मित्रों ये है अनिता नेगी, उत्तराखंड के पौड़ी जिले अंतर्गत गरूड़ चट्टी नीलकंठ मार्ग पर पिछले 30 वर्षों से पकोड़े बना रही हैं। पहले विवशता थी, अब चाव से पकौड़े तैयार करती हैं।
इनकी दुकान के पकोड़े एक बार आप खाओगे तो दुबारा अवश्य आओगे। यहाँ आज भी चूल्हे की आंच पर बनते हैं, गरमागरम पकोड़े। आलू मिर्च के पकोड़े लोग बहुत पसंद करते हैं।
इनका बेट एक वर्ष का था जब इनके पति का देहांत हो गया था। इनके लिए तभी से संघर्ष शुरू हो गया था, पहाड़ का जीवन भी सरल नहीं, ऐसे में परिवार की जिम्मेदारी भी इन पर आ गयी, विवश होकर इन्हें दुकान लगानी पड़ी। पहले पहल हिम्मत नहीं हुई दुकान चलाने की दस किस्म के लोगों से पाला पड़ता था। धीरे धीरे हिम्मत आयी। अब ये पूरे आत्मविश्वास से व्यवसाय करती हैं आज इनका बेटा भी इनके साथ पूरी दुकान चलाता है।
पकोड़े के अतिरिक्त अब नयी पीढ़ी मैगी आदि फास्ट फूड भी बनवाती है। अनिता का कहना है कि मैगी की जगह पकौड़े अधिक स्वादिष्ट और पौष्टिक पकवान है। कुल्हड़ वाली चाय विशेष रूप से बनाती हैं । वे कहती हैं कि चाय पकौड़ी पहले का नाश्ता था अब शौक हो गया है। लॉकडाउन में थोड़ी दिक्कत हुई थी, लेकिन फिर गाड़ी वापस पटरी पर आ गयी।
इनका बेटा भी इसी रोजगार में साथ दे रहा है, सीजन में 25 से 30 हजार महीना तक की कमाई हो जाती है।
अगली बार इस रास्ते जब भी जाए यंहा पकौड़े या भोजन अवश्य खायें।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब कहा कि पकौड़े तलना भी रोजगार है तो कुछ लोग मजाक में ले रहे थे। लेकिन जब से उनके सतावन वर्षीय युवा नेता ने हरियाणा में जलेबी की फैक्ट्री लगाने की बात कही है तब से वे भी पकौड़े का महत्व समझने लगे हैं। एक भाई कह रहा था जलेबी हर दिन कहां खाई जाती है खायेंगे तो मधुमेह रोग की संभावना है, हां पकौड़े के नाश्ते से दिनभर उर्जावान रहता हूँ।
ऊंचा उठने के लिये पंखों की आवश्यकता तो मात्र पक्षियों को पड़ती है.. मनुष्य तो जितना विनम्रता से झुकता है, उतना ही वो ऊपर उठता जाता है…जिस प्रकार वृक्ष की सुन्दरता उसके पुष्पों से होती है, ठीक उसी प्रकार किसी भी इन्सान की सुन्दरता उसके आचरण और व्यवहार से होती है।
*🏵️ बड़ा विचार और बड़े सपने देखने वाले लोग ही बड़े बन सकते हैं।।*
*🏵️ आपके दिन की शुरुवात तय करती हैं कि आपका आज का दिन कैसा बीतेगा, इसलिए आपको सदैव अच्छे और सकारात्मक विचारों के साथ दिन की शुरुवात करनी चाहिए। प्रयास करें कि प्रतिदिन सूर्योदय से 2घंटे पहले उठें, प्रार्थना करें, व्यायाम करें और अच्छे विचारों के साथ दिन की शुरुआत करें ।।*जीवन में पैंसा सबकुछ नहीं होता लेकिन जब पैंसा नहीं होता तो जीवन में कुछ होता भी नहीं है। आप दिन भर मोबाइल चलाते हैं डाटा और समय बर्बाद करते हैं। यदि अपने मोबाइल का उपयोग अर्थोपार्जन के लिए करना चाहते हैं तो परामर्श के लिए संपर्क कर सकते हैं अब ऐसी बहुत सी सरकारी और गैरसरकारी स्कीमें है जिनसे आपको धनोपार्जन भी होगा मोबाइल चलाते चलाते ✍️हरीश मैखुरी 🪷*9634342461