आज का पंचाग, आपका राशि फल, अमावस्या और पूर्णिमा का रहस्य हर व्यक्ति को जानना चाहिए, एक मंदिर जो महा भारत काल की रथ है

गुप्त नवरात्रि आज से आरंभ

अमावस्या और पूर्णिमा का रहस्य”!!!!!!!!!!!

हिन्दू धर्म में पूर्णिमा, अमावस्या और ग्रहण के रहस्य को उजागर किया गया है। इसके अलावा वर्ष में ऐसे कई महत्वपूर्ण दिन और रात हैं,जिनका धरती और मानव मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उनमें से ही माह में पड़ने वाले 2 दिन सबसे महत्वपूर्ण हैं ~ पूर्णिमा और अमावस्या। पूर्णिमा और अमावस्या के प्रति बहुत से लोगों में डर है। खासकर अमावस्या के प्रति ज्यादा डर है। वर्ष में 12 पूर्णिमा और 12 अमावस्या होती हैं। सभी का अलग-अलग महत्व है।

माह के 30 दिन को चन्द्र कला के आधार पर 15-15 दिन के 2 पक्षों में बांटा गया है ~ *’शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष’*। शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन को पूर्णिमा कहते हैं और कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या।

यदि प्रतिपदा से गिनें तो 30 तिथियों के नाम निम्न हैं~पूर्णिमा(पुरणमासी), प्रतिपदा (पड़वा), द्वितीया (दूज), तृतीया (तीज), चतुर्थी (चौथ), पंचमी (पंचमी), षष्ठी (छठ), सप्तमी (सातम), अष्टमी (आठम), नवमी (नौमी), दशमी (दसम), एकादशी (ग्यारस), द्वादशी (बारस), त्रयोदशी (तेरस), चतुर्दशी (चौदस) और अमावस्या (अमावस)।

अमावस्या पंचांग के अनुसार माह की 30वीं और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि है, जिस दिन कि चंद्रमा आकाश में दिखाई नहीं देता। हर माह की पूर्णिमा और अमावस्या को कोई न कोई पर्व अवश्य मनाया जाता, ताकि इन दिनों व्यक्ति का ध्यान धर्म की ओर लगा रहे..!!

*’लेकिन इसके पीछे आखिर रहस्य क्या है’..??*
नकारात्मक और सकारात्मक शक्तियां :धरती के मान से 2 तरह की शक्तियां होती हैं- ‘सकारात्मक और नकारात्मक’, दिन और रात, अच्छा और बुरा आदि। हिन्दू धर्म के अनुसार धरती पर उक्त दोनों तरह की शक्तियों का वर्चस्व सदा से रहता आया है। हालांकि कुछ मिश्रित शक्तियां भी होती हैं, जैसे संध्या होती है तथा जो दिन और रात के बीच होती है। उसमें दिन के गुण भी होते हैं और रात के गुण भी।

इन प्राकृतिक और दैवीय शक्तियों के कारण ही धरती पर भांति-भांति के जीव-जंतु, पशु-पक्षी और पेड़-पौधों, निशाचरों आदि का जन्म और विकास हुआ है। इन शक्तियों के कारण ही मनुष्यों में देवगुण और दैत्य गुण होते हैं।

हिन्दुओं ने सूर्य और चन्द्र की गति और कला को जानकर वर्ष का निर्धारण किया गया। 1 वर्ष में सूर्य पर आधारित 2 अयन होते हैं- पहला उत्तरायण और दूसरा दक्षिणायन। इसी तरह चंद्र पर आधारित 1 माह के 2 पक्ष होते हैं ~ शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष।

इनमें से वर्ष के मान से उत्तरायण में और माह के मान से शुक्ल पक्ष में देव आत्माएं सक्रिय रहती हैं, तो दक्षिणायन और कृष्ण पक्ष में दैत्य और पितर आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं। अच्छे लोग किसी भी प्रकार का धार्मिक और मांगलिक कार्य रात में नहीं करते जबकि दूसरे लोग अपने सभी धार्मिक और मांगलिक कार्य सहित सभी सांसारिक कार्य रात में ही करते हैं।

