*अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।
आपको सपरिवार
हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।
. ।। *ॐ* ।।
.🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩
📜««« *आज का पंचांग*»»»📜
कलियुगाब्द……………………5125
विक्रम संवत्…………………..2080
शक संवत्……………………..1945
मास………………………………चैत्र
पक्ष……………………………..शुक्ल
तिथी…………………………..पूर्णिमा
प्रातः 10.02 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
रवि………………………….उत्तरायण
सूर्योदय…………प्रातः 06.15.50 पर
सूर्यास्त…………संध्या 06.44.06 पर
सूर्य राशि…………………………मीन
चन्द्र राशि……………………….कन्या
गुरु राशि…………………………मीन
नक्षत्र…………………………….हस्त
दोप 12.34 पर्यंत पश्चात चित्रा
योग…………………………..व्याघात
रात्रि 02.25 पर्यंत पश्चात हर्षण
करण……………………………..बव
प्रातः 10.02 पर्यंत पश्चात बालव
ऋतु……………………..(मधु) वसंत
दिन…………………………..गुरुवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :–*
06 अप्रैल सन 2023 ईस्वी ।
⚜️ *तिथि विशेष :*
🚩 *चैत्र शुक्ल पूर्णिमा (श्री हनुमान प्रकटोत्सव) :*
हनुमान जी को शिवजी का ग्यारहवां अवतार माना जाता है। हिन्दू मान्यतानुसार रुद्रावतार भगवान हनुमान माता अंजनी और वानर राज केसरी के पुत्र हैं। चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही हनुमान प्रकटोत्सव के रूप में मानते हैं। हनुमान जी के जन्म का वर्णन वायु- पुराण में किया गया है।
हनुमान जयंती के दिन प्रात: काल सभी नित्य कर्मों से निवृत्त होने के बाद हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। पूजा में ब्रह्मचर्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हनुमान जी की पूजा में चन्दन, केसरी, सिन्दूर, लाल कपड़े और भोग हेतु लड्डू अथवा बूंदी रखने की परंपरा है।
प्रेत आदि की बाधा निवृति हेतु हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
ॐ दक्षिणमुखाय पच्चमुख हनुमते करालबदनाय
नारसिंहाय ॐ हां हीं हूं हौं हः सकलभीतप्रेतदमनाय स्वाहाः।
प्रनवउं पवनकुमार खल बन पावक ग्यानधन।
जासु हृदय आगार बसिंह राम सर चाप घर।।
शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए हनुमान जी के इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।
अपनी रक्षा और यथेष्ट लाभ हेतु इस मंत्र का जाप करना चाहिए
अज्जनागर्भ सम्भूत कपीन्द्र सचिवोत्तम।
रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमन् रक्ष सर्वदा।।
⚜️ *अभिजीत मुहूर्त :-*
प्रातः 12.04 से 12.54 तक ।
👁🗨 *राहुकाल :-*
दोपहर 02.02 से 03.34 तक ।
🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*
*मीन*
05:12:01 06:42:04
*मेष*
06:42:04 08:23:56
*वृषभ*
08:23:56 10:22:35
*मिथुन*
10:22:35 12:36:17
*कर्क*
12:36:17 14:52:27
*सिंह*
14:52:27 17:04:16
*कन्या*
17:04:16 19:14:55
*तुला*
19:14:55 21:29:33
*वृश्चिक*
21:29:33 23:45:43
*धनु*
23:45:43 25:51:20
*मकर*
25:51:20 27:38:28
*कुम्भ*
27:38:28 29:12:01
🚦 *दिशाशूल :-*
दक्षिणदिशा – यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।
☸ शुभ अंक…………………..6
🔯 शुभ रंग………………….पीला
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 10.55 से 12.28 तक चंचल
दोप. 12.28 से 02.01 तक लाभ
दोप. 02.01 से 03.33 तक अमृत
सायं 05.06 से 06.39 तक शुभ
सायं 06.39 से 08.06 तक अमृत
रात्रि 08.06 से 09.33 तक चंचल
📿 *आज का मंत्र :-*
|। ॐ ऐं भ्रीम हनुमते श्री राम दूताय नम: ।|
📢 *सुभाषितानि :-*
नाहं वसामि वैकुंठे योगिनांहृदये न च।
मद्भक्ता यत्र गायंति यत्र तिष्ठामि नारद॥
अर्थात :
हे नारद! मैं न तो बैकुंठ में ही रहता हूँ और न योगियों के हृदय में ही रहता हूँ। मैं तो वहीं रहता हूँ, जहाँ प्रेमाकुल होकर मेरे भक्त मेरे नाम का कीर्तन किया करते हैं।
🍃 *आरोग्यं :-*
*गिलोय के औषधीय गुण : -*
*4. खांसी -*
अगर कई दिनों से आपकी खांसी ठीक नहीं हो रही है तो गिलोय का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। गिलोय में एंटीएलर्जिक गुण होने के कारण यह खांसी से जल्दी आराम दिलाती है। खांसी दूर करने के लिए गिलोय के काढ़े का सेवन करें।
