सुख समृद्धि एवं आरोग्य के लिए सनातन शिष्टाचार की 18 बातें 🚩

औरस व ओजसता के लिए 18 सनातन शिष्टाचार बातों को ध्यान दें…..🚩🚩

(1) प्रातःकाल उठकर सर्वप्रथम भगवान गणपति जी महाराज का ध्यान करें अपने दोनों हाथों की हथेलियों को कुछ क्षण देखकर बोलें ‘कराग्रे वसते लक्ष्मी, करमध्ये सरस्वती, करमूले स्थितो ब्रह्मा प्रभाते करदर्शनम्’. हथेलियों में ब्रह्मतीर्थ, ऋषितीर्थ, देवतीर्थ, प्रजापति, पितृतीर्थ, और अग्नितीर्थ भी होते हैं. ऐसा लगातार करने से लक्ष्मी जी की कृपा बरसती है। अब दोनों हथेली को अपने चेहरे पर लगाए. कोई भी पूजा करें सबसे पहले भगवान गणेश जी का ध्यान करें उन्हें दुर्वा यानी दूब के तृण अर्पित करें। तुलसी गणेश जी को नहीं चढानी है। 

(2) प्रात:काल उठकर नाक के छिद्रों में से एकाग्र होकर यह देखें की दायाँ स्वर चल रहा है अथवा बायाँ। जो भी स्वर चल रहा हो, सर्वप्रथम उस ओर के हाथ की उंगली से धरती को स्पर्श करके माथे से लगाएँ और उसके बाद पहले स्वर चलने वाला पैर ही पृथ्वी पर छुआएं।

(3) घर में बनने वाले खाने में से पहली रोटी गाय के नाम से निकालें। और अंतिम रोटी गली के कुत्ते के लिए। कुत्ता घर में कभी ना पालें इससे गृह क्लेश बढता है देवताओं और पितृओं को हवि नहीं पंहुंचती। 

(4) शनिवार को खाने में किसी भी रूप में काला चना अवश्य लिया करें।

(5) घर में उपलब्ध प्रत्येक देवी-देवताओं और टंगे हुए दिवंगत आत्माओं के चित्रों पर रोली, अष्टगन्ध, अक्षत का तिलक अवश्य लगा लिया करें। अपने पूर्वजों के चित्रों पर फूलों का हार भी चढ़ाया करें।

(6) संध्या समय जब दोनों समय मिलते हैं घर में झाडू पोंछ का कार्य न करें।

(7) घर से बाहर जब भी किसी प्राप्ति के उद्देश्य से अथवा धन-सम्बन्धी किसी कार्य को निकले तो निर्जल निराहार न निकलें। कुछ-न-कुछ अवश्य खा लें। निकलने से पूर्व यदि मीठा दही खा कर निकलें तो और भी सौभाग्यशाली है।
(8) घर के अन्दर कैकटस या काँटेदार पौधे न लगाएँ।

(9) किसी सुहागिन स्त्री को गुरुवार के दिन सुहाग अथवा श्रृंगार प्रसाधन देने से लक्ष्मी
प्रसन्न होती है।

(10) घर बाहर स्त्री का आदर करने से तथा कुंवारी कन्याओं को देवी स्वरूप मान कर प्रसन्न करने से सुख समृद्धि की वृद्धि होती है।

(11) सफेद वस्तुओं का दान करने से लक्ष्मी आकर्षित होती है।

(12) गुरुवार के दिन घर के बच्चे तथा कुँवारी कन्याएं हल्दी मिश्रित चावल चिड़ियों को खिलाया करें तो शुभ होता है

(13) घर के पूजा वाले स्थान में एक जटा वाला नारियल अवश्य रखा करें।

(14) नौकरी व्यवसाय आदि शुभ कार्यों में प्रस्थान करने से पूर्व घर का कोई भी सदस्य
एक मुट्ठी काली उड़द आपके ऊपर से धरती पर छोड़ दे, कार्य सिद्ध होगा।

(15) घर खाली हाथ कभी न लौटे। कोई भी वस्तु घर लाने का नियम बना लें।

(16) काली हल्दी घर में शुभदायक है। संभव हो तो घर में एक दूध वाली गाय बछिया पालें संतान निरोगी और दीर्घजीवी रहेगी। 

(17) बेडरूम में पूजाघर न बनाएं, यदि जगह की कमी के कारण बेडरूम में पूजाघर बना हो तो रात को उसे पर्दे से ढककर सोएं।

(18) विष्णु सहस्रनाम का पाठ जिस घर में होता है वहाँ लक्ष्मी जी का निवास होता है। | दुर्गा सप्तशती के पाठ नियमित रूप से किया करें। घर में तुलसी लगा कर उसके नीचे दीपक
जलाना शुभ है।🚩🚩🔥🔥😔😔

मनुष्य को किस किस अवस्थाओं में भगवान विष्णु को किस किस नाम से स्मरण करना चाहिए।
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भगवान विष्णु के 16 नामों का एक छोटा श्लोक प्रस्तुत है।

औषधे चिंतयते विष्णुं, भोजन च जनार्दनम।
शयने पद्मनाभं च विवाहे च प्रजापतिं ॥
युद्धे चक्रधरं देवं प्रवासे च त्रिविक्रमं।
नारायणं तनु त्यागे श्रीधरं प्रिय संगमे ॥
दुःस्वप्ने स्मर गोविन्दं संकटे मधुसूदनम् ।
कानने नारसिंहं च पावके जलशायिनाम ॥
जल मध्ये वराहं च पर्वते रघुनन्दनम् ।
गमने वामनं चैव सर्व कार्येषु माधवम् ॥
षोडश एतानि नामानि प्रातरुत्थाय य: पठेत ।
सर्व पाप विनिर्मुक्ते, विष्णुलोके महियते ॥

(1) औषधि लेते समय विष्णु
(2) भोजन के समय – जनार्दन
(3) शयन करते समय – पद्मनाभ
(4) विवाह के समय – प्रजापति
(5) युद्ध के समय चक्रधर
(6) यात्रा के समय त्रिविक्रम
(7) शरीर त्यागते समय – नारायण
(8) पत्नी के साथ – श्रीधर
(9) नींद में बुरे स्वप्न आते समय – गोविंद
(10) संकट के समय – मधुसूदन
(11) जंगल में संकट के समय – नृसिंह
(12) अग्नि के संकट के समय जलाशयी
(13) जल में संकट के समय – वाराह
(14) पहाड़ पर संकट के समय – रघुनंदन
(15) गमन करते समय वामन
(16) अन्य सभी शेष कार्य करते समय – माधव

🚩 हर हर महादेव 🚩

༺꧁आग्नेयास्त्र-आग्नेयनाथ꧂༻