हमारे पितृ देवता हमारे स्वर्गवासी माता पिता
प्यार देकर जो हमसे विदा हुए संसार से,
आओ उनका स्वागत करें आज से।
जो हुए पुरखों में शामिल,
वो कभी थे साथ में।
आज से नमन करेंगे,
हम मन के द्वार से।।
पितर चरण में नमन करें,
ध्यान धरे दिन रात।
कृपा दृष्टि हम पर करें,
सिर पर धर दे हाथ।।
ये कुटुंब है आपका,
आपका है ये परिवार।
आपके आशीर्वाद से,
फले-फूले संसार।।
भूल चूक सब क्षमा करें,
कृपा करें भरपूर।
सुख संपत्ति से घर भरें,
कष्ट करें सब दूर।।
आप हमारे हृदय में,
आपकी हम संतान।
आपके नाम से है जुड़ी,
मेरी हर पहचान।।
*༺𝕝𝕝 卐 𝕝𝕝༻* *श्री हरिहरौ*
*विजयतेतराम*सुप्रभातम*
*आज का पञ्चाङ्ग*
*_शनिवार, ३० सितम्बर २०२३_*
*═══════⊰⧱⊱═══════*
सूर्योदय: 🌄 ०६:२३
सूर्यास्त: 🌅 ०६:११
चन्द्रोदय: 🌝 १८:४५
चन्द्रास्त: 🌜०६:५४
अयन 🌖 दक्षिणायणे
(दक्षिणगोलीय)
ऋतु: 🏔️ शरद
शक सम्वत:👉१९४५ (शोभकृत)
विक्रम सम्वत:👉२०८० (पिंगल)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 प्रतिपदा (१२:२१
से द्वितीया)
नक्षत्र 👉 रेवती (२१:०८ से
अश्विनी)
योग 👉ध्रुव(१६:२७ से व्याघात)
प्रथम करण👉कौलव(१२:२१तक
द्वितीय करण 👉 तैतिल
(२२:५७ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 मेष (२१:०८ से)
मंगल🌟कन्या(अस्त,पश्चिम,मार्गी
बुध🌟सिंह(उदित,पश्चिम,वक्री)
गुरु🌟मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)
शुक्र🌟कर्क(उदित,पश्चिम,मार्गी)
शनि 🌟 कुम्भ
(उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४३ से १२:३१
अमृत काल 👉 १८:५७ से २०:२४
विजय मुहूर्त 👉 १४:०६ से १४:५४
गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:०४ से १८:२८
सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:०४ से १९:१७
निशिता मुहूर्त 👉 २३:४३ से ००:३१
ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:३३ से ०५:२१
राहुकाल 👉 ०९:०८ से १०:३७
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १३:३६ से १५:०५
होमाहुति 👉 चन्द्र (२१:०८ से मंगल)
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी (१२:२१ तक)
चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व २१:०८ से)
शिववास 👉 गौरी के साथ (१२:२१ से सभा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पूर्व-उत्तर (वायविंडिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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आश्विन कृष्ण पक्ष आरम्भ, द्वितीया तिथि का श्राद्ध, पंचक समाप्त २१:०८ पर आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज २१:०८ तक जन्मे शिशुओ का नाम रेवती नक्षत्र के द्वितीय तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (दो, च, चि) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम आश्विनी नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमशः (चू) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – ०५:१५ से ०७:३३
तुला – ०७:३३ से ०९:५४
वृश्चिक – ०९:५४ से १२:१४
धनु – १२:१४ से १४:१७
मकर – १४:१७ से १५:५८
कुम्भ – १५:५८ से १७:२४
मीन – १७:२४ से १८:४७
मेष – १८:४७ से २०:२१
वृषभ – २०:२१ से २२:१६
मिथुन – २२:१६ से ००:३१
कर्क – ००:३१ से ०२:५३
सिंह – ०२:५३ से ०५:११
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पञ्चक रहित मुहूर्त
