आज का पंचाग आपका राशि फल, नवरात्रि में स्कंध माता, शंकराचार्य पद की मर्यादा देखनी हो तो यहां देखें, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की दुर्गापूजा, भारतीय संस्कृति में महिलाओं का स्थान देवी स्वरूप

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शुक्रवार, ३० सितम्बर २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:१९
सूर्यास्त: 🌅 ०६:०४
चन्द्रोदय: 🌝 १०:२७
चन्द्रास्त: 🌜२०:५९
अयन 🌖 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (राक्षस)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 पञ्चमी (२२:३४ से षष्ठी)
नक्षत्र 👉 अनुराधा (२८:१९ से ज्येष्ठा)
योग 👉 प्रीति (२२:३३ से आयुष्मान्)
प्रथम करण 👉 बव (११:२३ तक)
द्वितीय करण 👉 बालव (२२:३४ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 वृश्चिक
मंगल 🌟 वृष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कन्या (उदित, पूर्व, मार्गी)
गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 कन्या (उदित, पूर्व)
शनि 🌟 मकर (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४३ से १२:३०
अमृत काल 👉 १८:१८ से १९:५१
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०६:०९ से २८:१९
रवियोग 👉 २८:१९ से ३०:१०
विजय मुहूर्त 👉 १४:०६ से १४:५३
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:५२ से १८:१६
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:०४ से १९:१६
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४३ से २४:३१
राहुकाल 👉 १०:३७ से १२:०७
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १५:०५ से १६:३५
होमाहुति 👉 बुध
दिशाशूल 👉 पश्चिम
नक्षत्र शूल 👉 पूर्व (२८:१९ से)
अग्निवास 👉 पृथ्वी (२२:३४ तक)
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 कैलाश पर (२२:३४ से नन्दी पर)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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नवरात्रि के पंचम दिवस आदिशक्ति माँ दुर्गा के स्कन्द स्वरूप की उपासना व्रत, ललिता पञ्चमी (उपांग ललिता व्रत) बुध पूर्व मे उदय २१:२४ से आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २८:१९ तक जन्मे शिशुओ का नाम
अनुराधा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (ना, नी, नू, ने) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (नो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – २९:१४ से ०७:३२
तुला – ०७:३२ से ०९:५३
वृश्चिक – ०९:५३ से १२:१२
धनु – १२:१२ से १४:१६
मकर – १४:१६ से १५:५७
कुम्भ – १५:५७ से १७:२३
मीन – १७:२३ से १८:४६
मेष – १८:४६ से २०:२०
वृषभ – २०:२० से २२:१५
मिथुन – २२:१५ से २४:३०
कर्क – २४:३० से २६:५२
सिंह – २६:५२ से २९:१०
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०६:०९ से ०७:३२
रोग पञ्चक – ०७:३२ से ०९:५३
शुभ मुहूर्त – ०९:५३ से १२:१२
मृत्यु पञ्चक – १२:१२ से १४:१६
अग्नि पञ्चक – १४:१६ से १५:५७
शुभ मुहूर्त – १५:५७ से १७:२३
रज पञ्चक – १७:२३ से १८:४६
अग्नि पञ्चक – १८:४६ से २०:२०
शुभ मुहूर्त – २०:२० से २२:१५
रज पञ्चक – २२:१५ से २२:३४
शुभ मुहूर्त – २२:३४ से २४:३०
चोर पञ्चक – २४:३० से २६:५२
शुभ मुहूर्त – २६:५२ से २८:१९
रोग पञ्चक – २८:१९ से २९:१०
शुभ मुहूर्त – २९:१० से ३०:१०
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन भी आपके लिए विपरीत फलदायक रहेगा। सेहत के विषय मे आज अधिक ध्यान रखना पड़ेगा लापरवाही करने पर आगे परिणाम गंभीर बन सकते है। शारीरिक अस्वस्थता के कारण किसी भी कार्य मे मन मुश्किल से ही लगा पाएंगे।