पूर्णिमा का विज्ञान :पूर्णिमा की रात मन ज्यादा बेचैन रहता है और नींद कम ही आती है। कमजोर दिमाग वाले लोगों के मन में आत्महत्या या हत्या करने के विचार बढ़ जाते हैं। चांद का धरती के जल से संबंध है। जब पूर्णिमा आती है तो समुद्र में ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है, क्योंकि चंद्रमा समुद्र के जल को ऊपर की ओर खींचता है। मानव के शरीर में भी लगभग 85 प्रतिशत जल रहता है। पूर्णिमा के दिन इस जल की गति और गुण बदल जाते हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार इस दिन चन्द्रमा का प्रभाव काफी तेज होता है इन कारणों से शरीर के अंदर रक्त में न्यूरॉन सेल्स क्रियाशील हो जाते हैं और ऐसी स्थिति में इंसान ज्यादा उत्तेजित या भावुक रहता है। एक बार नहीं, प्रत्येक पूर्णिमा को ऐसा होता रहता है तो व्यक्ति का भविष्य भी उसी अनुसार बनता और बिगड़ता रहता है।

जिन्हें मंदाग्नि रोग होता है या जिनके पेट में चय-उपचय की क्रिया शिथिल होती है, तब अक्सर सुनने में आता है कि ऐसे व्यक्ति भोजन करने के बाद नशा जैसा महसूस करते हैं और नशे में न्यूरॉन सेल्स शिथिल हो जाते हैं जिससे दिमाग का नियंत्रण शरीर पर कम, भावनाओं पर ज्यादा केंद्रित हो जाता है। ऐसे व्यक्तियों पर चन्द्रमा का प्रभाव गलत दिशा लेने लगता है। इस कारण पूर्णिमा व्रत का पालन रखने की सलाह दी जाती है।

कुछ मुख्य पूर्णिमा :कार्तिक पूर्णिमा, माघ पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा आदि।

चेतावनी :~ इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं। जानकार लोग तो यह कहते हैं कि चौदस, पूर्णिमा और प्रतिपदा उक्त 3 दिन पवित्र बने रहने में ही भलाई है।

अमावस्या’ :~ वर्ष के मान से उत्तरायण में और माह के मान से शुक्ल पक्ष में देव आत्माएं सक्रिय रहती हैं तो दक्षिणायन और कृष्ण पक्ष में दैत्य आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं। जब दानवी आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं, तब मनुष्यों में भी दानवी प्रवृत्ति का असर बढ़ जाता है इसीलिए उक्त दिनों के महत्वपूर्ण दिन में व्यक्ति के मन-मस्तिष्क को धर्म की ओर मोड़ दिया जाता है।

अमावस्या के दिन भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, निशाचर जीव-जंतु और दैत्य ज्यादा सक्रिय और उन्मुक्त रहते हैं। ऐसे दिन की प्रकृति को जानकर विशेष सावधानी रखनी चाहिए। प्रेत के शरीर की रचना में 25 प्रतिशत फिजिकल एटम और 75 प्रतिशत ईथरिक एटम होता है। इसी प्रकार पितृ शरीर के निर्माण में 25 प्रतिशत ईथरिक एटम और 75 प्रतिशत एस्ट्रल एटम होता है। अगर ईथरिक एटम सघन हो जाए तो प्रेतों का छायाचित्र लिया जा सकता है और इसी प्रकार यदि एस्ट्रल एटम सघन हो जाए तो पितरों का भी छायाचित्र लिया जा सकता है।

ज्योतिष में चन्द्र को मन का देवता माना गया है। अमावस्या के दिन चन्द्रमा दिखाई नहीं देता। ऐसे में जो लोग अति भावुक होते हैं, उन पर इस बात का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। लड़कियां मन से बहुत ही भावुक होती हैं। इस दिन चन्द्रमा नहीं दिखाई देता तो ऐसे में हमारे शरीर में हलचल अधिक बढ़ जाती है। जो व्यक्ति नकारात्मक सोच वाला होता है उसे नकारात्मक शक्ति अपने प्रभाव में ले लेती है।

