आज का पंचाग आपका राशि फल, कृष्ण जन्माष्टमी व्रत एवं पूजन, अद्भुत मूर्ति कर्नाटक केशव मंदिर में है ऐसी मूर्ति कागज पर बनानी भी असंभव है

 🔔 कस्तुरी तिलकम ललाटपटले, वक्षस्थले कौस्तुभम।नासाग्रे वरमौक्तिकम करतले, वेणु करे कंकणम॥ सर्वांगे हरिचन्दनम सुललितम, कंठे च मुक्तावलि। गोपस्त्री परिवेश्तिथो विजयते, गोपाल चूडामणी॥मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिम्‌। यत्कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम्‌॥

*श्री कृष्ण जन्माष्टमी, अष्टमी रोहिणी, आद्याकाली जयन्ती, कालाष्टमी, इन्द्र सावर्णि मन्वादि, सर्वार्थसिद्धि योग, रवियोग, आडलयोग* 🔔

       🌹🙏🏻 *श्री कृष्ण जन्माष्टमी* 🙏🌹

*इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 6 और 7 सितंबर को है। गृहस्थ जीवन वाले 6 सितंबर को और वैष्णव संप्रदाय के लोग 7 सितंबर को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। यह पर्व हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि कृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत रखने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन लोग उपवास रखने के साथ भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण को दही-दूध और मक्खन विशेष रूप से भोग लगाया जाता है, इसलिए इस दिन दही का चरणामृत बनाकर भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है।*✍️हरीश मैखुरी 

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻बुधवार, ०६ सितम्बर २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:१२

सूर्यास्त: 🌅 ०६:३९

चन्द्रोदय: 🌝 

चन्द्रास्त: 🌜

अयन 🌖 दक्षिणायणे (उत्तरगोलीय)

ऋतु: 🏔️ शरद 

शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)

मास 👉 भाद्रपद 

पक्ष 👉 कृष्ण 

तिथि 👉 सप्तमी (१५:३७ से अष्टमी)

नक्षत्र 👉 कृत्तिका (०९:२० से रोहिणी)

योग 👉 हर्षण (२२:२६ से वज्र)

प्रथम करण 👉 बव (१५:३७ तक)

द्वितीय करण 👉 बालव (०३:५० तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 सिंह 

चंद्र 🌟 वृष 

मंगल 🌟 कन्या (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 सिंह (अस्त, पश्चिम, वक्री)

गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, वक्री)

शुक्र 🌟 कर्क (उदित, पश्चिम, मार्गी)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌️❌️❌️

अमृत काल 👉 ०६:५४ से ०८:३१

सर्वार्थसिद्धि योग 👉 पूरे दिन

रवियोग 👉 ०५:५६ से ०९:२०

विजय मुहूर्त 👉 १४:२१ से १५:१२

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:३४ से १८:५७

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:३४ से १९:४२

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५३ से ००:३८

ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:२५ से ०५:११

राहुकाल 👉 १२:१५ से १३:५०

राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम

यमगण्ड 👉 ०७:३१ से ०९:०६

होमाहुति 👉 गुरु

दिशाशूल 👉 उत्तर

नक्षत्र शूल 👉 पश्चिम (०९:२० से) 

अग्निवास 👉 पृथ्वी

चन्द्रवास 👉 दक्षिण

शिववास 👉 श्मशान में (१५:३७ से गौरी के साथ)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – लाभ २ – अमृत

३ – काल ४ – शुभ

५ – रोग ६ – उद्वेग

७ – चर ८ – लाभ

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – उद्वेग २ – शुभ

३ – अमृत ४ – चर

५ – रोग ६ – काल

७ – लाभ ८ – उद्वेग

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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दक्षिण-पूर्व (गुड़ अथवा दूध का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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कालाष्टमी, शीतला सप्तमी, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (स्मार्त), व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०९:१७ से १०:५१ तक, देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०६:११ से ०९:१६ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ०९:२० तक जन्मे शिशुओ का नाम कृतिका नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ए) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रोहिणी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ओ, वा, वी, वू) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

