आज का पंचाग आपका राशि फल, निर्जला एकादशी १८ जून को है, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ ही दशकों धर्मांतरण के कारण ईसाई बहु संख्यक हो गये लेकिन संविधान में वे अल्पसंख्यक हैं, स्वास्थ्य : इन चीजों को भिगोकर खाने से आरोग्य रहते हैं

*श्री हरिहरौ**विजयतेतराम*

*सुप्रभातम* *आज का पञ्चाङ्ग*

   *_सोमवार, १७ जून २०२४_*

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सूर्योदय: 🌄 ०५:२७, सूर्यास्त: 🌅 ०७:१६

चन्द्रोदय: 🌝 १४:५९, चन्द्रास्त: 🌜२६:०९

अयन 🌘 उत्तरायणे(उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🎋 ग्रीष्म 

शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)

विक्रम सम्वत:👉२०८१ (काल)

मास 👉 ज्येष्ठ, पक्ष 👉 शुक्ल 

तिथि 👉 एकादशी(पूर्ण रात्रि)

नक्षत्र 👉चित्रा(१३:५० से स्वाती)

योग 👉 परिघ(२१:३५ से शिव)

प्रथम करण👉वणिज(१७:३८तक

द्वितीय करण👉विष्टि(पूर्ण रात्रि)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 मिथुन 

चंद्र 🌟 तुला 

मंगल 🌟 मेष(उदित,पूर्व,मार्गी)

बुध 🌟 मिथुन(उदित,पूर्व,वक्री)

गुरु 🌟वृष(उदय,पूर्व,मार्गी)

शुक्र🌟मिथुन(अस्त,पूर्व,मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ

 (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मीन 

केतु 🌟 कन्या  

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५० से १२:४६

अमृत काल 👉 ०६:४४ से ०८:३१

रवि योग 👉 ०५:१५ से १३:५०

विजय मुहूर्त 👉 १४:३९ से १५:३५

गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:१९ से १९:३९

सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:२० से २०:२०

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५८ से २४:३८

राहुकाल 👉 ०७:०१ से ०८:४७

राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम

यमगण्ड 👉 १०:३२ से १२:१८

होमाहुति 👉 शनि

दिशाशूल 👉 पूर्व

अग्निवास 👉 पाताल

भद्रावास 👉 पाताल (१७:३८ से) 

चन्द्र वास 👉 पश्चिम

शिववास 👉 क्रीड़ा में

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – अमृत २ – काल

३ – शुभ ४ – रोग

५ – उद्वेग ६ – चर

७ – लाभ ८ – अमृत

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – चर २ – रोग

३ – काल ४ – लाभ

५ – उद्वेग ६ – शुभ

७ – अमृत ८ – चर

नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

🚌🚈🚗⛵🛫

पश्चिम-दक्षिण (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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निर्जला एकादशी व्रत (स्मार्त), वेदमाता गायत्री जयन्ती, गृह प्रवेश मुहूर्त+विधा एवं अक्षर आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०९:०१ से १०:४४ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज १३:५० तक जन्मे शिशुओ का नाम                     

चित्रा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (रा, री) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम स्वाती नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (रू, रे, रो) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

