनानी मारे गए… हज़ारों औरतों का सड़कों पर बलात्कार किया गया…अब ध्यान दीजिये उपरोक्त सभी युद्धों और मार काट खून खराबे में मुस्लमान और इसाई देश शामिल थे…

लेकिन भारत जिसने मानव सभ्यता की शुरुआत से लेकर आज तक किसी भी देश पर हमला नहीं किया। उसे आज दुनिया का सबसे असहिष्णु देश बताया जा रहा है और हिन्दू को सबसे बड़ा अराजकवादी…

पोस्ट पढ़िए और थोड़ा विचार कीजिये कौन अराजक है इस्लाम इसाई या सनातनी हिन्दू?