सिंह – ०४:३१ से ०६:५०

कन्या – ०६:५० से ०९:०८

तुला – ०९:०८ से ११:२९

वृश्चिक – ११:२९ से १३:४८

धनु – १३:४८ से १५:५१

मकर – १५:५१ से १७:३३

कुम्भ – १७:३३ से १८:५८

मीन – १८:५८ से २०:२२

मेष – २०:२२ से २१:५६

वृषभ – २१:५६ से २३:५०

मिथुन – २३:५० से ०२:०५

कर्क – ०२:०५ से ०४:२७

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:५६ से ०६:५०

रोग पञ्चक – ०६:५० से ०९:०८

शुभ मुहूर्त – ०९:०८ से ०९:२०

मृत्यु पञ्चक – ०९:२० से ११:२९

अग्नि पञ्चक – ११:२९ से १३:४८

शुभ मुहूर्त – १३:४८ से १५:३७

रज पञ्चक – १५:३७ से १५:५१

शुभ मुहूर्त – १५:५१ से १७:३३

चोर पञ्चक – १७:३३ से १८:५८

शुभ मुहूर्त – १८:५८ से २०:२२

शुभ मुहूर्त – २०:२२ से २१:५६

चोर पञ्चक – २१:५६ से २३:५०

शुभ मुहूर्त – २३:५० से ०२:०५

रोग पञ्चक – ०२:०५ से ०४:२७

शुभ मुहूर्त – ०४:२७ से ०५:५७

आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज के दिन आप मानसिक रूप से शांत रहेंगे लेकिन धन संबंधित कामनाये अधिक रहेंगी। मध्यान तक कार्य क्षेत्र पर परिश्रम की अधिकता रहेगी इसके बाद मेहनत का फल धन लाभ के रूप में मिलने लगेगा यह क्रम संध्या बाद तक रुक रुक कर चलता रहेगा। संध्या के समय कहीं से अचनाक लाभदायक समाचार मिलने से मन प्रसन्न रहेगा। आज आप लंबी यात्रा की योजना बनाएंगे इसमे विघ्न भी आ सकते है। सहकर्मी कुछ अनैतिक माग कर सकते है इससे थोड़ी देर के लिए दुविधा होगी। मध्यान बाद का समय अधिकांश कार्यो में सफलता दायक रहेगा लेकिन सतर्क रहें हित शत्रु कोई गड़बड़ कर सकते है। पारिवारिक वातावरण स्थिर रहेगा।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन आकस्मिक लाभ वाला है लेकिन आज आपका ध्यान मौज मस्ती में अधिक रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज पिछले कुछ दिनों से चल रही सुस्ती टूटेगी। मध्यान तक लाभ के लिये इंतजार करना पड़ेगा लेकिन इसके बाद व्यस्तता बढ़ने पर बैठने का समय नही मिलेगा। नौकरी पेशा भी आज मध्यान तक अधिक व्यस्त रहेंगे जल्दबाजी में कार्य करने पर गलती होने की संभावना अधिक है विशेष कर कागजी काम देखभाल कर ही करे बड़ी चूक होने के आसार है। मध्यान बाद का समय बाहर घूमने मनोरंजन में बीतेगा उत्तम भोजन पर्यटन का आनंद लेंगे घर मे आज खर्च करने के बाद ही शांति का अनुभव होगा। संध्या बाद स्वास्थ्य में नरमी आएगी।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज भी दिन का आधा भाग बेचैनी में बीतेगा। दिन के आरंभ से ही मन में कोई डर रहेगा। आर्थिक उलझने सुलझने की संभावना नही दिखने से मन मे नकारत्मक विचार आएंगे थोड़ा धैर्य रखें जदबाजी में कोई गलत निर्णय ना लें अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। मध्यान बाद परिस्थिति में सुधार आने लगेगा। किसी परिचित की सहायता से आर्थिक मसले कुछ हद तक सुलझेंगे। कार्य व्यवसाय में आकस्मिक तेजी आएगी लेकिन प्रतिस्पर्धा आज अधिक रहने के कारण शारीरिक एवं बौद्धिक परिश्रम अधिक करना पड़ेगा। संध्या का समय पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा मनोरंजन के अवसर मिलने से मानसिक अशांति दूर होगी। आपके कृपण व्यवहार से कोई नाराज भी हो सकता है।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन आपको आकस्मिक लाभ देकर जाएगा दिन के पूर्वार्ध में घर एवं कार्य क्षेत्र में तालमेल बैठाने में परेशानी होगी इससे होने वाले लाभ में कुछ कसर भी रह सकती है। नौकरी वाले लोग अधिकांश कार्य बाद के लिए टालेंगे इससे प्रतिष्ठा में कमी आएगी। आर्थिक मामलों को मध्यान पूर्व ही निपटाने के प्रयास करें इसके बाद कार्य तो चलते रहेंगे लेकिन संतोष कम ही होगा। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों की कमी खलेगी फिर भी विलम्ब नही होने देंगे। घरेलू वातावरण मध्यान तक ठीक रहेगा इसके बाद किसी गलतफहमी अथवा मांग पूरी ना होने पर अशांति हो सकती है। संध्या के आसपास सेहत में नरमी आएगी किसी भी कार्य मे उत्साह नही रहेगा।