मिथुन – २९:१० से ०७:२५

कर्क – ०७:२५ से ०९:४६

सिंह – ०९:४६ से १२:०५

कन्या – १२:०५ से १४:२३

तुला – १४:२३ से १६:४४

वृश्चिक – १६:४४ से १९:०३

धनु – १९:०३ से २१:०७

मकर – २१:०७ से २२:४८

कुम्भ – २२:४८ से २४:१४+

मीन – २४:१४+ से २५:३७+

मेष – २५:३७+ से २७:११+

वृषभ – २७:११+ से २९:०६+

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:१५ से ०७:२५

रज पञ्चक – ०७:२५ से ०९:४६

शुभ मुहूर्त – ०९:४६ से १२:०५

चोर पञ्चक – १२:०५ से १३:५०

शुभ मुहूर्त – १३:५० से १४:२३

रोग पञ्चक – १४:२३ से १६:४४

शुभ मुहूर्त – १६:४४ से १९:०३

मृत्यु पञ्चक – १९:०३ से २१:०७

अग्नि पञ्चक – २१:०७ से २२:४८

शुभ मुहूर्त – २२:४८ से २४:१४+

रज पञ्चक – २४:१४+ से २५:३७+

अग्नि पञ्चक – २५:३७+ से २७:११+

शुभ मुहूर्त – २७:११+ से २९:०६+

रज पञ्चक – २९:०६+ से २९:१६+

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज स्थिति आपके पकड़ में रहेगी लेकिन आज किसी पुरानी बात को लेकर किसी से झगड़ा होने पर मानसिक अशांति भी बनेगी। आप सभी कार्यो को देख परख कर ही करेंगे फिर भी कार्य सफलता में विलंब हो सकता है। मन के नकारात्मक भाव शारीरिक एवं मानसिक रूप से विचलित करेंगे। आपके अंदर विवेकि भरा रहेगा भले-बुरे का पूर्व ज्ञान भी कर सकेंगे इसके बावजूद मन अनैतिक कार्यो में भटक सकता है। सामाजिक क्षेत्र एवं घर मे धैर्य का परिचय दें किसी की बातों पर शीघ्र प्रतिक्रिया माहौल खराब करेगी। महिला वर्ग अतिआत्मविश्वास की भावना से ग्रस्त रहेंगी जिससे मान भंग के प्रसंग बन सकते है।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन उठापटक वाला रहेगा खर्च आज अनियंत्रित होंगे। दिन व्यावसायिक दृष्टिकोण से आपके लिए लाभदायक रहेगा। आज के दिन आप अपनी वाकपटुता और मीठी वाणी से लाभप्रद व्यापारिक सम्बंध विकसित कर सकेंगे। जो भविष्य के लिए भी हितकर रहेंगे। आज आप में वैचारिक निखार आएगा। परिजनों से सम्बन्ध मधुर रहेंगे। शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। सांसारिक सुख सुविधाओं की वस्तुएं संकलित करने पर धन खर्च होगा। विवाहोत्सुकों के लिए योग्य साथी की तलाश पूरी हो सकती है। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति होगी। भाग्योदयकारक समय रहेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आप स्वयं को अन्य लोगो से श्रेष्ठ आंकेंगे मनमाना व्यवहार करने से आस पास रहने वालों को असुविधा होगी व्यर्थ की बहस भी होगी। घर एवं बाहर आज संतुलित व्यवहार रखें लोग आपकी सही बातों को भी गलत बना कर विवाद खड़ा करेंगे। सेहत आज ठीक रहेगी लेकिन कलह-क्लेश के कारण मानसिक रूप से बेचैन रहेंगे। जिस भी कार्य का मन बनाएंगे उसमे कोई ना कोई व्यवधान आने से मन खिन्न होगा। धन संबंधित लेन-देन में स्पष्टता रखें लिख कर ही करें भूल होने की आशंका है। आकस्मिक यात्रा हो सकती है। जोड़ तोड़ की नीति से धन लाभ होगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज भी मध्यान तक का समय गरमा गरमी वाला रहेगा आपके द्वारा किये कार्य सही दिशा में नही जाएंगे। लेकिन धैर्य धारण करने पर संध्या बाद उम्मीद से अधिक लाभ कमा सकते है। आपकी दिनचर्या धीमी ही रहेगी प्रत्येक कार्य धीमी गति से करेंगे जिस कारण लोगो से आलोचना सुननी पड़ेगी। आज आय की अपेक्षा व्यय अधिक रहेगा घरेलू सुख के साधन एवं मौज शौक पर केवल दिखावे के लिए खर्च करेंगे जिससे बाद में आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी। घर मे किसी ना किसी से रूठना मनना चलता रहेगा फिर भी स्थिति किसी बुजुर्ग के दखल से गंभीर नही बनेगी। महिलाओ में आत्मबल अधिक रहेगा लेकिन ईर्ष्या के कारण कार्य मे गड़बड़ करेंगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन परिश्रम साध्य रहेगा मध्यान तक मेहनत का फल ना मिलने पर क्रोध आएगा। पारिवारिक उलझने परेशान करेंगी धन लाभ के लिए अधिक इन्तजार करना पड़ेगा सहकर्मीयो एवं परिजनों से नम्रता से व्यवहार करें अन्यथा सारा कार्य खुद ही करना पड़ सकता है। आपके व्यवहार में परिवर्तन आने से लोग आश्चर्य करेंगे। सामाजिक क्षेत्र से आय के नवीन साधन बनेंगे उच्चवर्ग के लोगो से लाभदायक जान-पहचान होगी। पारिवारिक जीवन में विषमताओं का अहसास होगा खर्च करने पर भी आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी स्वयजनो से वैर विरोध रहेगा फिरभी गंभीर परिणाम नही होंगे। संध्या बाद स्थिति पक्ष में