धर्मग्रंथों में चन्द्रमा की 16वीं कला को ‘अमा’ कहा गया है। चन्द्रमंडल की ‘अमा’ नाम की महाकला है जिसमें चन्द्रमा की 16 कलाओं की शक्ति शामिल है। शास्त्रों में अमा के अनेक नाम आए हैं, जैसे अमावस्या, सूर्य-चन्द्र संगम, पंचदशी, अमावसी, अमावासी या अमामासी। अमावस्या के दिन चन्द्र नहीं दिखाई देता अर्थात जिसका क्षय और उदय नहीं होता है उसे अमावस्या कहा गया है, तब इसे ‘कुहू अमावस्या’ भी कहा जाता है। अमावस्या माह में एक बार ही आती है। शास्त्रों में अमावस्या तिथि का स्वामी पितृदेव को माना जाता है। अमावस्या सूर्य और चन्द्र के मिलन का काल है। इस दिन दोनों ही एक ही राशि में रहते हैं।

कुछ मुख्य अमावस्या :भौमवती अमावस्या, मौनी अमावस्या, शनि अमावस्या, हरियाली अमावस्या, दिवाली अमावस्या, सोमवती अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या।

चेतावनी :इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं। जानकार लोग तो यह कहते हैं कि चौदस, अमावस्या और प्रतिपदा उक्त 3 दिन पवित्र बने रहने में ही भलाई है..!

रात्रि के अंतिम प्रहर में एक बुझी हुई चिता की भस्म पर अघोरी ने जैसे ही आसन लगाया,
एक प्रेत ने उसकी गर्दन जकड़ ली और बोला- मैं जीवन भर विज्ञान का छात्र रहा और जीवन के उत्तरार्ध में तुम्हारे पुराणों की विचित्र कथाएं पढ़कर भ्रमित होता रहा। यदि तुम मुझे पौराणिक कथाओं की सार्थकता नहीं समझा सके तो मैं तुम्हे भी इसी भस्म में मिला दूंगा।

अघोरी बोला-
एक कथा सुनो, रैवतक राजा की पुत्री का नाम रेवती था। वह सामान्य कद के पुरुषों से बहुत लंबी थी, राजा उसके विवाह योग्य वर खोजकर थक गये और चिंतित रहने लगे। थक-हारकर वो योगबल के द्वारा पुत्री को लेकर ब्रह्मलोक गए। राजा जब वहां पहुंचे तब गन्धर्वों का गायन समारोह चल रहा था, राजा ने गायन समाप्त होने की प्रतीक्षा की गायन समाप्ति के उपरांत ब्रह्मदेव ने राजा को देखा और पूछा- कहो, कैसे आना हुआ?

राजा ने कहा- मेरी पुत्री के लिए किसी वर को आपने बनाया अथवा नहीं?

ब्रह्मा जोर से हंसे और बोले- जब तुम आये तबतक तो नहीं, पर जिस कालावधि में तुमने यहाँ गन्धर्वगान सुना उतनी ही अवधि में पृथ्वी पर २७ चतुर्युग बीत चुके हैं और २८ वां द्वापर समाप्त होने वाला है, अब तुम वहां जाओ और कृष्ण के बड़े भाई बलराम से इसका विवाह कर दो, अच्छा हुआ की तुम रेवती को अपने साथ लाए जिससे इसकी आयु नहीं बढ़ी।

इस कथा का वैज्ञानिक संदर्भ समझो- *आर्थर सी क्लार्क ने आइंस्टीन की थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी की व्याख्या में एक पुस्तक लिखी है- मैन एंड स्पेस,*
उसमे गणना है की यदि 10 वर्ष का बालक यदि प्रकाश की गति वाले यान में बैठकर एंड्रोमेडा गैलेक्सी का एक चक्कर लगाये तो वापस आनेपर उसकी आयु ६६ वर्ष की होगी पर धरती पर 40 लाख वर्ष बीत चुके होंगे। यह आइंस्टीन की time dilation theory ही तो है जिसके लिए जॉर्ज गैमो ने एक मजाकिया कविता लिखी थी-

