आज का पंचाग आपका राशि फल, भगवान श्रीराम जी का बनवास मार्ग, ‘काली’ फिल्म निर्माता की काली करतूत का देश भर में विरोध,

भगवान श्रीराम जी का बनवास मार्ग

1.तमसा नदी* : अयोध्या से 20 किमी दूर है तमसा नदी। यहां पर उन्होंने नाव से नदी पार की।

2.श्रृंगवेरपुर तीर्थ* : प्रयागराज से 20-22 किलोमीटर दूर वे श्रृंगवेरपुर पहुंचे, जो निषादराज गुह का राज्य था। यहीं पर गंगा के तट पर उन्होंने केवट से गंगा पार करने को कहा था। श्रृंगवेरपुर को वर्तमान में सिंगरौर कहा जाता है।

3.कुरई गांव* सिंगरौर में गंगा पार कर श्रीराम कुरई में रुके थे।

*4.प्रयाग* कुरई से आगे चलकर श्रीराम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सहित प्रयाग पहुंचे थे। कुछ महीने पहले तक प्रयाग को इलाहाबाद कहा जाता था ।

*5.चित्रकूणट* प्रभु श्रीराम ने प्रयाग संगम के समीप यमुना नदी को पार किया और फिर पहुंच गए चित्रकूट। चित्रकूट वह स्थान है, जहां राम को मनाने के लिए भरत अपनी सेना के साथ पहुंचते हैं। तब जब दशरथ का देहांत हो जाता है। भारत यहां से राम की चरण पादुका ले जाकर उनकी चरण पादुका रखकर राज्य करते हैं।

*6.सतना*: चित्रकूट के पास ही सतना (मध्यप्रदेश) स्थित अत्रि ऋषि का आश्रम था। हालांकि अनुसूइया पति महर्षि अत्रि चित्रकूट के तपोवन में रहा करते थे, लेकिन सतना में ‘रामवन’ नामक स्थान पर भी श्रीराम रुके थे, जहां ऋषि अत्रि का एक ओर आश्रम था।

*7.दंडकारण्य*: चित्रकूट से निकलकर श्रीराम घने वन में पहुंच गए। असल में यहीं था उनका वनवास। इस वन को उस काल में दंडकारण्य कहा जाता था। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर दंडकाराण्य था। दंडकारण्य में छत्तीसगढ़, ओडिशा एवं आंध्रप्रदेश राज्यों के अधिकतर हिस्से शामिल हैं। दरअसल, उड़ीसा की महानदी के इस पास से गोदावरी तक दंडकारण्य का क्षेत्र फैला हुआ था। इसी दंडकारण्य का ही हिस्सा है आंध्रप्रदेश का एक शहर भद्राचलम। गोदावरी नदी के तट पर बसा यह शहर सीता-रामचंद्र मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भद्रगिरि पर्वत पर है। कहा जाता है कि श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान कुछ दिन इस भद्रगिरि पर्वत पर ही बिताए थे। स्थानीय मान्यता के मुताबिक दंडकारण्य के आकाश में ही रावण और जटायु का युद्ध हुआ था और जटायु के कुछ अंग दंडकारण्य में आ गिरे थे। दुनियाभर में सिर्फ यहीं पर जटायु का एकमात्र मंदिर है।

*8.पंचवटी नासिक* दण्डकारण्य में मुनियों के आश्रमों में रहने के बाद श्रीराम अगस्त्य मुनि के आश्रम गए। यह आश्रम नासिक के पंचवटी क्षे‍त्र में है जो गोदावरी नदी के किनारे बसा है। यहीं पर लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काटी थी। राम-लक्ष्मण ने खर व दूषण के साथ युद्ध किया था। गिद्धराज जटायु से श्रीराम की मैत्री भी यहीं हुई थी। वाल्मीकि रामायण, अरण्यकांड में पंचवटी का मनोहर वर्णन मिलता है।

