आज का पंचाग आपका राशि फल, चार प्रकार के पुत्र,

चार प्रकार के पुत्र

महाराजा चित्रकेतु पुत्रहीन थे,महर्षि अंगिरा का उनके यहां आना-जाना होता था।

जब भी आते राजा उनसे निवेदन करते, ‘‘महर्षि मैं पुत्रहीन हूं, इतना बड़ा राज्य कौन संभालेगा? कृपा करो एक पुत्र मिल जाए, एक पुत्र हो जाए।’’

ऋषि बहुत देर तक टालते रहे,कहते ‘‘राजन, पुत्र वाले भी उतने ही दुखी हैं जितने पुत्रहीन।’’

किन्तु पुत्र मोह बहुत प्रबल है। बहुत आग्रह किया, कहा, ‘‘ठीक है परमेश्वर कृपा करेंगे तेरे ऊपर, पुत्र पैदा होगा।’’

कुछ समय के बाद एक पुत्र पैदा हुआ, थोड़ा ही बड़ा हुआ कि राजा की दूसरी रानी ने उसे जहर देकर मरवा दिया,राजा चित्रकेतु शोक में डूबे हुए हैं। बाहर नहीं निकल रहे, महर्षि को याद कर रहे हैं।

 महर्षि बहुत देर तक इसी होनी को टालते रहे लेकिन होनी भी उतनी प्रबल,संत महात्मा भी होनी को कब तक टालते,आखिर जो भाग्य में होना है, वह होकर रहता है। संत ही है जो टाल सकता है कि आज का दिन इसको न देखना पड़े, तो टालता रहा,आज पुन: आए लेकिन देवर्षि नारद को साथ लेकर राजा बहुत परेशान है।

देवर्षि राजा को समझाते हैं कि तेरा पुत्र जहां चला गया है, वहां से लौट कर नहीं आ सकता,तेरे शोक करने से तेरी सुनवाई नहीं होने वाली, बहुत समझा रहे हैं राजा को लेकिन राजा फूट-फूट कर रो रहा था।

ऐसे समय में एक ही शिकायत होती है कि यदि लेना ही था तो दिया ही क्यों? 

आदमी भूल जाता है कि किस प्रकार से आदमी मांग कर लेता है, मन्नतें मांग कर इधर-उधर जाकर लिया है पुत्र हो, लेकिन आज उन्हें भी उलाहना दे रहा है। 

देवर्षि नारद राजा को समझाते हैं कि ‘‘पुत्र चार प्रकार के होते हैं—

1.शत्रु पुत्र – 

           पूर्वजन्म का कोई बैरी ही सताने के लिए पुत्र रुप में आता है। पिछले जन्म का बैरी, अपना बैर चुकाने के लिए पैदा होता है। उसे शत्रु पुत्र कहा जाता है।

2.ऋणानुबन्धी पुत्र –

                ऋणानुबंध का अर्थ होता है जिससे आपका ऋण बंधा या ऋण संबंध है,पूर्व जन्म का ऋणदाता अपने बकाया वसूल करने के लिए पुत्र रुप में आता है। पिछले जन्म का ऋणदाता अपना ऋण वसूल करने आता है। हिसाब-किताब पूरा होता है जीवन भर का दुःख देकर चला जाता है।

3.उदासीनपुत्र – 

              उदासीन पुत्र विवाह से पहले मां-बाप के, विवाह होते ही मां-बाप से अलग हो जाते हैं कि अब मेरी और आपकी निभ नहीं सकती,जब तक अविवाहित होता है ,माता पिता के साथ रहता है,माता पिता से न कुछ लेता है , न कुछ देता है,विवाह होने पर अलग हो जाता है।

 

4.सेवक पुत्र –

         चौथे प्रकार के पुत्र सेवक पुत्र होते हैं। माता-पिता में परमात्मा को देखने वाले सेवक पुत्र, सेवा करने वाले उनके माता-पिता की सेवा परमात्मा की सेवा, माता-पिता की सेवा हर किसी की किस्मत में नहीं है। कोई-कोई भाग्यवान है जिसको यह सेवा मिलती है उसकी साधना की यात्रा बहुत तेज गति से आगे चलती है। घर बैठे भगवान की उपासना करता है।’’ पूर्व जन्म मे किसी ने सेवा पायी होगी ,अतः इस जन्म मे पुत्र रुप में आया है।