हाथ पैरों में शिथिलता रहेगी पेट संबंधित अथवा जुखाम बुखार आदि से कष्ट संभव है। आज किसी भी कार्य में जोर जबरदस्ती करने का प्रयास ना करें अन्यथा परिणाम निराशाजनक ही रहेंगे। यात्रा का विचार कर रहे है तो यथा संभव टाले आकस्मिक दुर्घटना चोटादि का भय रहेगा। परिजनों के साथ अधिक समय बिताने का प्रयास करें गलतफहमियां दूर होंगी।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप घरेलू कार्यो में ज्यादा व्यस्त रहेंगे प्रातः काल से ही कही बाहर पर्यटन अथवा रिश्तेदारी में जाने की तैयारी रहेगी। कार्य क्षेत्र पर अधिक ध्यान नही दे पाएंगे फलस्वरूप आंशिक लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। खर्च आय से ज्यादा रहेंगे फिर भी अधिकांश खर्च आवश्यक होने के कारण इसका आपके ऊपर कोई फर्क नही पड़ेगा। नौकरी पेशा जातको को आज कोई शुभ समाचार मिलेगा इसका लाभ भी अतिशीघ्र मिलने की संभावना है। आज आसपडोसियो अथवा यात्रा में सहयात्रियों से विनम्र व्यवहार करें झगड़ा हो सकता है। घरेलु सुख बढ़ेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिए बेहद खर्चीला रहेगा लेकिन धन की आमद भी अकस्मात हो जाने से खर्च अखरेंगे नही। समाजिक कार्यो में रुचि लेने से पारिवारिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। सहकर्मियों से तालमेल की कमी के कारण व्यावसायिक गतिविधियां कुछ समय के लिए प्रभावित होंगी फिर भी संतुलन बनाने में सफल रहेंगे। आय आज कुछेक साधन से ही फिर भी उपयुक्त मात्रा में हो जाएगी। घरेलू सामानों की खरीददारी के साथ ही सुख सुविधा बढ़ाने पर खर्च होगा। घर मे रिश्तेदारों के आगमन से चहल पहल रहेगी। बुजुर्गो से आगे के लिए मार्गदर्शन मिलेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपका स्वभाव कुछ रूखा रहेगा। घर हो या बाहर अपनी जिद के आगे किसी की नही चलने देंगे जिससे परिजनों के साथ अन्य लोगो को भी परेशानी में डालेंगे। कार्य क्षेत्र पर भी जल्दबाजी अथवा मनमानी के कारण होने वाले लाभ में कमी आ सकती है। धन सम्बंधित कार्यो को आज ना करें तो ही बेहतर रहेगा अथवा किसी अनुभवी की सलाह के बाद ही करें। आज के दिन आप स्वयं को अन्य लोगो से श्रेष्ठ दिखाने के चक्कर मे अपमानित भी हो सकते है। घर मे सामान्यतः माहौल शांत ही रहेगा लेकिन किसी ना किसी सदस्य से मतभेद उभरने पर उग्र बहस होने की संभावना है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आप ना चाहते हुए भी कलह के प्रसंगों में पड़ सकते है अथवा आज किसी ना किसी के द्वारा आपकी आलोचना अवश्य की जाएगी। व्यवहार में नरमी रखना अति आवश्यक है अन्यथा लाभ के अवसरों से दूरी बनेगी। आर्थिक रूप से आज का दिन सामान्य रहेगा खर्चो पर नियंत्रण रखें तो धन संबधित परेशानी नही रहेगी अन्यथा बजट गड़बड़ायेगा। आज आप वैसे तो मितव्ययता से ही काम करेंगे फिर भी कुछ आवश्यक घरेलू खर्च करने ही पड़ेंगे। घर मे अथवा रिश्तेदारों से अशुभ समाचार मिलने की संभावना है। सेहत में धीरे धीरे सुधार आएगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन भी आपको सुख शांति की अनुभूति होगी। लेकिन दिन का आरंभिक भाग आलस्य की भेंट चढ़ने से कुछ महत्त्वपूर्ण कार्यो में विलंब होगा। आर्थिक दृष्टिकोण से मध्यान तक स्थिति अच्छी रहेगी इसके बाद व्यवसाय में मंदी आने से थोड़ा बहुत धन लाभ ही हो सकेगा। नौकरी पेशा जातक आज निश्चिन्त होकर आराम में समय बिताएंगे। संध्या का समय बाहर घूमने फिरने मनोरंजन में व्यतीत होगा। घरेलू आवश्यकताओं पर धन खर्च भी आज अधिक रहेगा। गृहस्थ में सदस्यों की चोटी मोटी हरकतों को अनदेखा करें शांति रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन आपमे संतोषी वृति रहने से मानसिक रूप से शांत रहेंगे परन्तु घरवालों के ताने आज लापरवाह प्रवृति के कारण सुनने ही पड़ेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज अधिक सतर्कता बरतनी पड़ेगी