आज का पंचाग आपका राशि फल, दिव्य शक्तियों की नवरात्रि पूजा विधि विधान, अवसाद (डिप्रेशन) में डालती है इन ग्रहों की ऐसी स्थिति, त्रिकालदर्शी काग भुशुंडि

𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝
श्री हरिहरो
विजयतेतराम

*🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓
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*सोमवार, २६ सितम्बर २०२२*
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सूर्योदय: 🌄 ०६:१८
सूर्यास्त: 🌅 ०६:०८
चन्द्रोदय: 🌝 ०६:१६
चन्द्रास्त: 🌜१८:३७
अयन 🌖 दक्षिणायने
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०७९ (राक्षस)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 शुल्क
तिथि👉 प्रतिपदा (२७:०८
से द्वितीया
नक्षत्र 👉 हस्त (पूर्ण रात्रि)
योग👉शुक्ल(०८:०६से ब्रह्म)
प्रथम करण 👉 किंस्तुघ्न
(१५:१९ तक)
द्वितीय करण👉बव(२७:०८ तक
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 कन्या
मंगल🌟वृष(उदित,पश्चिम,मार्गी)
बुध🌟कन्या(अस्त,पूर्व,मार्गी)
गुरु🌟मीन (उदित, पूर्व, वक्री)
शुक्र 🌟 कन्या (उदित, पूर्व)
शनि🌟मकर
(उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४४ से १२:३२
अमृत काल 👉 २४:११ से २५:४९
विजय मुहूर्त 👉 १४:०८ से १४:५६
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:५७ से १८:२१
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:०९ से १९:२१
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४४ से २४:३२
राहुकाल 👉 ०७:३७ से ०९:०८
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:३८ से १२:०८
होमाहुति 👉 सूर्य
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी (२७:०८ तक)
चन्द्र वास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 श्मशान में (२७:०८ से गौरी के साथ)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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दक्षिण-पूर्व (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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शारदीय नवरात्रि आरम्भ (घट स्थापना), कन्या लग्न ०६:०७ से ०७:४७ अथवा अभिजीत नक्षत्र ११:४४ से १२:३२ तक, नवरात्रि के प्रथम दिवस आदिशक्ति माँ दुर्गा के प्रथम शैलपुत्री स्वरूप की उपासना व्रत आदि, श्री अग्रसेन जयन्ती, मातामह श्राद्ध, व्यवसाय आरम्भ+वाहन क्रय-विक्रय+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०९:१८ से १०:४८ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ३०:१७ तक जन्मे शिशुओ का नाम
हस्त नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (पू, ष, ण, ठ) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – २९:३० से ०७:४८
तुला – ०७:४८ से १०:०९
वृश्चिक – १०:०९ से १२:२८
धनु – १२:२८ से १४:३२
मकर – १४:३२ से १६:१३
कुम्भ – १६:१३ से १७:३९
मीन – १७:३९ से १९:०२
मेष – १९:०२ से २०:३६
वृषभ – २०:३६ से २२:३१
मिथुन – २२:३१ से २४:४६
कर्क – २४:४६ से २७:०७
सिंह – २७:०७ से २९:२६
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रज पञ्चक – ०६:०७ से ०७:४८
शुभ मुहूर्त – ०७:४८ से १०:०९
चोर पञ्चक – १०:०९ से १२:२८
शुभ मुहूर्त – १२:२८ से १४:३२
रोग पञ्चक – १४:३२ से १६:१३
शुभ मुहूर्त – १६:१३ से १७:३९
मृत्यु पञ्चक – १७:३९ से १९:०२
रोग पञ्चक – १९:०२ से २०:३६
शुभ मुहूर्त – २०:३६ से २२:३१
मृत्यु पञ्चक – २२:३१ से २४:४६
अग्नि पञ्चक – २४:४६ से २७:०७
शुभ मुहूर्त – २७:०७ से २७:०८
रज पञ्चक – २७:०८ से २९:२६
शुभ मुहूर्त – २९:२६ से ३०:०८
