विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूडी का कड़ा निर्णय ‘2000 से 2011 ओर 2012 से 2022 तक हुई नियुक्तियों की होगी जांच, कमेटी गठित, सचिव भेजे गए छुट्टी उनका कक्ष भी किया गया सील

उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी का बड़ा निर्णय। 

युवाओं को दिया भरोषा, मेरे लिए सदन की गरिमा सर्वोच्च प्राथमिकता – ऋतु खण्डूरी

मैं विधानसभा की गरिमा के लिए कठोर से कठोर निर्णय लूंगी

नियुक्तियों के संदर्भ में दो बड़े निर्णय तत्काल लिए,

उच्च स्तरीय कमेठी का किया गया गठन, एक माह रिपोर्ट देनी होगी अनिवार्य,

सचिव मुकेश सिंघल को अवकाश दिया गया, जांच के लिए जब बुलाया जाएगा उन्हें आना पड़ेगा, 

2000 से 2011 ओर 2012 से 2022 तक हुई भर्तियों की होगी जांच,

आगामी भर्तियों के लिए इस कमेठी की रिपोर्ट जरूरी है, इसी आधार पर आगे के नियम तय होंगे,

अध्यक्षो का विशेष अधिकार होता है, नियमों का अध्ययन होगा,

जांच पारदर्शी होगी, 2000 से 2022 तक हुई भर्तियों की होगी जांच,

 

दिलीप कुमार कोठियां अध्यक्ष,

सुरेंद्र रावत सदस्य

अवनेंद्र नायल सदस्य होंगे

शोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि गैरसैंण के नाम पर 200 से अधिक भर्तियां हुई लेकिन गैरसैण से सब नदारद ….

 देहरादून विधानसभा में कर्मचारियों के बैठने तक के लिए जगह तक नहीं….

 जितने कर्मचारी नियत हैं उसके 40 फीसदी भी शायद ही काम पर आते होंगे ..!!!

विधानसभा में हुई नियुक्तियों के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पत्र के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपना पक्ष पूरी तरह साफ कर दिया है मामले में विधानसभा अध्यक्ष ने एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है जांच कमेटी में विधानसभा में हुई भर्ती मामले में दलीप कोटिया अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह रावत सदस्य,अमरेंद्र नयाल सदस्य होंगे विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने जानकारी देते हुए बताया कि 1 माह में कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट देगी जिसके आधार पर अगली कार्रवाई होगी राज्य गठन से लेकर वर्ष 2011 तक और वर्ष 2012 से 2022 तक हुई सभी नियुक्तियों की जांच होगी प्रथम चरण में 2011 तक हुई नियुक्तियों की जांच के लिए कहा गया है विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने एक और महत्वपूर्ण बात की जानकारी दी है कि (सचिव भेजे गए एक माह की छुट्टी उनका कक्ष भी किया गया सील)

     इस एक माह जो विधानसभा के सचिव हैं मुकेश सिंगल अवकाश पर रहेंगे और जांच कमेटी को जांच में सहयोग भी करेंगे क्योंकि मुकेश सिंगल पर भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने समय-समय पर अलग-अलग तरीके से प्रमोशन पाएं और विधानसभा में ही तैनात रहे हैं रितु खंडूरी ने साफ किया है कि वह निश्चिंत रहें पूरी पारदर्शिता के साथ जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट देगी और भविष्य में विधानसभा में नियुक्तियों को लेकर एक ऐसा सिस्टम तैयार करेंगे जो पूरी तरह पारदर्शी होगा और निष्पक्ष होगा।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में हुई भर्तियों के विषय में कथित अनियमितताओं के आरोपों की पड़ताल हेतु विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विशेष जांच समिति गठित करने के निर्णय का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “मुझे पूर्ण विश्वास है कि ये जांच समिति विषय से जुड़े प्रत्येक तथ्य को स्पष्ट करेगी। हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखण्ड के लिए कृतसंकल्पित है।

बता दें कि उत्तराखंड विधानसभा भर्ती प्रकरण पर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी  ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि उत्तराखण्ड विधान प्रदेश का सर्वोच्च सदन है, इसकी गरिमा को बनाये व बचाये रखना मेरा दायित्व ही नहीं मेरा कर्तव्य भी है। एक बात मैं स्पष्ट रूप से प्रदेशवासियों को और खासतौर पर उत्तराखण्ड के युवा वर्ग को कहना चाहूँगी, वह आश्वस्त रहें, मैं किसी को भी निराश नहीं करूँगी, सबके साथ न्याय होगा।

मेरे लिये सदन की गरिमा से ऊपर कुछ भी नहीं है इसको बनाए रखने के लिये कितने ही कठोर व कड़वे निर्णय लेने हों, मैं पीछे नहीं हटूंगी। विधान सभा परिसर लोकतन्त्र का मंदिर है। अध्यक्ष होने के नाते किसी भी प्रकार की अनियमितता एवं अनुशासनहीनता मुझे स्वीकार्य नहीं है। विधान सभा व प्रदेश के हित में मुझे जितने भी रिफॉर्म्स विधान सभा में करने पडें मैं उसके लिये तैयार हूँ।

उन्होंने कहा कि मेरे सार्वजनिक जीवन की शुरूआत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर हुई। मुझे याद है उन्होंने कहा था “ना खाऊंगा ना खाने दूंगा” इसी ध्येय को मैंने भी अपने जीवन में उतारा है।

मीडिया व अन्य विभिन्न स्रोतों से विधान सभा सचिवालय में कार्मिकों/अधिकारियों की विधि एवं सेवा नियमों के विरूद्ध नियुक्तियों / पदोन्नति के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के आधार पर जनहित में मैंने आज दो बड़े निर्णय लिये हैं।

1. विशेषज्ञ जांच समिति गठित की गयी है जिसमें (क) श्री दिलीप कुमार कोटिया (अध्यक्ष) (ख) श्री सुरेन्द्र सिंह रावत सदस्य एवं (ग) श्री अवनेन्द्र सिंह नयाल सदस्य हैं। सभी पूर्व कार्मिक सचिव हैं एवं प्रदेश के वह इस मामले के विशेषज्ञ हैं। इसके साथ-साथ यह भी निर्देश दिया है कि विशेषज्ञ समिति अधिकतम एक माह के भीतर अपना प्रतिवेदन, जांच रिपोर्ट / सुझाव उपलब्ध करायेगी।

2. दूसरा निर्णय यह किया है कि वर्तमान विधान सभा सचिव (श्री मुकेश कुमार सिंघल) तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक अवकाश पर रहेंगे। उक्त अवकाश की अवधि में विशेषज्ञ समिति, श्री मुकेश कुमार सिंघल सचिव को जांच में सहयोग हेतु उपस्थित होने के लिये जब-जब कहेगी तो उन्हें ऐसे निर्देशों का पालन करना होगा।