*9.सर्वतीर्थ*:नासिक क्षेत्र में शूर्पणखा, मारीच और खर व दूषण के वध के बाद ही रावण ने सीता का हरण किया और जटायु का भी वध किया था जिसकी स्मृति नासिक से 56 किमी दूर ताकेड गांव में ‘सर्वतीर्थ’ नामक स्थान पर आज भी संरक्षित है। जटायु की मृत्यु सर्वतीर्थ नाम के स्थान पर हुई, जो नासिक जिले के इगतपुरी तहसील के ताकेड गांव में मौजूद है। इस स्थान को सर्वतीर्थ इसलिए कहा गया, क्योंकि यहीं पर मरणासन्न जटायु ने सीता माता के बारे में बताया। रामजी ने यहां जटायु का अंतिम संस्कार करके पिता और जटायु का श्राद्ध-तर्पण किया था। इसी तीर्थ पर लक्ष्मण रेखा थी।

*10.पर्णशाला: पर्णशाला आंध्रप्रदेश में खम्माम जिले के भद्राचलम में स्थित है। रामालय से लगभग 1 घंटे की दूरी पर स्थित पर्णशाला को ‘पनशाला’ या ‘पनसाला’ भी कहते हैं। पर्णशाला गोदावरी नदी के तट पर स्थित है। मान्यता है कि यही वह स्थान है, जहां से सीताजी का हरण हुआ था। हालांकि कुछ मानते हैं कि इस स्थान पर रावण ने अपना विमान उतारा था। इस स्थल से ही रावण ने सीता को पुष्पक विमान में बिठाया था यानी सीताजी ने धरती यहां छोड़ी थी। इसी से वास्तविक हरण का स्थल यह माना जाता है। यहां पर राम-सीता का प्राचीन मंदिर है।

*11.तुंगभद्रा*:सर्वतीर्थ और पर्णशाला के बाद श्रीराम-लक्ष्मण सीता की खोज में तुंगभद्रा तथा कावेरी नदियों के क्षेत्र में पहुंच गए। तुंगभद्रा एवं कावेरी नदी क्षेत्रों के अनेक स्थलों पर वे सीता की खोज में गए।

*12.शबरी का आश्रम* तुंगभद्रा और कावेरी नदी को पार करते हुए राम और लक्ष्‍मण चले सीता की खोज में। जटायु और कबंध से मिलने के पश्‍चात वे ऋष्यमूक पर्वत पहुंचे। रास्ते में वे पम्पा नदी के पास शबरी आश्रम भी गए, जो आजकल केरल में स्थित है। शबरी जाति से भीलनी थीं और उनका नाम था श्रमणा। ‘पम्पा’ तुंगभद्रा नदी का पुराना नाम है। इसी नदी के किनारे पर हम्पी बसा हुआ है। पौराणिक ग्रंथ ‘रामायण’ में हम्पी का उल्लेख वानर राज्य किष्किंधा की राजधानी के तौर पर किया गया है। केरल का प्रसिद्ध ‘सबरिमलय मंदिर’ तीर्थ इसी नदी के तट पर स्थित है।

*13.ऋष्यमूक पर्वत* मलय पर्वत और चंदन वनों को पार करते हुए वे ऋष्यमूक पर्वत की ओर बढ़े। यहां उन्होंने हनुमान और सुग्रीव से भेंट की, सीता के आभूषणों को देखा और श्रीराम ने बाली का वध किया। ऋष्यमूक पर्वत वाल्मीकि रामायण में वर्णित वानरों की राजधानी किष्किंधा के निकट स्थित था। ऋष्यमूक पर्वत तथा किष्किंधा नगर कर्नाटक के हम्पी, जिला बेल्लारी में स्थित है। पास की पहाड़ी को ‘मतंग पर्वत’ माना जाता है। इसी पर्वत पर मतंग ऋषि का आश्रम था जो हनुमानजी के गुरु थे।

*14.कोडीकरई* हनुमान और सुग्रीव से मिलने के बाद श्रीराम ने वानर सेना का गठन किया और लंका की ओर चल पड़े। तमिलनाडु की एक लंबी तटरेखा है, जो लगभग 1,000 किमी तक विस्‍तारित है। कोडीकरई समुद्र तट वेलांकनी के दक्षिण में स्थित है, जो पूर्व में बंगाल की खाड़ी और दक्षिण में पाल्‍क स्‍ट्रेट से घिरा हुआ है। यहां श्रीराम की सेना ने पड़ाव डाला और श्रीराम ने अपनी सेना को कोडीकरई में एकत्रित कर विचार विमर्ष किया। लेकिन राम की सेना ने उस स्थान के सर्वेक्षण के बाद जाना कि यहां से समुद्र को पार नहीं किया जा सकता और यह स्थान पुल बनाने के लिए उचित भी नहीं है,तब श्रीराम की सेना ने रामेश्वरम की ओर कूच किया।