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आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन धन और धन्य दोनो की वृद्धि करेगा। परिवार के साथ ही व्यक्तिगत आवश्यकताओं की पूर्ति पर अधिक खर्च करेंगे धन की आमद रुक रुक कर होते रहने से खर्च आपको अखरेगा नही। फिर भी आज कुछ फिजूल खर्च भी होंगे जिससे बजट प्रभावित हो सकता है। कार्य क्षेत्र पर आज आप मेहनत का उचित फल पाएंगे नौकरी वाले जातक अधिकारियों के प्रिय रहेंगे व्यवसायी वर्ग भी अपनी अलग पहचान बनाने में सफल होंगे। संध्या का समय घर से बाहर आनंद से बीतेगा। घर मे भी आज आपकी हास परिहास का वातावरण मिलेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपमे अहम की भावना रहेगी। आस पास के लोग आज आपकी आदतों से असहज महसूस करेंगे। अपनी श्रेष्ठता दिखाने का कोई मौका नही छोड़ेंगे अन्य लोगो के कार्य में टांग अड़ाने में प्रसन्नता मिलेगी परन्तु बदनामी भी होगी सहकर्मी आज आपसे असंतुष्ट ही रहेंगे। व्यवसाय में कार्य बनते बनते आपकी ही जिद के कारण अटक सकते है। लोग आज केवल स्वार्थ वश ही आपकी प्रशंशा अथवा सहयोग करेंगे। आपके अंदर भी स्वार्थ सिद्धि अथवा ले देकर कार्य बनाने की प्रवृति रहेगी। घर का वातावरण तालमेल की कमी से अस्त-व्यस्त बनेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आप अधिकांश समय असमंजस की स्थिति में रहेंगे बचते बचते भी कलह पीछा नही छोड़ेगी। किसी ना किसी कारण से घर के सदस्यों से विवाद हो सकता है। घर के बुजुर्ग भी आपसे नाराज रहेंगे। आज कोई भी कार्य परिवार के सदस्यों की सलाह के बिना ना करें अन्यथा स्थिति गंभीर बनते देर नही लगेगी। काम-धंधा भी सुस्त रहने से आर्थिक विषमताओं का सामना करना पड़ेगा। अधिकांश कार्य बनते बनते अंतिम चरण में आकर लंबित रह जाएंगे। नौकरी पेशा जातक आज विशेष सावधानी बरतें मान हानि हो सकती है। धन लाभ न्यून रहेगा।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप सभी कार्यो में अपनी कार्यकुशलता का परिचय देंगे। आज आपके कुछ महत्त्वपूर्ण कार्य विलम्ब से होंगे जिससे थोड़ी बेचैनी रहेगी लेकिन इंतजार का फल मीठा ही रहेगा धन लाभ आवश्यकता से अधिक एवं एक से अधिक साधनों से होगा। आज आपको खर्च करने में संकोच नही करना पड़ेगा जब भी जिस भी वस्तु का मन करेगा आसानी से प्राप्त कर लेंगे। घर एवं बाहर मिलनसार माहौल मिलने से कार्यो की थकान कम होगी। परिजन आपकी पसंद का विशेष ध्यान रखेंगे। उत्तम भोजन वाहन सुख मिलेगा।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन संभावनाओं पर केंद्रित रहेगा। व्यवसाय में आय निश्चित नही रहेगी फिर भी आकस्मिक लाभ हो सकता है। पुराने कार्यो में पैसे रुकने से मन निराश होगा धन को लेकर किसी से बहस भी हो सकती है। वाणी एवं व्यवहार संयमित रखें बड़बोलापन सम्मान से साथ धन हानि भी करा सकता है। आज किसी के कार्य से अपना समय व्यर्थ करेंगे। व्यवसायिक कार्यो में जल्दबाजी ना दिखाए अन्यथा जितना लाभ होना चाहिए उतना नही हो सकेगा। संध्या के समय धन सम्बन्धीत शुभ समाचार मिलेंगे। परिवार में कुछ बातों को छोड़ तालमेल बना रहेगा।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके अनुकूल रहेगा। आज आपकी किसी इच्छा के पूर्ण होने से मन दिन भर प्रसन्न रहेगा। कार्य क्षेत्र पर कुछ विचलन हो सकता है लेकिन जड़ ही स्थिति स्पष्ट होने से व्यवधान आने से बचेंगे। अधिकारी एवं कर्मचारी वर्ग दोनो कार्य के प्रति गंभीर रहेंगे जिससे सफलता निश्चित मिलेगी परन्तु अधिकारी वर्ग से काम निकालने के लिए विभिन्न युक्तियां लगानी पड़ेंगी। सरकारी कार्य भी आज थोड़े प्रयास से पूर्ण हो सकते है। धन लाभ आशानुकूल रहेगा परिवार में शुभ कार्य होंगे शुभ समाचार भी मिल सकते है।