*मुख्यमंत्री ने सेना के जवानों के साथ मनाई दीपावली*
*सरहदों पर सेना के सुरक्षा कवच के कारण ही रोशन होते है दीपावली के दीपक- सीएम*
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को लैंसडाउन छावनी में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए सैनिकों को दीपावली की बधाई दी। इस अवसर पर उन्होंने वार मेमोरियल पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि सैनिक घर से दूर रहकर देश की सुरक्षा में तैनात रहते हैं। ऐसे में उनके बीच आकर दीपावली का त्योहार मनाना सौभाग्य की बात है। इस दौरान उन्होंने जवानों, वीर नारियों और बच्चों से भी भेंट की।
मुख्यमंत्री ने सेना के अधिकारियों, जवानों और उनके परिजनों को सम्बोधित करते हुए कहा कि दीपावली के शुभ अवसर पर आप सबके बीच में आकर मैं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। कहा जाता है कि पर्व वहीं होता है, जहाँ परिवार होता है। सब मिलकर उत्सव मनाते हैं। पर्व के दिन अपने परिवार से दूर रहना अपने आप में कर्तव्यनिष्ठा की पराकाष्ठा है। यदि पूरे देश के लोग दीपावली मना रहे हैं वह निश्चित तौर पर सुरक्षित हैं, तो हमारे जवानों की बदौलत हैं, जो 24 घंटे देश की सीमा पर तैनात हैं। इस महत्वपूर्ण पर्व पर अपने परिवार से दूर रहने के बावजूद आपके उत्साह में कोई कमी नहीं है। मुझे जवानों की बीच रहकर अपार खुशी हो रही है। आप सभी का उत्साह देखकर मेरे अंदर भी नई ऊर्जा का संचार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के बलिदानी सैनिकों के परिजनों को मिलने वाली 10 लाख रुपए की धनराशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपए करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बार की दीपावली बहुत विशेष है, क्योंकि 500 वर्षों से हम प्रतीक्षा कर रहे थे कि भगवान राम अपने घर में आए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले के समय में हम बड़ी संख्या में विदेश से हथियार खरीदते थे, लेकिन आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और आज 200 से भी अधिक सैन्य उपकरण हमारे ही देश में बनकर तैयार हो रहे हैं। जिसका इस्तेमाल भारत की सेना द्वारा किया जाता है।
ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी ने कहा कि राज्य की कई कल्याणकारी योजनाएं सैनिकों के हित को ध्यान में रखते हुए बनी है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने राज्य सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार द्वारा देश के लिए बलिदान देने वाले सैनिकों के आश्रितो को दी जाने वाली धनराशि 10 लाख से बढ़कर 50 लाख रुपए कर दी गई है।
इस अवसर पर विधायक लैंसडाउन महंत दिलीप रावत, उत्तराखण्ड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, ब्रिगेडियर विनोद सिंह नेगी, जिलाधिकारी डॉ०आशीष चौहान, एसएसपी लोकेश्वर सिंह, सेना के अधिकारी और जवान उपस्थिति थे।
।। *🕉* ।। 🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞
📜««« *आज का पंचांग* »»»🌞🚩
कलियुगाब्द…………………..5126
विक्रम संवत्………………….2081
शक संवत्…………………….1946
मास…………………………..कार्तिक
पक्ष……………………………..कृष्ण
तिथी……………………….अमावस्या
संध्या 06.14 पर्यंत पश्चात प्रतिपदा
रवि……………………….दक्षिणायन
सूर्योदय…….प्रातः 06.31.10 पर
सूर्यास्त……..संध्या 05.49.42 पर
सूर्य राशि………………………..तुला
चन्द्र राशि……………………….तुला
गुरु राशि……………………….वृषभ
नक्षत्र…………………………..स्वाति
रात्रि 03.23 पर्यंत पश्चात विशाखा
योग………………………………प्रीती
प्रातः 10.38 पर्यंत पश्चात आयुष्मान
करण……………………………..नाग
संध्या 06.14 पर्यंत पश्चात किस्तुघ्न
ऋतु…………………….(उर्ज) शरद
दिन…………………………शुक्रवार
🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :-*
01 नवम्बर सन 2024 ईस्वी ।
तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-
