मा0 मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन का शिक्षा माफियाओं पर प्रहार जारी
जिले में पहली बार शिक्षा माफियाओं के हौसले मटियामेट,
प्रशासन के हाथ जब पंहुचे शिक्षा माफियाओं के गिरेबान तक, तब सुधरा विद्यालयों का फीस स्ट्रक्चर
प्रशासन की दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे अब नहीं टिक पा रहे; शिक्षा माफियाओं के हौसले; कई नामी गिरामी स्कूल आए बैकफुट पर
जिला प्रशासन हुआ सख्त तो खुलने लगा स्कूल फीस बढोतरी का खेल,
बिना मान्यता नवीनीकरण के स्कूल हो रहा था संचालित; प्रशासन ने लगाई रू0 5,20,000 शास्ति
द प्रसिडेंसी इन्टरनेशनल स्कूल, भनियावाला का है मामला, 100 से अधिक अभिभावकों ने फीस बढ़ोतरी की थी शिकायत,
प्रशासन के बुलाने के बाद भी नहीं हुए थे हाजिर, प्रशासन में खंगाले कागज तो सामने आया सच
देहरादून 24 मई, 2025(सू.वि.), मा0 मुख्यमंत्री के निर्देशों के परिपालन में जिला प्रशासन देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशन में शिक्षा माफियाओं पर निरंतर कार्यवाही की जा रही है। अभिभावकों से फीस के नाम पर वसूली की शिकायतों पर जिला प्रशासन द्वारा शहर के कई नामी-गिरामी स्कूलों पर कार्यवाही से जहां शिक्षा माफियाओं के हौसले पस्त हुए हैं वही बड़े-बड़े स्कूलों का फीस बढोतरी का खेल भी सामने आया है। फीस बढोतरी पर जिला प्रशासन की जीरो टालरेंस की नीति अपनाए हुए है।
मा0 मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन का शिक्षा माफियाओं पर प्रहार जारी है, जिले में पहली बार शिक्षा माफियाओं के हौसले मटियामेट हुए हैं। जब प्रशासन के हाथ शिक्षा माफियाओं के गिरेबान तक पंहुचे तब विद्यालयों का फीस स्ट्रक्चर सुधरने लगा। जिला प्रशासन के स्वशासन की दृढ़ इच्छा शक्ति के आगे अब शिक्षा माफियाओं के हौसले नहीं टिक पा रहे हैं, जिससे जिले के कई नामी गिरामी स्कूल अब मनमर्जी फीस बढोतरी पर आए बैकफुट पर आएं है। जिला प्रशासन ने जैसे ही सख्ताई दिखाई तो धीरे-2 स्कूल फीस बढोतरी का खेल भी खुलने लगा। द प्रसिडेंसी इन्टरनेशनल स्कूल, भनियावाला का मामला सामने आया है जहां 100 से अधिक अभिभावकों ने फीस बढ़ोतरी की थी शिकायत, बिना मान्यता नवीनीकरण के स्कूल संचालित होने पर प्रशासन ने लगाई रू0 5,20,000 शास्ति लगाई ही।
जिले के भानियावाला में अवस्थित प्रसिडंेसी इन्टरनेशनल स्कूल का फीस बढोतरी पर 100 से अधिक अभिभावकों द्वारा डीएम को शिकायत की गई थी। डीएम के निर्देश पर सीडीओ पर बुलाये जाने के उपरान्त भी स्कूल प्रबन्धन उपस्थित नही हो रहे थे। अभिलेखों की जांच करने पर पाया गया कि विद्यालय को प्री प्राईमरी से कक्षा 8 तक अंग्रेजी माध्यम से मार्च 2020 से मार्च 2025 तक की अवधि 5 वर्ष के लिए मान्यता प्रदान की गई थी, जबकि स्कूल प्रबन्धन द्वारा मान्यता नवीनीकरण के लिए अभी तक आवेदन नही किया गया है, जिस पर जिला प्रशासन द्वारा द प्रसिडेंसी विद्यालय पर प्री-प्राईमरी से कक्षा-8 तक बिना मान्यता के विद्यालय का संचालन करने के फलस्वरूप शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 की धारा-18 की उपधारा-5 में उल्लेखित प्राविधानों के अन्तर्गत विद्यालय पर प्रतिदिवस 10,000/- की दर से दिनांक 1 अपै्रल 2025 से 22 मई 2025 तक 52 दिवसों का कुल 5,20,000/- रूपये शास्ति आरोपित कर दी गई है। उक्त शास्ति की धनराशि विद्यालय प्रशासन को पत्र प्राप्त होने के तीन दिन के अन्तर्गत जमा करने के निर्देश दिए हैं। यदि विद्यालय प्रशासन द्वारा निर्धारित अवधि में शास्ति की धनराशि जमा नहीं की जाती है तो विद्यालय प्रशासन से धनराशि भू-राजस्व की भाँति वसूल की जायेगी।