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज आपके कारोबार में वृद्धि होगी साथ ही सामाजिक जीवन मे भी चहल पहल बढ़ेगी। समाज के प्रतिष्ठित लोगो के साथ भेंट सार्वजनिक क्षेत्र से सम्मान दिलायेगी लेकिन घर मे इसके विपरीत वातावरण रहेगा। परिजनों को प्रसन्न रखना मुश्किल भरा रहेगा कोई ना कोई सदस्य अकारण ही नाराज होगा। कार्य व्यवसाय को लेकर थोड़ी भागदौड़ करनी पड़ेगी लेकिन दोपहर बाद से परिणाम आपके किये आनंदकारी रहेंगे। धन की आमद आज अच्छी होगी भविष्य के लिए भी नए कार्य मिलेंगे। आज आप मन चाही वस्तुओ पर खर्च कर सकेंगे धन संचय भी होगा। संध्या का समय थकान वाला फिर भी दिन की अपेक्षा बेहतर रहेगा। परिजनों के आगे मौन ही रहें।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज दिन के पूर्वार्ध में आपका ध्यान आध्यात्मिक कार्यो में ज्यादा रहेगा अप्रत्यक्ष रूप से इसका लाभ आज आपको अवश्य मिलेगा। मानसिक रूप से स्थिर रहेंगे। परोपकार की भावना आज थोड़ी कम ही रहेगी तंत्र मंत्र दान के कार्य करेंगे लेकिन केवल स्वार्थ के लिए ही। काम काज के प्रति नीरसता रहेगी लेकिन मध्यान बाद सफलता का स्वाद चखने के साथ ही धन कमाने की लालसा बढ़ेगी। सरकारी उलझनों से बचने के लिये कागजी कार्यो को आज दुरुस्त रखें ऋण के लिए आवेदन करना आज शुभ रहेगा। धन लाभ संध्या के समय होगा इसके पूर्वनिर्धारित होने से उत्साह नही रहेगा। अन्य छोटे मोटे लाभ भी लगे रहेंगे लेकिन खर्च अधिक रहने से दिखेंगे नही।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन मिश्रित फलदायक रहेगा। दिन के आरंभिक भाग में खराब स्वास्थ्य के कारण प्रत्येक कार्यो में विलंब होगा लेकिन धीरे धीरे सुधार आने के बाद कार्य व्यवसाय के प्रति गंभीरता आएगी। मध्यान बाद मेहनत के अनुपात में अधिक लाभ मिलने के योग है व्यवहारिकता पर अधिक ध्यान दें आपके हिस्से का लाभ कोई अन्य ना ले जाये। धन की आमद आज निश्चित नही रहेगी फिर भी आवश्यकता अनुसार हो जाएगी। धार्मिक कार्यो में रुचि बढ़ेगी लेकिन व्यस्तता के चलते ज्यादा समय नही दे सकेंगे देवदर्शन के योग है। परिजन आपका ख्याल रखेंगे लेकिन बदले में कुछ मांग भी की जा सकती है।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज दिन का प्रथम भाग सभी कार्यो में विजय दिलाएगा जिस भी काम को हाथ मे लेंगे उसमे से कुछ ना कुछ लाभ अवश्य कमाएंगे। सरकारी कार्यो में भी आज ले देकर विजय मिलेगी। नौकरी वाले लोग ज्यादा भार उठाने के मूड में नही रहेंगे। व्यवसायी वर्ग भी बड़े कामो में ढील देंगे आगे सरकाने के पक्ष में रहेंगे लेकिन मध्यान बाद स्थिति प्रतिकूल होने लगेगी सेहत भी साथ नही देगी मौसमी बीमारियों का प्रकोप अकस्मात ही जकडेगा आवश्यक कार्यो में मध्यान रहते पूर्ण करने का प्रयास करें। परिजन आपके स्वभाव में आये परिवर्तन से रुष्ट होंगे लेकिन स्वार्थ सिद्धि के कारण दर्शाएंगे नही। लंबी यात्रा से बचे हानिकर रहेगी।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज आप दिन के आरंभिक भाग में संभावित लाभ को लेकर उत्साहित रहेंगे। मध्यान से पहले पुरानी योजनाओं से धन लाभ भी होगा लेकिन आज नए कार्यो में धन ना फसाये भविष्य में हानि होने की संभावना है। अतिआवश्यक कार्य मध्यान से पहले पूर्ण करने का प्रयास करें। मध्यान बाद किसी से धन संबंधित मामलों को लेकर कहासुनी हो सकती है धैर्य का परिचय दे अन्यथा स्थिति गंभीर होते देर नही लगेगी। अनैतिक सरकार विरोधी कार्य से बचें कोर्ट कचहरी के चक्कर लगने की संभावना है। परिजन आपकी भावनाओं की कद्र करेंगे लेकिन अपने स्वार्थ हेतु आज किसी भी दलील को नही मानेंगे। संध्या का समय खर्चीला रहेगा। मानसिक रूप से अशान्त रहने के कारण मनोरंजन में रुचि नही रहेगी।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन भाग्योदय कारक रहेगा। लेकिन आज लाभ कमाने के लिए मानसिक परिश्रम अधिक करना पड़ेगा व्यवहारिकता के बल पर आज अन्य लोगो की अपेक्षा ज्यादा फल पाने के हकदार रहेंगे। आज आप हाथ आये काम को किसी भी प्रकार जाने नही देंगे। नौकरी पेशा भी लेदेकर काम अधूरा छोड़ने की जगह पूरा करने के पक्ष में रहेंगे। मध्यान बाद भविष्य के खर्चो को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाने की मानसिकता रहेगी। प्रलोभन के अवसर भी मिलेंगे इनसे बचना ही बेहतर रहेगा अन्यथा भविष्य के लिये नई समस्या खड़ी हो सकती है। नौकरी वाले लोग आरम्भ में लापरवाही दिखाएंगे किसी की फटकार सुनने के बाद ही गंभीरता धारण करेंगे। सेहत कुछ नरम रहेगी 