दीपावली या दीवाली अर्थात “प्रकाश का त्योहार” शरद ऋतु में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातनी हिंदू त्योहार है । यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है । ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे । अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए । कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी । तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं ।
दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों ‘दीप’ अर्थात ‘दिया’ व ‘आवली’ अर्थात ‘लाइन’ या ‘श्रृंखला’ के मिश्रण से हुई है। इसके उत्सव में घरों के द्वारों, घरों व मंदिरों पर लाखों प्रकाशकों को प्रज्वलित किया जाता है । दीपावली जिसे दिवाली भी कहते हैं ।
विशेष : पंच पर्वा दीपोत्सव पर अमावस्या का निर्णय ज्योतिश्चार्यों के द्वारा विभिन्न विधियों के द्वारा शोधा जाता है… कहीं आज तो कहीं कल 01 नवम्बर को दीपोत्सव मनाया जायेंगा… आप अपने गुरूजी अथवा पुरोहित से मार्गदर्शन प्राप्त कर माता महालक्ष्मी का विधिपूर्वक पूजन अर्चन करें… अमावस्या का समस्त दिवस माता महालक्ष्मी की पूजा के है अतः अपनी कुलपरंपरा के अनुरूप पूजा करे, कतिपय सोशल मीडिया वीडियो माता महालक्ष्मी को चंचला बतलाकर माता की आरती करने से मना कर रहे है, ऐसा कुछ भी ना करे जो आपके परंपरागत पूजन क्रम को बाधित करता हो, आनंद से माता महालक्ष्मी का यथा संभव उपचारों से पूजन आरती भोग सेवा करे माता महालक्ष्मी की कृपा सभी पर सदैव बनी रहे ।
☸ शुभ अंक…………………..1
🔯 शुभ रंग……………आसमानी
मुहूर्त :
कलम दवात संवारने एवं कार्यालय/व्यवसाय/निवास स्थान पर श्रीपुजन दीपदान का :
प्रात: 07.58 से 09.21 तक लाभ वेला
प्रात: 09.21 से 10.45 तक अमृत वेला
दोप. 12.09 से 01.33 तक शुभ वेला
सायं 04.20 से 05.44 तक चंचल वेला
रात्रि 08.56 से 10.33 तक लाभ वेला
अभिजित वेला :
दोप 11.47 से 12.32 बजे तक
गोधूलि प्रदोष वेला :
संध्या 05.43 से 08.07 पर्यन्त।
स्थिर संज्ञक लग्न वेला :
दोप 01.51 से 03.25 पर्यन्त – कुम्भ लग्न
सायं 06.37 से 08.35 पर्यन्त – वृषभ लग्न (श्रेष्ठ)
रात्रि 01.05 से 03.17 पर्यन्त – सिंह लग्न (कनकधारा स्तोत्र से विशेष श्रीकारक पूजा)
👁🗨 *राहुकाल (अशुभ) :-*
प्रात: 10.46 से 12.10 तक ।
🚦 *दिशाशूल :-*
पश्चिमदिशा – यदि आवश्यक हो तो जौ का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें।
🌞 *उदय लग्न तालिका -*
*तुला* 05:28:02 07:42:36
*वृश्चिक* 07:42:36 09:58:50
*धनु* 09:58:50 12:04:26
*मकर* 12:04:26 13:51:33
*कुम्भ* 13:51:33 15:25:05
*मीन* 15:25:05 16:56:17
*मेष* 16:56:17 18:37:02
*वृषभ* 18:37:02 20:35:41
*मिथुन* 20:35:41 22:49:24
*कर्क* 22:49:24 25:05:34
*सिंह* 25:05:34 27:17:22
*कन्या* 27:17:22 29:28:02
✡ *चौघडिया :-*
प्रात: 07.58 से 09.21 तक लाभ
प्रात: 09.21 से 10.45 तक अमृत
दोप. 12.09 से 01.33 तक शुभ
सायं 04.20 से 05.44 तक चंचल
रात्रि 08.56 से 10.33 तक लाभ ।
📿 *आज का मंत्रः*
॥ ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः ॥
॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: ॥
*महालक्ष्मी गायत्री मंत्र :-*
॥ ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ॥
📢 *सुभाषितानि :-*
*श्रीमद्भगवतगीता (दशमोऽध्यायः – विभूतियोग:) -*
स्वयमेवात्मनात्मानं वेत्थ त्वं पुरुषोत्तम ।
भूतभावन भूतेश देवदेव जगत्पते ॥१०- १५॥
अर्थात:
हे भूतों को उत्पन्न करने वाले! हे भूतों के ईश्वर! हे देवों के देव! हे जगत् के स्वामी! हे पुरुषोत्तम! आप स्वयं ही अपने से अपने को जानते हैं॥15॥
🍃 *आरोग्यं :-*
*सिरदर्द से बचने के घरेलू उपचार :-*
1. सिरदर्द होने पर बिस्तर पर लेटकर दर्द वाले हिस्से को बेड के नीचे लटका दीजिए। सिर के जिस हिस्से में दर्द हो रहा हो उस तरफ वाले नाक में सरसों के तेल की कुछ बूंदें डाल दीजिए, उसके बाद जोर से सांसों को ऊपर की तरफ खींचिए इससे सिरदर्द से राहत मिलेगी।
2. सिरदर्द होने पर दालचीनी को पानी के साथ महीन पीसकर माथे पर पतला लेप कर लगा लीजिए। लेप सूख जाने पर उसे हटा लीजिए। 3-4 लेप लगाने पर सिरदर्द होना बंद हो जाएगा।
3. पुष्कर मूल को चंदन की तरह घिसकर उसके लेप को माथे पर लगाने से सिर दर्द ठीक होता है।