अग्नि पञ्चक – ०६:०९ से ०७:३३
शुभ मुहूर्त – ०७:३३ से ०९:५४
रज पञ्चक – ०९:५४ से १२:१४
शुभ मुहूर्त – १२:१४ से १२:२१
चोर पञ्चक – १२:२१ से १४:१७
शुभ मुहूर्त – १४:१७ से १५:५८
रोग पञ्चक – १५:५८ से १७:२४
शुभ मुहूर्त – १७:२४ से १८:४७
शुभ मुहूर्त – १८:४७ से २०:२१
रोग पञ्चक – २०:२१ से २१:०८
शुभ मुहूर्त – २१:०८ से २२:१६
मृत्यु पञ्चक – २२:१६ से ००:३१
अग्नि पञ्चक – ००:३१ से ०२:५३
शुभ मुहूर्त – ०२:५३ से ०५:११
रज पञ्चक – ०५:११ से ०६:१०
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपको घर एवं बाहर कुछ ना कुछ हानि कराएगा। आज प्रत्येक कार्य को देख भाल कर ही करें। अतिआवश्यक कार्य यथा संभव आज टाल ही दें अन्यथा समय के साथ धन की भी बर्बादी होगी। सरकारी कार्य नियमो की उलझन में लटके रहेंगे। नौकरी वाले लोग आज कागजी कार्यो में सावधानी रखें। व्यापारी वर्ग आज व्यापार में उतार चढ़ाव के दौर से गुजरेंगे एक पल में लाभ की आशा बनेगी अगले ही पल आशा निराशा में बदल जाएगी। घर गृहस्थी में भी आज किसी ना किसी के बीमार पड़ने से अतिरिक्त परेशानी रहेगी। महिलाये पुरुषों की अपेक्षा शांत रहेंगी।
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आपके लिए आज का दिन भी लाभदायक रहेगा। दिन के आरंभ में अवश्य थोड़ी सुस्ती रहेगी इसके बाद का समय व्यस्त रहेगा। कार्य क्षेत्र के साथ ही आज अन्य काम भी आने से थोड़ी असुविधा होगी परन्तु तालमेल बैठा ही लेंगे। नौकरी वाले लोगो को अधिकारी वर्ग के गंभीर रहने से थोड़ी परेशानी तो होगी लेकिन इसका परिणाम बाद में लाभदायक रहेगा सही समय पर कार्य पूर्ण होंगे। व्यवसायी वर्ग आज लेदेकर काम चलाने की नीति अपनाएंगे खर्च करने पर ही लाभ की स्थिति बन सकेगी। महिलाये भी आज भविष्य के लिए संचय कर सकेंगी।
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन दौड़ धूप तो रहेगी लेकिन इसका सकरात्मक परिणाम भी मिलेगा। व्यवसाय में आज निश्चिन्त होकर कार्य करें जोखिम लेने से ना डरें मध्यान तक की मेहनत का फल संध्या के आस-पास मिलने लगेगा। धन का निवेश भी आज दुगना होकर ही वापस आएगा। अधिकारी वर्ग की नरमदिली कार्यो को आसान बनाएगी। सरकार सम्भाधित कार्य आज पूर्ण हों सकते है प्रयास करते रहें। महिलाये अधिक बोलने की आदत के कारण हास्य की पात्र बनेगी लेकिन गृहस्थ को संभालने में सहायक भी रहेंगी। पैतृक सम्बन्धित कार्यो अथवा पिता से लाभ होगा।
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपके लिए शांतिदायक रहेगा। ईश्वरीय आराधना भजन-पूजन में निष्ठा रहने से मानसिक रूप से विचलित नही होंगे। कार्य व्यवसाय भी पहले की अपेक्षा बेहतर चलेगा परन्तु धन की आमद होने में कुछ ना कुछ विघ्न अवश्य आएंगे। सहकर्मी भी मनमानी करेंगे जिससे कार्य विलम्ब से पूर्ण होंगे बीच मे कहासुनी होने की भी संभावना है। कार्य क्षेत्र की अपेक्षा आज घर का वातावरण व्यस्त होने पर भी शांति की अनुभूति कराएगा। धार्मिक यात्रा के प्रसंग उपस्थित होंगे। संध्या का समय थकान रहने से आराम में बिताना पसंद करेंगे। स्त्री संतान का सुख सामान्य रहेगा।