आने लगेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन का पूर्वार्ध कुछ ख़ास नहीं रहेगा दैनिक कार्य सामान्य गति से चलते रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर विलम्ब के कारण व्यवसाय की गति धीमी रहेगी। अधूरे कार्य आज भी लटके रहने की संभावना है। मध्यान के बाद का समय कार्यो से मन भटकायेंगा। आज आप स्वयं को छोड़ इधर-उधर की बातों में ज्यादा रूचि लेंगे लेकिन किसी को बिना मांगे सलाह ना दे अन्यथा सम्मान में कमी आ सकती है दो पक्षो में सुलह कराने में भी आपकी महत्त्वपूर्ण भागीदारी रह सकती है। विरोधी शांत रहेंगे। धन लाभ आज चाह कर भी आशा के अनुकूल नहीं रहेगा। मन बहलाने के लिये अनैतिक कर्म भी कर सकते है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आप आज के दिन किसी बहुप्रतीक्षित कार्य को लेकर बेचैन रहेंगे अधूरे कार्य पूर्ण करने की जल्दी रहेगी जल्दबाजी में कुछ कार्य बिगड़ भी सकते है इसका ध्यान रखें। कार्य क्षेत्र पर अपनी गलती का गुस्सा अन्य व्यक्ति के ऊपर निकालने से गर्मा गर्मी बढ़ेगी फिर भी अधिकांश कार्य समय से थोड़ा आगे पीछे पूर्ण हो ही जायेंगे। धन लाभ की कामना संध्या के समय पूर्ण हो जायेगी लेकिन आशा से कुछ कम ही। नौकरी पेशा जातक आवश्यक कार्य से लंबे अवकाश का मन बना सकते है। धार्मिक कार्यो में भी विशेष रूचि लेंगे टोने टोटको पर प्रयोग कर सकते है। पारिवारिक वातावरण मध्यम रहेगा। अविवाहितो के लिए रिश्ते आएंगे।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन आप ना चाहकर भी व्यर्थ के झगड़ो में पड़ेंगे मन मे अहम की भावना गलती करने पर भी झुकने नही देगी। सेहत में भी उतार-चढ़ाव लगा रहेने से कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था फैलेगी। छाती में संक्रमण अथवा मासपेशियो में खिंचाव आने से पीड़ा होगी। जिम्मेदारी ठीक से नही संभालने पर बड़े लोग नाराज होंगे। धन लाभ की उम्मीद नही होने पर भी अचानक होने से आश्चर्यचकित होंगे। फिर भी खर्च आय की तुलना में अधिक ही रहेंगे। घर अथवा रिश्तेदारी मे पूजा पाठ के आयोजन में भाग ले सकते है। महिलाये जल्दबाजी में गलत निर्णय लेने से परेशान हो सकती है। लंबी यात्रा आज ना करें ठंडे प्रदार्थो से परहेज रखें।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन आपको राज समाज से लाभ के साथ-सातः मान-सम्मान भी दिलाएगा। कारोबारी लोग रुके हुए कार्य सहायता मिलने से पूर्ण कर सकेंगे। प्रतिस्पर्धा भी कम रहने से लाभ के आसार बढ़ेंगे। लेन-देन के व्यवहारों से भी निश्चित समय पर धन लाभ हो सकेगा। दाम्पत्य जीवन मे खुशियां बढ़ेंगी। सुख के साधनों की वृद्धि पर खर्च करेंगे। सामाजिक जीवन मे आज आप धनी व्यक्तियों जैसी पहचान बनाएंगे। किसी मांगलिक अथवा धार्मिक कार्यक्रम में उपस्थिति देंगे। महिला वर्ग भी आज महात्त्वकांक्षाओ की पूर्ति होने पर उत्साहित रहेंगी। जननेंद्रित संबंधित समस्या रह सकती है पानी अधिक पियें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन लाभदायक रहेगा अकारण क्रोध से बचे अन्यथा लाभ के अवसर का फायदा कम मिलेगा। आपको पुराने परिश्रम का लाभ किसी न किसी रूप में अवश्य मिलेगा। आज व्यवहारिकता से बनाये सम्बन्धों से निकट भविष्य में लाभ की संभावनाएं बनेगी। व्यवसाय से भी मध्यान तक प्रचुर मात्रा में लाभ अर्जित कर पाएंगे। परन्तु आज नए कार्यो में निवेश ना करें अन्यथा रुकावट आ सकती है। घरेलु कार्यो में व्यस्तता रहेगी सुखोपभोग की वस्तुओ पर खर्च करना पड़ेगा। सामाजिक क्षेत्र पर पारिवारिक स्थिति और ज्यादा बेहतर बनेगी। वाणी एवं व्यवहार की मधुरता किसी को भी आसानी से प्रभावित करेगी। धार्मिक क्षेत्र की यात्रा होगी। सेहत सामान्य रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज मध्यान तक व्यर्थ की भागदौड़ करनी पड़ेगी लेकिन नतीजा निराशाजनक ही रहेगा जिस भी कार्य को करने का प्रयास करेंगे उसमे ही विलंब के साथ कुछ ना कुछ कमी रहेगी। सहकर्मी भी आपके ऊपर छींटाकशी करेंगे जिससे माहौल गरम रहेगा। आपकी विचारधारा किसी से भी मेल नही खायेगी जिस कारण अन्य लोगो से तालमेल बैठाने में असुविधा रहेगी। घर मे भी भाई बंधुओ से वैचारिक मतभेद के चलते कलह होगी। किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य मे निवेश ना करें हानि की संभावना अधिक है लेकिन मेहनत में कमी ना करे संध्या से स्थिति सुधरने लगेगी रुके कार्य मे गति आने पर लाभ की संभावना भी बनेगी।  

