मुख्यमंत्री धामी का कड़ा निर्देश : योजनाओं के क्रियान्वयन में विलम्ब होने पर तय होगी अधिकारियों की जिम्मेदारी, राजभवन में वसंतोत्सव का राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह एवं मुख्यमंत्री ने किया उद्घाटन आकर्षण का केंद्र बनी नक्षत्र वाटिका

*योजनाओं के क्रियान्वयन में विलम्ब होने पर तय होगी अधिकारियों की जिम्मेदारी।*

*आपसी समन्वय से हो समस्याओं का समाधान।*

*विधायकगणों द्वारा अपनी विधानसभा क्षेत्रों की जो समस्याएं रखी गई, अधिकारी उनका प्राथमिकता के आधार पर समाधान करें।*

*मुख्यमंत्री ने की गढ़वाल लोकसभा की सभी विधानसभाओं की कार्यप्रगति की समीक्षा।*

प्रदेश के समग्र विकास के लिए राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए। विधायकगणों द्वारा अपने क्षेत्रों की जिन जन समस्याओं को रखा जा रहा है, अधिकारी उनको गंभीरता से लेते हुए जल्द समाधान करें। विभाग कार्यों को एक दूसरे पर थोपे जाने के बजाय उनके निस्तारण पर ध्यान दें। विभागीय अधिकारी आपसी समन्वय के साथ समस्याओं का समाधान निकालें। दीर्घकालिक एवं अल्पकालिक योजनाओं के अलग-अलग रोस्टर बनाये जाएं। जिन जन समस्याओं का समाधान जल्दी हो सकता है, उन्हें शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में विधानसभा क्षेत्र थराली, कर्णप्रयाग, केदारनाथ, रूद्रप्रयाग, देवप्रयाग, यमकेश्वर, श्रीनगर, चौबट्टाखाल, नरेन्द्रनगर, पौड़ी, लैंसडाउन एवं रामनगर में संचालित विकासपरक कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को उक्त निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं को पूर्ण करने में लेटलतीफी होने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। सभी कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण किये जाएं। कार्यों के प्रति किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी 05 साल या उससे अधिक समय से एक ही स्थान पर जमे हैं, उनकी लिस्ट बनाई जाए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि गणों द्वारा विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न घोषणाओं के लिए जो भी प्रस्ताव आते हैं, उनका पहले भली भांति परीक्षण कर लिया जाए। यह भी स्पष्ट किया जाए कि यह घोषणा कितनी समयावधि में पूर्ण हो जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में एक नई कार्य संस्कृति लागू करनी है। जन समस्याओं के शीघ्र समाधान के लिए अधिकारी संवादहीनता को दूर कर आपसी समन्वय बढ़ाकर कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विधायकगणों द्वारा अपनी विधानसभा क्षेत्रों की जिन जन समस्याओं को बैठक में रखा गया है, सभी विभागीय सचिव उनको प्राथमिकता में लेते हुए यथाशीघ्र समाधान करें। जल जीवन मिशन के कार्यों में और तेजी लाई जाए। निर्धारित प्रक्रिया के तहत टोंगिया ग्रामों को राजस्व ग्राम में परिवर्तित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राजस्व विभाग एवं समाज कल्याण विभाग की मीटिंग की जाए। राज्य के पर्वतीय जनपदों में पर्यटन को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य सुविधाओं एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए जो घोषणाएं की गई हैं, उनको निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया जाए।

बैठक में विधायकगणों द्वारा सड़कों के निर्माण एवं सुधारीकरण, नहरों के मरमत्तीकरण, बाढ़ नियंत्रण से संबिधत कार्य, सीवरेज एवं ड्रेनेज सिस्टम को मजबूत करने, पर्यटक स्थलों के विकास एवं एवं विधानसभा क्षेत्रों की अन्य समस्याओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकगणों द्वारा जो भी जन समस्याएं रखी गई हैं, उनका हर संभव समाधान किया जायेगा।