राजन, तेरा पुत्र शत्रु पुत्र था,शत्रुता निभाने आया था चला गया। यह महर्षि अंगिरा इसी को टाल रहे थे, पर तू न माना, समझाने के बावजूद भी राजा रोए जा रहा है। मानो शोक से बाहर नहीं निकल पा रहा है। 

देवर्षि नारद कहते हैं,‘‘राजन! मैं तुझे तेरे पुत्र के दर्शन करवाता हूं।’’

सारे विधि-विधान तोड़ कर तो देवर्षि उसके मरे हुए पुत्र को लेकर आए हैं। शुभ्रत श्वेत कपड़ों में लिपटा हुआ है। राजा के सामने आकर खड़ा हो गया।

 देवर्षि कहते हैं,‘‘क्या देख रहे हो? तुम्हारे पिता हैं प्रणाम करो।’’ 

पुत्र आत्मा पहचानने से इंकार रही है। 

कौन पिता? 

किसका पिता?

 देवर्षि क्या कह रहे हो आप?

 न जाने मेरे कितने जन्म हो चुके हैं। कितने पिता! मैं नहीं जानता यह कौन है, किस-किस को पहचानूं? 

मेरे आज तक कितने मां-बाप हो चुके हैं किसको किसकी पहचान रहती है?

 मैं इस समय विशुद्ध आत्मा हूं। मेरा मां-बाप कोई नहीं। मेरा मां-बाप परमात्मा है तो शरीर के संबंध टूट गए, जितनी लाख योनियां आदमी भोग चुका है उतने ही मां-बाप। कभी चिडिय़ा में मां-बाप, कभी कौआ में मां-बाप, कभी हिरण में, कभी पेड़-पौधे इत्यादि-इत्यादि।

 राजा ने सोचा जिसके लिए मैं बिलख रहा हूं वह मुझे पहचानने से इंकार कर रहा है, पुत्र मोह केवल मन का भ्रम है। सत्य सनातन तो केवल परमात्मा हैं।

संत-महात्मा कहते हैं जो माता-पिता अपने पुत्र को, अपनी पुत्री को इस जन्म में सुसंस्कारी नहीं बनाते, उन्हें मानव धर्म का महत्व नहीं समझाते उनको संसारी बनाकर उनके शत्रु समान व्यवहार करते हैं तो अगले जन्म में उनके बच्चे शत्रु और बैरी पुत्र उनके घर पैदा होते हैं। अत: संतान का सुख भी अपने ही कर्मों के अनुसार मिलता है। जबरदस्ती, मन्नत इत्यादि से नहीं और मिल भी जाए कब तक रहे, इसका कोई भरोसा नहीं।

 

मनुष्य का वास्तविक संबंध किसी से नहीं होता। इसलिए आत्मचिंतन में रमना ही उसका परम कर्तव्य है।

भारतीय संस्कृति में माता-पिता का ऋण कोई संतान नही उतार पाती है लेकिन प्रत्येक संतान यही प्रयास करता है कि माता -पिता की हम अच्छी सेवा करें उन्हे सम्मान से जीने के लिए ऐसी व्यवस्था बनायें ,जब तक संतान स्वंय माता-पिता नहीं बन जाता है जब तक वह माता-पिता के दायित्य को नहीं समझ पाते हैं।🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻गुरूवार, ३ मार्च २०२२🌻

 

सूर्योदय: 🌄 ०६:४६

सूर्यास्त: 🌅 ०६:१७

चन्द्रोदय: 🌝 ०७:१५

चन्द्रास्त: 🌜१९:००

अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय

ऋतु: 🌿 बसंत

शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)

विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)

मास 👉 फाल्गुन 

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 प्रतिपदा (२१:३६ तक)

नक्षत्र 👉 पूर्वाभाद्रपद (२५:५६ तक)

योग 👉 साध्य (२७:२९ तक)

प्रथम करण 👉 किंस्तुघ्न (१०:१६ तक)

द्वितीय करण 👉 बव (२१:३६ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 कुम्भ 

चंद्र 🌟 मीन (२०:०३ से)

मंगल 🌟 मकर (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)

गुरु 🌟 कुंम्भ (अस्त, पश्चिम , मार्गी)

शुक्र 🌟 मकर (उदित, पूर्व, वक्री)