There was a young girl named Miss Bright,
Who could travel much faster than light
She departed one day in an Einstein way
And came back previous night

प्रेत यह सुनकर चकित था, बोला- यह कथा नहीं है, यह तो पौराणिक विज्ञान है, हमारी सभ्यता इतनी अद्भुत रही है, अविश्वसनीय है। तभी तो आइंस्टीन पुराणों को अपनी प्रेरणा कहते थे।
अघोरी मुस्कुराता रहा और प्रेत वायु में विलीन हो गया।
“हम विश्व की सबसे उन्नत संस्कृति हैं यह विश्वास मत खोना l

🙏🙏🙏इस मंदिर का अजीब रहस्य है…

 

इस मंदिर के आसपास के सभी मन्दिर टूट गए है, लेकिन यह आज भी अडिग है, यह मंदिर विमान शेली में बना है, सम्भव है, यह महाभारत के किसी योद्धा का रथ हो..विमान आकार के जितने मंदिर है, यह महाभारत के रथ है, कुछ उनका प्रतिरूप …

यह मंदिर रथ ही है, यह मैं इस कारण भी कह रहा हूँ , क्यो की इसमें कहीं चुना या गारा नही है, लेकिन इस रथ की मजबूती देखें, बड़े से बड़ा तूफान भी इन टूटे फूटे पत्थरो को हिला नही सका ।।

कुछ लोग मानते है, की इस मंदिर में एक चमत्कारी अदृश्य शक्ति रहती है ।। मुस्लिम आक्रांता शासकों ने इस मंदिर को तोड़ने के लिए इंसान ही नही, तोप तक लगा दी थी, लेकिन यह मंदिर नही टूटा ।।🚩🚩🙏🙏

हमारी पुस्तक संग्रह में चारों वेद, 18 पुराण, सत्ताईस नक्षत्र, 108 उपनिषद जिनमें 13 उपनिषद मुख्य हैं, गीता, महाभारत, निर्णय सिंधु, सिद्धांत कौमुदी, कविल्ठा के कालिदास का कुमार संभव, रघुवंश, हिंदी संस्कृत व्याकरण हैं कि नहीं? नहीं है तो आगे संग्रह करायेंगे ऐसी कामना है। क्योंकि वास्तविक ज्ञान इन्हीं में है, और बुजुर्गों को इन्हें पढना अच्छा भी लगता है। 

     बाकी सूचनाओं का संकलन तो मोबाइल में अब पुस्तकों से भी अच्छा है और अद्यतन भी। नयी पीढ़ी मोबाइल आधारित सूचनाओं की आदी हो रही है। गूगल बहुत सर्च करती है। ज्ञान की उसे न आवश्यकता रही न अपनी सनातन धर्म संस्कृति का संज्ञान। अनंत शुभकामनाएं 💐✍️हरीश मैखुरी 

