मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने जानकारी दी कि डा. रावत के अनुभवों से राज्य के विकास में प्रदेश को निश्चित रूप से लाभ होगा। सेवानिवृत्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक डा.रावत वर्तमान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण गतिविधि के उत्तराखंड प्रांत संयोजक भी हैं। समझा जा रहा है कि मुख्यमंत्री भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों के कुछ और विशेषज्ञों को सलाहकार नियुक्त कर सकते हैं, जिससे राज्य को हिमाचल के बरक्स खड़ा किया जा सकता है।
बता दें कि डाॅ रघुवीर सिंह रावत ने सचिवालय में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भेंट कर कार्यभार ग्रहण भी कर लिया। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि डाॅ रावत के अनुभव और योग्यता का प्रदेश को लाभ मिलेगा। ज्ञातव्य है कि उत्तराखंड वन विभाग के सेवानिवृत्त प्रमुख मुख्य वन संरक्षक और अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की कई महत्वपूर्ण समितियों से जुड़े डा. Rawat भारतीय वन सेवा के योग्यतम अफसरों में रहे वे लंबे समय तक वन विभाग के मुखिया रहे। सरल स्वभाव के डा. रावत चमोली जनपद के मूल निवासी हैं और फारेस्ट आफीसर होने के साथ-साथ वे अच्छे ट्रैकर भी रहे हैं। रावत को बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का पहला चेयरमैन बनाया था। जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। उनके कार्यकाल में पूरी पारदर्शिता से अच्छी खासी नियुक्तियां भी हुई।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि डा. रावत के अनुभवों का लाभ राज्य के विकास में उठाया जाएगा। श्री रावत सेलवानी गोपेश्वर जनपद चमोली के रहने वाले हैं। उनके मुख्यमंत्री का प्रमुख सलाहकार बनने से जनपद चमोली में भी खुशी की लहर है।