कोरोना अपडेट : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने रुद्रपुर में कहा कोविड टैस्टिंग बढ़ायें और डेंगू रोकथाम की तैयारी करें, देश में इन 6 राज्यों में हुई कोरोना से 50 प्रतिशत मौतें

रूद्रपुर 04 जून,2021- एक दिवसीय भ्रमण पर पंहुचे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत ने एपीजे अब्दुल कलाम सभागार कलेक्ट्रेट में अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर जिले में कोविड संक्रमण की रोकथाम, उपचार एवं उससे बचाव आदि हेतु किए जा रहे कार्यों के साथ ही आगामी मानसून काल के मद्देनजर पूर्व तैयारी तथा जनपद में संचालित विकास कार्यों की विस्तृत रूप से जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु अधिक से अधिक सैम्पलिंग बढ़ाई जाए। इस हेतु सभी ग्राम सभाओं में मेडिकल टीम जाकर जांच करे। जांच के दौरान लक्षण वाले प्रत्येक व्यक्ति को तत्काल दवा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें एवं ग्राम स्तर पर निगरानी टीम को और अधिक एक्टिव रखते हुए संक्रमण की रोकथाम हेतु कार्य करें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था मुहैया कराना सुनिश्चित करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के साथ ही आगामी वर्षा के दौरान जल जनित रोग, डेंगू की रोकथाम हेतु व्यापक स्तर पर सभी नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में नगर निकाय व पंचायती विभाग सेनेटाइजेसन का कार्य लगातार जारी रखें, साथ ही जनता को इसके प्रति जागरूक भी करें। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जिला चिकित्सालयों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केद्रों में भी में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गांव में कोरोना से संबंधित आवश्यक दवा की किट का भी वितरण शीघ्रता से कराया जाये।

मुख्यमंत्री ने सभी विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों से कहा कि गांव में जाकर लगातार दवाई एवं अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाओं की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी लेते रहें। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु कड़ाई से कर्फ्यू का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि ब्लैक फंगस की रोकथाम को दृष्टिगत रखते हुए राज्य सरकार ने इंजेक्शन की पर्याप्त व्यवस्था कर ली है एवं कोविड-19 की तीसरी लहर से निपटने के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। उन्होने कहा कि आवश्यकतानुसार अस्पतालों के साथ ही होटल, धर्मशाला की भी व्यव्स्था करना सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने कोविड कन्ट्रोल रूम का निरीक्षण भी किया, कन्ट्रोल रूम की व्यस्थाओं की सराहना करते हुए होम आईशोलेशन में रह रहे मरीजों से विडियो काॅल के माध्यम से बातचीत कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली एवं जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की। उन्होने कहा कि कोविड संक्रमण में जो बच्चे अनाथ हो गये है ऐसे बच्चों को 3000 रुपए प्रतिमाह दिए जायेंगे। उन्होने कहा कि ऐसे अनाथ/असहाय बच्चे जब तक बालिग न हो तब तक जिलाधिकारियों की देखरेख में रहेंगें ताकि उनकी सम्पत्ति को कोई भी नुकसान न पहुंचा सके। उन्होने कहा कि कोरोना संक्रमण में बजट की कोई कमी नही है जिसके लिए जिलाधिकारी को भी अधिकार दिये गये है कि वह अपने फण्ड से भी इस महामारी में खर्च कर सकते है।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री द्वारा आगामी मानसून काल के मद्देनजर सम्बन्धित अधिकारियों से आगामी मानसून के लिए तैयारियों की जानकारी ली। उन्होने निर्देश दिए कि सभी विभाग किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने हेतु पूर्व तैयारी करते हुए अलर्ट रहें तथा किसी भी प्रकार की आपदा की घटना होने पर तत्काल राहत एवं बचाव कार्य किए जाये, सभी तहसील व थाना स्तर पर आवश्यक उपकरण राहत पैकेट आदि की भी व्यवस्था के साथ ही राहत कैम्प चिह्नित कर उनमें आवश्यक व्यवस्था पूर्व से रखी जाए। उन्होंने कहा कि सभी विभाग आपसी समन्वय स्थापित करते हुए सहयोग से कार्य करें। विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान उन्होंने पेयजल, ऊर्जा विभाग, लोक निर्माण विभाग,सिंचाई समेत विभिन्न कार्यदाई संस्थाओं के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह निर्माण कार्यों को समयबद्धता से पूर्ण करें। अधिकारी मुख्यालय में न बैठकर फील्ड में जाकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाएं, कार्य धरातल पर दिखने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी एवं जन प्रतिनिधि एक दूसरे के पूरक हैं वह मिलकर कार्य कर जिले को विकास के क्षेत्र में आगे ले जाएं। वह एक टीम भावना के साथ कार्य करें।