खांसी से आराम पाने के लिए गिलोय का काढ़ा बनाकर शहद के साथ उसका सेवन करें। इसे दिन में दो बार खाने के बाद लेना ज्यादा फायदेमंद रहता है।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐐 *राशि फलादेश मेष :-*
(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)
वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। जरा सी लापरवाही से अधिक हानि हो सकती है। पुराना रोग बाधा का कारण बन सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। अपेक्षित कार्यों में विलंब हो सकता है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। पार्टनरों से मतभेद संभव है। व्यवसाय ठीक चलेगा। समय नेष्ट है। नए कार्य में लाभ मिलेगा। नौकरी और व्यापार के लिए समय अच्छा रहेगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। अनहोनी की आशंका रहेगी। शत्रुभय रहेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। रुके हुए कार्यों में गति आएगी। घर-बाहर सभी अपेक्षित कार्य पूर्ण होंगे। दूसरों के कार्य की जवाबदारी न लें।
👫🏻 *राशि फलादेश मिथुन :-*
(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)
प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। जीवनसाथी से अनबन हो सकती है। स्थायी संपत्ति खरीदने-बेचने की योजना बन सकती है। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। छोटे भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। संचित कोष में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
नौकरी और व्यापार में लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यापार में अधिक लाभ होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। लेन-देन में सावधानी रखें। शत्रुओं का पराभव होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। भय रहेगा। प्रमाद न करें।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
पारिवारिक समस्याओं में इजाफा होगा। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। भागदौड़ रहेगी। दूर से बुरी खबर मिल सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। बनते कामों में बाधा हो सकती है। दूसरों से अपेक्षा न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। मातहतों से अनबन हो सकती है। कुसंगति से हानि होगी।
🙎🏻♀️ *राशि फलादेश कन्या :-*
(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
पुराने किए गए प्रयासों का लाभ मिलना प्रारंभ होगा। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। किसी बड़े काम करने की योजना बनेगी। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। भाइयों का सहयोग मिलेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। सुख के साधन जुटेंगे। पराक्रम बढ़ेगा। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। किसी पारिवारिक आयोजन का हिस्सा बन सकते हैं। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। शत्रु परास्त होंगे।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगा। आय में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)
यात्रा में सावधानी रखें। जल्दबाजी से हानि होगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों के कार्य में दखल न दें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। आय में निश्चितता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। लाभ बढ़ेगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)
कोई बड़ी बाधा आ सकती है। राजभय रहेगा। जल्दबाजी से काम बिगड़ेंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। व्यापार में वृद्धि होगी।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
