अमरनाथ क्षेत्र अतिवृष्टि से उफनाये गधेरे की गाद में दस से अधिक लोगों के विलोप होने का समाचार है जिसमें पांच लोगों के शव सुरक्षा बलों द्वारा निकाले गये हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अमरनाथ यात्रा मार्ग पर हुई इस दुर्घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्माओं की शांति की ईश्वर से कामना की। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दुःख की इस घड़ी में शक्ति प्रदान करने की भी कामना की।
बता दें कि अमरनाथ में बादल फटने से 15 लोगों की मृत्यु व 60 लोगों की लापता होने का पीड़ादायक समाचार है। यह संख्या घटबढ सकती है। क्यों कि जहाँ उफनते गधेरे की गाद फैली हुई है वहीं करीब 2000 श्रध्दालु अपने अस्थायी टैंटों में पड़ाव डाले हुए थे। स्थानीय हालांकि प्रशासन ने केवल पांच शवों के मिलने की बात कही है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अमरनाथ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकलने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रभावितों को हर संभव मदद दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री मंत्री श्री राजनाथ सिंह से फोन पर वार्ता कर प्रभावित क्षेत्र में प्रभावितों को हर संभव मदद पहुंचाने का अनुरोध किया।
नये अपडेट के अनुसार इस घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। जबकि कई लोग घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए एयरलिफ्ट किया जा रहा है। एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर हैं। राहत-बचाव कार्य जारी है। बता दें कि मौसम विभाग ने कुछ दिन पहले अमरनाथ में खराब मौसम की आशंका जताई थी।समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अमरनाथ गुफा से दो किलोमीटर दूर बादल फटने की घटना हुई है। बताया जा रहा है कि निचले इलाकों में शाम करीब 5.30 बजे बादल फटने की सूचना मिली थी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना का संज्ञान लिया है। उन्होंने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से फोन पर बात की। जानकारी के अनुसार, प्रशासन की टीम बादल फटने के बाद की स्थिति का आकलन कर रही है। फिलहाल नुकसान की आधिकारिक सूचना नहीं है।