बैठक में कैबिनेट मंत्री श्री सतपाल महाराज, श्री सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, विधायक श्री दीवान सिंह बिष्ट, श्री अनिल नौटियाल, श्री भूपाल राम टम्टा, श्रीमती शैलारानी रावत, श्री भरत सिंह चौधरी, श्रीमती रेनू बिष्ट, श्री राजकुमार पोरी, श्री दलीप सिंह रावत, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री नितेश झा, डॉ. बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम श्री एच.सी. सेमवाल, श्री एस. एन पाण्डेय, अपर सचिव श्रीमती रंजना राजगुरू, डॉ. अहमद इकबाल, श्री योगेन्द्र यादव, श्री ललित मोहन रयाल, श्री बंशीधर तिवारी, श्री नवनीत पाण्डे, श्री जगदीश चन्द्र काण्डपाल एवं विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

*राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने वसन्तोत्सव-2023 का शुभारम्भ किया।*

*राजभवन देहरादून 03 मार्च, 2023*

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह(से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को राजभवन के प्रागंण में वसन्तोत्सव-2023 का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी, प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती गीता धामी भी मौजूद रहे।

राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने पुष्पों की लड़ी काटकर एवं शांति के प्रतीक रंगीन गुब्बारों को हवा में छोड़कर वसंतोत्सव का विधिवत उद्घाटन किया। राज्यपाल ने राजभवन परिसर स्थित नक्षत्र वाटिका पर बनी लघु फिल्म का विमोचन किया। इस अवसर पर डाक विभाग द्वारा इस वर्ष के लिये चयनित तिमरू के विशेष डाक आवरण का विमोचन किया गया साथ ही डाक टिकट प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर उद्यान विभाग द्वारा किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए टोल फ्री किसान हेल्प लाइन नम्बर 18003135685 लांच किया गया। कार्यक्रम में उद्यान विभाग की पुस्तक ‘शुष्क पुष्प व्यावसायिक’ हस्त पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने अपना फैमली फॉर्मर सदस्यता का लोकार्पण भी किया।

आज प्रथम दिवस के कार्यक्रमों में आईएमए के बैंड ने अपनी मधुर धुनों से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। वहीं गोरखा राइफल्स के जवानों द्वारा किए गए खुखरी नृत्य का लोगों ने खूब लुत्फ उठाया। देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के छात्रों ने योगा के बेहतरीन करतब दिखाये। इस दौरान आईटीबीपी के जवानों ने कराटे का अदभुत प्रदर्शन कर दर्शकों को रोमांचित किया।

राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री ने वसंतोत्सव की प्रदर्शनी में लगाये गये विभिन्न स्टॉलों का भ्रमण किया। उन्होंने पेन्टिंग प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले बच्चों से मुलाकात की। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष तीन दिवसीय वसंतोत्सव को लेकर लोगों में अलग उत्साह देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष प्रतियोगिता में 200 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों/स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रतिभाग किया जिनकी संख्या इस वर्ष बढ़कर 535 हो गयी है। उन्होंने कहा कि इस महोत्सव के जरिए उत्तराखण्ड कृषि एवं उद्यानीकरण के उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।

राज्यपाल ने कहा कि यहां के पुष्पों में अलग ही सौंदर्य और दिव्यता है जो उत्तराखण्ड को आने वाले समय में पुष्प प्रदेश बनाने की ओर ले जायेगा। उन्होंने कहा कि पुष्पों से आने वाला समय खुशहाली और समृद्धि का होने वाला है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री की सराहना की और कहा कि प्रदेश के लिए उन्होंने जो योजनाएं बनायी हैं और उसमें प्रत्येक की भागीदारी सुनिश्चित की है जिससे इस क्षेत्र में एक नई क्रांति आना तय है। उन्होंने इस पुष्प प्रदर्शनी में अधिक से अधिक लोगों से प्रतिभाग की अपील की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वसंतोत्सव की सभी को बधाई दी और कहा कि वसंतोत्सव लोगों को प्रकृति से जुड़ने का भी संदेश देता है और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के उत्सव से कृषि, उद्यान सहित विभिन्न क्षेत्रों में अच्छा कार्य करने वाले लोगों को अपने उत्पाद दिखाने का अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि वसन्तोत्सव के माध्यम से किसानों को भी प्रोत्साहन के साथ-साथ स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।