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज का दिन शारीरिक रूप से प्रतिकूल रहेगा। आकस्मिक दुर्घटना अथवा अन्य कारणों से शारीरिक कष्ट पहुँच सकता है। हाथ पैरों में भी शिथिलता रहेगी जिससे दैनिक कार्य कुछ प्रभावित रहेंगे। व्यावसायिक कार्यो में दौड़ धूप अधिक रहेगी इसका उचित लाभ विलंब से ही मिल सकेगा। पारिवारिक वातावरण अधिक भावुक रहेगा। घर के सदस्य आपसी परेशानी को समझेंगे फिर भी अधिक बोलने एवं क्रोध की आदत से बचें। आर्थिक रूप से दिन आकस्मिक खर्च वाला रहेगा संध्या बाद स्थिति सामान्य होने लगेगी। स्त्री सुख मिलेगा।

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🌷 *निर्जला एकादशी* 🌷

➡️ *18 जून 2024 मंगलवार को निर्जला एकादशी है।*

🙏🏻 *युधिष्ठिर ने कहा : जनार्दन ! ज्येष्ठ मास के शुक्लपक्ष में जो एकादशी पड़ती हो, कृपया उसका वर्णन कीजिये ।*

🙏🏻 *भगवान श्रीकृष्ण बोले : राजन् ! इसका वर्णन परम धर्मात्मा सत्यवतीनन्दन व्यासजी करेंगे, क्योंकि ये सम्पूर्ण शास्त्रों के तत्त्वज्ञ और वेद वेदांगों के पारंगत विद्वान हैं ।*

🙏🏻 *तब वेदव्यासजी कहने लगे : दोनों ही पक्षों की एकादशियों के दिन भोजन न करे । द्वादशी के दिन स्नान आदि से पवित्र हो फूलों से भगवान केशव की पूजा करे । फिर नित्य कर्म समाप्त होने के पश्चात् पहले ब्राह्मणों को भोजन देकर अन्त में स्वयं भोजन करे । राजन् ! जननाशौच और मरणाशौच में भी एकादशी को भोजन नहीं करना चाहिए ।* 

