महिलाओं और भारतीय संस्कृति के प्रति अमिताभ के दोहरे मानक दोहरे मापदंड!

इन दोनों चित्रों में अमिताभ जी का रियेक्शन समझ से परे है 

पहली है रूमा देवी जिनके सिर पर पल्लू है …

ये पल्लू की संस्कृति को पुरानी सोच और विकास में बाधा बताकर रूमा से सहानुभूति प्रदर्शित करते हैं।

दूसरी पिक्चर है हॉटसीट पर हिजाब में बैठी, नसीम को देखकर कहते है कि आप काफी समझदार लगती हो, 

आपके साथ तो समझदारी से बात करनी पड़ेगी। 

समझ मे ये नही आता की इनके बाबूजी 

इन श्रीवास्तव जी को ऐसा कौन सा ज्ञान दे गए।

महिलाओं और भारतीय संस्कृति के प्रति अमिताभ के ऐसे दोहरे मानक दोहरे मापदंड एक बडे़ अभिनेता के कद को बौना कर देते हैं। 

ऐसे ही कूली में 786 बिल्ला व एक अन्य फिल्म में अजमेर शरीफ को प्रमोट करना भी आपको याद ही होगा और नेहरू खानदान से रिश्ता तो जग जाहिर ही है। 

जबकि मां का पल्लू गरिमामयी छवि प्रदान करने के लिए था।

इसके साथ ही … यह गरम बर्तन को
चूल्हा से हटाते समय गरम बर्तन को
पकड़ने के काम भी आता था। 

पल्लू की बात ही निराली थी.
पल्लू पर तो बहुत कुछ
लिखा जा सकता है.

पल्लू … बच्चों का पसीना, आँसू पोंछने,
गंदे कान, मुँह की सफाई के लिए भी
इस्तेमाल किया जाता था.

माँ इसको अपना हाथ पोंछने के लिए
तौलिया के रूप में भी
इस्तेमाल कर लेती थी.

खाना खाने के बाद
पल्लू से मुँह साफ करने का
अपना ही आनंद होता था.

कभी आँख में दर्द होने पर …
माँ अपने पल्लू को गोल बनाकर,
फूँक मारकर, गरम करके
आँख में लगा देतीं थी,
दर्द उसी समय गायब हो जाता था.

माँ की गोद में सोने वाले बच्चों के लिए
उसकी गोद गद्दा और उसका पल्लू
चादर का काम करता था.

जब भी कोई अंजान घर पर आता,
तो बच्चा उसको
माँ के पल्लू की ओट ले कर देखता था.

जब भी बच्चे को किसी बात पर
शर्म आती, वो पल्लू से अपना
मुँह ढक कर छुप जाता था.

जब बच्चों को बाहर जाना होता,
तब ‘माँ का पल्लू’
एक मार्गदर्शक का काम करता था.

जब तक बच्चे ने हाथ में पल्लू
थाम रखा होता, तो सारी कायनात
उसकी मुट्ठी में होती थी.

जब मौसम ठंडा होता था …
माँ उसको अपने चारों ओर लपेट कर
ठंड से बचाने की कोशिश करती.
और, जब वारिश होती,
माँ अपने पल्लू में ढाँक लेती.

पल्लू –> एप्रन का काम भी करता था.
माँ इसको हाथ तौलिया के रूप में भी
इस्तेमाल कर लेती थी.

पल्लू का उपयोग पेड़ों से गिरने वाले
मीठे जामुन और सुगंधित फूलों को
लाने के लिए किया जाता था.

पल्लू में धान, दान, प्रसाद भी
संकलित किया जाता था.

पल्लू घर में रखे समान से
धूल हटाने में भी बहुत सहायक होता था.

कभी कोई वस्तु खो जाए, तो
एकदम से पल्लू में गांठ लगाकर
निश्चिंत हो जाना , कि
जल्द मिल जाएगी.

पल्लू में गाँठ लगा कर माँ
एक चलता फिरता बैंक या
तिजोरी रखती थी, और अगर
सब कुछ ठीक रहा, तो कभी-कभी
उस बैंक से कुछ पैसे भी मिल जाते थे.

*मुझे नहीं लगता, कि विज्ञान पल्लू का विकल्प ढूँढ पाया है !*

*मां का पल्लू कुछ और नहीं, बल्कि एक जादुई एहसास है !*

*अमिताभ बच्चन जैसे ही दोहरे मापदंड और दोहरी दृष्टि भारत के कुछ बुद्धि विलासियों की भी है*

*200 करोड़ खर्च कर के*
*(वह भी जनता के पैसे से,*
*कोई सरकारी पैसा नहीं)*
*अयोध्या में भगवान श्री राम जी की प्रतिमा बनाकर*
*उत्तरप्रदेश टूरिज्म को*
*बढावा देकर*
*बाद में*
*फ़िर इसी से*
*वहां आने वाले पर्यटक से*
*पैसा कमा सकते हैं।*

*लेकिन मायावती के राज में*
*1700 करोड़ की हाथी और हथिनी की मूर्तियां बनायी गई।*
*बुद्धिजीवी चुप !*
*कोई डिबेट नहीं !*

*अखिलेश के राज़ में*
*सैफई में 300 करोड़ खर्च कर के*
*बाप बेटे बैठकर*
*फिल्मी नचनियो का नाच देख रहे थे।*
*बुद्धिजीवी चुप !*
*कोई डिबेट नहीं !*

*100 करोड़ का हज हाउस बनवाया गया।*
*बुद्धिजीवी चुप !*
*कोई डिबेट नहीं !*

*सैकड़ों करोड़ की हज, सब्सिडी*
*अल्पसंख्यक समुदाय को जाती थी।*
*जिससे किसी गरीब का*
*कोई भला नहीं होता है!*
*बुद्धिजीवी चुप !*
*कोई डिबेट नहीं !*

*हजारों करोड़ की*
*नकली गांधी परिवार के सभी दिवंगत सदस्यों की*
*मूर्तियां बनी है।*
*जिससे गरीबों का कोई फायदा नहीं हुआ..!*
*बुद्धिजीवी चुप !*
*कोई डिबेट नहीं !*

*लिस्ट लम्बी है…!*

*लेकिन भगवान राम की प्रतिमा पर*
*बुद्धिजीवियों का मुंह खुल गया!*
*और हर जगह डिबेट*
*जोर शोर से चल रहा है!*
*अब फैसला आपके हाथ में है।*
*तय करें कि दोगला कौन ??*

लेकिन भगवान राम की महिमा ही ऐसी है कि जो पार्टी भगवान को टैंट में बिठाये रखी और उनका मंदिर बनने नहीं दिया यहां तक कि कोर्ट में एफिडेविट दे कर भगवान राम का अस्तित्व नकार चुकी है। और अनेक दशकों तक राम मंदिर के विरूद्ध नामी वकीलों की फौज खड़ी किए रही वो भी आज राम मंदिर उद्घाटन के निमंत्रण मांग रहे हैं। और भगवान का कलेवर देखो उन्हें निमंत्रण मिल भी गया है। इस संदर्भ में बड़ा सटीक उत्तर अमिताभ अग्निहोत्री ने पहले से ही दे रखा है है। 

https://www.facebook.com/reel/6455174494591288?s=yWDuG2&fs=e&mibextid=Nif5oz✍️
*_जय हो मर्यादा पुरुषोत्तम श्री रामचंद्रजी की_* 🚩
*भारत माता की जय*
*वंदे मातरम – जय हिंद*
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