तुलसी एक चेतन और जीवंत पौधा है, इससे तादात्म्य होने पर वह सुख दुख समझता है, अपनी मनोकामना तुलसी से कहें

डॉ हरीश मैखुरी

तुलसी अतुलनीय है। सुबह तुलसी के दर्शन से दिवस शुभ होता है और संध्या के समय पर तुलसी के निकट घूप दीप जलाने से घर में सुख-शांति आती है और नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिलता है। इस लिए सदैव तुलसी लगाओ सदैव तुलसी पूजन करें ओजोन परत की सुरक्षा केवल तुलसी से होती है। तुलसी रात दिन आक्सीजन और ओजोन प्रदान करता है। तुलसी का पौधा एक कोस दूर तक बैक्टिरिया (जरासीम) नष्ट करता है। चटनी चाय दाल आदि किसी भी खाद्य के साथ तुलसी पत्तों का सेवन न केवल कैंसर रोधी है बल्कि यह दमा खांसी व उपरी हवा के रोग भी दूर करता है। तुलसी विष्णु भगवान की सधर्मी लक्ष्मी स्वरूप हैं यदि दस साल तक यदि तुलसी एक ही पौधा ? यदि जीवित रहता है तो इसकी जड़ में सोना और पारद मिलने की संभावना रहती है। रविवार को तुलसी तोड़ना और इस पर जल चढ़ाना वर्जित है, रजस्वला की स्थिति में महिलाओं को तुलसी पर जल चढ़ाने का विधान नहीं है। अन्य दिनों महिलायें यदि जल चढ़ाती हैं तो पति मनोनुरूप और दीर्घायु होता है। तुलसी एक चेतन पौधा है और तादात्म्य स्थापित होने पर आपके सुख दुख समझ सकता है। अपनी मनोकामना तुलसी से कहें। और चमत्कार का अनुभव करें। तुलसी का पौधा घर में जीवंतता, सुख समृद्धि और शांति का द्योतक है पहले तुलसी हर आंगन की शोभा हुआ करती थी, इसीलिए घरों में लोग निरोग रहते थे लेकिन अब संस्कार गायब हो रहे हैं, तुलसी पूजन और तुलसी लगाने की बजाय लोग ओर्नामेंटल प्लांट लगा रहे हैं जिनसे ना हवा शुद्ध होती है और ना आरोग्य मिलता, उल्टे वास्तु दोष का खतरा रहता है, अब कन्हैया बनकर अंग्रेजी स्कूलों में प्रवेश पाने वाली भारत की नयी पीढ़ियां प्लास्टिक के नकली पेड़ पूजने वाली सांता क्लॉज बनकर बाहर निकल रही है, इसीलिए दुर्भाग्य से अब तुलसी पूजन को हेय बनाने की शाजिस भी चलती है। ये विनाशकारी सोच का नतीजा है। यदि २५ दिसम्बर को तुलसी विषयक जागरूकता को साल में एक दिन भी अंजाम दिया जता रहे तो चमत्कारिक निज लाभ के अलावा एक बड़ा पर्यावरणीय सुधार हो सकता है।