🙏🏻 *यह सुनकर भीमसेन बोले : परम बुद्धिमान पितामह ! मेरी उत्तम बात सुनिये । राजा युधिष्ठिर, माता कुन्ती, द्रौपदी, अर्जुन, नकुल और सहदेव ये एकादशी को कभी भोजन नहीं करते तथा मुझसे भी हमेशा यही कहते हैं कि : ‘भीमसेन ! तुम भी एकादशी को न खाया करो…’ किन्तु मैं उन लोगों से यही कहता हूँ कि मुझसे भूख नहीं सही जायेगी ।*

🙏🏻 *भीमसेन की बात सुनकर व्यासजी ने कहा : यदि तुम्हें स्वर्गलोक की प्राप्ति अभीष्ट है और नरक को दूषित समझते हो तो दोनों पक्षों की एकादशीयों के दिन भोजन न करना ।*

🙏🏻 *भीमसेन बोले : महाबुद्धिमान पितामह ! मैं आपके सामने सच्ची बात कहता हूँ । एक बार भोजन करके भी मुझसे व्रत नहीं किया जा सकता, फिर उपवास करके तो मैं रह ही कैसे सकता हूँ? मेरे उदर में वृक नामक अग्नि सदा प्रज्वलित रहती है, अत: जब मैं बहुत अधिक खाता हूँ, तभी यह शांत होती है । इसलिए महामुने ! मैं वर्षभर में केवल एक ही उपवास कर सकता हूँ । जिससे स्वर्ग की प्राप्ति सुलभ हो तथा जिसके करने से मैं कल्याण का भागी हो सकूँ, ऐसा कोई एक व्रत निश्चय करके बताइये । मैं उसका यथोचित रुप से पालन करुँगा ।*

🙏🏻 *व्यासजी ने कहा : भीम ! ज्येष्ठ मास में सूर्य वृष राशि पर हो या मिथुन राशि पर, शुक्लपक्ष में जो एकादशी हो, उसका यत्नपूर्वक निर्जल व्रत करो । केवल कुल्ला या आचमन करने के लिए मुख में जल डाल सकते हो, उसको छोड़कर किसी प्रकार का जल विद्वान पुरुष मुख में न डाले, अन्यथा व्रत भंग हो जाता है । एकादशी को सूर्यौदय से लेकर दूसरे दिन के सूर्यौदय तक मनुष्य जल का त्याग करे तो यह व्रत पूर्ण होता है । तदनन्तर द्वादशी को प्रभातकाल में स्नान करके ब्राह्मणों को विधिपूर्वक जल और सुवर्ण का दान करे । इस प्रकार सब कार्य पूरा करके जितेन्द्रिय पुरुष ब्राह्मणों के साथ भोजन करे । वर्षभर में जितनी एकादशीयाँ होती हैं, उन सबका फल निर्जला एकादशी के सेवन से मनुष्य प्राप्त कर लेता है, इसमें तनिक भी सन्देह नहीं है । शंख, चक्र और गदा धारण करनेवाले भगवान केशव ने मुझसे कहा था कि: ‘यदि मानव सबको छोड़कर एकमात्र मेरी शरण में आ जाय और एकादशी को निराहार रहे तो वह सब पापों से छूट जाता है ।’*