नई योजना बनेगी जिसका लाभ तुरंत नहीं मिलेगा। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। चिंता तथा तनाव हावी रहेंगे। सभी तरफ से सफलता प्राप्त होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। आय बढ़ेगी। घर में प्रसन्नता रहेगी। ऐश्वर्य पर व्यय हो सकता है।
🐋 *राशि फलादेश मीन :-*
(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। जल्दबाजी न करें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है। विवाद को बढ़ावा न दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। भाइयों से कहासुनी हो सकती है। आय बनी रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। नौकरी में सहकर्मी विरोध कर सकते हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें, धैर्य रखें।
*आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। *शुभम भवतु* ।।
🇮🇳🇮*भारत माता की जय*
🚩हनुमान जयंती आज
राम भक्त हनुमान की जयंती हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। उनका जन्म चैत्र पूर्णिमा दिन मंगलवार को हुआ था।
उत्तर भारत में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जाती है।
05 अप्रैल दिन बुधवार को सुबह 09:19 बजे से चैत्र पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो गयी ।
राम भक्त हनुमान की जयंती हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। हालांकि देश के कुछ हिस्सों में अन्य तिथियों पर भी मनाते हैं। उत्तर भारत में चैत्र पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, वीर हनुमान जी रुद्रावतार हैं। उनका जन्म चैत्र पूर्णिमा दिन मंगलवार को हुआ था। उनके पिता वानरराज केसरी और माता का नाम अंजना है। हनुमान जी का जन्म भगवान राम की सेवा के लिए हुआ। उन्होंने सीता माता की खोज और लंका विजय करने में प्रभु राम की मदद की।
हनुमान जयंती की तिथि
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हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस साल 05 अप्रैल दिन बुधवार को सुबह 09:19 बजे से चैत्र पूर्णिमा तिथि प्रारंभ हो जाएगी और 06 अप्रैल दिन गुरुवार को सुबह 10:04 बजे इसका समापन होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर हनुमान जयंती 06 अप्रैल गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन व्रत रखा जाएगा और वीर बजरंगबली की पूजा की जाएगी।
हनुमान जयंती का पूजा मुहूर्त
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06 अप्रैल को हनुमान जयंती के दिन आप सुबह में पूजा कर सकते हैं। सुबह 06 बजकर 06 मिनट से शुभ उत्तम मुहूर्त बन रहा है, जो सुबह 07 बजकर 40 मिनट तक है। उसके बाद दोपहर में 12 बजकर 24 मिनट से दोपहर 01 बजकर 58 मिनट तक लाभ उन्नति मुहूर्त है।
जो लोग शाम के समय में हनुमान जयंती की पूजा करना चाहते हैं, वे शाम को 05 बजकर 07 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट के बीच कर सकते हैं। हनुमान जयंती को शाम 05:07 बजे से लेकर शाम 06:42 बजे तक शुभ उत्तम मुहूर्त है। वहीं, शाम 06 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 07 मिनट तक अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त है।
हनुमान जयंती का शुभ समय
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हनुमान जयंती के दिन अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक है। यह उस दिन का शुभ समय है। इस दिन हस्त और चित्रा नक्षत्र में हनुमान जयंती मनाई जाएगी।
हनुमान जयंती की पूजा
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06 अप्रैल को हनुमान जयंती की पूजा शुभ उत्तम मुहूर्त में करें या फिर अपने सुविधानुसार मुहूर्त में भी पूजा कर सकते हैं। आज हनुमान जी को लाल पुष्प, सिंदूर, अक्षत्, पान का बीड़ा, मोतीचूर के लड्डू, लाल लंगोट आदि अर्पित करें। फिर हनुमान चालीस का पाठ करें। हनुमान मंत्र का जाप भी कल्याणकारी होगा। उसके बाद हनुमान जी की आरती करें। बजरंगबली के आशीर्वाद से आपके पूरे परिवार की उन्नति होगी। संकट मिटेंगे और दोष दूर होंगे।
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*ज्योतिष आचार्य पांडुरंगरावशास्त्री*