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिए आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से अशुभ रहेगा। सेहत में दिन भर उतार चढ़ाव लगा रहेगा। कार्य व्यवसाय एवं आर्थिक कारणों से मानसिक अशांति रहेगी। महिलाये भी आज पेट, कमर एवं अन्य शारीरिक अंगों में अकड़न-दर्द रहने से परेशान होंगी। कार्य व्यवसाय पर धन लाभ तो होगा लेकिन व्यर्थ के खर्च बढ़ने से तुरंत खर्च भी हो जाएगा। यात्रा की योजना आज टालना बेहतर रहेगा। खर्च के साथ दुर्घटना के भी योग है घर मे भी उपकरणों पर सावधानी से कार्य करें। पूजा पाठ में भी कम ही मन लगेगा। तंत्र-मंत्र के रहस्यों का प्रति रुचि बढ़ेगी।
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आपको अपने अधिकांश कार्यो में विजय मिलेगी। सोच विचार कर ही किसी कार्य को करेंगे। आज धन लाभ प्रयास करने पर अवश्य होगा। सरकारी कार्यो में जोड़ तोड़ करके सफलता पा लेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज आपका दबदबा रहेगा विरोधी आपके आगे आने की हिम्मत नही करेंगे। सहकर्मियों से बीच मे मतभेद होंगे निराकरण भी तुरंत हो जाएगा। घरेलू सुख भी आज उत्तम रहेगा। सुख सुविधा जुटाने पर खर्च करेंगे। लेकिन बाहर के खान-पान में संयम रखें बदहजमी गैस आदि की परेशानी हो सकती है। घर के बुजुर्ग से शुभ समाचार मिलेंगे।
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन पिछले दिनों की अपेक्षा राहत भरा रहेगा। शारीरिक रूप से भी आज पहले से बेहतर अनुभव करेंगे। बुजुर्गो की सेहत में सुधार आयेगा। व्यावसायिक क्षेत्र पर आज आरम्भ में असमंजस की स्थिति रहेगी परन्तु धीरे -धीरे गाड़ी पटरी पर आने लगेगी। दिन के अंतिम भाग में बिक्री में तेजी आने से धन की आमद होगी। प्रतिस्पर्धियों से बहस के प्रसंग भी बनेंगे इससे बचने का प्रयास करें। पैतृक संबंधों से भी भविष्य में लाभ की उम्मीद बनेगी। दाम्पत्य सुख में थोड़ी नीरसता रहने पर भी बाहर की अपेक्षा शांति का अनुभव होगा। संताने सहयोगी रहेंगी।
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आप अपने दिमाग पर कुछ ज्यादा ही जोर डालेंगे अनिर्णायक स्थिति रहने के कारण अधिकांश कार्य अधूरे रह जाएँगे या निरस्त भी करने पड़ सकते है। नौकरी वाले लोगो को अतिआत्मविश्वास के कारण कार्य मे हानि होंगी। व्यवसायी वर्ग भी आज लापरवाही करेंगे जिसके फलस्वरूप कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था फैलेगी जिसे सुधारना आज मुश्किल ही रहेगा। धन लाभ आज परिश्रम करने पर भी अल्प मात्रा में ही होगा। पारिवारिक स्थिति भी समय से मांग पूरी ना कर पाने पर खराब होगी। महिलाये अहसान जता कर कार्य करेंगी। संतान सुख भी कम ही रहेगा।
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन सावधानी से व्यतीत करें। आज आप बड़बोलेपन के कारण कलह को स्वयं ही आमंत्रण देंगे। प्रातः काल मे ही परिजन अथवा किसी आस-पड़ोसी से कलह के प्रसंग बनेंगे जिसके कारण मध्यान तक मन मे आवेश बना रहेगा। महिलाओ से आज संयमित व्यवहार रखें अन्यथा पूरी दिनचार्य खराब हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर भी किसी ना किसी से छोटी-छोटी बातों पर उलझने के कारण काम-काज प्रभावित होगा सामाजिक सम्मान में भी आज कमी आएगी। आर्थिक कारणों से भी उलझे रहेंगे धन की आमद खर्च निकलने लायक भी नही रहेगी। शान्त रहने का प्रयास करें।
