इतिहास के पन्नों का काला दिन 19 जनवरी 1990 जब कश्मीर से हिन्दू बेघर कर दिए गए थे , उनका सब कुछ लूट लिया गया था,19 जनवरी 1990 वो कालीरात जिसकी कभी सुबह ही नहीं हुई.
कश्मीर में सरेआम हुए थे बलात्कार, रातों-रात मार दिए गए थे सैकड़ों पंडित. मस्जिदों में भारत एवं हिन्दू विरोधी भाषण दिए जाने लगे
04 जनवरी 1990 को कश्मीर के एक स्थानीय अखबार ‘आफ़ताब’ ने हिज्बुल मुजाहिदीन द्वारा जारी एक विज्ञप्ति प्रकाशित की। इसमें सभी हिंदुओं को कश्मीर छोड़ने के लिये कहा गया था। एक और स्थानीय अखबार ‘अल-सफा’ में भी यही विज्ञप्ति प्रकाशित हुई। विदित हो कि हिज्बुल मुजाहिदीन का गठन जमात-ए-इस्लामी द्वारा जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी व जिहादी गतिविधियों को संचालित करने के मद्देनजर वर्ष 1989 में हुआ।
आतंकियों के फरमान से जुड़ी खबरें प्रकाशित होने के बाद कश्मीर घाटी में अफरा-तफरी मच गयी। सड़कों पर बंदूकधारी आतंकी और कट्टरपंथी क़त्ल-ए-आम करते और भारत-विरोधी नारे लगाते खुलेआम घूमते रहे। अमन और ख़ूबसूरती की मिसाल कश्मीर घाटी जल उठी। जगह-जगह धमाके हो रहे थे, मस्जिदों से अज़ान की जगह भड़काऊ भाषण गूंज रहे थे। दीवारें पोस्टरों से भर गयीं, सभी कश्मीरी हिन्दुओं को आदेश था कि वह इस्लाम का कड़ाई से पालन करें। लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला की सरकार इस भयावह स्थिति को नियन्त्रित करने में विफल रही।
कश्मीरी हिन्दुओं के मकानों, दुकानों तथा अन्य प्रतिष्ठानों को चिह्नित कर उस पर नोटिस चस्पा कर दिया गया। नोटिसों में लिखा था कि वे या तो 24 घंटे के भीतर कश्मीर छोड़ दें या फिर मरने के लिये तैयार रहें। आतंकियों ने कश्मीरी हिन्दुओं को प्रताड़ित करने के लिए मानवता की सारी हदें पार कर दीं। यहां तक कि अंग-विच्छेदन जैसे हृदयविदारक तरीके भी अपनाए गये। संवेदनहीनता की पराकाष्ठा यह थी कि किसी को मारने के बाद ये आतंकी जश्न मनाते थे। कई शवों का समुचित दाह-संस्कार भी नहीं करने दिया गया।
19 जनवरी की रात निराशा और अवसाद से जूझते लाखों कश्मीरी हिन्दुओं का साहस टूट गया। उन्होंने अपनी जान बचाने के लिये अपने घर-बार तथा खेती-बाड़ी को छोड़ अपने जन्मस्थान से पलायन का निर्णय लिया। इस प्रकार लगभग 3,50,000 कश्मीरी हिन्दू विस्थापित हो गये।
)इससे पहले जेकेएलएफ ने भारतीय जनता पार्टी के नेता पंडित टीकालाल टपलू की श्रीनगर में 14 सितम्बर 1989 को दिन-दहाड़े हत्या कर दी। श्रीनगर के न्यायाधीश एन.के. गंजू की भी गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इसके बाद क़रीब 320 कश्मीरी हिन्दुओं की नृशंस हत्या कर दी गयी जिसमें महिला, पुरूष और बच्चे शामिल थे।
विस्थापन के पांच वर्ष बाद तक कश्मीरी हिंदुओं में से लगभग 5500 लोग विभिन्न शिविरों तथा अन्य स्थानों पर काल का ग्रास बन गये। इनमें से लगभग एक हजार से ज्यादा की मृत्यु ‘सनस्ट्रोक’ की वजह से हुई; क्योंकि कश्मीर की सर्द जलवायु के अभ्यस्त ये लोग देश में अन्य स्थानों पर पड़ने वाली भीषण गर्मी सहन नहीं कर सके। क़ई अन्य दुर्घटनाओं तथा हृदयाघात का शिकार हुए।