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज आपके स्वभाव में तल्खी रहेगी। व्यवहार में रूखापन एवं बात बात में क्रोध करने की आदत के कारण आसपास का वातावरण खराब होगा साथ ही सरलता से बन रहे कार्यो को खुशामद करके बनाना पड़ेगा। फिर भी मध्यान तक स्थिति आपकी पकड़ में रहेगी महत्त्वपुर्ण कार्य मे ढील ना दें अन्यथा बाद में ग्लानि होगी। सहकर्मियों से मामूली बात पर उलझना भविष्य के लिये अहितकर रहेगा स्वभाव को संभाले देख भाल कर ही अपनी प्रतिक्रिया दें। व्यवसाय में निवेश आज ना करें पुराने वादों को पूर्ण करने पर जोर दें सामाजिक क्षेत्र पर अति आवश्यक होने पर ही योगदान दें। मध्यान बाद परिजन हानि होने से चिंतित रहेंगे।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन भी व्यस्तता अधिक रहेगी परन्तु आज आप केवल आवश्यक कार्यो को प्राथमिकता देंगे जिससे मध्यान तक कि गई मेहनत संध्या तक आशाजनक लाभ के रूप में मिलेगी। व्यवसायी वर्ग उन्नति होने से प्रसन्न रहेंगे लेकिन कार्य क्षेत्र पर आज किसी भी प्रकार के बदलाव से बचें। सहकर्मी भी पूर्ण सहयोग करेंगे जिससे अधिकांश कार्य समय से पूर्ण कर लेंगे। धन की आमद पहले से बेहतर रहेगी। पारिवारिक वातावरण में आवश्यकता अनुसार परिवर्तन आता रहेगा। महिलाये खरीददारी की जिद पर अड़ेंगी मांग पूरी होने पर ही शांत बैठेंगी। घर मे सुख के साधनों की वृद्धि की योजना बनेगी शीघ्र ही इसपर खर्च भी करना पड़ेगा। 