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपको परिश्रम का उचित फल मिल सकेगा। कार्य व्यवसाय में थोड़ी मेहनत के बाद उत्साहजनक लाभ मिलेगा सहकर्मी आज आपसे ईर्ष्या करेंगे लेकिन आपकी दिनचार्य एवं व्यक्तित्त्व पर इसका कोई असर नही पड़ेगा। कुछ दिनों से चल रही धन संबंधित उलझने शांत होंगी। मन इच्छित कार्यो पर खर्च कर सकेंगे फिजूल खर्ची भी रहेगी लेकिन पारिवारिक खुशी के आगे व्यर्थ नही लगेंगे। सार्वजनिक कार्यो में आज कम रुचि लेंगे महिलाये भी आज अपने आओ में ही ज्यादा मस्त रहेंगी। पारिवारिक वातावरण छोटी मोटी बातो को छोड़ शांत ही रहेगा। सेहत सामान्य रहेगी।
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिए संतोषजनक रहेगा। आप आवश्यकता रहने पर भी आर्थिक मामलों को ज्यादा महत्त्व नही देंगे। सहज रूप से जितना मिल जाएगा उसी में संतोष कर लेंगे। मध्यान तक आलस्य अधिक रहने के कारण कार्यो में सुस्ती दिखाएंगे इसके बाद का समय बेहतर रहेगा कही से आकस्मिक लाभ के समाचार मिलने से उत्साहित होंगे साथ ही निश्चिन्त होने पर लापरवाही भी बढ़ेगी। नौकरी वाले जातक अधिकारियों से किसी कारण नाराज रहेंगे। महिलाये मानसिक रूप से शांत रहेंगी परन्तु व्यवहारिकता में रूखापन
दिखाएंगी। परिवार में नासमझी के कारण तनाव हो सकता है।
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन आपके लिए सौभाग्य में वृद्धि करने वाला रहेगा। परिवार में सुख शांति रहेगी कार्य व्यवसाय में भी कई दिन से चल रही योजना के सफल होने पर उत्साह का वातावरण बनेगा। धन लाभ आज आकस्मिक और आशाजनक ही होगा। भविष्य की योजनाओ के साथ पारिवारिक आवश्यकता की पूर्ति पर भी खर्च होगा। आज मीठा बोलने वालों से दूरी बना कर रहें अन्यथा जेब ढीली करनी पड़ेगी। महिलाये घरेलू कार्यो से ऊबन अनुभव करेंगी फिर भी जिम्मेदारी समय पर पूर्ण कर लेंगी। मित्र रिश्तेदारों के ऊपर खर्च करना पड़ेगा इनसे लाभ भी होगा।
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भारत वर्ष एक जीवंत राष्ट्र पुरुष है इसकी सुरक्षा के लिए लाखों लोगों ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। लेकिन धर्म संस्कृति की ढीली पकड़ के चलते हमारे देश के कुछ भाग आज अफगानिस्तान पाकिस्तान बंग्लादेश के रूप में दिखते हैं। इसलिए धर्म उससे भी बड़ी अनमोल वस्तु है धर्म बचेगा तो देश बचेगा। अर्थात इतनी बड़ी सौगात है धर्म। यहां तो पंथों के नाम पर भी कुछ करोड़ मुस्लिमों के 57 देश हो गये, पचास करोड़ ईसाईयों के 121, दस करोड़ बौद्धों के 8 देश हैं । सैक्युलरिज्म की अफीम केवल मूढ़ हिन्दू ही चाट रहा है। हिंदू 100 करोड़ होते हुए भी खाली हाथ है। हिन्दू के पास एक भी देश नहीं है। हिन्दू तो केवल उस हिरन की भांति घास चर कर अपना निजी विकास करता है जिसे बाद में हिंसक जानवर अपना निवाला बना देता है। कश्मीर में भी विकास था सरकार भी थी महल थे फिल्मों की शूटिंग होती थी देश का आधा बजट वहां लगता था। फिर 19 – 20 जनवरी 1990 को कश्मीर में एक ही रात में आतंकवादियों द्वारा मजहब के आधार पर हिन्दू काट काट कर भगा दिए गये जो आज भी दिल्ली आदि शहरों में बेघर निर्वासित हैं। और उनके महलों पर भी रोशनी एक्ट के नाम पर उन्ही आतंकवादियों का कब्जा हो गया। उसी सच्चे दर्दनाक इतिहास पर बनी कश्मीर फाईल्स को तुम एक घंटे देख भी नहीं सकते वो दुर्दांत कत्लेआम और बलात्कार वहां महिनों चला।