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻बुधवार, २ फरवरी २०२२🌻

सूर्योदय: 🌄 ०७:०९
सूर्यास्त: 🌅 ०५:५६
चन्द्रोदय: 🌝 ०८:०७
चन्द्रास्त: 🌜१९:११
अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: 🌫️ शिशिर
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 माघ
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 प्रतिपदा (०८:३१ तक)
नक्षत्र 👉 धनिष्ठा (१७:५३ तक)
योग 👉 वरीयान् (२३:५९ तक)
प्रथम करण 👉 बव (०८:३१ तक)
द्वितीय करण 👉 बालव -(१९:१९ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 मकर
चंद्र 🌟 कुम्भ
मंगल 🌟 धनु (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, वक्री)
गुरु 🌟 कुंम्भ (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 धनु (उदित, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
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अभिजित मुहूर्त 👉 ❌️❌️❌️
अमृत काल 👉 ०८:१७ से ०९:४६
विजय मुहूर्त 👉 १४:१९ से १५:०२
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:४४ से १८:०८
निशिता मुहूर्त 👉 २४:०४ से २४:५७
राहुकाल 👉 १२:३१ से १३:५२
राहुवास 👉 दक्षिण-पश्चिम
यमगण्ड 👉 ०८:२८ से ०९:४९
होमाहुति 👉 सूर्य
दिशाशूल 👉 उत्तर
अग्निवास 👉 पाताल (०८:३१ से पृथ्वी)
चन्द्रवास 👉 पश्चिम
शिववास 👉 श्मशान में (०८:३१ से गौरी के साथ, ३०:१५ से सभा में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – लाभ २ – अमृत
३ – काल ४ – शुभ
५ – रोग ६ – उद्वेग
७ – चर ८ – लाभ
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – उद्वेग २ – शुभ
३ – अमृत ४ – चर
५ – रोग ६ – काल
७ – लाभ ८ – उद्वेग
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
🚌🚈🚗⛵🛫
पश्चिम-दक्षिण (गुड अथवा दुध का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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माघ शुक्ल पक्ष आरम्भ, चन्द्रदर्शन, गुप्त नवरात्री विधान आरम्भ,
देवप्रतिष्ठा+नींव खुदाई एवं गृहारम्भ+ चूड़ाकर्म+उपनयन संस्कार मुहूर्त प्रातः ०८:३५ से ०९:५७ तक, वाहन क्रय-विक्रय+विद्या एवं अक्षर आरम्भ+गृह प्रवेश मुहूर्त प्रातः ११:१९ से दोपहर १२:४१ तक आदि।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज १७:५३ तक जन्मे शिशुओ का नाम
धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (गू, गे) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम शतभिषा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमश: (गो, सा, सी) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
मकर – ३०:०४ से ०७:४५
कुम्भ – ०७:४५ से ०९:११
मीन – ०९:११ से १०:३४
मेष – १०:३४ से १२:०८
वृषभ – १२:०८ से १४:०३
मिथुन – १४:०३ से १६:१८
कर्क – १६:१८ से १८:३९
सिंह – १८:३९ से २०:५८
कन्या – २०:५८ से २३:१६
तुला – २३:१६ से २५:३७
वृश्चिक – २५:३७ से २७:५६
धनु – २७:५६ से ३०:००
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पञ्चक रहित मुहूर्त
अग्नि पञ्चक – ०७:०७ से ०७:४५
शुभ मुहूर्त – ०७:४५ से ०८:३१
रज पञ्चक – ०८:३१ से ०९:११
शुभ मुहूर्त – ०९:११ से १०:३४
शुभ मुहूर्त – १०:३४ से १२:०८
रज पञ्चक – १२:०८ से १४:०३
शुभ मुहूर्त – १४:०३ से १६:१८
चोर पञ्चक – १६:१८ से १७:५३
शुभ मुहूर्त – १७:५३ से १८:३९
रोग पञ्चक – १८:३९ से २०:५८
शुभ मुहूर्त – २०:५८ से २३:१६
मृत्यु पञ्चक – २३:१६ से २५:३७
अग्नि पञ्चक – २५:३७ से २७:५६