मूर्ति के हाथ मे जो #डमरू देख रहे हो ना, वो पत्थर का है। ये तो कुछ भी नही है,डमरू पर जो रस्सी देख रहे हो ना, वह भी पत्थर की है। ओर तो ओर आप पत्थर की रस्सी के निचे उंगली भी डाल सकते हो इतनी जगह है।हुआ ना आश्चर्य।

अब जरा सोचिए बिना किसी तकनीक के क्या केवल छेनी और हथौड़ी से यह सब कैसे संभव है।

 एक हल्की सी गलत चोट क्या पूरी मूर्ति को खराब नहीं कर सकती थी।

 और अगर छेनी -हतोड़े से संभव है तो आज इतनी तकनीक के बावजूद भी इतनी सटीकता से कोई इसकी प्रतिलिपि क्यों नहीं बना पाता है।

ऐसे हजारों आश्चर्य है सनातन में लेकिन कुछ वामपंथी इतिहासकारों ने इनको आश्चर्य ही बनाकर रहने दिया किसी के सामने आने ही नहीं दिया और हमारी विडंबना देखिए कि हम बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन हमें हमारे पूर्वजों द्वारा बनाई गई इन महान कलाकृतियों का ज्ञान भी नहीं है।

 धन्य है हमारे वह पूर्वज जिन्होंने यह सब कुछ बनाया धन्य है हमारी सनातन संस्कृति।

सनातन हमारी पहचान केशव मन्दिर,कर्नाटक। 

ॐ वन्दे देव उमापतिं सुरगुरुं,
वन्दे जगत्कारणम् ।
वन्दे पन्नगभूषणं मृगधरं,
वन्दे पशूनां पतिम् ॥
वन्दे सूर्य शशांक वह्नि नयनं,
वन्दे मुकुन्दप्रियम् ।
वन्दे भक्त जनाश्रयं च वरदं,
वन्दे शिवंशंकरम् ॥श्री शिव महापुराण 

 

