बड़े विमर्श संघर्ष के उपरांत अंकिता भंडारी पंचतत्व में विलीन, मुख्यमंत्री धामी ने दिया फास्ट ट्रैक न्यायालय में हत्यारों पर केस चलाने का आश्वासन, साथ ही मुख्यमंत्री ने की प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा

बड़े विमर्श संघर्ष के उपरांत अंकिता भंडारी पंचतत्व में विलीन, मुख्यमंत्री धामी ने दिया फास्ट ट्रैक न्यायालय में हत्यारों पर केस चलाने का आश्वासन 
….. दिनभर के पेचिदा तनाव , गहमागहमी, माथापच्ची, संशय , घेराव, इंकार, विरोध, दुख, आंशु, गगनचुंबी नारों ,प्रशासनिक कमी व रूखापन , असंवेदनशीलता, रूठना मनाने की असंख्य कवायदों के बाद आखिर अभी सुर्यास्त के लगभग ही अंकिता पंचतत्वों मे विलिन हुई।

….रातभर और सुबह नौ बजे तक बादल बरसते रहे। शहर श्रीनगर – श्रीकोट व आसपास के छोटे बाजार उफ्ल्डा, खंडाह घाटी, स्वीत, चमधार बंद रहे। गमगीन लोगों ने घाट का रूख किया। पर नदारद। पता चला परिजन पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंपने व सार्वजनिक करने तक अंतेष्टी ना करने पर अडे हैं।

….. शहर व जगह जगह शोक जुलुस निकलते रहे। श्रद्धांजलि , शोकसभा आयोजित होती रही। जो आए अपने लिए आए। सबके घरों मे लडकी हैं। क्या अंकिता और क्या अपनी बेटी? दिनभर दुख तनाव वातावरण मे व्याप्त रहा। ठीक वैसे ही जैसे उत्तराखंड आंदोलन के दौरान शहीद अशोक कैशिव व बेंजवाल की शहादत पर था।

…. मंडलभर के अधिकारी, पुलिस बल तैनाती के साथ शहरभर मंडराते रहे। परिजन शव स्वीकार नाहीं करेंगे ये प्रशासन ने सोचा नहीं था शायद । प्रशासन शायद श्रीनगर के लोगों , प्रतिनिधियों , छात्रनेताओं की प्रतिरोध की क्षमताओं से भी अनभिज्ञ था। आठ बजे तय समय पर अंतेष्ठी हो जाती तो हो जाती। समझदारी ये होती कि ऋषिकेश मे ही मुख्यमंत्री से पीडिता के परिजनों से विनम्रतापूर्वक सहमति से आर्थिक या नौकरी आदि की मदद सहायता देकर वहीं अंतेष्ठी करते। 

बारिश थी किचड़ था पितृ अमावस्या थी दुकानें बंद थी व्यापारी फ्री था, जाम था भीड़ थी, ठेके भी खुले थे पुलिस प्रशासन के हाथ पैर फूल गये। अगर कोई अनहोनी हो गयी तो?

… तीर्थयात्री, लोकल यात्री परेशान रहे। जाम लगा रहा। रोगी बहाल।

…तर्पण का आज आखिरी दिन था। कैसे मैनेज हूआ होगा?

.आखिरकार भीड के भारी विरोध व गहमागहमी के बाद परिजनों की सहमति पर अग्नि दी गयी।
शांत अलकनंदा बहती रही। लपटें आकाश छुने लगीं। सुगंधित प्राणवायु वातावरण मे व्याप्त था। पहाड गमगीन दिखे। आसमान फिर रूंआसा होने लगा।

जनता जनार्धन जब जब सड़कों पर उतरती है, सारे किले ध्वस्त हो जाते हैं। निश्चित ही, अंकिता को इंसाफ जरूर मिलेगा।

..इस बीच प्रदेश में भर्ती घोटाले के बगड़बिल्ले ये न सोचें हवा का रुख मुड़ चुका है। उनकी तरफ से जनता का ध्यान हट चुका है।

..प्राथमिकता बेटी को इंसाफ दिलाने की है, तुम कहां भागे जा रहे हो। व्यवस्था से इंसाफ न मिला तो यही भीड़ तुम्हारा भी इलाज करेगी।

ये आंदोलनों की भूमि है, तुम्हें ऐसे ही नहीं जाने देंगे। 

*मुख्यमंत्री ने की प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा।*

*मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारी रहे मौजूद।*

*वीडिया कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी आयुक्त एवं जिला अधिकारी भी जुड़े थे।*

 

*मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से संवाद कर स्थिति का लिया जायजा।*