घाटी में कश्मीरी पंडितों के बुरे दिनों की शुरुआत 14 सितंबर 1989 से हुई। भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और वकील कश्मीरी पंडित, तिलक लाल तप्लू की जेकेएलएफ ने हत्या कर दी।
– इसके बाद जस्टिस नील कांत गंजू की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई।
– उस दौर के अधिकतर हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई। उसके बाद 300 से अधिक हिंदू-महिलाओँ और पुरुषों की आतंकियों ने हत्या की।
सरेआम हुए थे बलात्कार
– मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक कश्मीरी पंडित नर्स के साथ आतंकियों ने सामूहिक बलात्कार किया और उसके बाद मार-मार कर उसकी हत्या कर दी।
– घाटी में कई कश्मीरी पंडितों की बस्तियों में सामूहिक बलात्कार और लड़कियों के अपहरण किए गए। हालात बदतर हो गए।
– एक स्थानीय उर्दू अखबार, हिज्ब – उल – मुजाहिदीन की तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की- ‘सभी हिंदू अपना सामान बांधें और कश्मीर छोड़ कर चले जाएं’।
– एक अन्य स्थानीय समाचार पत्र, अल सफा, ने इस निष्कासन के आदेश को दोहराया।
-मस्जिदों में भारत एवं हिंदू विरोधी भाषण दिए जाने लगे। सभी कश्मीरियों को कहा गया की इस्लामिक ड्रेस कोड अपनाएं।
या तो मुस्लिम बन जाओ या कश्मीर छोड़ दो
– कश्मीरी पंडितों के घर के दरवाजों पर नोट लगा दिया, जिसमें लिखा था ‘या तो मुस्लिम बन जाओ या कश्मीर छोड़ दो।
– पाकिस्तान की तत्कालीन प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने टीवी पर कश्मीरी मुस्लिमों को भारत से अलग होने के लिए भड़काना शुरू कर दिया।
– इस सबके बीच कश्मीर से पंडित रातों -रात अपना सबकुछ छोड़ने के मजबूर हो गए।
– डोडा नरसंहार- अगस्त 14, 1993 को बस रोककर 15 हिंदुओं की हत्या कर दी गई।
– संग्रामपुर नरसंहार- मार्च 21, 1997 घर में घुसकर 7 कश्मीरी पंडितों को किडनैप कर मार डाला गया।
– वंधामा नरसंहार- जनवरी 25, 1998 को हथियारबंद आतंकियों ने 4 कश्मीरी परिवार के 23 लोगों को गोलियों से भून कर मार डाला।
– प्रानकोट नरसंहार- अप्रैल 17, 1998 को उधमपुर जिले के प्रानकोट गांव में एक कश्मीरी हिन्दू परिवार के 27 मौत के घाट उतार दिया था, इसमें 11 बच्चे भी शामिल थे। इस नरसंहार के बाद डर से पौनी और रियासी के 1000 हिंदुओं ने पलायन किया था।
– 2000 में अनंतनाग के पहलगाम में 30 अमरनाथ यात्रियों की आतंकियों ने हत्या कर दी थी।
– 20 मार्च 2000 चित्ती सिंघपोरा नरसंहार होला मना रहे 36 सिखों की गुरुद्वारे के सामने आतंकियों ने गोली मार कर हत्या कर दी।
– 2001 में डोडा में 6 हिंदुओं की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
– 2001 जम्मू कश्मीर रेलवे स्टेशन नरसंहार, सेना के भेष में आतंकियों ने रेलवे स्टेशन पर गोलीबारी कर दी, इसमें 11 लोगों की मौत हो गई।
