अंकिता भंडारी को ‘स्पेशल सर्विसेज’ देने हेतु सहमत न होने के कारण बलिदान देना पड़ा भविष्य में फिर किसी बेटी के साथ ऐसा ना हो हत्यारों को मिलने वाला दंड भी ऐसा हो

 ✍️हरीश मैखुरी 
अंकिता भंडारी 
 
– 12th में 88% लाकर होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया।
– परिवार के सपने पूरे करने के लिए online नौकरी देखी। 
– 28 अगस्त को नौकरी के लिए घर से ऋषिकेश के लिए निकली।
– 1 सितंबर को जॉइन किया एवं मात्र 20 दिन बाद उसकी हत्या कर दी गई।
– परिवार को पहले वेतन की जगह बेटी की लाश मिली।
अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य का होटल अवैध रूप से निर्मित है, ऐसे न जाने कितने मकान और होटल जिम कॉर्बेट पार्क, गंगा भोगपुर के आसपास ही नहीं सम्पूर्ण उत्तराखंड में अवैध रूप से निर्मित पाये जायेंगे। उन सभी अवैध रूप से निर्मित मकानों और होटलों को ध्वस्त करने हेतु भी सरकार त्वरित कार्यवाही करे। आम आदमी को सरकार भी विश्वास दिलाये कि जो कानून की दृष्टि में गलत होगा उसे छोड़ा नहीं जाए, उसे न्यायिक रूप से दंडित अवश्य किया जाये । यदि ऐसा नहीं होगा तो विपक्ष को भी राजनीति करने का अवसर मिलता रहेगा लोगों का विश्वास सरकार से उठता रहेगा ।
      अंकिता हत्याकांड को समाचार माध्यमों पर उठाने वाले पत्रकारों को धमकियां मिलने के समाचार भी सामने आ रहे हैं। कोई पत्रकार कह रहा है कि उसके फेसबुक पेज से अंकिता हत्याकांड के संबंध मे अपलोड की गयी वीडियो हटा दी गयी।  कोई बता रहा है कि फेसबुक पर अंकिता हत्याकांड की खबरे डालने पर धमकी मिल रही है। ऐसे ही तरह तरह की बातें सामने आ रही है। ऐसे धमकी देने वालो के विरूद्ध पुलिस को तत्काल कार्यवाही करनी चाहिए और दोषियों को अभिरक्षा में लेकर कर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करनी चाहिए । अन्यथा ऐसे कृत्य करने वाले तो आये दिन ऐसा करते ही रहेंगे लेकिन इससे न केवल सरकार पर सवाल उठेंगे बल्कि शासन प्रशासन भी संदेह के घेरे मे आयेगा। इसलिए इन धमकी देने वालो को शीघ्र निपटाया जाये। ताकि पत्रकारों के साथ साथ आम जनता भी स्वयं को सुरक्षित अनुभव कर सके। वरना तो अंकिता को न्याय दिलाने की लडाई मे शामिल सभी संगठनों, लोगो को धमकियां ही मिलने लगेगी। और जनता का आक्रोश सरकार और प्रशासन के विरूद्ध भड़केगा। उदाहरण के लिए विपिन कर्णवाल नाम के एक व्यक्ति ने कुछ दिन पूर्व अंकिता हत्याकांड पर कुछ अमर्यादित पोस्ट अपनी फेसबुक पर डाली थी। जनता की आवाज इतनी उजागर हुई की इस व्यक्ति को अपनी पोस्ट डिलीट करने के साथ फेसबुक से ही मुंह छुपा कर भागना पड़ा। जनता की ही असीम उर्जा थी कि आज इसके विरूद्ध  पंजीकृत हुआ और आरएसएस को इसे पदोच्युत करना पड़ा। 

अंकिता हत्याकांड के संबंध में SIT प्रभारी डीआईजी पी रेणुका DIG Law & Order ने बताया कि पोस्टमार्टम AIIMS में हुआ है, डॉक्टरों के एक पैनल ने पोस्टमार्टम किया है और वीडियोग्राफी हुई है। माननीय न्यायालय की अनुमति से पोस्टमार्टम का वीडियो देखा जा सकता है। अंकिता के संपर्क में जितने लोग थे सबसे पूछताछ की जा रही है। राजस्व अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है क्योंकि (वंतरा) रिजॉर्ट राजस्व क्षेत्र में है और अंकिता के लापता होने का मामला राजस्व क्षेत्र में दर्ज किया गया था।