4. मुलहठी को कूट-पीसकर महीन चूर्ण बना लीजिए। इस चूर्ण को नाक के पास ले जाकर सूंघने से सिरदर्द में राहत मिलती है।
⚜ *आज का राशिफल :-*
🐏 *राशि फलादेश मेष :-*
*(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)*
वाणी पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवेक से कार्य करें। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड से लाभ होगा। स्थायी संपत्ति के कार्य बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। समय की अनुकूलता का लाभ लें। मित्रों के साथ अच्छा समय बीतेगा।
🐂 *राशि फलादेश वृष :-*
*(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
पार्टी व पिकनिक का कार्यक्रम बनेगा। मनोरंजन का समय मिलेगा। रचनात्मक कार्य सफल रहेंगे। मनपसंद भोजन का आनंद मिलेगा। कारोबारी वृद्धि की योजना बनेगी। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। समय की अनुकूलता रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। जल्दबाजी से कोई भी कार्य न करें। विवाद में न पड़ें।
👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*
*(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)*
बुरी खबर प्राप्त हो सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। काम में मन नहीं लगेगा। बाहर जाने की योजना बनेगी। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। परिवार के साथ समय मनोरंजन में व्यतीत होगा। आय होगी। व्यापार ठीक चलेगा।
🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*
*(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
थकान व कमजोरी रह सकती है। खान-पान पर ध्यान दें। घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। मान-सम्मान मिलेगा। मित्रों की सहायता करने का मौका मिलेगा। समय अच्छा व्यतीत होगा। प्रसन्नता रहेगी।
🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*
*(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
विवाद को बढ़ावा न दें। हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी। आत्मसम्मान बनेगा। भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी। नए मित्र बनेंगे। कोई बड़ा कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। यात्रा मनोरंजक रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। कुसंगति से दूर रहें। हानि संभव है।
👧 *राशि फलादेश कन्या :-*
*(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। नवीन वस्त्राभूषण की प्राप्ति पर व्यय होगा। व्यापार लाभदायक रहेगा। कोई बड़ा कार्य होने से प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के काम में दखल न दें। मित्रों के साथ समय मनोरंजक व्यतीत होगा। भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी। जल्दबाजी न करें।
⚖ *राशि फलादेश तुला :-*
*(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। तनाव रहेगा। व्यापार ठीक चलेगा। यात्रा में विशेष सावधानी रखें। किसी भी व्यक्ति के उकसाने में न आएं। मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा। किसी मनोरंजक कार्यक्रम का हिस्सा बन सकते हैं।
🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*
*(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
दूर से अच्छे समाचार प्राप्त होंगे। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। डूबी हुई रकम प्राप्त हो सकती है, प्रयास करें। यात्रा मनोरंजक रहेगी। सामाजिक कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। व्यापार ठीक चलेगा। परिवार के साथ समय सुखमय व्यतीत होगा। प्रसन्नता बनी रहेगी।
🏹 *राशि फलादेश धनु :-*
*(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)*
आज धन के लेन-देन में ज्यादा जल्दबाजी न करें। समय अनुकूल नहीं है। कोई आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से मन में खिन्नता रहेगी। नौकरी पेशा की योजना फलीभूत होगी। कार्यस्थल पर परिवर्तन हो सकता हैल जो लाभदायी रहेगा। मित्रों के साथ समय मनोरंजक बीतेगा।
🐊 *राशि फलादेश मकर :-*