प्रतिस्पर्धा एवं व्यस्तता अधिक रहेगी जिससे चोरी चकारी का भय है। धन लाभ के लिए आज परिश्रम अधिक करना पड़ेगा आवश्यकता अनुसार हो जायेगा। संध्या का समय कार्य से समय निकाल मित्र परिचितों के साथ यात्रा पर्यटन में बिताएंगे लेकिन आपसी संबंध मामूली बातो से खराब ना हो इसका ध्यान रखें। परिवार में अचानक अशांति फैलेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप काल्पनिक दुनिया मे खोये रहेंगे आज आपके विचार जितने बड़े होंगे उनकी अपेक्षा कर्म नही करेंगे। व्यावसायिक क्षेत्र पर आज विलम्ब से उपस्थिति देने पर कार्य भी विलम्ब से ही चलेंगे। लेकिन फिर भी आर्थिक रूप से आज आप प्रतिस्पर्धियों की अपेक्षा अधिक लाभ कमाएंगे। किसी अनुबंध के मानसिक दुविधा के कारण हाथ से निकलने की संभावना भी है। परिवार में आपके अधिक बोलने के कारण कुछ समय के लिए माहौल खराब हो सकता है महिलाये आज बाहर से प्रसन्न परन्तु अंदर से ईर्ष्यालु रहेंगी। घरेलू आवश्यकताओं के साथ बुजुर्गो की दवाओं पर खर्च करना पड़ेगा।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिए अशुभ रहेगा। आज जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसी में विघ्न-बाधाएं आएंगी कार्य व्यवसाय में भी आज छोटी सी गलती बड़ा नुकसान कराएगी सतर्क रहें। आज पुराने कार्यो से ही थोड़ा बहुत लाभ हो सकता है नए कार्य अभी हाथ मे ना लें नई परेशानी में पड़ सकते है। आज किसी के बुरे भले कहने अथवा चुगली करने से परेशान ना हों आज ऐसे कई प्रसंग बनेंगे मौन रहने पर किसी भी प्रकार के कुप्रभाव से बच जाएंगे। परिवार में भी आज सबके अलग अलग मत रहने से तालमेल बैठाने में दिक्कत आएगी। रात्रि के समय से कुछ राहत मिलने लगेगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन भी आपके लिए लाभदायक रहेगा। व्यावसायिक क्षेत्र पर आज ज्यादा प्रतिस्पर्धा ना रहने से इसका भरपूर लाभ उठाएंगे। नौकरी वाले जातक आज अतिरिक्त काम आने से कुछ समय के लिये असहज और क्रोध से भरे रहेंगे। मध्यान तक कार्यो में गंभीरता दिखाएंगे लेकिन इसके बाद का समय मौज शौक पूरे करने की इच्छा के चलते कार्यो में ध्यान नही रहेगा फिर भी आज आर्थिक स्थिति निरंतर सुधरेगी। मनोकामनाओं की पूर्ति आसानी से कर सकेंगे। दिखावे की वृत्ति रहने से सामर्थ्य से अधिक खर्च करने के कारण बजट प्रभावित होगा। घर मे आज अन्य दिनों की अपेक्षा शांति रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिए आनंददायक रहेगा दिन को ज्यादा खुशनुमा बनाने में परिजनों के साथ ही मित्र रिश्तेदारो का भी सहयोग मिलेगा। दिन के आरंभ में थोड़ी सुस्ती अवश्य रहेगी लेकिन इसके बाद शारीरिक रूप से चुस्त नजर आएंगे। सिन का अधिकांश समय सैर सपाटे मनोरंजन में व्यतीत होगा। व्यवसायी वर्ग भी आज अधूरे कार्य को जल्दी निपटाने का प्रयास करेंगे। आर्थिक दृष्टिकोण से आज के दिन तालमेल बना रहेगा फिर भी अनुपयोगी खर्च चाह कर भी नही रोक सकेंगे। परिजनों को कामना पूर्ति होने से घर मे उत्साह का वातावरण बनेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपके लिए थोड़ा भाग दौड़ वाला रहेगा। फिर भी आज किसी मनोकामना पूर्ति ना होने से निराश हो सकते है। धार्मिक क्षेत्र की यात्रा देवदर्शन के योग बनने से मानसिक शांति मिलेगी। आज आप अपने मन की बातों को खुल कर कह सकेंगे जिससे लोगो से आपसी संबंध ज्यादा प्रगाढ़ बनेंगे। घर के साथ ही बाहर वालो का भी आपके ऊपर विश्वाश बढ़ेगा। आज आपकी किसी नादानी का फल परिजनों को भी भुगतना पड़ सकता है मान सम्मान को ध्यान में रख कर ही कोई कदम उठाएं आर्थिक आयोजन सहज पूर्ण होंगे फिर भी धन की आमद आज मध्यम से कम ही रहेगी।
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️🙏राधे राधे🙏श्री दुर्गा माँ के 108 नाम (अर्थ सहित)