बैठक में सांसद अजय भट्ट, विधायक राजकुमार ठुकराल, राजेश शुक्ला, हरभजन सिंह चीमा, प्रेम सिंह राणा एवं पुष्कर सिंह धामी ने जिले के विकास के संबंध में अपनी बात रखी। उन्होने कहा कि जिनका राशन कार्ड अभी तक आॅनलाइन नही हुआ है उन लोगों को भी राशन देना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार का मकसद है कि प्रदेश में कोई भी भुखा न रहे।
बैठक में जिलाधिकारी रंजना राजगुरू व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर ने प्रजेन्टेशन के माध्यम से जिले में कोविड संक्रमण एवं डेंगू की रोकथाम हेतु किए जा रहे कार्यों के अतिरिक्त वर्तमान में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं के एवं आगामी मानसून काल के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने हेतु की गई पूर्व तैयारी के साथ ही जिले में संचालित विकास कार्यों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी।
इस अवसर पर प्रभारी मंत्री सतपाल महाराज, परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, सांसद अजय भट्ट, विधायक राजकुमार ठुकराल, राजेश शुक्ला, सौरभ बहुगुणा, प्रेम सिंह राणा, पुष्कर सिंह धामी, आदेश चैहान, कुमाऊं आयुक्त अरविन्द सिंह हयांकि, डीआईजी कुमाऊ अजय रौतेला, मेयर रूद्रपुर रामपाल, जिलाध्यक्ष शिव अरोरा, मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना, नोडल अधिकारी हाॅस्पिटल मैनेमेंट बंशीधर तीवारी, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 डीएस पंचपाल, अपर जिलाधिकारी उत्तम सिंह चैहान, जगदीश चन्द्र काण्डपाल के साथ ही कोविड से सम्बन्धित नोडल अधिकारी व सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

देश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक दिन में 1,32,364 नये मामले सामने आने के बाद इस बीमारी के कुल मामले बढ़ कर 2,85,74,350 हो गए हैं जबकि संक्रमण से स्वस्थ होने की दर 93 प्रतिशत से ऊपर हो गई।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार सुबह आठ बजे तक के डेटा के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 2,713 मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या 3,40,702 हो गई है जबकि इलाज करा रहे लोगों की संख्या लगातार चौथे दिन 20 लाख से कम दर्ज की गई।

मंत्रालय ने बताया कि बृहस्पतिवार को कुल 20,75,428 जांच की गईं जिसके बाद देश में कोविड-19 के लिए हुई जांच की कुल संख्या 35,74,33,846 हो गई है। संक्रमण की दैनिक दर 6.38 प्रतिशत दर्ज की गई। लगातार 11 दिनों से यह दर 10 प्रतिशत से कम दर्ज की गई है। साप्ताहिक संक्रमण दर घटकर 7.27 प्रतिशत हो गई है।
देश में इलाजरत मरीजों की संख्या 16,35,993 हो गई जो कुल संक्रमण का 5.73 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर 93.08 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के कुल 77,420 मामले घटे हैं।