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपकी आशाओ के विपरीत रहने वाला है आज अपनी आवश्यकताओं को कम करने का प्रयास करें सुखी रहंगे। काम-काज के सिलसिले में भाग-दौड़ अधिक रहेगी परन्तु परिणाम अल्प रहने से निराशा होगी। आर्थिक कारणों से ज्यादा परेशान रहेंगे धन लाभ स्वयं के बल पर नही हो पायेगा घर मे किसी सदस्य की अथवा स्वयं की सेहत बिगड़ सकती है। आज कोई भी जोखिम वाला कार्य करने से परहेज करें। गहरे पानी अथवा ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने से बचे। आज आप जिद्दी स्वभाव के कारण कष्ट भोगेंगे विवेक से काम लें।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन बीते कुछ दिनों की अपेक्षा लाभदायी रहेगा। आवश्यक कार्यो में आरम्भ में कुछ उलझने रहेंगी परन्तु धीरे धीरे इनमे सफलता मिलती जाएगी। कार्य व्यवसाय में स्थिति पक्ष में होने के लिए कुछ समय लग सकता है फिर भी धन की आमद आज निश्चित होगी। आपके विचार अन्य लोगो से एकमत ना होने पर भी लाभ दिलाने वाले रहेंगे। विपरीत लिंगीय आकर्षण अधिक रहेगा महिला अथवा पुरुष मित्रो को बाते आंख बंद कर मान लेने भले ही इससे आपको परेशानी ही हो। परिवार में शांति रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आप नियमित आय के साथ ही अतिरिक्त आय भी कमा सकेंगे अथवा अतिरिक्त आय के द्वार खुलेंगे। भविष्य के लिए नई योजनाएं बनाएंगे। व्यवसाय में आज जहां उम्मीद नही होगी वहां से भी लाभ होगा। आर्थिक समस्याओं में कमी आने से मन प्रसन्न रहेगा। काम धंधे में सहयोगियों के साथ ही परिजनों का भी महत्त्वपूर्ण सहयोग मिलेगा। नए सौदे मिलने पर धन की आमद सुनिश्चित होगी। भागीदारी के कार्य में निवेश निकट भविष्य में लाभ देगा। परिवार के सदस्यों से आज अच्छी पटेगी भले ही मन मे स्वार्थ सिद्धि की भावना रहे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपको इच्छा के विपरीत कोई कार्य करना पड़ेगा जिससे मन निराशा एवं ग्लानि से भरा रहेगा। आज धर्म के प्रति आस्था अधिक बढ़ेगी घरेलू कार्यो को भी गंभीरता से करने से टकराव की स्थिति से बचेंगे। कार्य व्यवसाय आज अन्य लोगो के निर्णय पर निर्भर रहेगा। व्यवसायियों को नए अनुबंध मिल सकते है परन्तु इसके लिये उच्चाधिकारियों अथवा किसी अन्य व्यापारी की खुशामद करनी पड़ेगी। धन लाभ आज सामान्य ही रहेगा खर्च आसानी से निकाल लेंगे। परिजन आज आपकी भावनाओं की कद्र करेंगे फिर भी व्यर्थ बोलने से बचें शांति रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन प्रतिकूल फलदायी है सभी कार्य विशेष कर यात्रा अथवा मशीन से जुड़े कार्य सतर्क हो कर करें आकस्मिक दुर्घटना में चोटादि का भय है। कार्य क्षेत्र पर भी आज चोरी अथवा अन्य कार्यो से हानि के योग है। नौकरी पेशा जातक अथवा व्यवसायी आज के दिन पहले अधूरे कार्य पूर्ण करें इसके बाद ही अन्य काम हाथ मे ले अन्यथा कोई बड़ी गलती होने से क्षति होगी। धन लाभ मुश्किल से निर्वाह योग्य हो सकेगा। सेहत के प्रति आज लापरवाही करेंगे जिसका परिणाम आगे गंभीर हो सकता है। घर का वातावरण उथल-पुथल रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपको विजय दिलाने वाला रहेगा। जिस भी कार्य का मन बनाएंगे उसमे बेझिझक होकर निर्णय ले सकेंगे। सफलता थोड़ी विलम्ब से परन्तु अवश्य मिलेगी। धन लाभ के लिए आज ज्यादा सरदर्दी नही लेनी पड़ेगी सहज हो जाएगा। नौकरी व्यवसाय में आपको नए कार्य सौंपे जायेगे। परिजनों की जिद पर खर्च करना पड़ेगा सुख शांति बनाने में सहायक भी रहेगा। आज आप लगभग सभी की आकांक्षाओं पर खरे ही उतरेंगे। अहम की भावना भी थोड़ी बहुत रहेगी परन्तु परोपकार स्वभाव के आगे विलुप्त हो जाएगी। परोपकार भी स्वार्थ से ही करेंगे।
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*नवरात्र: हाथी पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा देश का आर्थिक पक्ष होगा मजबूत, हो सकती है भारी बरसात*

