अमर बलिदानी कमांडेंट वीरेंद्र पुरोहित यानी आतंकवादियों का काल

✍️हरीश मैखुरी

आज ही के दिन चमोली जनपद निवासी बीएसएफ के कमांडेंट वीरेंद्र प्रसाद पुरोहित ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए भारत मां के लिए अपना सर्वोच्य बलिदाल दिया था। जीते जी कश्मीर में कमांडेंट पुरोहित आतंकवादियों के काल माने जाते थे कश्मीर में अपने सेवा काल में दो दर्जन से अधिक इस्लामी आतंकवादियों का काम तमाम किया अतिंम दिन वे एक आप्रेशन में ही आतंकवादियों की गोली के निशाने पर आ गये। देश उनके बलिदान को सैल्यूट करता है। उनके श्रेष्ठ बलिदान के लिए उन्हें कीर्ति चक्र और अति विशिष्ट सेवा मैडल भी दिए गए हैं। बीएसएफ के किसी व्यक्ति को मिलने वाला यह पहला कीर्ति चक्र है।#कमांडेंट_वीरेंद्र_पुरोहित ने वर्ष 1980-81 में महाविद्यालय गोपेश्वर से एमएससी किया, वर्ष 1985 में वे बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) में चयनित हुए। वर्ष 2002 मेें कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए बडगाम कश्मीर में वीरेंद्र पुरोहित देश पर बलिदान हो गए थे। 

उनकी स्मृति में बीएसएफ की 171 बटालियन की ओर से पीजी कॉलेज गोपेश्वर में आयोजित शहीद स्मृति सम्मान समारोह में शहीद कमांडेंट वीरेंद्र पुरोहित को श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही महाविद्यालय में निर्माणाधीन भवन को शहीद वीरेंद्र पुरोहित नाम देने का प्रस्ताव भी पारित किया गया