स्वस्थ होने वालों की संख्या संक्रमित होने वालों की तुलना में लगातार 22वें दिन ज्यादा रही। अब तक स्वस्थ हुए लोगों की कुल संख्या 2,65,97,655 हो गई है जबकि संक्रमण से मृत्यु दर 1.19 प्रतिशत है

यदि हम देश में अब तक के आंकड़ों का विश्लेषण करें तो देखने में आता है कि केवल 6 राज्यों में हुई हैं 50 प्रतिशत मौतें हुईं हैं। देश में कोरोना के कारण हुई कुल मौतों में से लगभग आधी (49.77%) मौतें केवल 6 राज्यों में हुई हैं। इन 6 राज्यों में 5 भाजपा शासित राज्य नहीं हैं तथा छठा राज्य केजरीवाल शासित दिल्ली है। ध्यान रहे कि देश की लगभग 139 करोड़ जनसंख्या में इन 6 राज्यों की जनसंख्या की हिस्सेदारी मात्र 33 करोड़ (23.7%) ही है। लेकिन दिल्ली के मीडियाई अड्डे इस सच्चाई का जिक्र तक नहीं कर रहे। उल्टे मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ भयंकर जहर उगलने में जुटे हुए हैं। क्या ये भी टूल किट की रणनीति का हिस्सा है! स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े देखें तो कोरोना से जंग में कौन कौन बुरी तरह, शत प्रतिशत नकारा निकम्मा असफल सिद्ध हो रहा है। इस सच को यह आंकड़े खुलकर बता रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़े यह भी बता रहे हैं कि कोरोना से जंग में शत प्रतिशत नकारा निकम्मा कौन सिद्ध हुआ है.?