उत्तराखंड: भ्रष्टाचार पर धामी सरकार की सख्त कार्यवाही*
*विजिलेंस टीम ने जिला सैनिक कल्याण अधिकारी को ₹50,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा*
*सीएम धामी के निर्देश पर भ्रष्टाचारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई, जनता में भरोसा मजबूत*
*धामी सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ की जा रही कार्रवाई ने पेश की नई नज़ीर*
उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए हल्द्वानी स्थित सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) की टीम ने जनपद बागेश्वर के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सूबोध शुक्ला (सेवानिवृत्त कर्नल) को ₹50,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
*शिकायत के आधार पर हुआ ट्रैप*
शिकायतकर्ता ने 1064 टोल फ्री नंबर पर जानकारी दी थी कि वह एक सेवानिवृत्त सैनिक हैं और जिला सैनिक कल्याण विभाग से सेवा विस्तार संबंधी कार्य करवा रहे हैं। आरोपी अधिकारी ने उनसे काम के बदले ₹50,000 की रिश्वत की मांग की थी। इस सूचना के बाद विजिलेंस टीम ने पूरी योजना बनाकर ट्रैप ऑपरेशन को अंजाम दिया। 24 मई 2025 को बागेश्वर के सेना निवृत्त ग्राम रामपुर, तहसील कपकोट निवासी सूबोध शुक्ला को रिश्वत की रकम लेते ही दबोच लिया गया। उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
*150 से अधिक गिरफ्तारियाँ: भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस*
धामी सरकार ने बीते तीन वर्षों में भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक 150 से अधिक गिरफ्तारी कर एक मिसाल कायम की है। यह साबित करता है कि सरकार सिर्फ बयानबाज़ी नहीं कर रही, बल्कि जमीन पर प्रभावशाली कार्यवाही भी कर रही है। भ्रष्टाचार पर इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई करके सीएम धामी ने लोगों के सामने एक नज़ीर पेश की है और इस अभूतपूर्व कार्रवाई से लोगों के बीच एक नया विश्वास पैदा हुआ है।
*मुख्यमंत्री धामी की स्पष्ट नीति: भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं*
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले भी स्पष्ट कर चुके हैं कि उत्तराखण्ड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति और विजिलेंस की त्वरित कार्यवाही के चलते अब अधिकारी व कर्मचारी भी सजग हो गए हैं। इस तरह की निरंतर और प्रभावी कार्रवाइयों से न केवल शासन-प्रशासन में पारदर्शिता आ रही है, बल्कि जनता का भरोसा भी मजबूत हो रहा है। यदि किसी भी सरकारी विभाग का अधिकारी/कर्मचारी आपसे कार्य के बदले रिश्वत मांगता है, तो आप टोल फ्री नंबर 1064 या व्हाट्सएप नंबर 9456592300 पर संपर्क करके सतर्कता अधिष्ठान को गोपनीय रूप से सूचित कर सकते हैं।