 सूत्रों के अनुसार एसआईटी टीम को वनंत्रा रिजॉर्ट में काम करने वाले पुराने कर्मचारियों ने भी कई महत्वपूर्ण जानकारी दी है। जिसमें इस रिजॉर्ट में कई तरह से अनैतिक कार्यों की जानकारी भी शामिल है। इसी के साथ एसआईटी की एक टीम मेरठ में स्थित दम्पति से पूछताछ के लिए गई है। इस दम्पति के बारे में बताया जा रहा है कि इस दम्पति ने पहले भी आरोपियों के खिलाफ मीडिया और तमाम दूसरी जगहों पर जानकारी दी थी। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी।

मीडिया माध्यमों में साझा हो रहे समाचारों को देखते हुए प्रश्न वहीं है कि वो वीआईपी  कोन है जिसे स्पेशल सर्विसेज देने के लिए अंकिता भंडारी हत्याकांड कारित किया गया इस पर अभी तक जांच ऐजेंसियों द्वारा अनावरण आना शेष है। अंकिता भंडारी हत्याकांड में ढिलाई के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। संभवतः इसीलिये उत्तराखंड क्रांति दल ने दो अक्टूबर को उत्तराखंड बंद का आह्वान किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इस प्रकरण को उठाया है। जिस तरह हत्या कांड को कारित करने वाले षड्यंत्र कारी पूर्व में आरएसएस से जुड़े रहे हैं और अनेक बड़े नेताओं के साथ उनके छवि चित्र शोशल मीडिया पर तैर रहे हैं उससे कहीं न कहीं सरकार अभी तक असहज है, लेकिन सरकार को जनाक्रोश को देखते हुए कानून का पूरा उपयोग करते हुए आरोपियों को फांसी के फंदे तक पंहचना होगा। वनंत्रा रिजार्ट को ध्वस्त कर उस भूमि को भारत सरकार में निहित करना चाहिए और हत्याकांड को कारित करने वालों की सारी संपत्ति अधिगृहित कर उसकी बोली लगा कर उसकी राशि अंकिता भंडारी की मां को देनी चाहिए। ऐसी ही मांग जनता की ओर से उठ रही है। बाकी उतर प्रदेश की भांति अपराधियों के एनकाउंटर का साहस का उत्तराखंड सरकार और पुलिस तंत्र दोनों में दिखाई नहीं देता है अंकिता भंडारी को न्याय कैसे मिले इसकी परवाह छोड़ कर कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने का नेरेटिव सैट कर रहे हैं। अंकिता भंडारी  एक परिवार की बेटी और बहन थी और देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में आपराधिक मानसिकता के दलाल धनपशुओं ने उसकी इज्जत नोचने का उपक्रम किया उसके मान सम्मान को ठेस पहुंचाने, उस पर वीआईपी के लिए स्पेशल आफर हेतु दबाव बनाया और उसके विरोध करने पर उसके साथ दरिन्दगी कर उसे झील में फेंककर हत्या कर दी। यह दुर्दांत आपराधिक कृत्य निश्चित रूप से निंदनीय है। 
अपराधी मानसिकता के लोग कहीं भी, किसी भी पार्टी में घुस सकते हैं। लेकिन किसी गरीब परिवार की बेटी को राजनीतिक स्वार्थ पूर्ति और राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बनाना ठीक नहीं है। देखने में आता है कि जो अगले दिन तक आरोपी के होटल को बुलडोजर से ध्वस्त करने की जो मांग कर रहे थे, बुलडोजर चलने के बाद साक्ष्य मिटाने के आरोप लगाते हुए दिखने लगे। अंकिता भंडारी के परिजनों को आर्थिक सहायता देने के स्थान पर राजनीतिक लाभ हानि का गणित देख रहे हैं। अभी तक सरकार ने जांच सक्रियता से करने के लिए एस आई टी गठित की, आरोपी के पिता और भाई को पार्टी से निकालने की कार्यवाही की, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार स्वयं अंकिता भंडारी के मामले को लेकर संवेदनशील दिखाई दे रहे हैं।  मुख्यमंत्री ने जांच पटवारी से हटा कर पुलिस को दी और तत्काल महिला डीआईजी के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी वहीं पच्चीस लाख की सहायता जारी कर चुके हैं। न्यायालय तक उचित साक्ष्य प्रस्तुत करना पुलिस और सरकार का दायित्व है और अपराधी को सजा देना न्यायालय का। लेकिन अंकिता भंडारी को ‘स्पेशल सर्विसेज’ देने हेतु सहमत न होने के कारण बलिदान देना पड़ा भविष्य में फिर किसी बेटी के साथ ऐसा ना हो हत्यारों को मिलने वाला दंड भी ऐसा हो।