अब बसों में भी होगा टॉयलेट, संसद में उठा मुद्दा

लंबी दूरी की बसों में आने वाले समय में टायलेट का इंतजाम जरूरी हो सकता है। संसदीय समिति ने इस पर सरकार से गंभीरतापूर्वक विचार करने को कहा है। समिति ने विभिन्न प्रकार के वाहनों के लिए अलग लेन की जरूरत भी बताई है।मोटर संशोधन विधेयक की समीक्षा के लिए राज्यसभा सांसद विनय पी. सहस्रबुद्धे की अध्यक्षता वाली 24 सदस्यीय प्रवर समिति ने कुछ रोज पहले ही सदन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। समिति ने कुछ ऐसे सुझाव दिए हैं जिन्हें यदि अमल में लाया जा सका तो देश में सड़क यातायात की स्थिति में सुखद सुधार हो सकता है। उदाहरण के लिए समिति ने श्स्वच्छ भारत अभियानश् का जिक्र किए बगैर सरकार से लंबी दूरी की सभी बसों में अनिवार्य रूप से टायलेट की व्यवस्था करने को कहा है।

समिति का कहना है कि निर्माण तकनीक उपलब्ध होने के बावजूद भारत में बहुत कम बसों में टायलेट की व्यवस्था है। इसलिए सरकार को इस दिशा में तुरंत कदम उठाना चाहिए। इसी तरह समिति ने विभिन्न प्रकार के वाहनों के लिए लेन सुनिश्चित करने और इस बाबत नियम बनाने को कहा है। समिति का एक सुझाव यह भी है कि नियम बनाते समय खतरनाक व हानिकारक रसायनों एवं सामानों की ढुलाई के बारे में भी उपयुक्त प्रावधान किए जाने चाहिए। समिति जरूरत से ज्यादा लंबे-चै़ड़े और ऊंचे (ओवरसाइज) वाहनों के ड्राइवरों के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाने के पक्ष में है। समिति ने कुछ अन्य मामलों में भी स्पष्ट नियम बनाने को कहा हैं। अन्य मामलों में इनको शामिल किया गया है।