वसंतोत्सव के आयोजन में कट फ्लावर(पारम्परिक) प्रतियोगिता में 698 प्रतिभागी, कट फ्लावर (गैर पारम्परिक) श्रेणी में 191 प्रतिभागी, पॉटेड प्लान्ट श्रेणी(प्राइवेट नर्सरी) में 22, लूज फ्लावर श्रेणी में 42, पॉटेड प्लान्ट(गैर पुष्प) श्रेणी में 17, कैक्टस एवं सेकुलेंट श्रेणी में 13, हैंगिंग पॉट श्रेणी में 27, ऑन स्पॉट फोटोग्राफी में 22, लॉन श्रेणी में 17, फ्रेश पेटल रंगोली में 08 और पेंटिंग प्रतियोगिता में 946 प्रतिभागियों द्वारा हिस्सा लिया गया है। इस वर्ष प्रारंभ की गई नवीन प्रतियोगिताओं यथा छतों पर सब्जी उत्पादन की श्रेणी में 12, बोनसाई की श्रेणी में 23, टेरेरियम की क्षेणी में 7 एवं शहद की श्रेणी में 33 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। आज के आयोजन में कुल 16 श्रेणियों की 62 उपश्रेणियों में कुल 2076 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इन प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार निर्णायक मण्डल के निर्णय के उपरान्त दिनांक 05 मार्च, 2023 को प्रदान किये जायेगे।

राजभवन परिसर में राजकीय व निजी संस्थानों/व्यक्तियों द्वारा कुल 413 स्टॉल लगाये गये जिसमें विभिन्न राजकीय संस्थानों द्वारा 18 स्टॉल पर अपनी गतिविधियों का प्रदर्शन किया गया एवं 395 व्यावसायिक प्रतिष्ठानों/स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपने स्टॉल भी लगाए गए। जिसमें औद्यानिक यन्त्र, बायोफर्टिलाइजर, जैविक कीटव्याधि नियंत्रक उत्पादन करने वाली विभिन्न फर्मों एवं औद्यानिक गतिविधियों से जुड़े गैर सरकारी संस्थाओं/स्वयं सहायता समूहों/स्थानीय उत्पादक संगठनों द्वारा अपने कार्यक्रमों/उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। रेड क्रॉस सोसाइटी द्वारा निशक्त जनों के सहायतार्थ व्हील चेयर की सुविधा उपलब्ध करायी गई।

पुष्प उत्पादकों व पुष्प क्रेताओं के मध्य सीधे सामन्जस्य स्थापित करने हेतु उत्तराखण्ड औद्यानिक बोर्ड द्वारा क्रेता-विक्रेता सभा का आयोजन भी इस दौरान किया गया। आज के कार्यक्रम में प्रदेश के समस्त जनपदों से किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया एवं समस्त जनपदों से विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ ही आमजन द्वारा भी बढ़-चढ़ कर भागेदारी की गयी। वसंतोत्सव में आमजन के खान-पान की सुविधा के लिए विभाग द्वारा गतवर्षों की भांति आई0एच0एम0 एवं जी0आई0एच0एम0 एवं अन्य संस्थाओं के द्वारा फूड कोर्ट में विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट, पौष्टिक, गुणवत्तायुक्त व्यंजनों के पैक्ड फूड की व्यवस्था की गयी, जिसमें हाईजीन एवं सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा गया।

इस अवसर पर सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण डा. बीवीआरसी पुरूषोत्तम, संयुक्त सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण सुश्री महिमा, निदेशक उद्यान डा0 एच0एस0 बवेजा, निदेशक सगंध पादप केन्द्र डॉ. निपेन्द्र चौहान, निदेशक रेशम ए.के.चौहान, अपर निदेशक डॉ.जे.सी.केम, संयुक्त निदेशक डॉ. रतन कुमार, डॉ.सुरेश राम, डॉ.बृजेश गुप्ता सहित उद्यान विभाग के अधिकारी व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।