सनातन धर्म की ब्रह्मांडीय गूंज : क्या आप जानते हैं यह गूंज कितनी दूर तक फैली है?

सनातन धर्म की ब्रह्मांडीय गूंज : क्या आप जानते हैं यह गूंज कितनी दूर तक फैली है?

🔱 बाईं ओर हैं हमारे महादेव शिव — संहारक, योगी, नंदी पर सवार वह देव जो सृष्टि के चक्र को संतुलित रखते हैं।

🗾 दाईं ओर हैं जापान के दैजिजैतन (大自在天) — जिन्हें वहां विनाश और ब्रह्मांडीय शक्ति के स्वामी के रूप में पूजा जाता है, और जो एक बैल पर सवार दिखते हैं।

🌐 क्या है संबंध?

“दैजिजैतन” शब्द जापानी बौद्ध धर्म में संस्कृत के “महेश्वर” या “ईश्वर” शब्द से निकला है, जो भगवान शिव के ही नाम हैं।

प्राचीन ग्रंथों जैसे महावैरोचन तंत्र में शिव को महेश्वर के रूप में सम्मान दिया गया है। जब बौद्ध धर्म भारत से चीन, कोरिया होते हुए जापान पहुंचा, तो कई सनातनी देवता वहां की संस्कृति में समाहित हो गए — पर उनकी आत्मा बनी रही।

📜 प्रमाण क्या है?

• प्राचीन जापानी मंडलों में दैजिजैतन को एक सफेद बैल पर बैठे हुए दिखाया गया है — जो शिव की ही छवि है।

• गुप्तकाल (4वीं–6ठी शताब्दी) के योग और तंत्र पर आधारित सिद्धांत चीन और कोरिया के रास्ते जापान पहुंचे और वहीं के बौद्ध दर्शन में रच-बस गए।

यह कोई संयोग नहीं है — यह सनातन धर्म की मौन लेकिन गूंजती हुई विरासत है, जो क्योटो और नारा के मंदिरों में आज भी जीवित है।

🌍 ॐ इतिएकाक्षरंम् ब्रह्म : अर्थात ॐ यह एक अक्षर ब्रह्म है और इस एक अक्षर ॐ के उच्चारण मात्र से आप भी ब्रह्म मय हो जाते हैं। क्योंकि ओम् शब्द ब्रह्मांड की गति का नाद है अर्थात काल की गति का द्योतक है। जब आप ओम् का उच्चारण करते हैं तो आप स्वयं भी ब्रह्ममय हो जाते हैं ब्रह्म के साथ आपका तादात्म्य सायुज्य हो जाता है ओम्ं शब्द के उच्चारण मात्र से आप आरोग्य प्राप्त करते हैं आपकी आयु लंबी होती ॐ शब्द में इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन न्यूट्रॉन एक साथ आवेशित ऊर्जा के अदृष्य स्वर नाद लहरियों में बंधा है। यह शब्द हमारे ऋषि मुनियों की दिव्य दृष्टि से इस संसार को प्राप्त हुआ है वे बड़े शोध से जान सके कि ॐ ब्रहमांड में गति का संचार कर्ता है। हमारे मस्तिष्क के आवेशित उर्जा के उत्तक (नयूरोन्स) हमारे शरीर के संचार कर्ता हैं। इन नयूरोन्स और ॐ की संरचना लगभग एक जैसी ही होती है और एक जैसा ही कार्य करती हैं उसी को शास्त्रों में ‘यत्पिंडे तत् ब्रह्मांडे’ अर्थात जैसा हमारा एक उत्तक और शरीर नामक पिंड है वैसा ही ब्रहमांड कहा गया है। ✍️डाॅ0 हरीश मैखुरी