उत्तराखंड राज्य शराब बेचने के लिए बनाया था?

डॉ0 हरीश मैखुरी

दून अस्पताल में भर्ती ईटीवी के पत्रकार अवनीश पाल से मुलाकात की। अस्पताल ने अब उन्हें डिस्चार्ज कर दिया है। उनके बायें हाथ में दो फ्रैक्चर, सिर और पैरों पर गंभीर चोटें हैं। पत्रकारों की सुरक्षा भगवान भरोसे है। जो लोग पत्रकारों से निष्पक्षता की उम्मीद करते हैं उन्हें आगे आना चाहिए। अच्छी बात है कि शराब लाबी होने के बावजूद मामले में 3 गिरफ्तार हो गये। वैसे राज्य में शराब लाबीयां इतनी तखडी़ हैं कि सरकारें उनके आगे तेल बेचती हैं। यही कारण है कि उत्तराखण्ड में पीने वालों सहित सभी लोग चाहते हैं कि शराब बंद हो, परन्तु देवभूमि में शराब की नदियां बहाने का मोटा खेल शराब लाबी के दबाव में ही चल रहा है। जो मुख्यमंत्री शराब के विरोध में होगा उसे जाना पड़ सकता है, यही कारण है कि शराब बंद नहीं हो रही। वर्ना उत्तराखंड राज्य कोई शराब बेचने के लिए थोड़े ही बनाया था। अवनीश पाल ने बताया कि समझोते के लिए भारी दबाव है परन्तु सवाल पत्रकारों की जान और अस्मिता का है, आज मेरा नम्बर है कल को किसी दूसरे का तय है। ईटीवी चैनल को अपने पत्रकार की गंभीरता से पैरवी करनी चाहिए और पत्रकारों को भी एकजुट होकर इस मामले को उठाना चाहिए, अगला नम्बर किसी का भी आ सकता है। सरकार और पुलिस से 36 का आंकड़ा जनता के पत्रकार का वैसे ही रहता है। अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी होगी। सुखद लगा कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पत्रकार का हाल जाना।