– 2002 में जम्मू के रघुनाथ मंदिर पर आतंकियों ने दो बार हमला किया, पहला 30 मार्च और दूसरा 24 नवंबर को। इन दोनों हमलों में 15 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई।
– 2002 क्वासिम नगर नरसंहार, 29 हिन्दू मजदूरों को मारडाला गया। इनमें 13 महिलाएं और एक बच्चा शामिल था।
– 2003 नदिमार्ग नरसंहार, पुलवामा जिले के नदिमार्ग गांव में आतंकियों ने 24 हिंदुओं को मौत के घाट उतार दिया था।
*༺┇卐┇༻*श्री हरिहरौ*विजयतेतराम*
*सुप्रभातम**आज का पञ्चाङ्ग*
*_रविवार, १९ जनवरी २०२५_*
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सूर्योदय: 🌄 ०७:१८, सूर्यास्त: 🌅 ०५:४५
चन्द्रोदय: 🌝 २२:५१, चन्द्रास्त: 🌜१०:२३
अयन 🌖 उत्तरायणे(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🏔️ शिशिर
शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८१(काल)
मास 👉 माघ, पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 पञ्चमी (०७:३०से षष्ठी)
नक्षत्र 👉 उत्तराफाल्गुनी(१७:३० से हस्त)
योग 👉 अतिगण्ड (२५:५८से सुकर्मा)
प्रथम करण👉तैतिल(०७:३०तक
द्वितीय करण👉गर(२०:४१ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मकर, चंद्र 🌟 कन्या
मंगल 🌟 कर्क(उदित,पूर्व,वक्री)
बुध🌟धनु(अस्त,पूर्व,मार्गी)
गुरु🌟 वृष(उदित,पश्चिम,वक्री)
शुक्र 🌟 कुम्भ(उदित, पूर्व, मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 मीन, केतु 🌟 कन्या
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*᪣ राशिफल एवं पंञ्चाङ्ग
शुभाशुभ मुहूर्त विचार⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०७ से १२:४९
अमृत काल 👉 ०९:३० से ११:१७
सर्वार्थ सिद्धि योग 👉 पूरे दिन
अमृत सिद्धि योग 👉 १७:३० से ३१:१३
रवि योग 〰️ १७:३० से ३१:१३
विजय मुहूर्त 👉 १४:१३ से १४:५५
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:४० से १८:०७
सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:४३ से १९:०४
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०१ से २४:५५
राहुकाल 👉 १६:२४ से १७:४३
राहुवास 👉 उत्तर
यमगण्ड 👉 १२:२८ से १३:४६
दुर्मुहूर्त 👉 १६:१९ से १७:०१
होमाहुति 👉 गुरु
दिशा शूल 👉 पश्चिम
नक्षत्र शूल 👉 उत्तर (१७:३० तक)
अग्निवास 👉 पाताल (०७:३० से पृथ्वी)
चन्द्र वास 👉 दक्षिण
शिववास 👉 नन्दी पर (०७:३० से भोजन में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – उद्वेग २ – चर, ३ – लाभ ४ – अमृत
५ – काल ६ – शुभ, ७ – रोग ८ – उद्वेग
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – शुभ २ – अमृत, ३ – चर ४ – रोग
५ – काल ६ – लाभ, ७ – उद्वेग ८ – शुभ
नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा🚌🚈🚗⛵🛫
दक्षिण-पूर्व (पान का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष〰️〰️〰️〰️
बुध पूर्व में अस्त २९:४४ से, मकर- मिथुन ल० (प्रातः ०७:२१ से सांय ०५:३० तक), उपनयन (यज्ञोपवीत) संस्कार मुहूर्त+ विधा एवं अक्षर आरम्भ मुहूर्त+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०८:३८ से दोपहर १२:३८ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १७:३० तक जन्मे शिशुओ का नाम