*15..रामेश्‍वरम* रामेश्‍वरम समुद्र तट एक शांत समुद्र तट है और यहां का छिछला पानी तैरने और सन बेदिंग के लिए आदर्श है। रामेश्‍वरम प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ केंद्र है। महाकाव्‍य रामायण के अनुसार भगवान श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई करने के पहले यहां भगवान शिव की पूजा की थी। रामेश्वरम का शिवलिंग श्रीराम द्वारा स्थापित शिवलिंग है।

*16.धनुषकोडी*वाल्मीकि के अनुसार तीन दिन की खोजबीन के बाद श्रीराम ने रामेश्वरम के आगे समुद्र में वह स्थान ढूंढ़ निकाला, जहां से आसानी से श्रीलंका पहुंचा जा सकता हो। उन्होंने नल और नील की मदद से उक्त स्थान से लंका तक का पुनर्निर्माण करने का फैसला लिया। धनुषकोडी भारत के तमिलनाडु राज्‍य के पूर्वी तट पर रामेश्वरम द्वीप के दक्षिणी किनारे पर स्थित एक गांव है। धनुषकोडी पंबन के दक्षिण-पूर्व में स्थित है। धनुषकोडी श्रीलंका में तलैमन्‍नार से करीब 18 मील पश्‍चिम में है।

इसका नाम धनुषकोडी इसलिए है कि यहां से श्रीलंका तक वानर सेना के माध्यम से नल और नील ने जो पुल (रामसेतु) बनाया था उसका आकार मार्ग धनुष के समान ही है। इन पूरे इलाकों को मन्नार समुद्री क्षेत्र के अंतर्गत माना जाता है। धनुषकोडी ही भारत और श्रीलंका के बीच एकमात्र स्‍थलीय सीमा है, जहां समुद्र नदी की गहराई जितना है जिसमें कहीं-कहीं भूमि नजर आती है।

*17.’नुवारा एलिया’ पर्वत श्रृंखला.
वाल्मीकिय-रामायण अनुसार श्रीलंका के मध्य में रावण का महल था। ‘नुवारा एलिया’ पहाड़ियों से लगभग 90 किलोमीटर दूर बांद्रवेला की तरफ मध्य लंका की ऊंची पहाड़ियों के बीचोबीच सुरंगों तथा गुफाओं के भंवरजाल मिलते हैं। यहां ऐसे कई पुरातात्विक अवशेष मिलते हैं जिनकी कार्बन डेटिंग से इनका काल निकाला गया है।

श्रीलंका में नुआरा एलिया पहाड़ियों के आसपास स्थित रावण फॉल, रावण गुफाएं, अशोक वाटिका, खंडहर हो चुके विभीषण के महल आदि की पुरातात्विक जांच से इनके रामायण काल के होने की पुष्टि होती है। आजकल भी इन स्थानों की भौगोलिक विशेषताएं, जीव, वनस्पति तथा स्मारक आदि बिलकुल वैसे ही हैं जैसे कि रामायण में वर्णित किए गए है।

डाॅक्युमेंट्री फिल्म काली के उस पोस्टर का विरोध है या लीना मणिमेकलई का? या उसकी हिन्दू विरोधी मानसिकता का विरोध? यदि उसका उद्देश्य फिल्म प्रसारण का ही था तो पोस्टर को विवादों से बचा भी सकती थी लेकिन उसका उद्देश्य था हिंदुओं की भावनाओं को रौंदकर इस फिल्म का तेजी के साथ प्रचार-प्रसार करना जैसा कि अभी तक होता आया है हालांकि इस बार उसका आधा उद्देश्य ही पूरा हुआ! हिंदुओं की भावनाओं को आहत तो कर लिया गया किन्तु कनाडा में प्रसारित होने वाली इस फिल्म पर रोक लगा दी गई है! कुछ हद तक इसे हम अपनी जीत कह सकते हैं! उसकी फिल्म भले ही असफल हो गई हो लेकिन उसकी हिन्दू विरोधी मानसिकता का प्रसारण पूरी तरह से सफल हुआ है! लीना की यह मानसिकता मात्र उसके ही मस्तिष्क की उपज नहीं है इस जहरीली मानसिकता को धड़ल्ले से सींचा जा रहा है, लीना के मौखिक बयान से लेकर उसके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तक हिन्दू विरोधी मानसिकता की गवाही दे रहे हैं, वह कभी भारतीय संस्कृति को बलात्कारी संस्कृति बताती है तो कभी भगवान श्री राम जी को काल्पनिक, कभी महादेव व मां पार्वती जी को सिगरेट पीते दिखाती है तो कभी मां काली जी को! यह सब खुले मंच से हो रहा है, पर्दे के पीछे का रहस्य शायद रहस्य ही रहेगा!

अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रभावशाली यह फिल्म निर्मात्री हिन्दू विरोधी गतिविधियों में संलिप्त आतंकियों व जिहादियों के संपर्क में भी हो सकती है! आज जितने भी बड़े व्यक्तित्व वाले लोग टीवी डिबेट, जनसभाओं के संबोधन तथा सोशल मीडिया के माध्यम से राष्ट्र व धर्म विरोधी जहर उगल रहे हैं इन सब की जांच होनी चाहिए! जैसे कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद आतंकियों के तार कड़ी से कड़ी जोड़ रहे हैं मैं १००% दावे के साथ कहता हूं इन लोगों की कड़ियां भी आतंकवाद और जिहाद से जुड़ी हुई मिलेंगी! जो लोग स्पष्ट और खुले तौर पर राष्ट्र की अस्मिता को ललकार रहे हैं आखिर उनकी गिरफ्तारी को लेकर असमंजस की स्थिति क्यों है? ऐसी मानसिकता का प्रर्दशन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जांच इसी आधार पर होनी चाहिए वरना यह जहरीली मानसिकता सनातन धर्म संस्कृति को निगल जाएगी!

हर हर महादेव 🚩✍️ पंकज ‘प्रतापगढ़ी

𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
श्री हरिहरो
विजयतेतराम

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓
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*शनिवार, ९ जुलाई २०२२*

