अंधी हो रही है हिमालयी भेड़ें, एनजीटी की फटकार के बावजूद नहीं चेता वन विभाग

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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने हिमालयन ब्लू शीप (भरल) की आंखें बाहर निकल आने और ऐसी दो भेड़ों के मृत मिलने के मामले उत्तराखंड सरकार को फटकार लगाई है। एनजीटी ने कहा है कि उत्तराखंड सरकार भरल के अंधेपन की रोकथाम में असफल साबित हुई है। इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायाधीश जे रहीम की पीठ ने भरल के उपचार के लिए उत्तराखंड सरकार व राज्य जैवविविधता बोर्ड को संयुक्त रूप से एक्शन प्लान बनाने को कहा है। साथ ही हीलाहवाली करने पर संबंधित अधिकारियों पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी है। यह वसूली अधिकारियों के वेतन से की जाएगी।

एनजीटी के न्यायाधीश जे रहीम ने इसी गुरुवार को हुई सुनवाई में कहा कि यह प्रकरण सितंबर में संज्ञान में आया था। गंगोत्री नेशनल पार्क के उच्च हिमालयी क्षेत्र में बीएसएफ अधिकारियों के दल ने देखा था कि भरल की आंखें बाहर लटक रही हैं और उनसे खून भी टपक रहा है। अंधेपन के कारण खाई में गिरने से दो भरल मृत भी पाई गई थीं। संबंधित अधिकारियों ने इसकी सूचना वन विभाग को भी दे दी थी। इसके बाद भी अब तक राज्य सरकार भरल के अंधेपन की रोकथाम के लिए ठोस उपाय नहीं कर पाई है।