आज का पंचाग आपका राशि फल, सच्चे ब्रह्म उपासक और गुरुपंथी का अंतर

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शुक्रवार, १५ अक्टूबर २०२१🌻

दशहरा पर्व की बधाई और शुभकामनाएं

सूर्योदय: 🌄 ०६:२३
सूर्यास्त: 🌅 ०५:४८
चन्द्रोदय: 🌝 १५:०७
चन्द्रास्त: 🌜२६:००
अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: ❄️ शरद
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (राक्षस)
मास 👉 आश्विन
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 दशमी (१८:०२ तक)
नक्षत्र 👉 श्रवण (०९:१६ तक)
योग 👉 शूल (२४:०४ तक)
प्रथम करण 👉 तैतिल (०६:२४ तक)
द्वितीय करण 👉 गर (१८:०२ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कन्या
चंद्र 🌟 कुंम्भ (२१:१५ से)
मंगल 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 कन्या (अस्त, पश्चिम, वक्री)
गुरु 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 वृश्चिक (उदय, पश्चिम, मार्गी)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:३९ से १२:२५
अमृत काल 👉 २२:५५ से २४:३२
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०६:१९ से ०९:१६
रवियोग 👉 पूरे दिन
विजय मुहूर्त 👉 १३:५७ से १४:४३
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:३५ से १७:५९
निशिता मुहूर्त 👉 २३:३८ से २४:२८
राहुकाल 👉 १०:३६ से १२:०२
राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व
यमगण्ड 👉 १४:५४ से १६:२०
होमाहुति 👉 शुक्र (०९:१६ तक)
दिशा शूल 👉 पश्चिम
अग्निवास 👉 आकाश
भद्रावास 👉 मृत्यु (२९:४६ से)
चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम २१:१६ से)
शिववास 👉 सभा में (१८:०२ से क्रीड़ा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – चर २ – लाभ
३ – अमृत ४ – काल
५ – शुभ ६ – रोग
७ – उद्वेग ८ – चर
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – रोग २ – काल
३ – लाभ ४ – उद्वेग
५ – शुभ ६ – अमृत
७ – चर ८ – रोग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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विजयादशमी (दशहरा) आयुध पूजा, बौद्ध अवतार, शमी वृक्ष पूजा, पंचक आरम्भ २१:१५ से, गृहप्रवेश+उद्योग-मशीनिरी+व्यवसाय आरम्भ+देवप्रतिष्ठा मुहूर्त प्रातः ०६:३० से १०:४६ तक, भूमि-भवन+वाहनादि क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:१२ से ०१:३९ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ०९:१६ तक जन्मे शिशुओ का नाम
श्रवण नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (खो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम धनिष्ठा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (ग, गी, गू, गे) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कन्या – २८:१४ से ०६:३२
तुला – ०६:३२ से ०८:५३
वृश्चिक – ०८:५३ से ११:१२
धनु – ११:१२ से १३:१६
मकर – १३:१६ से १४:५७
कुम्भ – १४:५७ से १६:२३
मीन – १६:२३ से १७:४७
मेष – १७:४७ से १९:२०
वृषभ – १९:२० से २१:१५
मिथुन – २१:१५ से २३:३०
कर्क – २३:३० से २५:५२
सिंह – २५:५२ से २८:१०
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पञ्चक रहित मुहूर्त
रोग पञ्चक – ०६:१९ से ०६:३२
शुभ मुहूर्त – ०६:३२ से ०८:५३
मृत्यु पञ्चक – ०८:५३ से ०९:१६
अग्नि पञ्चक – ०९:१६ से ११:१२
शुभ मुहूर्त – ११:१२ से १३:१६
रज पञ्चक – १३:१६ से १४:५७
शुभ मुहूर्त – १४:५७ से १६:२३
चोर पञ्चक – १६:२३ से १७:४७
रज पञ्चक – १७:४७ से १८:०२
शुभ मुहूर्त – १८:०२ से १९:२०
चोर पञ्चक – १९:२० से २१:१५