शनि 🌟 मकर (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 वृष

केतु 🌟 वृश्चिक

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०६ से १२:५२

अमृत काल 👉 १८:१० से १९:४३

विजय मुहूर्त 👉 १४:२५ से १५:११

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:०५ से १८:२९

निशिता मुहूर्त 👉 २४:०४ से २४:५३

राहुकाल 👉 १३:५६ से १५:२३

राहुवास 👉 दक्षिण

यमगण्ड 👉 ०६:४१ से ०८:०८

होमाहुति 👉 सूर्य

दिशाशूल 👉 दक्षिण

नक्षत्रशूल 👉 दक्षिण (२५:५६ तक)

अग्निवास 👉 पृथ्वी

चन्द्रवास 👉 पश्चिम (उत्तर २०:०३ से)

शिववास 👉 श्मशान में (२१:३६ से गौरी के साथ)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – शुभ २ – रोग

३ – उद्वेग ४ – चर

५ – लाभ ६ – अमृत

७ – काल ८ – शुभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – अमृत २ – चर

३ – रोग ४ – काल

५ – लाभ ६ – उद्वेग

७ – शुभ ८ – अमृत

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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उत्तर-पश्चिम (दही का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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फाल्गुन शुक्ल पक्ष आरम्भ, स्वामी राम कृष्ण परमहंस जयन्ती आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज २५:४६ तक जन्मे शिशुओ का नाम   

पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (से, सो, द, दि) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम उत्तराभाद्रपाद नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश: (दू) नामाक्षर रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

कुम्भ – २९:५१ से ०७:१७

मीन – ०७:१७ से ०८:४०

मेष – ०८:४० से १०:१४

वृषभ – १०:१४ से १२:०९

मिथुन – १२:०९ से १४:२४

कर्क – १४:२४ से १६:४५

सिंह – १६:४५ से १९:०४

कन्या – १९:०४ से २१:२२

तुला – २१:२२ से २३:४३

वृश्चिक – २३:४३ से २६:०२

धनु – २६:०२ से २८:०६

मकर – २८:०६ से २९:४७

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पञ्चक रहित मुहूर्त

चोर पञ्चक – ०६:४१ से ०७:१७

शुभ मुहूर्त – ०७:१७ से ०८:४०

शुभ मुहूर्त – ०८:४० से १०:१४

चोर पञ्चक – १०:१४ से १२:०९

शुभ मुहूर्त – १२:०९ से १४:२४

रोग पञ्चक – १४:२४ से १६:४५

शुभ मुहूर्त – १६:४५ से १९:०४

मृत्यु पञ्चक – १९:०४ से २१:२२

अग्नि पञ्चक – २१:२२ से २१:३६

शुभ मुहूर्त – २१:३६ से २३:४३

रज पञ्चक – २३:४३ से २५:५६

शुभ मुहूर्त – २५:५६ से २६:०२

चोर पञ्चक – २६:०२ से २८:०६

शुभ मुहूर्त – २८:०६ से २९:४७

रोग पञ्चक – २९:४७ से ३०:४०

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन भी स्थिति आपके पक्ष में ही रहेगी लेकिन आज आपका सनकी मिजाज लाभ में विलंब करेगा। परिजनों की सही बात को गलत सिद्ध करने पर झगड़ा हो सकता है कुछ देर में ही शांति स्थापित हो जाएगी। सामाजिक क्षेत्र पर पूर्व में किये गए कार्यो से सम्मान मिलेगा। समाज के सम्मानित व्यक्तियों के साथ उठना-बैठना होगा। पौराणीक धार्मिक क्षेत्रो के दर्शन की लालसा रहेगी शीघ्र ही इसके फलीभूत होने की सम्भवना है। दानपुण्य पर खर्च करेंगे। संध्या के समय मानसिक शान्ति के लिए मित्र-परिजनों के साथ बाहर घूमने की योजना बनाएंगे। परिवार में शांति रहेगी

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज के दिन भी आप सभी कार्यो को मन के अनुसार कर सकेंगे। धन संबंधित परेशानी आज नही रहेगी। दिन आपकी मनोकामनाओ की पूर्ति कराने वाला रहेगा। दिन भर मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। झगड़ो को टालने के लिए छोटी-मोटी बातों को अनदेखा करें। कार्य क्षेत्र पर परिश्रम के अनुसार लाभ मिलेने से संतोष रहेगा। नए कार्यो में निवेश कर सकते है। पैतृक संपत्ति के मामलो में उलझने रहेंगी परन्तु पारिवारिक सदस्यों में आपसी सामंजस्य बना रहेगा। किसी से बहस ना करें। 