🙏🏻 *एकादशी व्रत करनेवाले पुरुष के पास विशालकाय, विकराल आकृति और काले रंगवाले दण्ड पाशधारी भयंकर यमदूत नहीं जाते । अंतकाल में पीताम्बरधारी, सौम्य स्वभाववाले, हाथ में सुदर्शन धारण करनेवाले और मन के समान वेगशाली विष्णुदूत आखिर इस वैष्णव पुरुष को भगवान विष्णु के धाम में ले जाते हैं । अत: निर्जला एकादशी को पूर्ण यत्न करके उपवास और श्रीहरि का पूजन करो । स्त्री हो या पुरुष, यदि उसने मेरु पर्वत के बराबर भी महान पाप किया हो तो वह सब इस एकादशी व्रत के प्रभाव से भस्म हो जाता है । जो मनुष्य उस दिन जल के नियम का पालन करता है, वह पुण्य का भागी होता है । उसे एक एक प्रहर में कोटि कोटि स्वर्णमुद्रा दान करने का फल प्राप्त होता सुना गया है । मनुष्य निर्जला एकादशी के दिन स्नान, दान, जप, होम आदि जो कुछ भी करता है, वह सब अक्षय होता है, यह भगवान श्रीकृष्ण का कथन है । निर्जला एकादशी को विधिपूर्वक उत्तम रीति से उपवास करके मानव वैष्णवपद को प्राप्त कर लेता है । जो मनुष्य एकादशी के दिन अन्न खाता है, वह पाप का भोजन करता है । इस लोक में वह चाण्डाल के समान है और मरने पर दुर्गति को प्राप्त होता है ।*

🙏🏻 *जो ज्येष्ठ के शुक्लपक्ष में एकादशी को उपवास करके दान करेंगे, वे परम पद को प्राप्त होंगे । जिन्होंने एकादशी को उपवास किया है, वे ब्रह्महत्यारे, शराबी, चोर तथा गुरुद्रोही होने पर भी सब पातकों से मुक्त हो जाते हैं ।*

🙏🏻 *कुन्तीनन्दन ! ‘निर्जला एकादशी’ के दिन श्रद्धालु स्त्री पुरुषों के लिए जो विशेष दान और कर्त्तव्य विहित हैं, उन्हें सुनो: उस दिन जल में शयन करनेवाले भगवान विष्णु का पूजन और जलमयी धेनु का दान करना चाहिए अथवा प्रत्यक्ष धेनु या घृतमयी धेनु का दान उचित है । पर्याप्त दक्षिणा और भाँति भाँति के मिष्ठान्नों द्वारा यत्नपूर्वक ब्राह्मणों को सन्तुष्ट करना चाहिए । ऐसा करने से ब्राह्मण अवश्य संतुष्ट होते हैं और उनके संतुष्ट होने पर श्रीहरि मोक्ष प्रदान करते हैं । जिन्होंने शम, दम, और दान में प्रवृत हो श्रीहरि की पूजा और रात्रि में जागरण करते हुए इस ‘निर्जला एकादशी’ का व्रत किया है, उन्होंने अपने साथ ही बीती हुई सौ पीढ़ियों को और आनेवाली सौ पीढ़ियों को भगवान वासुदेव के परम धाम में पहुँचा दिया है । निर्जला एकादशी के दिन अन्न, वस्त्र, गौ, जल, शैय्या, सुन्दर आसन, कमण्डलु तथा छाता दान करने चाहिए । जो श्रेष्ठ तथा सुपात्र ब्राह्मण को जूता दान करता है, वह सोने के विमान पर बैठकर स्वर्गलोक में प्रतिष्ठित होता है । जो इस एकादशी की महिमा को भक्तिपूर्वक सुनता अथवा उसका वर्णन करता है, वह स्वर्गलोक में जाता है । चतुर्दशीयुक्त अमावस्या को सूर्यग्रहण के समय श्राद्ध करके मनुष्य जिस फल को प्राप्त करता है, वही फल इसके श्रवण से भी प्राप्त होता है । पहले दन्तधावन करके यह नियम लेना चाहिए कि : ‘मैं भगवान केशव की प्रसन्न्ता के लिए एकादशी को निराहार रहकर आचमन के सिवा दूसरे जल का भी त्याग करुँगा ।’ द्वादशी को देवेश्वर भगवान विष्णु का पूजन करना चाहिए । गन्ध, धूप, पुष्प और सुन्दर वस्त्र से विधिपूर्वक पूजन करके जल के घड़े के दान का संकल्प करते हुए निम्नांकित मंत्र का उच्चारण करे :*

🌷 *देवदेव ह्रषीकेश संसारार्णवतारक ।*

*उदकुम्भप्रदानेन नय मां परमां गतिम्॥*

🙏🏻 *‘संसारसागर से तारनेवाले हे देवदेव ह्रषीकेश ! इस जल के घड़े का दान करने से आप मुझे परम गति की प्राप्ति कराइये ।’*