शुभ मुहूर्त – २१:१५ से २३:३०
रोग पञ्चक – २३:३० से २५:५२
शुभ मुहूर्त – २५:५२ से २८:१०
मृत्यु पञ्चक – २८:१० से ३०:१९
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपको परिवार के बड़ो का मार्गदर्शन एवं सहयोग मिलेगा। आज दिन के आरम्भ में आप कोई बड़ी गलती कर सकते है लेकिन बुजुर्गो का सानिध्य रहने से बच जाएंगे। कार्य व्यवसाय में भी आज पैतृक प्रतिष्ठा का लाभ मिलेगा। व्यवसाय में उन्नति होगी लेकिन इसका लाभ तुरंत नही मिल सकेगा। आज जल्दबाजी में कार्य करने की जगह धैर्य से सोच समझ कर ही निर्णय लें समय अनुकूल है सफल अवश्य होंगे। विपरीत लिंगीय आकर्षण अधिक रहेगा इससे बचे मान भंग हो सकता है। सामाजिक क्षेत्र पर आपकी आवश्यकता पड़ेगी लेकिन इसमे अरुचि दिखाएंगे। मानसिक परिश्रम अधिक रहेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आप दैनिक कार्यो के साथ ही सामाजिक कार्यो में भी रुचि लेंगे। सार्वजनिक क्षेत्र पर आपका परोपकारी व्यवहार सम्मान दिलाएगा। अपने कार्य छोड़कर लोगो की परेशानियों को सुलझाने के लिए तत्पर रहेंगे लेकीन आज धन संबंधित सहायता सोच समझ कर ही करें धन की वापसी असम्भव रहेगी। कार्य व्यवसाय में आज मध्यान तक परिश्रम करना पड़ेगा इसके बाद ही आय के साधन बन पाएंगे धन लाभ अचानक ही होगा। पारिवारिक माहौल आपसी गलतफहमी के कारण थोड़ी देर के लिये अशान्त बनेगा कुछ समय मे ही सामान्य भी हो जाएगा। हल्के फुल्के क्रोध को छोड़ स्वास्थ्य ठीक ही रहेगा।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन आपके लिए निराशाजनक रहेगा आज आप जल्दी से किसी भी कार्य को करने का साहस नही जुटा पाएंगे पर जिस भी कार्य को करेंगे उसमे कुछ संशय भी बना रहेगा। कार्य व्यवसाय में सहकर्मियों अथवा अधीनस्थों से तालमेल की कमी के कारण जहां लाभ होना था वहां हानि होगी। निवेश आज भूल कर भी ना करें उधारी के व्यवहारों में भी कमी लाये अन्यथा आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। आज किसी से उधार लेने की भी आवश्यकता पड़ सकती है यथा संभव इसे कल तक निरस्त रखें लौटाने में परेशानी आएगी। महिलाये गृहस्थ को संभालने का पूरा प्रयास करेंगी लेकिन कुछ मामलों में लाचार हो जाएंगी।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आप कुछ हद तक अपने रुके कार्यो को पूर्ण कर सकेंगे लेकिन प्रत्येक कार्यो में धैर्य का परिचय देना होगा तुरंत लाभ ना मिलने से हताश ना हों कर्म करते रहें देर से ही सही सफलता अवश्य मिलेगी। आज सरकार संबंधित कार्यो को प्राथमिकता दें अधिकारी वर्ग का नरम व्यवहार रहने से लटके कार्यो में गति आएगी। लोन अथवा अन्य धन संबंधित कागजी कार्य भी आज कर सकते है निश्चित सफलता मिलेगी। आज आपके अचल संपत्ति के विवाद में पड़ने की संभावना है किसी से विवाद ना करें भाई बंधु आपसे असंतुष्ट रहेंगे। परिस्थितियां कैसी भी बने धन लाभ आज होकर ही रहेगा। बीच मे स्वास्थ्य को लेकर थोड़े चिंतित रहेंगे।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिये वृद्धिकारक रहेगा। लेकिन आज आप किसी की सहायता बहुत गंभीर परिस्थितियों में ही अथवा कही फंसने पर ही लेंगे जिससे कार्यो में विलंब होगा। आज आप मेहनत की कमाई की अपेक्षा अनैतिक कार्यो से शीघ्र धन कमाने के चक्कर मे भी पड़ेंगे परन्तु इससे लाभ की जगह हानि भी हो सकती है सतर्क रहें आज आपको कोई मीठा बोलकर ठग सकता है। कार्य व्यवसाय में आज पूर्व में कई गई मेहनत का फल अवश्य ही धन लाभ के रूप में मिलेगा। नौकरी वालो के ऊपर अधिकारियों की कृपा दृष्टि रहने