शुभ मुहूर्त – २७:५६ से ३०:००
शुभ मुहूर्त – ३०:०० से ३०:१५
रज पञ्चक – ३०:१५ से ३१:०६
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन आपको सामाजिक क्षेत्र से मान-सम्मान दिलाएगा आप भी आज परोपकार में रुचि लेंगे धार्मिक क्षेत्र पर भी दान पुण्य करने के अवसर मिलेंगे परन्तु दिखावे की वृत्ति भी रहेगी। ठाठ-बाट की जीवनशैली रहने पर समाज मे आपकी पहचान धनी जैसी बनेगी। कार्य क्षेत्र पर आज समय कम देंगे फिर भी अल्प समय मे दिन भर की पूर्ति हो जाएगी। धन लाभ एक हाथ से होगा दूसरे हाथ से चला जायेगा। मध्यान बाद भी लाभ के अवसर मिलेंगे लेकिन मनोरंजन में रुचि होने पर ज्यादा ध्यान नही देंगे। लंबी दूरी की यात्रा के प्रसंग बनेंगे परन्तु किसी कारण स्थगित करने पड़ेंगे अगर करनी भी पड़े तो सामान और सेहत का अधिक ध्यान रखें। घरेलू वातावरण में विश्वास की कमी दिखेगी इसलिये बाहर समय बिताना अधिक भायेगा।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज के दिन आपको कार्य क्षेत्र पर कल जैसी अनुकूलता नही मिलेगी फिर भी छोटे मोटे कार्यो में सफलता मिलने से धन की आमद निश्चित होगी। शरीर आलस्य में रहने के कारण आज ज्यादा उलझनों में पड़ने से बचेंगे घरलू कार्य भी चार बाते सुनने के बाद ही करेंगे। मध्यान तक दिनचार्य अस्त व्यस्त रहेगी मित्र अथवा रिश्तेदारी में जाने के कारण अन्य कार्यो में फेरबदल करना पड़ेगा। मध्यान बाद का समय दिन की तुलना में बेहतर रहेगा खर्च करने के बाद सुख सुविधा और आनंद में वृद्धि होगी। महिलाओ में आज अन्य लोगो से तुलना करने पर हीं भावना आएगी। धार्मिक अथवा पर्यटन क्षेत्र की योजना बनते बनते अंत समय मे निरस्त करने पर घर मे उदासीनता छाएगी। सेहत आज संध्या बाद खराब हो सकती है।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन सुख शांति की चाह में रहेंगे लेकिन फल इसके विपरीत ही मिलेगा। आज दिन के पूर्वार्ध को छोड़ मध्यान बाद तक किसी न किस काम से भाग दौड़ लगी रहेगी। घर मे आज मन नही लगेगा लेकिन कई दिनों से लटके घरेलुकार्य आज एकसाथ सर पर आने से असहजता बनेगी फिर भी मध्यान तक धीरे धीरे काफी हद तक पूर्ण कर लेंगे। परिजनों का व्यवहार अत्यंत स्वार्थी रहेगा कामनापूर्ति करने पर ही चैन से बैठने देंगे। कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा धन लाभ की आशा ना रखे नाहाई ज्यादा समय देंगे जिससे सीमित लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। संध्या के समय वरिष्ठ लोगो के टोकने के बाद भी किसी की नही सुनेंगे अपने मन की करेंगे बाद में पछतायेंगे भी। मनोरंजन के अवसर मिलेंगे पर अनैतिक कार्यो से बचे सेहत अकस्मात खराब हो सकती है।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन भी सेहत का साथ कम मिलेगा लेकिन बीते कल की तुलना में सुधार भी आयेगा। मध्यान तक कार्यो के प्रति लापरवाही करेंगे सोचने में ही समय खराब होगा मध्यान बाद व्यवसाय में अधूरे कार्य को पूर्ण करने की चिंता में रहेंगे प्रयास करने पर भी पूरे नही कर सकेंगे अधिकारी वर्ग से अनबन होगी। लेकिन थोड़ा बहुत धन लाभ जोड़ तोड़ कर कही न कही से अवश्य हो जाएगा। मध्यान बाद आरोग्य लाभ मिलेगा लेकिन कार्य करने की जगह मनोरंजन एवं व्यर्थ की गतिविधियों में रुचि लेंगे। विवेक से काम ले आज भी कामोतेजना अधिक रहेगी रंगीन मिजाजी के कारण घर मे कलह हो सकती है। गृहस्थी के कार्यो मे रुचि नही लेंगे बल्कि आस पड़ोसियों की बाते सुनने में आनंद आएगा। छोटी यात्रा हो सकती है।