इस बार पूरे 9 दिन होंगे नवरात्र, हाथी पर ही लौटेगी मां दुर्गा
शारदीय नवरात्र में *इस बार मां हाथी पर सवार होकर आएगी*। मां का वाहन हाथी ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक है जिसकी वजह से देश के व लोगों के *सुखों व ज्ञान की वृद्धि होगी व आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी*। मां का *प्रस्थान हाथी* पर हो रहा है यह *समृद्धि* का सूचक है। जिससे देश में वर्षा अधिक होगी। 25 सितंबर को महालय अमावस्या पर पित्र पक्ष के समापन के बाद शारदीय नवरात्रि का प्रारंभ 26 सितंबर को होगा और 5 अक्टूबर तक चलेगी। प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर की तड़के सुबह 03:24 बजे से 27 सितंबर की सुबह 03:08 बजे तक रहेगी। इस बीच घटस्‍थापना मुहूर्त 26 सितंबर की सुबह 06:20 बजे से 10:19 बजे तक रहेगा। वहीं अभिजीत मुहूर्त 26 सितंबर की सुबह 11:54 बजे से दोपहर 12:42 बजे तक रहेगा। चौघड़िया मूहर्त अमृत प्रातः 6,18 से 7,48 शुभ 9,18 से 10,48 चर,लाभ,अमृत,चर दोपहर 1,48 से शाम 7,48 तक

