अब बंदरों की भी होगी नसबंदी

 

भालू और हाथी के साथ ही राज्य के कई हिस्सों में उत्पाती बंदर आफत बने हुए हैं. इनकी संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार ने अब बंदरों की नसबंदी कराने का फैसला किया है. इसको लेकर जल्द ही कवायद शुरू की जाएगी. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में 14 नवंबर मंगलवार को राज्य वन्य जीव बोर्ड की बैठक हुई. इसमें ग्रामीण अंचलों में बंदरों के बढ़ते उत्पात पर चर्चा की गई. इसमें बताया गया कि बंदरों की नसबंदी (स्टरलाइजेशन) के लिए कोरिया और रायगढ़ जिले में एक-एक केंद्र स्थापित होंगे. सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में कुछ जनप्रतिनिधियों ने बंदरों के आतंक की शिकायत की थी. इसी के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है.

बैठक में राज्य में ईको टूरिज्म के शुभंकर श्यामू-राधे के डिजाइन का अनुमोदन किया गया. शुभंकर के डिजाइन में राजकीय पशु वन भैंसा के सिर पर राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना को बैठा दिखाया गया है. इस शुभंकर का उपयोग सोशल मीडिया में ईकोटूरिज्म से संबंधित जानकारियां रोचक ढंग से पहुंचाने के लिए किया जाएगा. बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि बर्ड काउंट इंडिया संस्था के सहयोग से राज्य में पक्षियों का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराया जाए. इसके आधार पर स्टेटस आफ वर्डस इन छत्तीसगढ़ रिपोर्ट का प्रकाशन किया जाएगा. पक्षियों के संरक्षण और पक्षी आधारित ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की कार्य योजना तैयार की जाएगी. अधिकारियों ने बताया कि कांगेर घाटी में अनेक दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों का रहवास है.