🙏🏻 *भीमसेन ! ज्येष्ठ मास में शुक्लपक्ष की जो शुभ एकादशी होती है, उसका निर्जल व्रत करना चाहिए । उस दिन श्रेष्ठ ब्राह्मणों को शक्कर के साथ जल के घड़े दान करने चाहिए । ऐसा करने से मनुष्य भगवान विष्णु के समीप पहुँचकर आनन्द का अनुभव करता है । तत्पश्चात् द्वादशी को ब्राह्मण भोजन कराने के बाद स्वयं भोजन करे । जो इस प्रकार पूर्ण रुप से पापनाशिनी एकादशी का व्रत करता है, वह सब पापों से मुक्त हो आनंदमय पद को प्राप्त होता है ।*

🙏🏻 *यह सुनकर भीमसेन ने भी इस शुभ एकादशी का व्रत आरम्भ कर दिया । तबसे यह लोक मे ‘पाण्डव द्वादशी’ के नाम से विख्यात हुई*

  🌞 जय नारायण जी की सरकार 🌞

🙏🏻🌷🌼☘🌹🌸🌻🌺💐🙏🏻

पूर्वोत्तर के राज्य में कैसे बढ़ी ईसाईयों की आबादी :-

◆ नागालैंड :

98% – ईसाई (2011 में)

2% – ईसाई (1911 में)

◆ मिज़ोरम :

90% – ईसाई (2011 में)

2% – ईसाई (1911 में)

◆ मेघालय :

75% – ईसाई (2011 में)

9 % – ईसाई (1971 में)

◆ मणिपुर :

41% – ईसाई (2011 में)

12% – ईसाई (1951 में)

◆ सिक्किम :

10% – ईसाई (2011 में)

0.8% – ईसाई (1971 में)

◆ अरुणाचल प्रदेश में वर्तमान में 40% ईसाई आबादी है।

 साभार: https://x.com/epanchjanya/status/1802316606296735872?t=PNBiRLWSBlD_PMgtnq_Xgw&s=19*

यदि इन 6 चीजों को रातभर भिगोकर खाएंगे, तो बीमारियों से रहेंगे कोसों दूर* 

1. मुनक्का -इसमें मैग्नीशियम, पोटेशियम और आयरन काफी मात्रा में होते हैं। मुनक्के का नियमित सेवन कैंसर कोशिकाओं में बढ़ोतरी को रोकता है। इससे हमारी स्किन भी हेल्दी और चमकदार रहती है। एनीमिया और किडनी स्टोन के मरीजों के लिए भी मुनक्का फायदेमंद है। 

 2. काले चने -इनमें फाइबर्स और प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा होती हैं जो कब्ज दूर करने में सहायक होते है। 

 3. बादाम -इसमें मैग्नीशियम होता है जो हाई बीपी के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। कई अध्ययनों में पाया गया है कि नियमित रूप से भीगी हुई बादाम खाने से खराब कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है। 

 4. किशमिश -किशमिश में आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। भीगी हुई किशमिश को नियमित रूप से खाने से स्किन हेल्दी और चमकदार बनती है। साथ ही शरीर में आयरन की कमी भी दूर होती है। 

 5. खड़े मूंग -इनमें प्रोटीन, फाइबर और विटामिन बी भरपूर मात्रा में होता है। इनका नियमित सेवन कब्ज दूर करने में बहुत फायदेमंद होता है। इसमें पोटेशियम और मैग्नेशियम भी भरपूर मात्रा में होने की वजह से डॉक्टरस हाई बीपी के मरीजों को इसे रेगुलर खाने की सलाह देते है। 

 6. मेथीदाना -इनमें फाइबर्स भरपूर मात्रा में होते हैं जो कब्ज को दूर कर आंतों को साफ रखने में मदद करते हैं। डायबिटीज के रोगियों के लिए भी मेथीदाने फायदेमंद हैं। साथ ही इनका सेवन महिलाओं में पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को भी कम करता हैं। 

🌹🙏🌹 *जय धनंत्वरि महाराज*🌹🙏🌹 *