पूरे देश में मनाया जा रहा है दीपावली का पांच दिवसीय पर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों को और उत्तराखंड के महामहिम राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह जी एवं मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी ने सभी प्रदेश वासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं, आज का पंचाग आपका राशि फल

*।। ॐ ।।*   🚩🌞 *सुप्रभातम्* 🌞🚩

📜««« *आज का पंचांग* »»»📜

कलियुगाब्द…………………..5126

विक्रम संवत्………………….2081

शक संवत्…………………….1946

मास…………………………..कार्तिक

पक्ष………………………………कृष्ण

तिथी…………………………चतुर्दशी

दोप 03.51 पर्यंत पश्चात अमावस्या

रवि……………………….दक्षिणायन

सूर्योदय…….प्रातः 06.31.04 पर

सूर्यास्त……..संध्या 05.49.55 पर

सूर्य राशि……………………….तुला

चन्द्र राशि……………………..कन्या

गुरु राशि……………………….वृषभ

नक्षत्र……………………………चित्रा

रात्रि 12.37 पर्यंत पश्चात स्वाति

योग…………………………विष्कुम्भ

प्रातः 09.49 पर्यंत पश्चात प्रीती

करण…………………………..शकुन

दोप 03.51 पर्यंत पश्चात चतुष्पद

ऋतु………………………(उर्ज) शरद

दिन……………………………गुरुवार

🇬🇧 *आंग्ल मतानुसार :–*

31 अक्तूबर सन 2024 ईस्वी ।

तिथी/पर्व/व्रत विशेष :-

दीपावली या दीवाली अर्थात “प्रकाश का त्योहार” शरद ऋतु में हर वर्ष मनाया जाने वाला एक प्राचीन सनातनी हिंदू त्योहार है । यह त्योहार आध्यात्मिक रूप से अंधकार पर प्रकाश की विजय को दर्शाता है । ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् ‘अंधेरे से ज्योति अर्थात प्रकाश की ओर जाइए’यह उपनिषदों की आज्ञा है। इसे सिख, बौद्ध तथा जैन धर्म के लोग भी मनाते हैं। जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते हैं तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है। माना जाता है कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अपने चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात लौटे थे । अयोध्यावासियों का ह्रदय अपने परम प्रिय राजा के आगमन से प्रफुल्लित हो उठा था। श्री राम के स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीपक जलाए । कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की वह रात्रि दीयों की रोशनी से जगमगा उठी । तब से आज तक भारतीय प्रति वर्ष यह प्रकाश-पर्व हर्ष व उल्लास से मनाते हैं ।

दीपावली स्वच्छता व प्रकाश का पर्व है। कई सप्ताह पूर्व ही दीपावली की तैयारियाँ आरंभ हो जाती हैं। लोग अपने घरों, दुकानों आदि की सफाई का कार्य आरंभ कर देते हैं। घरों में मरम्मत, रंग-रोगन, सफ़ेदी आदि का कार्य होने लगता है। लोग दुकानों को भी साफ़ सुथरा कर सजाते हैं। बाज़ारों में गलियों को भी सुनहरी झंडियों से सजाया जाता है। दीपावली से पहले ही घर-मोहल्ले, बाज़ार सब साफ-सुथरे व सजे-धजे नज़र आते हैं। दीपावली शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के दो शब्दों ‘दीप’ अर्थात ‘दिया’ व ‘आवली’ अर्थात ‘लाइन’ या ‘श्रृंखला’ के मिश्रण से हुई है। इसके उत्सव में घरों के द्वारों, घरों व मंदिरों पर लाखों प्रकाशकों को प्रज्वलित किया जाता है । दीपावली जिसे दिवाली भी कहते हैं ।

*दीपावली से जुड़ी 10 प्रमुख ऐतिहासिक घटनाएं…*

1. लक्ष्मी अवतरण – कार्तिक मास की अमावस्या तिथि‍ को मां लक्ष्मी समुद्र मंथन द्वारा धरती पर प्रकट हुई थीं। दीपावली के त्योहार को मनाने का सबसे खास कारण यही है। इस पर्व को मां लक्ष्मी के स्वागत के रूप में मनाते हैं और हर घर को सजाया संवारा जाता है ताकि‍ मां का आगमन हो।

2. भगवान विष्णु द्वारा लक्ष्मी जी को बचाना – इस घटना का उल्लेख हमारे शास्त्रों में मिलता है। कहा जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से माता लक्ष्मी को मुक्त करवाया था। 

3. भगवान राम की विजय – रामायण के अनुसार इस दिन जब भगवान राम, सीताजी और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापिस लौटे थे। उनके स्वागत में पूरी अयोध्या को दीप जलाकर रौशन किया गया था।