*(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)*
वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। कानूनी अड़चन दूर होगी। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। यात्रा मनोरंजक रहेगी। मनोरंजन के साधन प्राप्त होंगे। तीर्थदर्शन की योजना बनेगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। घर-बाहर प्रसन्नता रहेगी। परिवार के साथ रहने का अवसर प्राप्त होगा। लाभ होगा।
🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*
*(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
मित्रों तथा रिश्तेदारों का सहयोग मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। मनोरंजन होगा। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। जल्दबाजी व लापरवाही भारी पड़ सकती है। स्वास्थ्य कमजोर रहेगा। हल्की हंसी-मजाक न करें। विवाद हो सकता है। किसी व्यक्ति की नाराजी से मन खराब होगा।
🐟 *राशि फलादेश मीन :-*
*(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
उचित बुद्धि का प्रयोग किसी भी समस्या का निवारण कर सकता है, यह याद रखें। किसी प्रभावशाली व्यक्ति का मार्गदर्शन व सहयोग प्राप्त होगा। धन लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में मित्रों का सहयोग व साथ मिलेगा। भाइयों से पुराने मतभेद दूर होंगे। व्यापार ठीक चलेगा। समय सुखमय व्यतीत होगा।
☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो ।*
।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।
🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩
दीपावली के दिन सुरन की सब्जी खाना क्यों अनिवार्य है? तो मेरा मानना था की पहले के समय में सब्जियों के विकल्प बहुत सीमित हुआ करते थे,और ऐसे मसाले वाली सब्जियां केवल त्योहारों के दिन या किसी खास दिन ही बनते थे, जैसे आज कल पूड़ी — कचोरी बनना आम बात है, और पनीर वगेरह के विकल्प पहले नही हुआ करते थे। इसलिए हो सकता है की ऐसा बनाया गया होगा।
लेकिन बड़े लोगो से पूछने पे पता चला की पहले के समय में जो चीज़े बनाई गई थी उसके पीछे कारण हुआ करते थे। समस्या बस यह है की हमे चीज़े करने के लिए कहा जाता है लेकिन उसके कारण नही बताए जाते, इसके वजह से हम ऐसी चीजों को अंध श्रद्धा के साथ जोड़ देते है।
तो मित्रों अब जानते हैं दिवाली के दिन सूरन की सब्जी खाने व खिलाने के मुख्य कारण – दरअसल सूरन को अपने देश में कई नामो से जाना जाता है, जैसे सूरन,जिमीकन्द (कहीं कहीं ओल) और कांद भी बोलते हैं, आजकल तो बाजार में हाईब्रीड सूरन आ गया है,, कभी-कभी देशी वाला सूरन भी मिल जाता है , दीपावली के 3-4 दिन पहले से ही बाजार में हर सब्जी वाला (खास कर के उत्तर भारत में) सूरन जरूर रखता है,और मजे की बात है कि इसकी लाइफ भी बहुत होती है।
सब्जियो में सूरन ही एक ऐसी सब्जी है जिसमें फास्फोरस अत्यधिक मात्रा में पाया जाता है, और अब तो मेडिकल साइंस ने भी मान लिया है कि इस एक दिन यदि हम देशी सूरन की सब्जी खा ले तो स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में महीनों फास्फोरस की कमी नही होगी,,
यह बवासीर से लेकर कैंसर जैसी भयंकर बीमारियों से बचाए रखता है। इसमें फाइबर, विटामिन सी, विटामिन बी6, विटामिन बी1 और फोलिक एसिड होता है,साथ ही इसमें पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम भी पाया जाता है ।
मुझे नही पता कि ये परंपरा कब से चल रही है लेकिन सोचीए तो सही कि हमारे लोक मान्यताओं में भी वैज्ञानिकता छुपी हुई होती थी।
धन्य हों हमारे पूर्वज जिन्होंने विज्ञान को हमारी परम्पराओं, रीतियों और संस्कारों में पिरो दिया
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं प्रदेश से आये अनेक लोगों ने भेंट कर उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने भी सभी को दीपावली की शुभमानाएं देते हुए सबके सुखमय जीवन की कामना की है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की भी कामना की।
*मुख्यमंत्री धामी ने देवभूमि में रखी सियासी सद्भाव की नींव*