*श्री दुर्गाष्टोत्तरशतनाम स्त्रोत्तम*

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1. *सती-* अग्नि में जल कर भी जीवित होने वाली

2. *साध्वी-* आशावादी

3. *भवप्रीता-* भगवान् शिव पर प्रीति रखने वाली

4. *भवानी-* ब्रह्मांड की निवास

5. *भवमोचनी-* संसार बंधनों से मुक्त करने वाली

6. *आर्या-* देवी

7. *दुर्गा-* अपराजेय

8. *जया-* विजयी

9. *आद्या-* शुरूआत की वास्तविकता

10. *त्रिनेत्र-* तीन आँखों वाली

11. *शूलधारिणी-* शूल धारण करने वाली

12. *पिनाकधारिणी-* शिव का त्रिशूल धारण करने वाली

13. *चित्रा-* सुरम्य, सुंदर

14. *चण्डघण्टा-* प्रचण्ड स्वर से घण्टा नाद करने वाली, घंटे की आवाज निकालने वाली

15. *महातपा-* भारी तपस्या करने वाली

16. *मन-* मनन शक्ति

17. *बुद्धि-* सर्वज्ञाता

18. *अहंकारा-* अभिमान करने वाली

19. *चित्तरूपा-* वह जो सोच की अवस्था में है

20. *चिता-* मृत्युशय्या

21. *चिति-* चेतना

22. *सर्वमन्त्रमयी-* सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली

23. *सत्ता-* सत्-स्वरूपा, जो सब से ऊपर है

24. *सत्यानन्दस्वरूपिणी-* अनन्त आनंद का रूप

25. *अनन्ता-* जिनके स्वरूप का कहीं अन्त नहीं

26. *भाविनी-* सबको उत्पन्न करने वाली, खूबसूरत औरत

27. *भाव्या-* भावना एवं ध्यान करने योग्य

28. *भव्या-* कल्याणरूपा, भव्यता के साथ

29. *अभव्या -* जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं

30. *सदागति-* हमेशा गति में, मोक्ष दान

31. **शाम्भवी-* शिवप्रिया, शंभू की पत्नी

32. *देवमाता-* देवगण की माता

33. *चिन्ता-* चिन्ता

34. *रत्नप्रिया-* गहने से प्यार

35. *सर्वविद्या-* ज्ञान का निवास

36. *दक्षकन्या-** दक्ष की बेटी

37. *दक्षयज्ञविनाशिनी-* दक्ष के यज्ञ को रोकने वाली

38. *अपर्णा-* तपस्या के समय पत्ते को भी न खाने वाली

39. *अनेकवर्णा-* अनेक रंगों वाली

40. *पाटला-* लाल रंग वाली

41. *पाटलावती-* गुलाब के फूल या लाल परिधान या फूल धारण करने वाली

42. *पट्टाम्बरपरीधाना-* रेशमी वस्त्र पहनने वाली

43. *कलामंजीरारंजिनी-* पायल को धारण करके प्रसन्न रहने वाली

44. *अमेय-* जिसकी कोई सीमा नहीं

45. *विक्रमा-* असीम पराक्रमी

46. *क्रूरा-* दैत्यों के प्रति कठोर

47. *सुन्दरी-* सुंदर रूप वाली

48. *सुरसुन्दरी-* अत्यंत सुंदर

49. *वनदुर्गा-* जंगलों की देवी

50. *मातंगी-* मतंगा की देवी

51. *मातंगमुनिपूजिता-* बाबा मतंगा द्वारा पूजनीय

52. *ब्राह्मी-* भगवान ब्रह्मा की शक्ति