से काम निकालना आसान बनेगा परन्तु सहकर्मी आपसे ईर्ष्या का भाव रखेंगे। गृहस्थ में महिलाओं को छोड़ बाकी सभी शांत रहेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आपको अपनी किसी गलती का पश्चाताप होगा लेकिन आज का दिन अभाव में रहने के कारण इसमे सुधार करना संभव नही होगा। मन मे बहुत कुछ करने की योजना बनाएंगे लेकिन सहयोग एवं धन की कमी के कारण मन की मन मे ही रह जायेगी। बेरोजगार लोग आज कुछ ज्यादा ही परेशान रहेंगे भाग-दौड़ करने के बाद थोड़ी आशा जागेगी लेकिन जिस पद के अधिकारी है उसे कोई अन्य प्राप्त कर लेगा। व्यवसायी वर्ग का भी कुछ ऐसा ही हाल रहेगा कार्य क्षेत्र पर आज अन्य लोगो के ऊपर निर्भर रहना पड़ेगा। घरेलू वातावरण शांत रहेगा महिलाये परिजनों की भावनाओ को ध्यान में रखकर ही दैनिक व्यवस्था चलाएंगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आपके लिये प्रतिकूल रहेगा। स्वभाव में परिवर्तन होने पर आज आपको बात बात पर क्रोध आएगा आवेश में आकर किसी से अपशब्द बोलने पर झगड़ा हो सकता है। सेहत भी आज नरम रहेगी कार्यो को बेमन से करेंगे। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मी आपकी मदद करने का प्रयास करेंगे लेकिन आपके गुस्सैल स्वभाव के कारण हिम्मत नही जुटा पाएंगे। धन लाभ आवश्यकता से थोड़ा कम किसी के माध्यम से हो ही जायेगा। परिवार में कोई अकस्मात घटना घटने की संभावना है किसी भी कार्य मे जोखिम ना लें परिणाम बुरे होंगे। यात्रा आज ना करें चोटादि का भय रहेगा। परिवार की महिलाये भी शारीरिक समस्या से परेशान रहेंगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन बीते कुछ दिनों की तुलना में बेहतर रहेगा। आज के दिन आपका मुख्य लक्ष्य अधिक से अधिक धन कमाना रहेगा इसमें काफी हद तक सफल भी रहेंगे। दिन के आरंभ में परिजन अथवा कार्य क्षेत्र से शुभ समाचार मिलेंगे। आज आप अधिकांश कार्यो को समय से पहले ही पूर्ण कर लेंगे लेकिन फिर भी धन लाभ के लिये थोड़ा इन्तजार करना पड़ेगा। आज कार्य क्षेत्र पर आपके विचारों का विरोध करने वाले भी होंगे जो केवल आपकी छवि खराब कर अपना हित करने का प्रयास करेंगे परन्तु इसमे सफल नही हो सकेंगे। कार्यो से समय निकाल कर मित्र मंडली के साथ आनंद के पल बिताने का समय मिलेगा धार्मिक क्षेत्र की लघु यात्रा भी होगी। सेहत बनी रहेगी।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज के दिन आपके अंदर उदासीनता छाई रहेगी। प्रत्येक कार्य को पूरी निष्ठा से करेंगे लेकिन सफलता मिलनी संदिग्ध रहेगी आज व्यवसाय में थोड़ी सी भी लापरवाही करने पर आपके हिस्से का लाभ किसी अन्य को मिल सकता है। धन लाभ की आज संभावनाए ही रहेंगी होगा भी तो बहुत कम। कार्य क्षेत्र पर व्यावहारिक रहेंगे फिर भी लाभ के अवसर बनाने में असफल रहेंगे। धर्म-कर्म के प्रति आस्था रहेगी लेकिन अन्य परेशानियों के कारण केवल व्यवहारिकता निभाएंगे। नौकरी पेशा लोग अधिकारियों से असंतुष्ट रहेंगे व्यवसाइयों को काम का बोझ आज ज्यादा रहेगा इसके अनुपात में लाभ कम ही मिलेगा। परिवार के सदस्य भी स्वार्थ हेतु व्यवहार करेंगे।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन आपके लिए सामान्य रहेगा। आज आप कर्म की अपेक्षा कल्पना में ज्यादा खोये रहेंगे। व्यवसाय स्थल पर कार्यो को अंत तक टालने का प्रयास करेंगे हानि लाभ की परवाह भी आज कम ही रहेगी। किसी उलझे सार्वजिक कार्य को सुलझाने पर आपकी बुद्धि चातुर्य की प्रशंसा होगी जिससे मन मे अतिआत्मविश्वास की भावना रहेगी। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों को उपेक्षित दृष्टि से देखना मतभेद को जन्म देगा। व्यावहारिक बने अन्यथा आने वाले समय मे किसी से कार्य निकालने में परेशानी होगी। धन की आमद न्यून रहेगी उधारी के व्यवहारों को लेकर बेचैन रहेंगे समय पर किसी का धन ना लौटाने के कारण तीखी झड़प हो सकती है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन आप अपनी ही कमियों के कारण परेशान रहेंगे गलती करने पर भी स्वीकार नही करेंगे जिससे प्रेम संबंधों में कड़वाहट आएगी महिलाये भी विवाद होने पर शांत नही बैठेंगी तुरंत जवाब देंगी जिससे माहौल ज्यादा गंभीर बनेगा। कार्य क्षेत्र पर धन अथवा अन्य कारणों से विवाद हो सकता है। सहकर्मी मांग पूरी ना होने पर मनमानी करेंगे। कार्य क्षेत्र पर दैनिक गतिविधियां अस्त व्यस्त रहने के कारण सीमित व्यवसाय होगा धन की आमद में भी कमी आएगी। भविष्य को ध्यान में रखते हुए परिजन अथवा सहकर्मियों की छोटी-मोटी गलतियों को अनदेखा करें। नव विवाहितो का वैवाहिक जीवन खतरे में पड़ सकता है विवेक से काम लें।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आप परिस्थितियों में सुधार रहने से राहत की सांस लेंगे। कल तक जो लोग आपके कार्यो में विघ्न डाल रहे थे अथवा आपके निर्णयों को गलत बताया रहे थे वे ही आपका सम्मान करते नजर आएंगे विशेषकर बुजुर्ग लोगो का व्यवहार आज आपके प्रति एकदम उल्टा नजर आएगा मौका देखकर आपकी प्रशंशा करने से नही चूकेंगे। कार्य व्यवसाय में भी लाभ कमाने के कई अवसर हाथ लगेंगे धन लाभ आज एक से अधिक साधनों से होगा। सरकारी कार्य आज ना करें अधिकारियों से गरमा-गरमी होने पर अधूरे रह सकते है। पारिवारिक वातावरण संतोषजनक रहेगा। सेहत का ध्यान रखे मौसमी बीमारी हो सकती है।

मानव का दिव्य रूपान्तरण ।
गुरु ब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुदेव महेश्वर:। गुरु साक्षात्परब्रह्म तस्मैश्री गुरुवे नम:।।
एक मानव को महामानव बनाने के लिए सनातन धर्म संस्कृति के संस्कारी गुरु का बताया मार्ग त्रिदेवो की शक्तियों तक कैसे पंहुच सकता है, आइए जाने…..
गुरू र ब्रह्मा…
ब्रह्मा जी इस सृष्टी के रचनाकार है, हमारे भौतिक शरीर की रचना माता-पिता व्दारा होती है,जो हमें संसार का व्यवहार समझाते हैं सिखाते हैं, दूसरा जन्म दाता गुरू होता है,गुरू से दीक्षा लेकर साधक द्विज बनता है,अर्थात उसका नया दिव्य जन्म होता है, हिंदू धर्म में एक ही जीवन में दो जीवन जीने की अवधारणा है, गुरु एक मानव के हृदय में सारी सृष्टि के प्रति प्रेम पैदा करता है,गुरु ही आनंदकंद भगवान के स्वरूप को बता सकता है सुख-दुख के बारे में सभी जानते हैं,पर आनंद के बारे में कोई नहीं जानता। इस संसार में माता के पास अपने पुत्र के लिए आशीर्वाद मातृलोक से तथा -पिता के पास अपने पुत्र के लिए आशीर्वाद की शक्ति आकाश लोक से आती है। और कोई सच्चा गुरु अपने केवल एक शिष्य को आशीर्वाद देने का अधिकारी होता है। साधक की एक बाल्यावस्था में गुरूदेव और माता पिता जी उसे कई प्रकार की दिव्य अनुभूतिया करवाते है,जिससे बालक की निष्ठा दृढ़ हो सके, लेकिन सच्चे गुरू का काम तो आपको चलना-दोड़ना और लक्ष तक पंहुचाना है, वह आपसे, अपने आप की पूजा नहीं करवाना चाहते न अनुयायी बनाना चाहते हैं।लेकिन आजकल के कतिपय गुरू भगवान को छोड़कर अपनी भक्ति कराते हैं और गुरुपंथी बना देते हैं। जबकि गुरू ब्रह्मा के रूप में एक व्यक्ति में शिष्य का निर्माण करता है,आपका लालन-पालन करता है। और ब्रह्म ग्रंथी को जाग्रत कर साधक को नई दिशा प्रदान कर साधना पथ पर अग्रसर कर देता है…..