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (प, पी) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम हस्त नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (पू, ष, ण) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मकर – ३०:५८ से ०८:३९
कुम्भ – ०८:३९ से १०:०५
मीन – १०:०५ से ११:२८
मेष – ११:२८ से १३:०२
वृषभ – १३:०२ से १४:५७
मिथुन – १४:५७ से १७:१२
कर्क – १७:१२ से १९:३३
सिंह – १९:३३ से २१:५२
कन्या – २१:५२ से २४:१०+
तुला – २४:१०+ से २६:३१+
वृश्चिक – २६:३१+ से २८:५०+
धनु – २८:५०+ से ३०:५४+
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०७:१३ से ०७:३०
रोग पञ्चक – ०७:३० से ०८:३९
शुभ मुहूर्त – ०८:३९ से १०:०५
मृत्यु पञ्चक – १०:०५ से ११:२८
रोग पञ्चक – ११:२८ से १३:०२
शुभ मुहूर्त – १३:०२ से १४:५७
मृत्यु पञ्चक – १४:५७ से १७:१२
अग्नि पञ्चक – १७:१२ से १७:३०
शुभ मुहूर्त – १७:३० से १९:३३
रज पञ्चक – १९:३३ से २१:५२
शुभ मुहूर्त – २१:५२ से २४:१०+
चोर पञ्चक – २४:१०+ से २६:३१+
शुभ मुहूर्त – २६:३१+ से २८:५०+
रोग पञ्चक – २८:५०+ से ३०:५४+
शुभ मुहूर्त – ३०:५४+ से ३१:१३+
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आज का राशिफल
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन भी स्वास्थ्य नरम रहने से घर एवं कार्य क्षेत्र का वातावरण अस्त-व्यस्त रहेगा। धन की प्राप्ति किसी ना किसी रूप में होगी लेकिन महत्त्वपूर्ण कार्य अधूरे रहने एवं आकस्मिक खर्च आने से धन सम्बंधित समस्या बनेगी। बुजुर्गो का सहयोग मिलने से मन को राहत मिलेगी। सरकारी कार्यो विशेष कर कागजातों को सावधानी से रखें। कार्य क्षेत्र से आज अवकाश कर आराम करना हितकर रहेगा। दवा से एलर्जी हो सकती है।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपको किसी अन्य व्यक्ति के कारण प्रतिकूल परिस्थितयो का सामना करना पड़ेगा। शारीरिक शिथिलता रहने से कार्य क्षेत्र पर उदासीनता रहेगी। छोटी-छोटी बातों पर क्रोध आएगा। स्नेहीजन आज आपके व्यवहार के कारण दूरी बनाएंगे। कार्यो में विलम्ब होगा। किसी श्रेष्ठ व्यक्ति से अनबन होने की संभावना है। मौन रहने से कई समस्याओं से बचेंगे। यात्रा संभव हो तो टाले।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी आपके लिए विषम फलदायक रहेगा। पारिवारिक कलह से आज मन ग्लानि से भरा रहेगा। संतानों का उद्दण्ड व्यवहार व्यथित करेगा। कार्य के प्रति उत्साह की कमी रहने से अल्प लाभ से संतोष करना पड़ेगा। आवेश से बचें अन्यथा संबंधों में कड़वाहट आ सकती है। सेहत में आकस्मिक गिरावट आने से अशान्त रहेंगे। धैर्य से दिन बिताएं।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आपका आज का दिन मिश्रित फलदायी रहेगा। कार्य क्षेत्र पर परिश्रम के अनुरूप ही लाभ होगा आकस्मिक खर्च परेशान करेंगे। धन की उगाही के कारण विवाद हो सकता है। पारिवारिक सदस्यों के साथ वाणी की कटुता के कारण विवाद की स्थिति बनेगी। यथा संभव यात्रा से बचे अन्यथा बीमार पड़ सकते है। जोड़ो सम्बंधित परेशानी रहेगी।