पेड़ पौधे और पशु पक्षियों को बचायेंगे तो ही मनुष्य बचेगा, मुहम्मद शफी ने घृणा की दृष्टि से कुर्बानी के बकरे पर लिखा ‘राम’ लेकिन राम नाम की महिमा ही ऐसी है कि बच गये बकरे के प्राण

पेड़ लगाओ और उन्हें बचाओ भी नहीं तो मनुष्यों का सर्वनाश निश्चित है। आम बड़ पंया पीपल बेल जैसे पंचवृक्ष और सत्ताईस नक्षत्रों के पेड़ लगायें, नीम जामुन मधु नाशनी पारिजात कदंम्ब कड़ी पत्ता (मीठी नीम) आंवला हरड़ बहेड़ा जैसे औषधीय वृक्ष लगायें, लीची अमरूद संतरा आम कटहल भमोरा सहतूत जैसे फलदार पेड़ लगायें। बांज भीमल स्योलू तिमला जैसे चारा पत्ती लगायें, तुन साल शीशम जैसी इमारती लकड़ी के पेड़ लगायें। तुलसी भूमि आंवला दूब कुंणजू चालु बाजू (वच) पुदीना सरस्योत जैसी वातावरण जल संवर्धन वाली घास लगायें कंडाली किलमोड हिंसर जैसे पक्षियों कीटों के लिए भी अवश्य लगायें। बड़ पीपल कदंम्ब जैसे बहुत से वृक्ष मौसम को रेग्युलेट करते हैं यानी संतुलित करते हैं। खेत खलिहान गाय बैल बचा कर रखें। इससे प्रकृत्ति संतुलित होती है। खेती की भूमि को कंक्रीट के जंगल में कदापि न बदलने दें। मकान के लिए चट्टान काटें या बंजर अनुपजाऊ भूमि प्रयोग करें। चीड़ को अंग्रेज भारतीय वन संपदा बर्बाद करने और अपनी कमाई के लिए लाये और लेंटाना अमेरिका से भारतीय कृषि भूमि बंजर करने के गंभीर षड्यंत्र के लिए गेंहूं के साथ आया ये दोनों भारतीय नहीं हैं इसलिए इनके उन्मूलन की योजना बनानी होगी होगी। जनसंख्या नियंत्रण कानून शीघ्र लागू करें। एटमी हथियार या मिसाइल वार कहीं भी चलें मौसम पर उसका दुष्प्रभाव पूरी सृष्टि पर पड़ता है। आतंक का प्राय बन चुके गाजा पर हो रही बमबारी के कारण इस वर्ष पूरी दुनियां विशेष रूप से भारत का तापमान भी बढ़ा है। इसलिए हथियारों के सौदागर देश अपनी आय के संसाधनों को भी बदलने की योजना बनायें। कुर्बानी के नाम पर दुर्दांत हिंसक जंगली कबीलों को पशुओं की हत्या जैसे घृणित कार्य बंद करने चाहिए इसके लिए सरकार मदरसों का आधुनिकीकरण करे। नयी पीढ़ी के हाथ में चाकू छुरी नहीं कलम और कंप्यूटर होना चाहिए। बलि प्रथा रोकने के लिए पहले से ही कार्य हो रहा है। बलि हो या कुर्बानी जैसा घृणित अपराध पूरी तरह प्रतिबंधित होना चाहिए, पवित्र उद्देश्य के लिए संसाधन भी पवित्र होने चाहिए। जल और वायु प्रदूषण रोकने के लिए भी कठोर नियम आवश्यक है। यदि जल जंगल जमीन और जीवन बचेगा तभी मनुष्य भी जीवित रहेगा✍️डाॅ0 हरीश मैखुरी १६ – ०६ – २०२४

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*आओ राम के नाम की शक्ति बताते हैं*

नवीं मुम्बई का मोहम्मद शफी कुर्बानी के एक बकरे को बेचने की गर्ज से मंडी लेकर जाता है

मोहम्मद शफी ने हिन्दुओ के प्रति घृणा के चलते इस बकरे पर प्रभु श्री राम का नाम RAM लिख दिया

जिहाद और घृणा की मानसिकता से बकरे पर ‘राम’ लिख कर सांकेतिक रूप से हिंन्दुओं के आराध्य प्रभु श्री राम की कुर्बानी देने का कलुषित विचार मन में पाले हुए था

चूंकि कल बकरीद है तो कल इस बकरे ने हलाल हो जाना था

इसकी मृत्य तय थी

पर कहते हैं न कि जिसके पालनहार स्वयम राघव हो उसका कोई बाल भी बांका कैसे कर सकता है

बात जंगल मे आग की तरह फैल गयी, हिन्दू संगठन मौके पर पहुंच गए, भारी विरोध हुआ

मुहम्मद शफी और बकरा दोनों को पुलिस ने कब्जे में ले लिया

बकरे के प्राण बच गये

इतना ही नहीं वो मटन की दुकान भी सील हो गयी जहाँ न जाने कितने बेजुबान मृत्यु को प्राप्त होने वाले थे

बस एक नाम ने इस बकरे की निश्चित मृत्यु को टाल दिया

*ये है प्रभु के नाम की शक्ति *

*राम से बड़ा राम का नाम*

जय श्री राम जय जय “श्री राम”