*माता के वाहनों से लगता है हालात का अनुमान*

*माता दुर्गा जिस वाहन से पृथ्वी पर आती हैं, उसके अनुसार सालभर होने वाली घटनाओं का भी अनुमान किया जाता है।*
इनमें *कुछ वाहन शुभ फल* देने वाले और *कुछ अशुभ फल* देने वाले होते हैं।
देवी जब *हाथी पर सवार* होकर आती हैं तो *पानी* ज्यादा बरसता है।
*घोड़े* पर आती हैं तो *युद्ध की आशंका* बढ़ जाती है।

देवी *नौका* पर आती हैं तो सभी की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और

*डोली* पर आती हैं तो *महामारी* का भय बना रहता हैं। इसका भी वर्णन देवी भागवत में किया गया है।
*गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे।*
*नोकायां सर्वसिद्धि स्या ढोलायां मरणंधुवम्।।*

*ऐसे तय तय होता है माता का वाहन*
देवी का आगमन किस वाहन पर हो रहा है, यह दिनों के आधार पर तय होता है।
*सोमवार या रविवार* को घट स्थापना होने पर मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं।

*शनिवार या मंगलवार* को नवरात्रि की शुरुआत होने पर देवी का वाहन घोड़ा माना जाता है।

*गुरुवार या शुक्रवार* को नवरात्र शुरू होने पर देवी डोली में बैठकर आती हैं।

*बुधवार* से नवरात्र शुरू होने पर मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आती हैं।
इन तथ्यों को देवी भागवत के इस श्लोक में वर्णन किया गया है।
*शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।*
*गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता ।।*

*शारदीय नवरात्रि 2022 कैलेंडर*

*26 सितंबर 2022, पहला दिन -* प्रतिपदा, घटस्थापना, मां शैलपुत्री पूजा

*27 सितंबर 2022, दूसरा दिन-* मां ब्रह्मचारिणी पूजा

*28 सितंबर 2022, तीसरा दिन-* मां चंद्रघंटा पूजा

*29 सितंबर, चौथा दिन -* मां कुष्मांडा पूजा, विनायक चतुर्थी, उपांग ललिता व्रत

*30 सितंबर, पांचवां दिन -* पंचमी, मां स्कंदमाता पूजा

*1 अक्टूबर, छठा दिन -* षष्ठी, माता कात्यायनी पूजा

*2 अक्टूबर 2022, सातवां दिन -* सप्तमी, मां कालरात्रि पूजा

*3 अक्टूबर 2022, आठवां दिन* – दुर्गा अष्टमी, महागौरी पूजा, महानवमी

*4 अक्टूबर 2022, नौवां दिन -* महा
नवमी, शारदीय नवरात्रि का पारण
*5 अक्टूबर, दसवां दिन* – दशमी, दुर्गा विसर्जन और विजयादशमी (दशहरा)
☘️ *जय महा सरस्वती महालक्ष्मी महाकाली*☘️

*🌹कुंडली के कौन से योग ले जाते हैं डिप्रेशन में, जानिए🌹*
*डिप्रेशन में ले जानें के लिए कुंडली के कौन-से ग्रह है जिम्मेदार, जानिए—*
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वर्तमान वैश्विक प्रतिद्वंद्विता वाले युग में सुख-शांतिपूर्वक जीवन-यापन करना एक स्वप्न की भांति है। इस भागदौड़भरी जीवनचर्या में मनुष्य के जीवन में समय-समय पर ऐसे संघर्ष व कठिनाइयां आ जाती हैं जिनसे वह अपना सुख-चैन खोकर विषाद से भर उठता है और अवसादग्रस्त हो जाता है।

अवसाद यानी डिप्रेशन, वैसे तो जीवन में होने वाली घटनाएं व कठिनाइयां इसके लिए सर्वाधिक उत्तरदायी होती हैं किंतु एक अवसादग्रस्त व्यक्ति के लिए उसकी जन्म पत्रिका के ग्रह भी इसमें अहम भूमिका अदा करते हैं।

आपने अक्सर देखा होगा कि कुछ व्यक्ति कठिन संघर्षों के बावजूद हंसते-मुस्कुराते व निश्चिंत दिखाई देते हैं वहीं कुछ तनिक-सी उलझन व परेशानी में आत्महत्या जैसे कदम उठाने का विचार करने लगते हैं या अपने अवसाद को दूर करने के लिए व्यसनों के जाल में फंसकर और अधिक अवसादग्रस्त हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि वे कौन-सी ग्रह स्थितियां होती हैं, जो व्यक्ति को अवसादग्रस्त करने में सहायक होती हैं।

जातक के अवसाद या डिप्रेशन के लिए प्रमुख रूप से जो ग्रह उत्तरदायी होते हैं उनमें राहु प्रमुख है, उसके बाद शनि की भूमिका होती है। चन्द्र की स्थिति भी इस योग के लिए महत्वपूर्ण होती है। राहु मुख्य रूप से नकारात्मक चिं‍तन देता है वहीं शनि अत्यधिक चिंतन का कारक होता है।