4 नरकासुर वध – भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध कर 16000 स्त्र‍ियों को इसी दिन मुक्त करवाया था। इसी खुशी में दीपावली का त्यौहार दो दिन तक मनाया गया और इसे विजय पर्व के नाम से जाना गया।

5 पांडवों की वापसी – महाभारत के अनुसार जब कौरव और पांडव के बीच होने वाले चौसर के खेल में पांडव हार गए, तो उन्हें 12 वर्ष का अज्ञात वास दिया गया था। पांचों पांडव अपना 12 साल का वनवास समाप्त कर इसी दिन वापस लौटे थे। उनके लौटने की खुशी में दीप जलाकर खुशी के साथ दीपावली मनाई गई थी।

6. विक्रमादित्य का राजतिलक – राजा विक्रमादित्य के राजतिलक का प्रसंग भी इसी दिन से जुड़ा हुआ है। बताया जाता है कि राजा विक्रमादित्य का राजतिलक इस दिन किया गया था, जिससे दि‍वाली का महत्व और खुशियों दुगुनी हो गईं।

विशेष : पंच पर्वा दीपोत्सव पर अमावस्या का निर्णय ज्योतिश्चार्यों के द्वारा विभिन्न विधियों के द्वारा शोधा जाता है… कहीं आज तो कहीं कल 01 नवम्बर को दीपोत्सव मनाया जायेंगा… आप अपने गुरूजी अथवा पुरोहित से मार्गदर्शन प्राप्त कर माता महालक्ष्मी का विधिपूर्वक पूजन अर्चन करें… अमावस्या का समस्त दिवस माता महालक्ष्मी की पूजा के है अतः अपनी कुलपरंपरा के अनुरूप पूजा करे, कतिपय सोशल मीडिया वीडियो माता महालक्ष्मी को चंचला बतलाकर माता की आरती करने से मना कर रहे है, ऐसा कुछ भी ना करे जो आपके परंपरागत पूजन क्रम को बाधित करता हो, आनंद से माता महालक्ष्मी का यथा संभव उपचारों से पूजन आरती भोग सेवा करे माता महालक्ष्मी की कृपा सभी पर सदैव बनी रहे ।

कार्तिक अमावस्या की पूजा अमा तिथि प्रदोष, स्थिर वृषभ लग्न एवं निशीथ काल मे श्रेस्यकर है अतः चतुर्दशी बीतने पर दोप 03.51 पर्यन्त मान्य होगी… परंतु पंचपर्वा दीपोत्सव में प्रातःकाल से ही पूजन विधि मान्य होगी…

मुहूर्त :

कलम दवात संवारने एवं कार्यालय/व्यवसाय/निवास स्थान पर श्रीपुजन दीपदान का :

प्रात: 10.45 से 12.09 तक चंचल वेला

दोप. 12.09 से 01.33 तक लाभ वेला

दोप. 01.33 से 02.57 तक अमृत वेला

सायं 04.20 से 05.44 तक शुभ वेला

सायं 05.44 से 07.20 तक अमृत वेला

अभिजित वेला :

प्रातः 11.47 से 12.32 तक ।

गोधूलि प्रदोष वेला 

संध्या 05.41 से 08.09 पर्यन्त।

स्थिर संज्ञक लग्न वेला :

दोप 01.55 से 03.29 पर्यन्त – कुम्भ लग्न

सायं 06.40 से 08.39 पर्यन्त – वृषभ लग्न (श्रेष्ठ)

रात्रि 01.09 से 03.21 पर्यन्त – सिंह लग्न (कनकधारा स्तोत्र से विशेष श्रीकारक पूजा)

👁‍🗨 *राहुकाल :-*

दोपहर 01.33 से 02.57 तक ।

🌞 *उदय लग्न मुहूर्त :-*

*तुला* 05:31:59 07:46:32

*वृश्चिक* 07:46:32 10:02:46

*धनु* 10:02:46 12:08:23

*मकर* 12:08:23 13:55:29

*कुम्भ* 13:55:29 15:29:02

*मीन* 15:29:02 17:00:14

*मेष* 17:00:14 18:40:59

*वृषभ* 18:40:59 20:39:38

*मिथुन* 20:39:38 22:53:20

*कर्क* 22:53:20 25:09:30

*सिंह* 25:09:30 27:21:19

*कन्या* 27:21:19 29:31:59

🚦 *दिशाशूल :-*

दक्षिणदिशा – यदि आवश्यक हो तो दही या जीरा का सेवन कर यात्रा प्रारंभ करें ।

☸ शुभ अंक…………………..4

🔯 शुभ रंग…………………..पीला

📿 *आज का मंत्र :-*

॥ ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभ्यो नमः ॥

॥ ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम: ॥

*महालक्ष्मी गायत्री मंत्र :-*

॥ ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ ॥

📢 *सुभाषितानि :-*

*श्रीमद्भगवतगीता (दशमोऽध्यायः – विभूतियोग:) -*

सर्वमेतदृतं मन्ये यन्मां वदसि केशव ।

न हि ते भगवन्व्यक्तिं विदुर्देवा न दानवाः ॥१०- १४॥ 

अर्थात :

