मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्मदिन क्यों बना चर्चा का विषय!

✍️हरीश मैखुरी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 50 वां जन्मदिन इन दिनों पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है विपक्षी कह रहे हैं कि मोदी और अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर उनको ट्वीट करके बधाई नहीं दी इससे समझा जाता है कि अंदर कुछ खटास चल रही है। कुछ कुछ भटकती आत्माएं तो भारतीय जनता पार्टी में अंदरूनी सिरफुटोबल और दरार की तक की कयासों के समाचार और वीडियो डालकर इन दिनों उत्तर प्रदेश के मतदाताओं का मन टटोल रहे हैं। इधर मीडिया सूत्रों की खबर है कि प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने योगी आदित्यनाथ को फोन करके उन्हें जन्मदिवस पर बधाई दी। वहीं पार्टी के अनेक बड़े नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी बधाई दी। देश की अंतिम छोर से सीमावर्ती जनपद बद्रीनाथ के विधायक महेंद्र भट ने शोशल मीडिया पर बधाई दी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी योगी आदित्यनाथ के जन्मदिवस पर बधाई देते हुए कहा “उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय एवं यशस्वी मुख्यमंत्री, गोरक्षपीठाधीश्वर आदरणीय श्री योगी आदित्यनाथ जी को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं, मैं आपके उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घ आयुष्य हेतु भगवान बदरी विशाल जी और बाबा केदार जी से प्रार्थना करता हूँ” 

वहीं देश के रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्विटर पर बधाई दी   उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंंह रावत और पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के साथ ही बाबा रामदेव ने भी योगी आदित्यनाथ को शोशियल मीडिया पर जन्मदिन की बधाई दी। सतपाल महाराज ने कहा कि “ऊर्जावान जनसेवक तथा उत्तर प्रदेश के चहुंमुखी विकास हेतु निरंतर प्रत्यनशील, माननीय मुख्यमंत्री MYogiAdityanath जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं भगवान श्री बद्रीविशाल जी और बाबा केदारनाथ जी से आपके उत्तम स्वास्थ्य तथा दीर्घायु जीवन की कामना करता हूँ”

   बता दें कि योगी आदित्यनाथ अपना जन्म दिवस अत्यंत सादगी पूर्ण ढंग से और पूरी भारतीय सांस्कृतिक परम्परा के अनुरूप यज्ञ हवन पूजापाठ और मंदिर जाकर बिना किसी दिखावे के मनाते हैं और निर्धन छात्रों को उनकीी आवश्यकतानुुसार दान देते हैं। एक ऑनलाइन बातचीत में यूपी बीजेपी प्रवक्‍ता राकेश त्रिपाठी ने कहा है कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत अनेक बड़े नेताओं ने सीएम योगी आदित्‍यनाथ को फोन कर उन्‍हें जन्‍मदिन की बधाई दी है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर इस तरह की अटकलें वही लोग लगा रहे हैं जिन्‍हें हमारी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाने का कोई कारण नहीं मिल रहा है। दिल्‍ली और यूपी में किसी तरह की ना राजगी नहीं है।” मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर बधाई दी है। उन्होंने लिखा है कि “प्रदेश के विकास और जन कल्याण के लिए वे समर्पित भाव से काम कर रहे हैं, उनके नेतृत्व में उत्तर प्रदेश उत्तरोत्तर प्रगति करे यही कामना है, ईश्वर उन्हें स्वस्थ रखें और दीर्घायु करें। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी मुख्यमंत्री योगी को जन्मदिन ट्वीट कर कहा कि ‘ओजस्वी वक्ता व कर्मठ व्‍यक्तित्‍व के धनी एवं उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, आपको जन्मदिन की अनंत शुभकामनाएं। प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि आप दीर्घायु हों और सदैव स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें।’ गत ५ जून को योगी आदित्यनाथ की उम्र 49 वर्ष पूर्ण हो गई है ।

