विधुर और विधवा द्वारा मैती वृक्ष रोप कर हुआ विवाह संस्कार संपन्न

 सुना था जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं लेकिन कुछ लोग अपने पुरूषार्थ से धरती को ही स्वर्ग बना देते हैं। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण उदाहरण देहरादून के डोईवाला से आया है। जब सुभाष जी की पत्नी नहीं रही और अल्का जी के पति भी नहीं रहे तब उनके परिवार जनों की परस्पर सहमति से एस डी एम डोईवाला श्री शैलेन्द्र नेगी की कोर्ट में इन दोनों का शुभ विवाह पंजीयन किया गया। इस विवाह को अविस्मरणीय बनाने में आदरणीय एस डी एम साहब ने मैती आन्दोलन के अन्तर्गत उनसे शादी की मधुर याद में फलदार पेड़ भी लगवाया। इस अवसर पर विधवा अल्का की पुत्री परी भी उपस्थित रही। शैलेन्द्र नेगी को एक घर बसाने में सहयोग के लिए मैती टीम की ओर से हार्दिक आभार प्रकट कर नवयुगल को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं भी दी गयी। यह विवाह संस्कार अपने आप में भारतीय श्रेष्ठ परम्परा का उल्लेखनीय उदाहरण बन गया। ✍️हरीश मैखुरी