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आप सुख-शांति से व्यतित करेंगे। स्वास्थ्य आज उत्तम रहेगा।आज आपके महत्त्व पूर्ण कार्य आसानी से सफल होंगे। आत्म विश्वास बढ़ेगा। घर के बुजुर्गो का आशीर्वाद मिलेगा। धार्मिक यात्रा की योजना बनाएंगे। पारिवारिक वातावरण आनंददायक रहेगा। कार्य क्षेत्र की व्यस्तता के कारण मनोरंजन का आनंद ख़राब होगा।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन आपके लिये शुभ फल प्रदान करने वाला रहेगा। आज आप अपने कार्यो को उत्साह से निर्धारित समय पर पूर्ण कर पाएंगे। जिससे हर क्षेत्र में प्रशंशा के पात्र बनेंगे। आकस्मिक यात्रा के योग बन सकते है। परिवार में निकटता का आभास होगा। संध्या के समय पेट सम्बंधित परेशानी हो सकती है। खान-पान संयमित रखें।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपके लिये प्रतिकूल परिस्थितयां लाएगा। आज आपके व्यवहार में उग्रता रहेगी जिससे घर बाहर का वातावरण अशान्त होगा। वाणी को संयमित रखे अन्यथा मान हानि की प्रबल सम्भावनाये है। कार्यो में विलम्ब होगा सरकारी कार्य लंबित रहेंगे। कार्य क्षेत्र में नीरसता रहेगी। धन को काम से ही खर्च करें। कार्यो में जोखिम ना लें।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन व्यस्तता से भरा रहेगा। घरेलु अथवा सामाजिक कार्यो के कारण आज कार्य क्षेत्र पर अधिक समय नहीं दे पाएंगे। परिवार रिश्तेदारी में मांगलिक कार्यक्रम होंगे। आज धन की आमद कामचलाऊ होगी आय की अपेक्षा व्यय अधिक रहेगा। व्यस्त दिनचर्या के कारण संध्या के आसपास सेहत भी ख़राब हो सकती है सावधान रहें। आज कोई बड़ा निर्णय सोच समझ कर ही लें। दुर्व्यसनों से बचें।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज दिन भर परिस्थितिया आपके पक्ष में रहेंगी। स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा। सरकारी कार्यो में भी सफलता मिलने की अधिक सम्भवना है। सरकारी कर्मचारियों को पद अथवा धन लाभ होगा। रिश्तेदारो के ऊपर खर्च भी करना पड़ेगा। घर में परिजन आप से कुछ आशा रखेंगे। व्यापारियों को आज थोड़े विलम्ब से धन लाभ होगा। यात्रा आनंददायक रहेगी।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आप आनंद में बितायेंगे। आज आध्यात्म में विशेष रूचि रहेगी। पूजन-सत्संग का आयोजन करेंगे। शुभ धार्मिक यात्रा पर भी जा सकते है। उगाही से लाभ होगा। परिजनों के साथ प्रेम भरा व्यवहार मिलेगा। कार्य क्षेत्र पर स्त्री का सहयोग मिलने से धन लाभ होगा। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति करेंगे। सपनो की दुनिया को छोड़ आज यथार्थ में जियेंगे।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आपका आज का दिन अशुभ रहेगा। सेहत अस्थिर रहने से कार्यो को उत्साह से नहीं कर पाएंगे। थोड़े कार्य में ही थकान अनुभव होगी। आर्थिक विषयो को लेकर बेचैनी रहेगी। सरकार विरोधी कार्य मान हानि करा सकता है। कुछ समय घर के बुजुर्गो के पास व्यतीत करें लाभ होगा। आज कोई वित्तीय लेनदेन अथवा उधारी ना करें। आलस्य अधिक रहेगा।