बताया गया कि गत दो सप्ताह से यूपी में पार्टी के मिशन 2022 के चेहरे योगी रहेंगे इसको लेकर अंदर ही अंदर दिल्ली- लखनऊ और नागपुर तक महामंथन का दौर जारी है। पहली चर्चा ये है कि सीएम योगी ने पूर्व नौकरशाह अरविंद कुमार शर्मा और एक-दो अन्य मामलों पर पीएम मोदी की तय समय सीमा पार कर दी। दूसरा, ये कि योगी जी संघ के सुदृढ़ स्तम्भ हैं संघ कट्टर हिन्दुत्व की छवि वाले युवा योगी को राजनीति में लंबी रेस का धावक मानता है और ऐसे बीच रास्ते यूपी की कुर्सी से योगी की विदाई संघ नहीं चाहेगा। ऐसे में योगी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाना तय माना जा रहा है, जो योगी और उत्तर प्रदेश के लिए शुभ संकेत हैं।

     मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखण्ड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश) के पौड़ी गढ़वाल जिले में यमकेश्वर तहसील के पंचुर गांव के एक गढ़वाली राजपूत परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे और इनकी मां का नाम सावित्री देवी हैं। अपनी माता-पिता के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद ये पांचवें हैं एवं इनसे और दो छोटे भाई हैं। योगी आदित्यनाथ की छवि भाजपा के एक तेजतर्रार नेता के रूप में रही है। पूरे उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के समर्थकों की संख्या बहुत बड़ी है। योगी आदित्यनाथ सदैव से अपने स्पष्टवादी संभाषणों के चलते चर्चा में रहे हैं। योगी ने गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में M.Sc. किया, एमएससी के एक डजल्टेशन के क्रम में ही उनकी भेंट गोरखपुर में गोरक्षपीठ पीठ के तत्कालीन महंत अवैद्यनाथ से हुई तो उनकी प्रतिभा और समर्पण देख कर महंत जी ने उनके सिर पर हाथ रखते हुए उन्होंने योगी को सन्यास की दीक्षा देकर अपने उत्तराधिकारी के रूप में उन्हे गोरक्ष पीठ पर प्रतिष्ठित कर दिया, तब से वे गोरखपुर के हो कर रह गये, वे हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, हिंदू युवा वाहिनी हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है। गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महंत अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी बनाया। इसके उपरान्त योगी आदित्यनाथ की राजनीति आरंभ हुई। योगी 1998 में गोरखपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर सबसे कम आयु सांसद बने वे मात्र 26 साल की आयु में पहली बार सांसद बने और तब से लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, 2014 में योगी आदित्यनाथ पांचवी बार सांसद बने। राजनीति में आने के बाद योगी आदित्यनाथ ने हिंदू युवा वाहिनी का भी गठन किया। जिसके बाद योगी ने धर्म परिवर्तन के विरूद्ध अभियान छेड़ा। इसके बाद योगी प्रभुत्व निरंतर बढ़ता देख 2007 में गोरखपुर दंगों का षडयंत्र रचा गया और योगी को मुख्य आरोपी बनाकर उनकी गिरफ्तारी की गयी। इसके उपरान्त योगी आदित्यनाथ पर 7 सितंबर 2008 को आजमगढ़ में जानलेवा हमला हुआ, जिसमें वे बाल-बाल बचे, उन दिनों मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा को मौत के घाट उतारा गया तब डीएम ने बताया कि वह बुरी तरह जख्मी हैं, आदित्यनाथ उस जगह पर जाने के लिए अड़े और उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग करते हुए अगले दिन शहर में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने की घोषणा की, लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से मना कर दिया। आदित्यनाथ ने भी इसकी चिंता नहीं की और बिना अनुमति के हजारों समर्थकों के साथ पीड़ित हिन्दू के पक्ष में जनसभा की। इसके बाद योगी आदित्यनाथ की क्षवि कुछ ऐसी बन गई कि वह जहां खड़े हो जाते वहीं सभा शुरू हो जाती। योगी जो बोल देते वह उनके समर्थकों के लिए एक तरह का आदेश हो जाता है। बीजेपी में भी योगी की ऐसी धमक है कि पिछले लोकसभा चुनावों में प्रचार के लिए योगी को बीजेपी ने हेलीकॉप्टर उपलब्ध करवाया था।

मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में मेडिकल कॉलेज काशी विश्वनाथ, अयोध्या नगरी, और वाराणसी के ऐतिहासिक वैभव को पुन: प्रतिष्ठित किया है। वहीं उत्तर प्रदेश की अधिकांश मोटर सड़कों यहां तक कि धूल और कीचड़ सनी गांवों की सड़कों को भी काफी हद तक चकाचक कर दिया है। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति सुधार में अभूतपूर्व कार्य किया। योगी के आने से पहले इंसैफलाईटिस से उतर प्रदेश में प्रदेश में हर वर्ष हजारों बच्चों की मृत्यु होती थी, योगी ने उस पर गत तीन वर्षों में नियंत्रण पा लिया है। उत्तर प्रदेश से गुंडे मवालियों का सफाया कर दिया है, योगी से पहले उत्तर प्रदेश अपराधियों की ऐशगाह बन गया था, लेकिन अब गुंडे उत्तर प्रदेश में अपराध करने से पहले सौ बार सोचते हैं। या तो उनका एनकाउंटर हो जाता है या वह जेल जेल भेजे जाते हैं! बाहरी राज्यों में छिपे बदमाशों को भी गिरफ्तार कर यूपी लाया जा रहा है। नामी बदमाश योगी की डर से अपनी जानतें रद्द करवा कर जेलों में दुबके पड़े हैं, यदि योगी के अलावा अन्य कोई मुख्यमंत्री आगेगा तो ये अपराधी फिर फन उठायेंगे और यूपी को फिर से नरक बना सकते हैं। समानान्तर सरकार चलाने वाले मुख्तार अंसारी जैसे खुंखार अपराधी आज जान की भीख मांगते फिर रहे हैं। वहीं राजनीति की आड़ में करोड़ों की संपत्ति बनाने वाले आपराधिक छवि के आजमखान पर भी कानून का भारी शिकंजा कसा है। सदैव साधारण भगवा वस्त्र में रहने वाले योगी आदित्यनाथ की जमीनी कार्यशैली ने चार साल में ही अखिलेश और मायावती को हाशिये पर डाल दिया है। बीमारू प्रदेशों में रहा उत्तर प्रदेश आज विकास के मार्ग पर चल पड़ा है। प्रयागराज का घाट और रेलवे स्टेशन ही देख लो तीन वर्ष पहले तक यहां जानवर लोटते थेे।  अपनी #विशिष्ट_कार्यशैली से योगी आदित्यनाथ ने #विपक्षियों के हाथ से चुनाव से पहले ही बाजी छीन ली है, इसलिये विपक्षी और कुछ धंधेबाज उनके विरुद्ध माहौल बना कर छल से चुनाव जीतने की जुगत लगा रहे हैं। कोरोना में उदाहरणीय कार्य करने के बावजूद मीडिया का टुकड़े टुकड़े धड़ा भी उनके पीछे पड़ा है, यहां तक कि २०१५ की नदी किनारे की लाशों की फोटो को कोरोना लाशें बता दिया गया। लेकिन जनता का रूझान योगी आदित्यनाथ की ओर देखते हुए सूत्रों की मानें तो २०२२ में उत्तरप्रदेश में बीजेपी प्रचंड विकास के लिए भ्रष्टाचार व गुंडागर्दी के विरुद्ध चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है। इसके सारथी मोदी के साथ योगी ही होंगे वैसे भी #उत्तर_प्रदेश में #योगी_आदित्यनाथ से #छेड़छाड़ करना #भारतीय_जनता_पार्टी के लिए #आत्मघाती कदम होगा। योगी आदित्यनाथ ने जिस #निष्ठा और #इमानदारी से #विकास_कार्य किए हैं और #गुंडागर्दी पर #रोक_लगाई है वह #अभूतपूर्व है। उनकी इमानदारी के चलते, सारे दो नम्बर के #धनधेबाज परेशान हैं, इसलिए वे भटकती आत्मायें योगी विरोध में भी हो सकते हैं, लेकिन जनसाधारण के लिए योगी परफैक्ट मुख्यमंत्री हैं। वहीं केन्द्र की सह पर एमएलसी बनाये गये पूर्व आईएएस अरविंद शर्मा को यूपी में एडजस्ट करने का मोह बीजेपी को छोड़ देना होगा। ठीक उसी प्रकार केन्द्र में भी #मोदी के विकल्प का विचार भी भाजपा को नहीं करना चाहिए।