उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने विधानसभा चुनाव 2022 परिणामों पर दिया त्यागपत्र

✍️हरीश मैखुरी

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने पीसीसी अध्यक्ष के पद से त्यागपत्र दे दिया है। उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव, चारों कार्यकारी अध्यक्ष भी दे सकते हैं पदों इस्तीफा। वैसे अध्यक्ष के इस्तीफे के बाद पूरी कमेटी ही भंग समझी जाती है

देखा जाय तो उत्तराखंड में कांग्रेस ने अब तक का सबसे बढ़िया चुनाव लड़ा। कुछ अपवादों को छोड़कर पहली बार कांग्रेस एकजुट होकर विधानसभा चुनाव लड़ रही थी। लेकिन मोदी लहर के आगे कोई कुछ नहीं कर सकता था। मोदी लहर ने 4 राज्यों में सफाया कर दिया। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की हालत देखिये। 6 महीने में गणेश गोदियाल जो कर सकते थे उन्होंने बखूबी किया। उत्तराखंड में तो फिर भी स्थिति 19 है।

दिल्ली दरबारी अच्छे नेताओँ का ऐसे ही मनोबल तोड़ते रहे तो एक दिन भाजपा का कांग्रेस मुक्त भारत का नारा सच भी हो सकता है। 

उत्तराखंड में गोदियाल ने प्रदेश में हुये विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि आज मैंने अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। श्री गोदियाल ने कहा कि मैं परिणाम के दिन ही त्यागपत्र देना चाहता था पर हाईकमान के आदेश की प्रतिक्षा पर रुका था। आज दिल्ली पंहुच कर जैसे ही यह अवगत हुआ कि अन्य वह सभी राज्यों के जबावदेह पदाधिकारी, जहां चुनावों में आशातीत सफलता नहीं मिली, अपने पदों से इस्तीफा दे रहे हैं, मैंने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ता के तौर पर संघर्ष करता रहूंगा।

समझा जा सकता है कि यह त्यागपत्र कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर दिए गए हैं। बताया जाता है कि पांचों राज्यों में सूपड़ा साफ होने से हाईकमान की भुकुटि तनी हुई है। इसलिए उत्तराखंड उतर प्रदेश मणिपुर पंजाब गोवा सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों से त्यागपत्र मांगा गया है।

     वैसे देखा जाय तो गणेश गोदियाल से पहले दिल्ली आलाकमान के उन नेताओं को इस्तीफ़ा देना चाहिए था जिनके नेतृत्व में कांग्रेस की ये दुर्दशा दशा हो रही है, चमोली नन्दप्रयाग के पार्षद और कांग्रेस नेता कंडेरी ने ऐसी मांग उठाते हुए कहा कि देश में पिछले 7 सालों में कांग्रेस के गिरते ग्राफ की वजह रहे नेता कब अपने पद से कब त्यागपत्र देंगे!!