सूर्योदय: 🌄 ०५:३५
सूर्यास्त: 🌅 ०७:१३
चन्द्रोदय: 🌝 १४:४२
चन्द्रास्त: 🌜२५:४२
अयन🌖दक्षिणायने(उत्तरगोलीय)
ऋतु: ⛈️ वर्षा
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)
मास 👉 आषाढ
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 दशमी (१६:३९ से
एकादशी)
नक्षत्र 👉 स्वाती (११:२५ से
विशाखा)
योग 👉 सिद्ध (०६:४९ से
साध्य, २८:०३ से शुभ)
प्रथम करण👉तैतिल(०५:३७ तक
द्वितीय करण👉गर(१६:३९ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मिथुन
चंद्र 🌟वृश्चिक(२८:२१ से)
मंगल🌟मेष(उदित,पश्चिम,मार्गी)
बुध🌟मिथुन(अस्त, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)
शुक्र🌟वृष (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि🌟कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५४ से १२:५०
अमृत काल 👉 २५:४० से २७:१०
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०५:२२ से ११:२५
रवियोग 👉 पूरे दिन
विजय मुहूर्त 👉 १४:४२ से १५:३८
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०८ से १९:३२
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२१ से २०:२२
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०२ से २४:४२
राहुकाल 👉 ०८:५२ से १०:३७
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १४:०७ से १५:५२
होमाहुति 👉 शुक्र (११:२५ तक)
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पाताल (१६:३९ से पृथ्वी)
भद्रावास 👉 पाताल (२७:३१ से २८:२१
,स्वर्ग – २८:२१ से)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर २८:२१ से)
शिववास 👉 सभा में (१६:३९ से क्रीड़ा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
उत्तर-पश्चिम (वायविंडिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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उल्टा रथ यात्रा पुरी, विवाहादि मुहूर्त मिथुन लग्न प्रातः ०५:४३ से ०६:१६, कन्या लग्न प्रातः १०:५१ से ११:२५ तक, नींवखुदाई एवं गृहारम्भ+गृह प्रवेश+उद्योग एवं मशीनरी आरम्भ+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०७:२४ से ०९:०५ तक, वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:३१ से सायं ०५:४० तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ११:२५ तक जन्मे शिशुओ का नाम
स्वाति नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (रो, ता) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशु का नाम विशाखा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (ती, तू, ते) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मिथुन – २७:४५ से ०६:००
कर्क – ०६:०० से ०८:२२
सिंह – ०८:२२ से १०:४१
कन्या – १०:४१ से १२:५९
तुला – १२:५९ से १५:१९
वृश्चिक – १५:१९ से १७:३९
धनु – १७:३९ से १९:४२
मकर – १९:४२ से २१:२४
कुम्भ – २१:२४ से २२:४९
मीन – २२:४९ से २४:१३
मेष – २४:१३ से २५:४७
वृषभ – २५:४७ से २७:४१
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रोग पञ्चक – ०५:२२ से ०६:००
शुभ मुहूर्त – ०६:०० से ०८:२२
मृत्यु पञ्चक – ०८:२२ से १०:४१
अग्नि पञ्चक – १०:४१ से ११:२५
शुभ मुहूर्त – ११:२५ से १२:५९
रज पञ्चक – १२:५९ से १५:१९
शुभ मुहूर्त – १५:१९ से १६:३९
चोर पञ्चक – १६:३९ से १७:३९
शुभ मुहूर्त – १७:३९ से १९:४२
रोग पञ्चक – १९:४२ से २१:२४
शुभ मुहूर्त – २१:२४ से २२:४९
मृत्यु पञ्चक – २२:४९ से २४:१३
रोग पञ्चक – २४:१३ से २५:४७
शुभ मुहूर्त – २५:४७ से २७:४१
मृत्यु पञ्चक – २७:४१ से २९:२३
