चित्रों में चीखता हुआ सच्चा इतिहास : जम्बू काश्मीर और तिब्बत भारत का एक प्रान्त था

पुराने चित्रों में चीखता हुआ इतिहास 

जैसा की आप जानते ही हैं की अंग्रेज़ों को भारतीय शब्दों का उच्चारण में कठिनाई होती है अत: जब भारत में वे शाशन करने लगे तो बहुत से स्थानों का नाम उन्होंने सुविधानुसार बदल दिया। यहाँ, सुविधा का तात्पर्य उनकी जीभ की बनावट से था। 

अंग्रेज़ी भाषा में जब “ m” और “ b” एक साथ प्रयुक्त होते हैं तब अंग्रेज़ “ ब” का उच्चारण नहीं करते, हम भारतीय कर लेते हैं ।

जैसे dumb का उच्चारण अंग्रेज़ “ डम” और भारतीय “डम्ब “ के रूप में करता है । दूसरा उदाहरण Plumber का देख लीजिए। अंग्रेज इसे “प्लमर “ उच्चारित करता है और भारतीय “प्लम्बर “। 

अब रिवर्स एन्जयरिंग समझिए । जैसे भारत के एक राज्य का नाम “ जम्बू काश्मीर “ था तो अंग्रेज़ी में जम्बू को Jambu लिखा गया पर अंग्रेज़ Jambu को जमू ही उच्चारित कर पाएगा, अपनी भाषा और अपनी जीभ की बनावट के अनुसार । हम भारतीय तो नक़लची होते ही हैं। वे जमू कहने लगे तो हमने भी जम्मू कर लिया। 

दो तीन सौ वर्षों के जितने भी अभिलेख प्राप्त होते हैं उसमें जम्बू काश्मीर और तिब्बत ( वही तिब्बत जिसे नेहरू ने चीन को दे दिया ) को एक साथ ही दर्शाया गया है।

इसी तरह भारत वर्ष को हिन्दुस्थान कहा जाता है जिसे अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के लिए संक्षिप्त करने की दृष्टि से इंडिया कहा। और अंततोगत्वा फूटडालो और राज करो नीति के अंतर्गत भारत को मजहब के लिए विभाजित भी कर गये।