53. *माहेश्वरी-* प्रभु शिव की शक्ति

54. *इंद्री-* इन्द्र की शक्ति

55. *कौमारी-* किशोरी

56. *वैष्णवी-* अजेय

57. *चामुण्डा-* चंड और मुंड का नाश करने वाली

58. *वाराही-* वराह पर सवार होने वाली

59. *लक्ष्मी-* सौभाग्य की देवी

60. *पुरुषाकृति-* वह जो पुरुष धारण कर ले

61. *विमिलौत्त्कार्शिनी-* आनन्द प्रदान करने वाली

62. *ज्ञाना-* ज्ञान से भरी हुई

63. *क्रिया-* हर कार्य में होने वाली

64. *नित्या-* अनन्त

65. *बुद्धिदा-* ज्ञान देने वाली

66. *बहुला-* विभिन्न रूपों वाली

67. *बहुलप्रेमा-* सर्व प्रिय

68. *सर्ववाहनवाहना-* सभी वाहन पर विराजमान होने वाली

69. *निशुम्भशुम्भहननी-* शुम्भ, निशुम्भ का वध करने वाली

70. *महिषासुरमर्दिनि-* महिषासुर का वध करने वाली

71. *मधुकैटभहंत्री-* मधु व कैटभ का नाश करने वाली

72. *चण्डमुण्ड विनाशिनि-* चंड और मुंड का नाश करने वाली

73. *सर्वासुरविनाशा-* सभी राक्षसों का नाश करने वाली

74. *सर्वदानवघातिनी-* संहार के लिए शक्ति रखने वाली

75. *सर्वशास्त्रमयी-* सभी सिद्धांतों में निपुण

76. *सत्या-* सच्चाई

77. *सर्वास्त्रधारिणी-* सभी हथियारों धारण करने वाली

78. *अनेकशस्त्रहस्ता-* हाथों में कई हथियार धारण करने वाली

79. *अनेकास्त्रधारिणी-* अनेक हथियारों को धारण करने वाली

80. *कुमारी-* सुंदर किशोरी

81. *एककन्या-* कन्या

82. *कैशोरी-* जवान लड़की

83. *युवती-* नारी

84. *यति-* तपस्वी

85. *अप्रौढा-* जो कभी पुराना ना हो

86. *प्रौढा-* जो पुराना है

87. *वृद्धमाता-* शिथिल

88. *बलप्रदा-* शक्ति देने वाली

89. *महोदरी-* ब्रह्मांड को संभालने वाली

90. *मुक्तकेशी-* खुले बाल वाली

91. *घोररूपा-* एक भयंकर दृष्टिकोण वाली

92. *महाबला-* अपार शक्ति वाली

93. *अग्निज्वाला-* मार्मिक आग की तरह

94. *रौद्रमुखी-* विध्वंसक रुद्र की तरह भयंकर चेहरा

95. *कालरात्रि-* काले रंग वाली

96. *तपस्विनी-* तपस्या में लगे हुए

97. *नारायणी-* भगवान नारायण की विनाशकारी रूप

98. *भद्रकाली-* काली का भयंकर रूप

99. *विष्णुमाया-* भगवान विष्णु का जादू

100. *जलोदरी-* ब्रह्मांड में निवास करने वाली

101. *शिवदूती-* भगवान शिव की राजदूत

102. *कराली-* हिंसक

103. *अनन्ता-* विनाश रहित

104. *परमेश्वरी-* प्रथम देवी

105. *कात्यायनी-* ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय

106. *सावित्री-* सूर्य की बेटी

107. *प्रत्यक्षा-* वास्तविक

108. *ब्रह्मवादिनी-* वर्तमान में हर जगह वास करने वाली।

 