भगवान शिव के गिरिराज हिमालय के द्वार पर पधारते ही वहां महान उत्सव होने लगा। उस समय महादेव जी की शोभा अद्भुत व निराली थी। उनका सुंदर विलक्षण रूप देखकर पल भर के लिए मैना चित्रलिखित सी होकर रह गई। फिर प्रसन्नतापूर्वक बोली- हे देवाधिदेव ! महेश्वर ! शिवजी! मेरी पुत्री पार्वती धन्य है जिसने घोर तपस्या करके आपको प्रसन्न किया। मेरा सौभाग्य है कि परम कल्याणकारी भगवान सदाशिव आज मेरे घर पधारे हैं। भगवन्! मैं अक्षम्य अपराध कर बैठी हूं। मैंने आपकी बहुत निंदा की है। प्रभु! मैं आपसे दोनों हाथ जोड़कर क्षमा याचना करती हूं। कृपा कर मेरी भूल क्षमा करें और मुझ पर प्रसन्न हो जाएं।

इस प्रकार चंद्रमौली भगवान शिव की स्तुति करती हुई शैलप्रिया मैना लज्जित होते हुए नतमस्तक हो गई। उस समय पुरवासिनी स्त्रियां सभी घर के कामों को छोड़कर, बाहर आकर भगवान शिव के दर्शन की लालसा लेकर उन्हें देखने का प्रयत्न करने लगीं। चक्की पीसने वाली ने चक्की छोड़ दी, पति की सेवा में लगी हुई पत्नी पति की सेवा छोड़कर भाग गई। कोई-कोई तो दूध पीते हुए बच्चे को छोड़कर भाग आई। इस प्रकार सभी अपने-अपने आवश्यक कार्यों को छोड़कर भगवान शिव के दर्शन के लिए दौड़ आई थीं। भगवान शिव के मनोहर रूप के दर्शन करके सब मोहित हो गईं। तब सहर्ष शिवजी की सुंदर मूर्ति को अपने मन मंदिर में धारण करके वे बोलीं-सखियो ! हम सबके अहोभाग्य हैं। हिमालय नगरी में रहने वाले नर-नारियों के नेत्र आज भगवान शिव के दिव्य स्वरूप का दर्शन करके सफल हो गए हैं। आज निश्चय ही हमने संसार की हर विषय-वस्तु को पा लिया है। शिव स्वरूप का दर्शन करने मात्र से ही हमारे सारे पाप नष्ट हो गए हैं। उनकी छवि सर्वथा सब क्लेशों व दुखों का नाश करने वाली है। आज उन्हें साक्षात सामने देखकर हमारा जीवन सफल हो गया है। पार्वती ने उत्तम तपस्या द्वारा भगवान शिव को पाकर अपने साथ-साथ हम सबका भी जीवन सार्थक कर दिया है। हे पार्वती । तुम निश्चय ही धन्य हो। तुम परब्रह्म परमेश्वर भगवान शिव की अर्द्धांगिनी बनकर इस जगत को सुशोभित करोगी। यदि विधाता पार्वती – शिव का इस प्रकार मेल न कराते तो निश्चय ही उनका सारा परिश्रम निष्फल हो जाता। आज शिव-शिवा की इस युगल जोड़ी को साथ देखकर हमारे सारे कार्य सार्थक हो गए हैं। आज वाकई हम सब इनके उत्तम दर्शनों से धन्य हो गए हैं।

इस प्रकार कहकर वे पुरवासिनी स्त्रियां अक्षत, कुमकुम और चंदन से शिवजी का पूजन करने लगीं तथा प्रसन्नतापूर्वक उन पर खीलों की वर्षों करने लगीं। वे स्त्रियां देवी मैना के पास खड़ी होकर उनके भाग्य और कुल की सराहना करने लगीं। उनके मुख से इस प्रकार शुभ व मंगलकारी बातें सुनकर सभी देवताओं को बहुत प्रसन्नता हुई। 

साभार श्रीरुद्र संहिता (तृतीय खण्ड)

(पैंतालीसवां अध्याय)

शिव का सुंदर व दिव्य स्वरूप दर्शन… (भाग 2)

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