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन मानसिक रूप से शांति वाला रहेगा। धर्म-कर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी धार्मिक अनुष्ठानों में सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे। कार्य व्यवसाय में भी आज गति आएगी। आर्थिक कामनाये अधूरी रहने पर भी खुश रहने का सफल प्रयास करेंगे। परिजनों से भावनात्मक सम्बन्ध रहने से मन को शान्ति मिलेगी। परन्तु आज प्रेम प्रसंगों से दूरी बनाना ही बेहतर रहेगा अन्यथा धन और पारिवारिक मान हानि हो सकती है। किसी मांगलिक आयोजन में जाने के कारण अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा फिर भी आनंददायक वातावरण मिलने से खर्च व्यर्थ नहीं लगेगा। स्त्री पक्ष से विशेष निकटता रहेगी।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन भी आपके लिये संघर्ष पूर्ण रहेगा। प्रातः काल से ही दिनचार्य अस्त-व्यस्त बनेगी जिसके संध्या तक ऐसे ही बने रहने से आर्थिक एवं पारिवारिक समस्या यथावत रहेगा। प्रातः काल से ही आँख में जलन अथवा अंगों में दर्द रहने से निष्क्रियता रहेगी। कार्यो में उत्साहहीनता रहने के कारण पूर्व निर्धारित योजनाएं टालनी पड़ सकती है। व्यवसायिक स्थल पर प्रतिस्पर्धा के कारण टकराव की स्थिति बनेगी। आज के दिन शालीनता के साथ व्यवहार करना फायदेमंद रहेगा। अधिक क्रोध एवं ईर्ष्या की प्रवृति धन के साथ आपसी व्यवहार बिगाड़ेगी। 

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन आपके लिये सभी कार्यो में सुअवसर दिलाएगा इसका लाभ उठाएं किसी परिजन के कारण मानसिक अशांति बनेगी फिर भी कार्य क्षेत्र पर घर की समस्याओं को ना लाये संध्या बाद स्थिति बदलने से कार्यो में बाधा आने लगेगी। आज के दिन आकस्मिक घटनाएं अधिक घटित होंगी चाहे वो आर्थिक या पारिवारिक हों। नौकरी पेशा जातको को भी मेहनत का फल मिलेगा सम्मान में वृद्धि के साथ आय के नवीन मार्ग खुलेंगे। बेरोजगारों को थोड़ा प्रयास करने पर रोजगार उपलब्ध हो सकता है। खर्च भी अचानक होने से थोड़ी असहजता रहेगी। सरकार से सहयोग मिल सकता है।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज का दिन पिछले दिनों की अपेक्षा बेहतर रूप से व्यतीत करेंगे। व्यवसाय से कम समय मे ज्यादा मुनाफा पा सकेंगे वही सार्वजिनक क्षेत्र पर भी सम्मान के अधिकारी बनेंगे। घर एवं बाहर अनुकूल वातावरण मिलने से मनचाहा कार्य करने में सुविधा रहेगी। धार्मिक गतिविधयों में जाने से मानसिक शांति मिलेगी। विदेश से आनंद दायक समाचार अथवा विदेश जाने में आ रही बाधा शांत होने से राहत मिलेगी। घर में सुख के साधनो की खरीददारी पर खर्च करेंगे। आर्थिक रूप से भी आज का दिन शुभ रहेगा कार्य व्यवसाय में मध्यान तक कोटा पूरा कर लेंगे। संध्या का समय परिवार के साथ बितायेंगे।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज भी आपकी बौद्धिक क्षमता अन्य लोगो पर प्रभाव डालने वाली रहेगी लेकिन आज आर्थिक अथवा पारिवारिक कारणों से किसी की सहायता ना चाहकर भी लेनी ही पड़ेगी। व्यवसाय से आशा अधिक रहेगी परन्तु निष्कर्ष उम्मीद के अनुसार नही होगा। आप कार्यो की भरमार रहने के कारण भ्रमित हो सकते है। परिश्रम का उचित फल नहीं मिलेगा दोपहर तक कार्यो में व्यवधान आने से निराश रहेंगे परन्तु संध्या के समय किसी परिचित के सहयोग से लाभ होने से खर्च निकल जाएंगे। सरकारी कार्य टालें। परिवार के प्रति अधिक भावनात्मक बनेंगे। आध्यात्म में रूचि होने पर भी समय नहीं दे पाएंगे। व्यसनों से दूर रहें।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आपको आज का दिन भी धैर्य से बिताने की सलाह है। घर एवं बाहर ना चाहकर भी कलह के प्रसंग बनेंगे। स्वभाव में आज चतुराई अधिक रहेगी हर किसी को स्वार्थ सिद्धि की भावना से देखने के कारण व्यवहारिकता में कमी आएगी।