हे केशव! जो कुछ भी मेरे प्रति आप कहते हैं, इस सबको मैं सत्य मानता हूँ। हे भगवन्‌! आपके लीलामय स्वरूप को न तो दानव जानते हैं और न देवता ही॥14॥  

🍃 *आरोग्यं :-*

*पटाखों से हाथ जलने पर तुरंत उपचार -*

*फर्स्ट एड ट्रीटमेंट -*

दिवाली के दिन पटाखों से कोई अनहोनी न हो इसके लिए जरूरी है कि आप अपना फर्स्ट एड बॉक्स बिल्कुल तैयार रखें जिससे आप तुरंत उपचार की दिशा में कोई प्रभावी कदम उठा सकें।

*कपड़े और एसेसरीज -*

पटाखे से जलने पर बहुत जरूरी है कि उस हिस्से से कपड़े या एसेसरीज को तुरंत हटाएं। किसी भी प्रकार का कपड़ा, अंगूठी, बेल्ट, जूता ऐसी स्थिति में हानिकारक हो सकता है।

*जले को तुरंत ठंडक पहुँचाएं -*

जलने की स्थिति में तुरंत आराम के लिए सबसे पहले जले हुए हिस्से को ठंडक पहुंचाएं। उस हिस्से को नल के नीचे रखें जब तक दर्द का एहसास थोड़ा कम न हो। या फिर आप वहां बर्फ, मक्खन और ठंडे पाने में भिगोए कपड़े से भी सेंक सकते हैं। इससे भी तुरंत आराम मिलेगा।

*कवर करें -*

जला हुआ हिस्सा जब थोड़ा ठंडा हो जाए तो 15-20 मिनट बाद उसपर कोई ऑइनमेंट क्रीम लगाएं और उसे साफ व सूखे कपड़े या बैंडेज से कवर करें।

*आंखों को ऐसे दें राहत -*

अगर आंखों में कोई चिंगारी चली जाए या पटाखे से जल जाए तो तुरंत आंखों को पानी से साफ करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। अगर आप कॉन्टैक्ट लेन्स पहनते हैं तो आंखों को पानी से साफ करने के पहले लेन्स हटाना न भूलें।

*जब कपड़ों में आग लग जाए -*

अगर पटाखे जलाते वक्त कपड़ों में आग लग जाए तो तुरंत जमीन पर खुद को रोल करें जिससे तुरंत आग बुझ सके। इसके बाद जैकेट या कंबल से व्यक्ति को पूरी तरह कवर करना चाहिए और डॉक्टर को दिखाएँ।

*घरेलू उपचार -*

छोटे घाव को ठीक करने के लिए उसपर नारियल का तेल, नीम का तेल, एलोवेरा या शहद लगाने से भी तुरंत आराम मिलता है। लेकिन घाव को समय रहते डॉक्टर से दिखाने में कोई बुराई नहीं।

⚜ *आज का राशिफल :-*

🐏 *राशि फलादेश मेष :-*

(चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ)

निवेश शुभ रहेगा। भाग्य का साथ रहेगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। आप पत्नी के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। घरेलू विवादों से दूर रहें। कुबुद्धि हावी रहेगी, कुसंगति से बचें। भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। आय में वृद्धि होगी। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी।

🐂 *राशि फलादेश वृष :-*

(ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

यात्रा मनोरंजक रहेगी। किसी मांगलिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता प्राप्त करेगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद प्राप्त होगा। व्यापार-व्यवसाय में मनोनुकूल लाभ होगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड में सोच-समझकर हाथ डालें। जल्दबाजी न करें। समय अनुकूल है।

👫 *राशि फलादेश मिथुन :-*

(का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह)

व्यर्थ भागदौड़ रहेगी। समय का अपव्यय होगा। दूर से दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। विवाद से क्लेश होगा। काम में मन नहीं लगेगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। किसी व्यक्ति विशेष से अनबन हो सकती है। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।

🦀 *राशि फलादेश कर्क :-*

(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक कष्ट संभव है। परिवार के किसी सदस्य के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे कि नीचा देखना पड़े। आर्थिक उन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। पराक्रम व प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। धनार्जन होगा।