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपको सभी जगह से मान-सम्मान दिलाएगा। आज आपकी जीवनशैली भी उच्चवर्गीय जैसी रहेगी। कैसी भी परिस्थितियां हो खर्च करने से पीछे नही रहेंगे आडम्बर भी आज कुछ अधिक रहेगा। महिलाये भी आज दिखावा करने से नही चूकेंगी आवश्यकता से अधिक खर्च कर बाद में पछताएगी। कार्य व्यवसाय आशानुकूल रहेगा किसी पुराने अनुबंद से धन लाभ होगा। राज पक्ष से भी शुभ समाचार मिलने की संभावना है सरकारी कार्यो में ढील ना दे आज पूरे तो नही होंगे लेकिन सफलता की संभावना अधिक रहेगी। घर का वातावरण मिला जुला रहेगा सभी सदस्य अपने कार्य मे मस्त रहेग।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन भी आपके अनुकूल बना हुआ है लेकिन आज किसी महत्त्वपूर्ण कार्यो को लेकर अन्य के भरोसे बैठना पड़ेगा जिसमे निराशा मिलने की संभावना अधिक है आज अपने बलबूते जो भी कार्य करेंगे उसमे देर से ही सही आशाजनक परिणाम मिलेंगे। व्यवसाय में वृद्धि तो होगी लेकिन आर्थिक लाभ समय पर ना होने के कारण आगे के कार्य प्रभावित होंगे। आज धन लाभ एवं खर्च बराबर रहने से संतुलन बना रहेगा। सहकर्मी आपसे कुछ अपेक्षा रखेंगे इसमे टालमटोल ना करें अन्यथा परेशानी हो सकती है। घर के सदस्य मनोकामना पूर्ण होने पर प्रसन्न रहेंगे लेकिन बुजुर्ग आपकी खर्चीली वृति से असंतोष जताएंगे।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज आपकी तार्किक शक्ति बढ़ी हुई रहेगी लेकिन इसका सही जगह प्रयोग नही करेंगे। प्रत्येक कार्य वह चाहे घरेलू हो अथवा व्यावसायिक उसमे कुछ ना कुछ नुक्स ही निकालेंगे इससे आपके सम्मान में कमी आ सकती है साथ ही परिजनों से कलह भी हो सकती है। आप आज सम्मान पाने के लिये अन्य लोगो के आगे स्वयं को हद से ज्यादा बुद्धिमान के रूप में पेश करेंगे लेकिन आज आपके विचार अन्य लोगो से कम ही मेल खाएंगे सम्मान मिलने की जगह हास्य के पात्र बन कर रह जाएंगे। कारोबार की दशा नीचे जाएगी किसी के सहयोग से खर्च लायक आमदनी हो ही जाएगी। सेहत ठीक रहेगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप स्वयं ही कलहकारी परिस्थितियों का निर्माण करेंगे। जबरदस्ती किसी के कार्यो में दखल देने अथवा बिना मांगे राय देने से बेज्जती हो सकती है इसका ध्यान रखें। कार्य क्षेत्र पर आपको सहकर्मियों का कार्य पसंद नही आएगा और सहकर्मियों को आपका व्यवहार इससे आपसी तालमेल नही बनने के कारण सामूहिक कार्य अधूरे ही रहेंगे। धन लाभ के लिए प्रयास करेंगे फिर भी आज आय की अपेक्षा व्यय का पलड़ा भारी रहेगा। घर मे परिजनों को आपके व्यवहार से पीड़ा होगी। वादा करके मुकरने पर वातावरण अशान्त होगा। मित्र रिश्तेदार भी आज आपसे दूरी बना कर ही रहेंगे। सर अथवा बदन दर्द की शिकायत हो सकती है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिये थोड़ा उलझनों वाला रहेगा। आज कोई भी कार्य भाग दौड़ किये बिना बनाना संभव नही रहेगा व्यवसायी वर्ग भी आज मंदी रहने के कारण लेदेकर काम बनाने के चक्कर मे रहेंगे बाद में असकमात धन लाभ हो जाने से पश्चाताप करेंगे। सरकारी अथवा पैतृक संपत्ति संबंधित कार्यो में थोड़ी परेशानी के बाद नतीजा आपके पक्ष में ही रहेगा। दो पक्षो के झगड़े को सुलझाने में मध्यस्थता करनी पड़ेगी परन्तु पक्षपात का आरोप लग सकता है निष्पक्ष होकर फैसला करें सम्मान में वृद्धि होगी। घरेलू वातावरण आज अन्य दिनों की अपेक्षा शांत रहेगा। संध्या बाद स्वास्थ्य में विकार आएगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन भी आपके लिए विशेष नही रहेगा। आज आप संचित धन के ऊपर ही निर्भर रहेंगे आर्थिक लाभ होते होते टल ने पर निराश होंगे। व्यावसायिक क्षेत्र पर आज भय का वातावरण रहेगा अपनी किसी कमजोरी को लेकर मन मे चिंतित रहेंगे परन्तु जाहिर नही होने देंगे। विरोधी आपके लचीले व्यवहार का फायदा उठाएंगे लेकिन सहकर्मियों का सहयोग आवश्यकता पड़ने पर मिल जाएगा। आज ना चाह कर भी किसी से उधारी का व्यवहार करना पड़ेगा। खर्च आज कम रहने से आय-व्यय में संतुलन बना रहेगा। घरेलू कामो में टालमटोल करने पर वातावरण उग्र होगा कुछ समय मे स्वतः ही सामान्य भी हो जाएगा। आलस्य अधिक रहेगा।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन शुभ फलदायी है आज आप दिन के आरंभ में अपने कार्यो के प्रति लापरवाही करेंगे परन्तु धीरे धीरे व्यस्तता बढ़ने के साथ ही कार्य शैली में निखार आएगा मानसिक रूप से चंचल भी रहेंगे महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने में दुविधा होगी इसलिये किसी अनुभवी की सलाह अवश्य लें धन लाभ आज अचानक होगा दुबे धन की प्राप्ति भी हो सकती है। व्यवसायी वर्ग मेहनत का उचित फल मिलने से प्रसन्न रहेंगे। आज आपके ऊपर कोई आरोप भी लग सकता है जिससे परिवार में गलतफहमी पनपेगी परिजन आपकी बातों पर आज मुश्किल से ही यकीन करेंगे। महिलाये आज ज्यादा सतर्क रहें ज्यादा हंसना भी नुकसान करा सकता है। सेहत में सुधार आएगा।