*प्रदेश में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही प्रदेश में माहौल खराब करने वाले तत्वों पर रखी जाये कड़ी नजर।*

*किसी भी समस्या का त्वरित ढंग से किया जाए समाधान।*

*प्रदेश की कानून व्यवस्था एवं अमन चैन बनाना अधिकारियों का दायित्व।*

*अपराधियों एवं असामाजिक तत्वों के विरूद्ध की जाय कठोर कार्यवाही।*

 

     मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था से सम्बन्धित घटनाओं को गम्भीरता से लेने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिये हैं। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि कानून एवं व्यवस्था से सम्बन्धित घटना चाहे वह राजस्व क्षेत्र की हो या पुलिस क्षेत्र की, जिसे भी कोई सूचना प्राप्त होती है तो उसे गम्भीरता से लेकर उसके समाधान की त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित कराये।

 

     मुख्यमंत्री ने प्रदेश में वन क्षेत्र या अन्य क्षेत्रों में होटल, रिसोर्ट या धार्मिक कार्यों के लिये हो रहे अतिक्रमण का चिन्हीकरण कर उस पर सख्ती के साथ त्वरित कार्यवाही के भी निर्देश दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मदरसों के सत्यापन के साथ ही डेमोग्राफिक चेंज के प्रकरणों में भी सख्ती से कार्यवाही के निर्देश दिये।

 

    रविवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कानून व्यवस्था, अवैध अतिक्रमण, आपदा आदि से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर शासन के उच्चाधिकारियों के साथ गहनता से समीक्षा की। समीक्षा बैठक में सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। मुख्यमंत्री ने जनपदवार जिलाधिकारियों से उनके स्तर पर की जा रही कार्यवाही तथा समस्याओं के समाधान के लिये किये प्रयासों की जानकारी प्राप्त की। 

 

    मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जनपद स्तर पर सभी सम्बन्धित बिन्दुओं का कलेंडर तैयार कर उनकी पाक्षिक या मासिक समीक्षा कर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हाल ही में घटित कुछ घटनाओं से प्रदेश की छवि धुमिल हुई है। इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इस दिशा में सभी अधिकारी सर्तकता एवं जिम्मेदारी के साथ कार्य करें।

 

    उन्होंने कहा कि देवभूमि हमारा प्रदेश है, यहां अमन, चैन व शांति हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अपराधी कोई भी हो उसे बख्शा न जाए। इमानदारी से कार्य करने वालों को परेशान न किया जाए। बाहरी प्रदेशों से आने वालों पर कड़ी नजर रखी जाए। भविष्य में प्रदेश की जन संख्या घनत्व के कारण किसी परेशानी का सामना न करना पड़े, यह भी सुनिश्चित किया जाए।

 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं का समाधान त्वरित ढंग से हो, इसके लिये सचिवालय में सोमवार को नो मिटिंग डे तथा पर्वतीय जिलों में 10 से 1 बजे तक अधिकारियों के जनता से मिलने के निर्देश दिये गये। जनपदों की कोई समस्या सचिवालय न आये यह भी जिलाधिकारी सुनिश्चित करें। इसके लिये बहुउद्देशीय शिविर तहसील दिवस के आयोजन के साथ दूरस्थ क्षेत्रों में जन समस्यायें सुनने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। इस सम्बन्ध में उन्होंने ऊधम सिंह नगर की भांति ई-समाधान चौपाल की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने सरलीकरण, समाधान निस्तारण एवं संतुष्टि के तहत की गई समस्याओं के समाधान का भी विवरण तैयार करने को कहा।

 

     मुख्यमंत्री ने सड़कों की स्थिति की जानकारी प्राप्त कर 15 अक्टूबर तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने अवैध शराब, अवैध खनन पर भी प्रभावी नियंत्रण के निर्देश दिये। प्रदेश में बढ़े डेंगू के रोगियों की संख्या के दृष्टिगत इसके रोकथाम की भी कारगर व्यवस्था करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

 

    मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु ने सभी सभी जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अधिकारी सही गलत की पहचान कर दोषियों को सजा देने की कार्यवाही करें। अवैध अतिक्रमणों में राजस्व, वन एवं सिंचाई आदि विभागों की संयुक्त टीम बनायी जाए। जहां पर अतिक्रमण हटाया जाए वहां पुनः अतिक्रमण न हो यह भी सुनिश्चित किया जाए। 

      बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक कुमार, विशेष प्रमुख सचिव श्री अभिनव कुमार, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री सचिन कुर्वे, चंद्रेश यादव, अपर सचिव श्री अतर सिंह सहित पुलिस के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा वर्चुअल रूप से सभी मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी उपस्थित थे।