पहला खेमा
आज 21 मई को सवेरे 8 बजे तक देश में कोरोना केके कारण हुई 291331 मौतों में से 122428 (42.02%) मौतें कांग्रेस तथा उसके गठबंधन शासित केवल 5 राज्यों में हुईं हैं। 20 मई को सवेरे 8 बजे तक इन राज्यों में कोरोना के कारण हुई मौतों की संख्या इस प्रकार है।
महाराष्ट्र (85355) छत्तीसगढ़ (12295)  पंजाब (12716) राजस्थान (7348)  झारखंड (4714) है।
 ज्ञात रहे कि इन 5 राज्यों की कुल जनसंख्या (31 करोड़) देश की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या (139 करोड़) का मात्र 22.30 प्रतिशत ही है। 
कोरोना के कारण हो रही मौतों की राष्ट्रीय मृत्यु दर 20.96 मृत्यु प्रति लाख है। लेकिन कांग्रेस व उसके गठबंधन शासित 5 राज्यों में कोरोना के कारण हो रही मौतों की मृत्यु दर 39.50 मृत्यु प्रति लाख है। यह राष्ट्रीय मृत्यु दर से 90% अधिक है। अर्थात दोगुने से केवल 10% कम।
इन 5 राज्यों में सर्वाधिक मृत्यु दर महाराष्ट्र – 68.28 व्यक्ति प्रति लाख। यह राष्ट्रीय दर से 227% अधिक है।
दूसरा खेमा        
कोरोना के कारण हुई सर्वाधिक मौतों वाले गैर भाजपा, गैर कांग्रेस शासित 6 राज्यों दिल्ली (22579)  तमिलनाडु (18734)  केरल (6852) आंध्र (9800) बंगाल (13895) तेलंगाना (3060) में आज सवेरे 8 बजे तक कुल 74920 मौतें हुई हैं। यह संख्या देश में हुई कुल मौतों का 25.71% है।
इन 6 राज्यों की कुल जनसंख्या (36.9 करोड़) देश की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या (139 करोड़) का 27.12 प्रतिशत ही है। 
गैर कांग्रेस गैर भाजपा दलों द्वारा शासित इन 6 राज्यों में कोरोना के कारण हो रही मौतों की मृत्यु दर 20.30 मृत्यु प्रति लाख है। यह दर राष्ट्रीय मृत्यु दर से 00.33% कम है।
इन 5 राज्यों में सर्वाधिक मृत्यु दर दिल्ली – 107.35 व्यक्ति प्रति लाख है। यह राष्ट्रीय दर से 412% अधिक है।
(4.76 करोड़ जनसंख्या वाले उड़ीसा में हुईं 2403 मृत्यु संख्या उपरोक्त आंकड़ें में शामिल नहीं है)
तीसरा खेमा
कोरोना के कारण हुई सर्वाधिक मौतों वाले भाजपा शासित 6 राज्यों कर्नाटक (23854) उत्तरप्रदेश (18588), गुजरात (9404),  मध्यप्रदेश (7315) हरियाणा (7205) तथा उत्तराखंड (5484) में आज सवेरे 8 बजे तक कुल 71850 मौतें हुई हैं। यह संख्या देश में हुई कुल मौतों का 24.66% है।
इन 6 राज्यों की कुल जनसंख्या (47.52करोड़) देश की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या (139 करोड़) का 34.18 प्रतिशत है। 
भाजपा शासित इन 6 राज्यों में कोरोना के कारण हो रही मौतों की मृत्यु दर 15.12 मृत्यु प्रति लाख है। यह दर राष्ट्रीय मृत्यु दर से 26% कम है।
सर्वाधिक मृत्यु दर उत्तराखंड में  46.08 मृत्यु प्रति लाख। यह राष्ट्रीय दर से 121% अधिक है। इसके पीछे का कारण उत्तराखंड में पिछले सतर वर्षों में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं सम्बन्धित इन्फ्रास्ट्रक्चरल विकास कार्यों का न होना और मोटरमार्गों का अभाव है। इन स्वास्थ्य और सड़क दोनों अभावों में राज्य बनने के बाद भी अपेक्षित सुधार नहीं हो सका है। 
उल्लेखनीय है कि…
ऊपर तीसरे खेमें में उल्लिखित 6 राज्यों समेत भाजपा एवं उसके गठबंधन शासित कुल 17 राज्यों तथा केंद्र शासित 7 राज्यों (UT) में कोरोना के कारण आज सवेरे 8 बजे तक हुई कुल मौतों की संख्या 91580 है। यह संख्या देश में कोरोना के कारण हुई कुल 291331 मौतों का मात्र 31.44 प्रतिशत है। 
भाजपा एवं उसके गठबंधन शासित कुल 17 राज्यों तथा केंद्र शासित 7 राज्यों (UT) की कुल जनसंख्या (65.54 करोड़) देश की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या (139 करोड़) का 47.15 प्रतिशत है। 
भाजपा शासित इन 17 राज्यों, 7 केन्द्र शासित राज्यों (UT) में कोरोना के कारण हो रही मौतों की मृत्यु दर 13.97 मृत्यु प्रति लाख है। यह दर राष्ट्रीय मृत्यु दर (20.38) से लगभग 33.40 % कम है।
क्या यह नहीं बता रहे कि कोरोना के कारण देश में हुई 68.56 प्रतिशत हिस्सेदारी कांग्रेस+गठबंधन शासित 5 तथा गैर भाजपा, गैर कांग्रेस शासित 7 राज्यों की है। जबकि इन 12 राज्यों की 73.46 करोड़ जनसंख्या देश की जनसंख्या में 53% हिस्सेदारी है। 
उपरोक्त तीनों खेमों की स्थिति देख आप सहज ही यह जान सकते हैं कि कोरोना से जंग में कौन सा खेमा अपने नक्कारेपन के कारण एक तरह से निक्कमा सिद्ध हो रहा है। लेकिंन देश का एक पक्षीय मीडिया इस सच पर कलम नहीं उठाता। बल्कि उतर प्रदेश में तो दो हजार पन्द्रह के नदी किनारे के फोटो कोरोना काल के भी बताता है।