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन भी परिस्थितियां आपकी आशाओ के विपरीत रहने वाली है धन संबंधित अथवा अन्य महत्त्वपूर्ण कार्य आज निरस्त करने ही बेहतर रहेगा। आज आप किसी सरकारी उलझन में भी फंस सकते है वाणी एवं व्यवहार संयमित रखें। धन को लेकर घर एवं बाहर विवाद के प्रसंग बनेंगे विवेक से काम ले अन्यथा मामला गंभीर रूप ले सकता है। नौकरी वाले लोगो के अधिकारियों से मतभेद रहेंगे फिर भी मनमारके इच्छा के विपरीत कार्य करना पड़ेगा। मित्र परिचित भी आपसे मतलबी व्यवहार करेंगे किसी से आज कोई वादा ना करें पूरा नही कर पाएंगे। धन के साथ ही आरोग्य में भी कमी आएगी। बड़े बुजुर्गों की बातों को अनदेखी ना करे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज दिन के आरंभ में आप किसी कार्य को लेकर दुविधा में रहेंगे लेकिन बाद में उसी कार्य को करने पर धन लाभ के साथ ही सम्मान भी बढ़ेगा। नौकरी वाले जातक आज अपने मृदु व्यवहार के कारण अधिकारियों को प्रसन्न रखेंगे लेकिन सहकर्मियों को इससे जलन हो सकती है फिर भी निश्चिन्त रहे आज कोई चाहकर भी आपका अहित नही कर सकता। व्यवसायी वर्ग जिसभी कार्य मे हाथ डालेंगे उसमे जय होगी धन की आमद एकसाथ ना होकर रुक रुक कर होगी जिससे अन्य कार्य आरम्भ करने में थोड़ी परेशानी आ सकती है। गृहस्थ में आपकी बातों को महत्त्व दिया जाएगा भाइयो से फिर भी आज राग द्वेष बना रहेगा। प्रेम प्रसंगों में निकटता बढ़ेगी। सेहत उत्तम रहेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज दिन के आरंभ में आर्थिक लाभ की संभावनाए बनेंगी इनके मध्यान के आस-पास पूर्ण होने की संभावना है। व्यवसायी वर्ग आज एक साथ कई कार्यो में भाग्य आजमाएंगे इनमे से कुछ लंबित रहेंगे लेकिन शेष कार्यो से अवश्य ही कुछ ना कुछ लाभ होगा। धन लाभ के लिए आज किसी अन्य के भरोसे नही रहना पड़ेगा। नौकरी करने वाले लोगो को आज अधिक भागदौड़ करनी पड़ेगी जिससे आरम्भ में थोड़ी परेशानी पर बाद में परिणाम पक्ष में रहने से प्रसन्नता मिलेगी। आज किसी पुराने परिचित से यादगार भेंट होगी कुछ समय के लिए अतीत की यादों में खोए रहेंगे। परिजनों के स्नेह में वृद्धि होगी। सेहत को लेकर आज पूर्ण संतुष्ट नही रहेंगे।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिये साधारण रहेगा। आज आप मानसिक रूप से शांत एवं संतुष्ट रहेंगे लेकिन महिलाओ के मन मे कुछ ना कुछ तिकड़म लगी रहेगी अपना काम बनाने के लिये आज किसी की बुराई करने से भी नही चूकेंगी।
कार्य व्यवसाय की गति सामान्य से कुछ कम रहेगी फिर भी निर्वाह योग्य आज हो जाएगी। आज आप अन्य लोगो से अपना काम निकालने के लिये मीठा व्यवहार करेंगे लेकिन किसी का कार्य स्वयं करने में आनाकानी करेंगे। सहकर्मी अधिकारियों से आपकी चुगली कर सकते है सतर्क रहें। धन लाभ परिश्रम करने के बाद ही सीमित मात्रा में होगा। परिवार में आपको छोड़ अन्य सभी कुछ ना कुछ अभाव अनुभव करेंगे। घर किसी सदस्य की सेहत खराब रहेगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन भी आप किसी ना किसी कारण से परेशान रहेंगे। सेहत आज भी प्रतिकूल रहेगी लेकिन कल की अपेक्षा में थोड़ा सुधार अवश्य आएगा। व्यवसाय की स्थिति भी दयनीय रहेगी दैनिक खर्च निकालने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। नौकरी वाले लोग अधिकारी वर्ग को प्रसन्न रखने में असफल रहेंगे भाग्य साथ ना देने के कारण दिन भर की भागदौड़ व्यर्थ जाएगी। लेकिन बेरोजगार लोग आज प्रयास करने में कमी ना रखें शीघ्र ही किसी रोजगार से जुड़ सकेंगे। पारिवारिक वातावरण उथल-पुथल रहेगा घरेलू कार्य सुलझने की जगह और अधिक उलझेंगे। भाई बंधुओ में आत्मीयता की कमी रहेगी। बुजुर्गो का सहयोग मिलने से कुछ राहत अनुभव करेंगे।
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