और हां जिस दिन ओवैसी के पास पचास सांसद होंगे उसी दिन कांग्रेस और बामपंथी अखिलेश ममता लालू मिल कर उसे प्रधानमंत्री बना देंगे। तब उसके पांच वर्षों बाद ही न वर्तमान संविधान बचेगा न विकास रहेगा न बंटा हुआ हिन्दू दलित ओबीसी रहेगा न देश और धर्म बचेगा केवल अधर्म का राज रहेगा । ये कल्पना नहीं है बल्कि अफगानिस्तान पाकिस्तान बंग्लादेश केरल कश्मीर मेवात में ये हो भी गया है। संसार के 57 देशों में अधर्म का ही राज है। इसलिए धर्मो रक्षति रक्षित: अर्थात् धर्म रक्षा में ही सुरक्षा है।✍️हरीश मैखुरी
*हे परम आदरणीय पूर्वजों !!!*
सात सौ साल के इस्लामिक राज और दो सौ साल के ईसाई शासन के बाद भी आज हम अपने त्योहार मना पाते हैं,
अपने देवी देवताओं की पूजा कर पाते हैं और अपने देश मे गर्व से रह पाते हैं, ये सब इसीलिए सम्भव हो पाया क्योंकि आपने तलवार के डर अथवा पैसों के मोह में अपना धर्म नहीं बदला ।
हम सदैव आपके ऋणी रहेंगे, ये पितृपक्ष आपके अदम्य शौर्य और आपके निःस्वार्थ भक्ति को समर्पित
*🚩हम सभी के गौरवशाली वंशज*🚩
🙏😔🌹😌🙏
श्राद्ध अपने पूर्वजों, अपने पितरों के प्रति अपनी श्रद्धा को व्यक्त करने की क्रिया का नाम है। हमारे पूर्वज अपने पितरों में इतनी श्रद्धा रखते थे कि मरने के बाद भी उन्हें याद करते थे और उनके सम्मान में यथायोग्य श्रद्धा से भोजन दान किया करते थे। अपने पितरों के प्रति यही श्रद्धान्जलि ही कालांतर में श्राद्ध कर्म के रूप में मनाई जाने लगी।
श्रद्धा तो आज के लोग भी रखा करते हैं मगर मूर्त माँ बाप में नहीं अपितु मृत माँ – बाप में। माँ – बाप के सम्मान में जितने बड़े आयोजन आज रखे जाते हैं , शायद ही वैसे पहले भी रखे गये हों। फर्क है तो सिर्फ इतना कि पहले जीते जी भी माँ – बाप को सम्मान दिया जाता था और आज केवल मरने के बाद दिया जाता है।
श्रद्धा वही फलदायी होती है जो जिन्दा माँ – बाप के प्रति हो और मरने के बाद किया जाने वाला श्राद्ध आप अपने सुख शांति के लिए सिर्फ कर रहें हैं। इससे आपको शांति मिलेगी, ज्यादा कुछ नहीं होगा। जो मूर्त माँ – बाप के प्रति श्रद्धा रखता है वही मृत माँ – बाप के प्रति श्राद्ध कर्म करने का सच्चा अधिकारी भी बन जाता है।
*पित्रोश्च पूजनं कृत्वा प्रक्रान्तिं च करोतियः।*
*तस्य वै पृथिवीजन्यफलं भवति निश्चितम्।।*
*अपहाय गृहे यो वै पितरौ तीर्थमाव्रजेत।*
*तस्य पापं तथा प्रोक्तं हनने च तयोर्यथा।।*
*पुत्रस्य य महत्तीर्थं पित्रोश्चरणपंकजम्।*
*अन्यतीर्थं तु दूरे वै गत्वा सम्प्राप्यतेपुनः।।*
*इदं संनिहितं तीर्थं सुलभं धर्मसाधनम्।*
*पुत्रस्य च स्त्रियाश्चैव तीर्थं गेहे सुशोभनम्।।*
( *शिव पुराण, रूद्र सं.. कु खं.. – 20* )
जो पुत्र माता-पिता की पूजा करके उनकी प्रदक्षिणा करता है, उसे पृथ्वी-परिक्रमाजनित फल सुलभ हो जाता है। जो माता-पिता को घर पर छोड़ कर तीर्थ यात्रा के लिये जाता है, वह माता-पिता की हत्या से मिलने वाले पाप का भागी होता है क्योंकि पुत्र के लिये माता-पिता के चरण-सरोज ही महान तीर्थ हैं। अन्य तीर्थ तो दूर जाने पर प्राप्त होते हैं परंतु धर्म का साधनभूत यह तीर्थ तो पास में ही सुलभ है। पुत्र के लिये ( माता-पिता ) और स्त्री के लिये ( पति ) सुंदर तीर्थ घर में ही विद्यमान हैं।
इस बात को ध्यान में रखते हुए, जिनके माता पिता जीवित है वे अपने माता पिता के निज चरणों की सेवा में लग जाये, यही उनका धर्म हैं।
*आज का दिन शुभ मंगलमय हो।*