चन्द्रमा मन का कारक होता है। जन्म पत्रिका का प्रथम भाव मस्तिष्क का परिचायक होता है। ऐसे में यदि लग्नेश अशुभ भावों में स्थित हो या नीचराशिस्थ हो, चन्द्रमा अशुभ भावस्थ हो या नीचराशिस्थ हो और लग्न, लग्नेश या चन्द्र पर राहु या शनि का प्रभाव हो और इन ग्रहों पर किसी शुभ ग्रहों का प्रभाव न हो तो इस प्रकार की ग्रह स्थिति जातक को अवसादग्रस्त करने में सहायक होती है।

*🛑ऐसी ग्रह स्थितियों वाला जातक अपने जीवन में थोड़ी-सी परेशानी आने पर भी अवसादग्रस्त हो सकता है। यदि जन्म पत्रिका में लग्न या सप्तम भाव में राहु स्थित हो और चन्द्र नीचराशिस्थ हो तब भी व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार होता है। कभी-कभी जातक माइग्रेन या उन्माद रोग का शिकार भी हो जाता है। इस योग के दुष्प्रभावों से बचने के लिए अनिष्ट ग्रहों की विधिवत शांति करवाना लाभदायक रहता है।*
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✍️*ज्योतिष आचार्य पांडुरंगरावशास्त्री*

#काग_भुषुंडी

कौवे के रूप में दिखने वाले कागभुषुंडी प्रभु श्रीराम के बहुत बड़े भक्त थे। इन्हें वरदान प्राप्त था कि वो समय के बाहर जा सकते थे। यानि कि पूर्व में क्या घटित हुआ और भविष्य में क्या घटित होगा, वो सब देख सकते थे। वो समय के बनने बिगड़ने की साइकल को देख सकते थे।

इसलिए उन्होंने महाभारत को 11 बार और रामायण 16 बार देखा था, वो भी बाल्मीकि जी द्वारा रामायण और वेदव्यास जी द्वारा महाभारत लिखे जाने से पहले… क्योंकि ये अपने पूर्व जन्म में कौवा थे। 

सबसे पहले राम कथा भगवान शंकर ने माता पार्वती जी को सुनाया था। तब इन्होंने भी सुन लिया था। मरने के बाद दूसरा जन्म इनका अयोध्यापुरी में एक शूद्र परिवार में हुआ था। ये परम शिव भक्त थे लेकिन अभिमान के कारण अन्य देवताओं का उपहास उड़ाते थे। इसी बात से क्षुब्ध होकर लोमष ऋषि ने इन्हें श्राप दे दिया था, जिससे ये फिर कौवा बन गये थे। इसके बाद इन्होंने पूरा जीवन कौवे के रूप में ही जिया।

जब रावण के पुत्र मेघनाथ ने श्रीराम से युद्ध करते हुए भगवान श्रीराम को नागपाश से बांध दिया था, तब देवर्षि नारद के कहने पर पक्षीराज गरुड़ ने नागपाश के समस्त नागों को खाकर भगवान श्रीराम को नागपाश के बंधन से मुक्त कराया था। भगवान श्रीराम के इस तरह नागपाश में बंध जाने पर श्रीराम के भगवान होने पर गरुड़ को संदेह हो गया। गरुड़ का संदेह दूर करने के लिए देवर्षि नारद उन्हें ब्रह्माजी के पास भेज देते हैं। ब्रह्माजी उनको शंकरजी के पास भेज देते हैं। भगवान शंकर ने भी गरुड़ को उनका संदेह मिटाने के लिए कागभुषुंडी जी के पास भेज दिया। अंत में कागभुषुंडी जी ने भगवान श्रीराम के चरित्र की पवित्र कथा सुनाकर गरुड़ का संदेह दूर किया था।

इसीलिए सनातनी हिंदू लोग श्राद्ध पक्ष में कौवे के रूप में कागभुषुंडी जी को भोजन कराते हैं। ताकि वो भोजन हमारे पूर्व के पितरों तक पहुंच सके।

आज विडंबना ये है कि बिना पढ़े, बिना जाने समझे हमारे कुछ सनातनी भाई भी मजाक उड़ाते हैं इन चीजों का… जबकि सनातन धर्म में बिना कारण के कुछ भी नहीं है।