*जय माता जी की🙏🙏🙏*१

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मर्यादा कभी कभी नहीं छोड़नी चाहिए।

 
गोवर्धन मठ के जगद्गुरु शंकराचार्य भगवान वही कार्य कर रहें हैं,
जिससे पूज्य ब्रह्मलीन द्वारका व ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य भगवान के ही भावना की रक्षा हो।
 
बहुत ही विचारणीय प्रश्न है कि आखिर कभी भी ब्रह्मलीन महाराज श्री ने वर्तमान स्वयंभू उत्तराधिकारियों की सार्वजनिक घोषणा क्यों नहीं की ??
 
श्रृंगेरी के महाराज जी कह रहे हैं कि २००७ में ही ब्रह्मलीन महाराज श्री ने हमें यह बता दिया था,
लेकिन महाराज श्री ने बकायदे न्यूजचैनल के माध्यम से २०१२ में उसका खंडन कर दिया।
 
जो वसीयत पढ़ी गई है, उसमें यह कहा गया है कि ९२ वर्ष की अवस्था हो जाने व अस्वस्थ होने के कारण मैं अमुक अमुक को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर रहा हूं।
 
लेकिन आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि महाराज जी ने कभी भी सार्वजनिक घोषणा तो नहीं की अपितु ९७ वर्ष की अवस्था में बाकायदे लिखित खण्डन प्रस्तुत कर दिया कि उन्होंने किसी को भी अपना उत्तराधिकारी घोषित नहीं किया है।
 
अर्थात महाराज श्री ने सदैव इन नामों का खंडन ही किया है।
 
आखिर इसका क्या कारण हो सकता है??
 
कहीं वह कारण तो नहीं जो गोवर्धन मठ के आधिकारिक ट्वीट में उल्लिखित किया गया – ‘ वर्ण व व्यक्तित्व विहीन ‘
 
सामान्य व्यक्ति भी अपने भविष्य की योजना को प्रोत्साहन प्रदान करता है, कदम कदम पर उनका खंडन नहीं करता।
पूज्य ब्रह्मलीन महाराज श्री तो साक्षात् शिवस्वरूप हैं।
 
असल में वह कुछ और ही स्पष्ट संदेश देना चाह रहे थे।
 
अब 
विशेषकर ज्योतिष पीठ के मामले में तो नियुक्ति का अब एकाधिकार गोवर्धन मठ के पूज्य आचार्य चरण के पास हैं,
और वह वही करेंगें जो सनातन सिद्धांत के अनुकूल हो।
 
हम लोगों को उन्हीं की शरण ग्रहण करनी चाहिए।
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नोट: जो व्यक्ति अमुक जनों के समर्थक बनकर लगातार गाली – गलौज कर रहे हैं, वास्तव में वह अप्रत्यक्ष रूप से पूज्य ब्रह्मलीन महाराज श्री के ही भावना को गाली दे रहें हैं।
 
अगर वो मर्यादा की सीमा में विचार करेंगें तो उनको उपर्युक्त बातों का कोई जवाब नहीं मिलेंगे।
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जय जगन्नाथ।
भारतवर्ष में सदा से ही नारियों का स्थान पुरूषों से अधिक सम्मानीय रहा है। इसीलिए घर को घर नहीं, नारी को घर कहा गया है।
पुरुष का तो मकान होता है, नारी उसे घर बनाती है. पुरुष लाखों का मकान बना सकता है, खरीद सकता है; परंतु बगैर नारी के घर नहीं बना सकता है।
जिस मकान में सिर्फ पुरुषों का वास है, उस मकान का हाल देख लिजिए. घुसते ही बेतरतीब सामान इधर-उधर बिखरे पड़े मिल जायेंगे। कूड़े-कचड़े भी दिख जायेंगे। कोई भी सामान अपने स्थान पर नहीं रहेगा। इसे घर नहीं कहा जा सकता। 
न गृहं गृहमित्याहुः गृहणी गृहमुच्यते।
गृहं हि गृहिणीहीनं अरण्यं सदृशं मतम्।
जब तक घर में गृहणी नहीं हो वह घर नहीं बल्कि जंगल कहलाता है इसलिए घर में गृहणी का होना आवश्यक होता है।