गुरू र विष्णु………
गुरु ही एक साधक की साधना को पालता है,ब्रह्म में पहुंचाने तक संरक्षण देता है
अब गुरू एक पालक की तरह साधक को संसार संग्राम में उतार देते, की सत्य का पालन कर धर्मयुध्द करो,उसे अन्दर से मार्गदर्शन देते है,लेकिन साधक की तो इच्छाय़े अनंत है,कोई भी पिता अपने बच्चे को ब्लेड से खैलने नही देता उसी प्रकार साधक की वही इच्छाये पूरी होती है, जो उसके लिये हितकारी है। अब साधक रिश्तो का,सफलता-असफलता का,लाभ-हानी का,सुख- दुख का,यश अपयश का भागी बन संसार की वास्तविकता से परिचित हो जाता है, यंहा गुरू निरपेक्ष भाव से कर्मयोग का ज्ञान साधक में अपरोक्ष भाव से उडेल देते है। साधक का आहार-विहार शुध्द हो जाता है,यह अंतर दृष्टि-अन्तर ज्ञान साधक को चेतन कर देता है।
गुरू र देवो महेशवराह,,,
महेश्वर के रूप में गुरु,आपके अंदर छुपे हुए काम, क्रोध, लोभ, मोह, ईर्ष्या, द्वेष,और अहंकार का संहार करता है,
अब चेतन साधक को गुरूदेव घोर विपत्ती मे डाल देते है,अब उसकेअगले-पिछले कर्मो (Law of kerma )के संहार का समय आगया है, एक कुम्हार की तरह गुरू मटके के अन्दर से सहारा देते हुये, बाहर से चोट दर चोट लगाते है,मृत्यु से सामना करा देते है,भय का नाश करते है, पूर्ण दिव्य दृष्टी प्रदान करंते है, चेतन साधक को निरालम्ब कर, पूर्ण समर्पण करवा लेते है,और उसे करोडो सूर्यो के प्रकाश से नहला करअपना शिष्य बना लेते है।
गुरू साक्षात परब्रहम,
गुरु निराकार ब्रह्म का साकार रूप है,गुरु उसकी आत्मा को हृदय चक्र से निकालकर वायु रूप में ब्रह्म रंध्र में स्थापित कर देते हैं,और उसे निर्दवन्द विवेकज्ञान,प्रज्ञा और ऋतुम्भरा के आलोक में स्थापित कर,ज्योति स्वरूप मैं, दिव्य रूपान्तरण कर देते है। .
सभी प्रबुध्द ,सूझवान और समझदार लोगौ को आमंञण..सिध्दयोगा,एक कल्पतरू का पेड़ है,भावना के अनुसार क्रियाशील होता है,आऔ इसको अपनाये ….सिद्ध योग का अभ्यास किया नही जा सकता , यह अपने,आप स्वचालित,स्वघटित होता है, इसमें मानवीय प्रयास निरर्थक है,सिद्ध योग के अभ्यास का मतलब है,हमेशा, धैर्य ,समभाव, कृतज्ञता, और आनंद के राज्य में रहना.. गुरुपंथी नहीं बनना अपितु भगवद भक्ति प्राप्त करनी चाहिए यही वैदिक सनातन धर्म संस्कृति की महान परंपरा है।