🦁 *राशि फलादेश सिंह :-*

(मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

शत्रु शांत रहेंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। घर में प्रतिष्ठित अतिथियों का आगमन हो सकता है। व्यय होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। आय बनी रहेगी। दुष्‍टजनों से दूर रहें। चिंता तथा तनाव रहेंगे।

👧 *राशि फलादेश कन्या :-*

(ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। रोजगार प्राप्ति सहज ही होगी। व्यावसायिक यात्रा से लाभ होगा। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। निवेशादि शुभ रहेंगे। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। किसी बड़ी समस्या का हल प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें।

⚖ *राशि फलादेश तुला :-*

(रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। किसी भी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। शत्रु शांत रहेंगे। ऐश्वर्य पर खर्च होगा।

🦂 *राशि फलादेश वृश्चिक :-*

(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। शुभ समाचार मिल सकता है। शारीरिक कष्ट संभव है। अज्ञात भय रहेगा। लेन-देन में सावधानी रखें। चिंता रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। मान-सम्मान मिलेगा। आय में वृद्धि होगी।

🏹 *राशि फलादेश धनु :-*

(ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे)

आराम का समय मिलेगा। आशंका-कुशंका रहेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। कारोबारी नए अनुबंध हो सकते हैं, प्रयास करें। आय में वृद्धि होगी। सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। घर-बाहर पूछ-परख रहेगी। रोजगार में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।

🐊 *राशि फलादेश मकर :-*

(भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी)

यात्रा मनोनुकूल लाभ देगी। राजभय रहेगा। जल्दबाजी व विवाद करने से बचें। थकान महसूस होगी। किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। कोर्ट व कचहरी के काम अनुकूल रहेंगे। धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। पूजा-पाठ में मन लगेगा। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता रहेगी।

🏺 *राशि फलादेश कुंभ :-*

(गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। शारीरिक शिथिलता रहेगी। काम में मन नहीं लगेगा। किसी अपने का व्यवहार प्रतिकूल रहेगा। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। नौकरी में अपेक्षानुरूप कार्य न होने से अधिकारी की नाराजी झेलना पड़ेगी।

 *राशि फलादेश मीन :-*

(दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

कष्ट, भय व चिंता का वातावरण बन सकता है। विवेक से कार्य करें। समस्या दूर होगी। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल बनेगी। किसी वरिष्ठ व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। कारोबारी लाभ में वृद्धि होगी। नौकरी में शांति रहेगी। सहकर्मियों का साथ मिलेगा। धनार्जन होगा।

☯ *आज का दिन सभी के लिए मंगलमय हो*

*आप सभी को दीपोत्सव की मंगल बधाई…*

।। 🐚 *शुभम भवतु* 🐚 ।।

🇮🇳🇮🇳 *भारत माता की जय* 🚩🚩

*दीपज्योतिः परंब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः।*

*दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तु ते॥*

*दीपक की रोशनी सर्वोच्च ब्रह्म का प्रतिनिधित्व करती है, दीपक की रोशनी जनार्दन (ब्रह्मांड का स्वामी) का प्रतिनिधित्व करती है। (प्रार्थना है कि) इस दीपक का प्रकाश हमारे पापों का हरण करें। मैं इस प्रकाश (जीवनदाता) को अभिवादन करता हूँ।*

*सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।*

*मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मि नमोस्तु ते ॥*

*सिद्धि, बुद्धि, भोग और मोक्ष देने वाली हे मन्त्रपूत भगवति महालक्ष्मि! आपको सदैव प्रणाम।*

*हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।*

*चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥*

*हे जातवेदा (सर्वज्ञ) अग्निदेव ! सुवर्ण जैसी रंग वाली, किञ्चित हरितवर्ण विशिष्टा, सोने और चाँदी के हार पेहनने वाली, चन्द्रवत् प्रसन्नकान्ति, स्वर्णमयी लक्ष्मीदेवी को मेरे लिये आवाहन करो।*

*दीपोत्सवस्य कोटिशः शुभाशया ।*दीपावली का यह पांच दिवसीय पर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने समस्त देशवासियों को शुभकामनाएं दीं है। उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह जी और मुख्यमंत्री पुष्करसिंह धामी ने समस्त प्रदेश वासियों को दीपावली के इस महान पर्व की शुभकामनाएं देते हुए प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए माता लक्ष्मी से कामना की है। 

*सुप्रभात, अंधकार का विनाश कर प्रकाश की ज्योति फैलाने वाले दीपोत्सव महापर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं । माता वैभव लक्ष्मी की कृपादृष्टि सदा सर्वदा आप एवं आपके परिवार पर बनी रहे । आपका दिन मंगलमय हो । दीपावली महापर्व की एक बार पुनः आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।*✍️डाॅ0 हरीश मैखुरी