दिनचर्या अस्तव्यस्त रहने से मनोकामना अधूरी रह सकती है। कार्य क्षेत्र पर किसी से ना उलझे पद एवं प्रतिष्ठा की हानि हो सकती है। सांसारिक गतिविधियों में व्यस्त रहने के कारण स्वयं की अनदेखी करनी पड़ेगी परन्तु इसके बदले धन लाभ होने से संतोष रहेगा। धर्म-कर्म में अधिक रुचि रहेगी धार्मिक कार्यक्रमो में उपस्थिति देंगे। घर के बुजुर्गो से नए अनुभव मिलेंगे। पत्नी संतान का सुख मिलेगा।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज के दिन आपको अवश्य कुछ ना कुछ लाभ देकर ही जायेगा। दिन के आरंभ से मध्यान बाद तक कार्यो को गंभीर होकर करेंगे इसके बाद का समय मौज-मस्ती में बीतेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से आज का दिन पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा। कार्य क्षेत्र से अतिरिक्त आय होगी। रुके हुए कार्य पूर्ण होने से भी धन के स्त्रोत्र बढ़ेंगे। सामाजिक गतिविधियों में पूरा समय नही दे सकेंगे। आवश्यक कार्य दिन रहते पूर्ण करलें इसके बाद जारी हानि के योग बन रहे है। पर्यटन पार्टी की योजना बनाई जाएगी। उत्तम भोजन के साथ गृहस्थ का सुख मिलेगा। परिजनों के ऊपर भी खर्च करना पड़ेगा।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन अधिक परिश्रम वाला रहेगा इसके अनुपात में उचित लाभ भी होने से संतोष में रहेंगे परन्तु धन लाभ के लिये प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। कार्यो को लेकर पहले थोड़ा आशंकित रहेंगे परन्तु एक बार सफलता मिलने पर यही क्रम दिन भर बना रहेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन बेहद खास रहेगा परन्तु उधार के व्यहार आज ना ही करें तो बेहतर रहेगा। नौकरी पेशा जातक आज भी व्यस्तता के चलते घर में आलोचना का शिकार बनेंगे। सामाजिक स्तर पर आपकी छवि निखरेगी। स्वास्थ्य थोड़ा नरम गरम रहेगा।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज आप जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसकी सफलता के प्रति आशंकित रहंगे लेकिन आज आत्मविश्वास बड़ा रहने से थोड़े से परिश्रम से सफलता पा लेंगे। आज आप आत्मनिर्भर होकर कार्य करना ज्यादा पसंद करेंगे किसी का दखल देना अखरेगा। बहुप्रतीक्षित अतिमहत्त्वपूर्ण कार्य पूरा होगा। धन लाभ रुक-रुक कर होता रहेगा। घर में सुख के साधनों की खरीददारी की योजना बनेगी। नए सम्बन्ध बनने से अतिरिक्त आय के मार्ग भी खुलेंगे। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति से आज पीछे नहीं हटेंगे। 

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज दोपहर बाद से लाभ की स्थिति बनने लगेगी। लेकिन आज आप कार्यो के प्रति ज्यादा गंभीर नही रहेंगे दोपहर तक धैर्य से काम लेने की आवश्यकता है आज व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा रहने पर संध्या के समय धन की आमद आवश्यकता अनुसार हो जाएगी। आज व्यवसाय में जोखिम लेने से ना डरे धन प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ेंगी। परन्तु नौकरी पेशा जातक अधिकारी वर्ग से सतर्क रहें। धर्म-कर्म पर खर्च होगा। व्यावसायिक यात्रा से भी धन लाभ होने की सम्भवना है यात्रा में सतर्क भी रहें। पैतृक संपत्ति सम्बंधित कार्य आज भी अधूरे रहने से हताश होंगे। सरकारी कार्य में समय एवं धन व्यर्थ होगा। परिजनों की भावना समझने का प्रयास करें।

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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