*पक्ष विपक्ष का भेद किए बगैर त्यौहार में वरिष्ठ नेताओं, पूर्व मुख्यमंत्रियों के घर जाकर शुभकामना देने की परम्परा की शुरू*
*दीपावली पर मुख्यमंत्री आवास में भी लगा सीएम के शुभचिंतकों का तांता*
*पिछले कुछ दिनों में धामी से मिले दस हजार से अधिक लोग, प्रदेशभर से आए शुभकामना देने*
*सीएम ने गर्म जोशी से किया सभी का स्वागत, खिलाई मिठाई*
*समीक्षा बैठक में विपक्षी विधायकों को आमंत्रित करके जीता था दिल*
देहरादून। दीपोत्सव पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने के लिए शुभचिंतकों का तांता लगा हुआ है। पिछले तीन दिनों में लगभग 7 हजार लोग सरकारी आवास में मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें दीपावली की शुभकामना दे चुके हैं। प्रदेशभर से आए लोगों का धामी ने गर्मजोशी से स्वागत किया और सभी के स्वस्थ, सुखमय और सौभाग्यपूर्ण जीवन की कामना की। इसी दौरान समय निकालकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के घर जाकर उन्हें दीपावली की शुभकामना दी। वह पक्ष और विपक्ष के सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से मिलने पहुंचे, जिसे उत्तराखण्ड में राजनैतिक सौहार्द की एक शानदार परम्परा की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी को एक सफल प्रशासक के साथ ही बेहद विनम्र और मिलनसार राजनेता माना जाता है। जब भी कोई त्यौहार आता है वह प्रदेश के सी पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ ही बड़े बुजुर्ग नेताओं से मिलने उनके घर पहुंचते हैं और उन्हें शुभकानाएं देते हैं। वह जानते हैं कि जिस प्रदेश में राजनैतिक सौहार्द होता है वो खुद ही तरक्की की राह पर दौड़ पड़ता है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की खासियत यह भी है कि वह अपने से वरिष्ठ राजनेताओं का हमेशा सम्मान करते हैं और समय समय पर उनसे मिलकर मार्गदर्शन भी लेते रहते हैं। फिर चाहे वो राजनेता सत्ता पक्ष के हों या फिर विपक्ष के। उन्हें मालूम है कि लोकतंत्र में विपक्ष का भी उतना ही महत्व है जितना कि सत्तापक्ष का, इसीलिए धामी विकास के मामले में राजनैतिक विद्वेष की लकीर कभी नहीं खींची। अबकी बार दीपावली के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, भुवन चन्द खण्डूड़ी, डा. रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेन्द्र सिंह रावत, तीरथ सिंह रावत, सांसद अनिल बलूनी आदि राजनेताओं से मिलकर उन्हें शुभकानाएं दीं। सरल स्वभाव के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलने के लिए उनके घर पर भी प्रदेशभर से हजारों शुभचिंतक पहुंचे। कैबिनेट मंत्रियों के साथ ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के अधिकतर विधायक भी दीप पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री धामी से मिलने मुख्यमंत्री आवास में पहुंचे।
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*समीक्षा बैठक में विपक्षी विधायकों को आमंत्रित करके जीता था दिल*
देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले वर्ष जब विधानसभावार क्षेत्रों में विकास कार्यों की समीक्षा की तो विपक्ष के विधायकों को पूरे सम्मान के साथ बैठक में आमंत्रित किया। विपक्ष के विधायकों ने भी उनका आमंत्रण स्वीकार किया और समीक्षा में शामिल हुए। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। विपक्ष के साथ चर्चा करने और उनके सुझावों पर अमल किए जाने के अच्छे परिणाम भी सामने आए।
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*धरातल पर उतरने लगीं 10–10 विकास योजनाएं*
देहरादून। एक और उम्दा उदाहरण पेश करते हुए सीएम धामी ने सभी 70 विधायकों से अपने अपने विधानसभा क्षेत्र की 10–10 विकास योजनाओं के प्रस्ताव मांगे थे और विपक्षी विधायकों के प्रस्ताव प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृत भी किए। धारचूला के कांग्रेसी विधायक हरीश धामी ने तो इसके लिए मुख्यमंत्री धामी की सार्वजनिक तौर पर सराहना भी की। अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी इन विकास कार्यों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।