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपके लिए आनंददायक रहेगा। आज प्रत्येक क्षेत्र में विरोधी परास्त होंगे। सामाजिक मान-सम्मान बढेगा। व्यापार विस्तार अथवा नए कार्य का आरंभ लाभदायक सिद्ध होगा। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। किसी परिचित से लंबे समय बाद भेंट से हर्ष एवं लाभ होगा। परिवार के ऊपर खर्च करेंगे दाम्पत्य सुख मिलेगा।
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आज जिसके हाथ में स्मार्ट फोन है वही पत्रकार है।
प्रयागराज के महाकुम्भ की कवरेज देखकर आश्चर्य होता है।
IIT किये बाबा हो अथवा सबसे सुंदर साध्वी या फिर माला बेचने वाली सुंदर लड़की,
एक हाथ उपर किये बाबा जी है या फिर काँटों में सोने वाले बाबा जी,
कुम्भ का असल महात्मय इन्हीं खबरों में खो सा गया है।
यूट्यूबर हों अथवा टी0वी0/प्रिंट मीडिया सबके पास यही खबरें हैं।
कल्पवास हो रहे होंगे, सत्संग हो रहे होंगे, भजन -कीर्तन हो रहे होंगे, विमर्श हो रहे होंगे उनकी खबर ही नहीं है।
सबके जुबान पर वही बातें हैं IIT वाले बाबा, माला बेचने वाली लड़की सुंदर साध्वी या फिर विदेश से आये लोगों की कहानियां,
अर्द्धकुम्भ, कुम्भ, महाकुम्भ क्यों और कब -कब आते हैं इनके आने की खगोलीय घटनायें क्या होती है?
प्रयागराज में ही हर 144 वर्ष बाद महाकुम्भ क्यों लगता है इसका क्या इतिहास है कुम्भ के क्या ऐतिहासिक तथ्य है इन्हें जाने समझने की मीडिया की तैयारी नहीं है।
दरसल यह अवसर हमारे उस रिच खगोलीय ज्ञान और उसके अनंत काल से अब तक प्रवाहमान बने रहने का जो गौरव की अनुभूति कराने का समय है उसे इन सतही खबरों ने बिल्कुल भुला दिया है।
कुम्भ की कवरेज में जो दिखाया जा रहा है कुम्भ को लोग इसी एंगल से देख और समझ रहे हैं,
उससे आगे जाने की न यूट्यूबर्स की तैयारी है न ही मुख्यधारा के मीडिया की।
मीडिया के नाम पर कुछ नशेड़ी तो कुंभ की महिमा और गरिमा तार तार करते हुए दिख रहे हैं। क्योंकि वे कुंभ की महिमा गरिमा महात्म्य और महत्व न स्वयं जानते हैं न उसके प्रचार प्रसार में भागी हैं। उन्हे ये भी पता नहीं चल पाता कि कुंभ छोड़ कर जो ऊटपटांग दृश्य और चीजों से वे जो नरेटिव सैट कर रहे हैं उससे लम्बे समय तक धर्म संस्कृति और राष्ट्र की कितनी भीषण क्षति होती रहेगी। ये स्थिति चिंता जनक ही नहीं घातक है और चिंतन-मनन का विषय है।
ऐसे में ये साधन कुम्भ के प्रति हमारे मन में कोई विशेष बात नहीं बैठा पाते जिससे हमें लगे कि इसके पीछे धर्म और विज्ञान का ऎसा संगम है जो अन्य किसी मत -मजहब में संभव नहीं है।
कितना प्यारा संकेत है… क्या हम अपना निष्प्रयोज्य सामान सड़क पर फेंकना बंद कर सकते हैं? क्या हम इसे केवल कूड़ेदान में ही डाल सकते हैं?
संक्षेप में महाकुंभ में मीडिया का फोकस कुंभ स्नान का महात्म्य महिमा और इतिहासिक आध्यात्मिक मान्यताओं पर हो न कि ऊटपटांग नरेटिव सैट करने पर।