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन भी आपके लिये कुछ न कुछ लाभ देकर जाएगा दिन के आरंभ में कामो की गति धीमी रहेगी दैनिक कार्य भी आलस्य में करेंगे लेकिन मध्यान से पहले बाहर घूमने की योजना बनने पर शरीर मे चुस्ती आ जायेगी दिन का अधिकांश समय यात्रा पर्यटन में बीतेगा उत्तम भोजन वाहन सुख मिलने से मन प्रसन्न भी रहेगा लेकिन सेहत में नरमी आने से रंग में भंग पड़ने वाली स्थिति बनेगी। कार्य क्षेत्र के प्रति आज उदासीन रहेंगे अन्य लोगो के भरोसे रहने के कारण उचित लाभ से वंचित रह जाएंगे फिर भी धन लाभ जरूरत के अनुसार हो ही जायेगा। घरेलू सामान की आवश्यकता पड़ने पर भी कंजूस वृति के कारण खर्च करने में आनाकानी करेंगे जिससे परिजनों से कहासुनी होगी। संध्या के समय पेट की समस्या गैस कब्ज वमन की शिकायत रहेगी।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन आपके हानि लाभ बराबर रहेंगे धन लाभ समय से थोड़ा विलंब से होगा जिससे थोड़ी असुविधा होगी इसके कारण कार्यक्रम में बदलाव भी करना पड़ेगा। मध्यान बाद दिनचर्या स्थिर बनेगी पर व्यस्तता भी बढ़ेगी कार्य क्षेत्र के साथ सामाजिक व्यवहारों के लिये भी समय निकालने से परेशानी आएगी घर के बड़ो का सहयोग मिलने से इसका भी समाधान हो जाएगा। व्यवसायी वर्ग दैनिक कार्यो के साथ नए कार्यो में भी भाग्य आजमाएंगे इसमे लाभ होगा लेकिन आशाजनक नही। घरेलू वातावरण गलतमहमी के कारण थोड़ी देर के लिये अशांत बनेगा कुछ देर में सामान्य भी हो जाएगा लेकिन किसी की जिद पूरी करने के बाद ही। सेहत संध्या बाद विपरीत होने की संभावना है ठंडे प्रदार्थो से परहेज करें। धार्मिक यात्रा के योग है इससे मन को शान्ति मिलेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज आप दिन के आरंभ से ही आलस्य में भरे रहेगें मध्यान तक कि दिनचर्या धीमी रहेगी इसके बाद भी काम तो करेंगे लेकिन ध्यान कही और ही रहेगा। कार्य व्यवसाय में धन लाभ के अवसर अवश्य मिलेंगे लेकिन आज सुख सुविधाओं को बढ़ाने पर आवश्यकता से अधिक खर्च करेंगे जिससे धन संचय नही हो पायेगा। कार्य क्षेत्र पर अधिक कार्य भार सौपने पर आपसे अधीनस्थ लोग नाराज रहेंगे। नौकरी पेशाओ के लिये दिन आरामदायक रहेगा छोटे मोटे घरेलू कार्य को छोड़ अन्य किसी कार्य को नही करेंगे। सामाजिक क्षेत्र के लिये समय नही देने से प्रेमीजन नाराज होंगे लेकिन मित्र वर्ग से अच्छी पटेगी। घर मे भी समय पर आवश्यकता पूर्ति करने पर शांति बनी रहेगी। उत्तम भोजन वाहन पर्यटन के अवसर मिलेंगे सेहत बनी रहेगी।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन भी छोटी मोटी घटनाओं से अशांत बनेगा फिर भी बीते कल की तुलना में थोड़ी शांति भी रहेगी। प्रातः काल घर के सदस्यों से बीती बातो के कारण मतभेद रहेंगे केवल मतलब से ही व्यवहार करेंगे लेकिन मध्यान बाद स्थिति बदलेगी घर के सभी सदस्य स्वार्थ से एक मत होंगे बाहर घूमने पर्यटन के अवसर मिलने से भी कड़वाहट में कमी आएगी लेकिन घर के बुजुर्गों को आज संतुष्ट नही कर पाएंगे। पैतृक संपत्ति के मामलों को छेड़ने की जगह अभी विराम दे अन्यथा दिन खराब हो सकता है। कार्य व्यवसाय से आज ज्यादा आशा नही रहेगी फिर भी अकस्मात लाभ होने से खुशी मिलेगी। महिलाए आज अधिक खर्चीली रहेंगी लेकिन खर्च घरेलू सामान पर अधिक करेंगी। संध्या बाद का समय दिन की तुलना में शांति से बीतेगा लेकिन सेहत में बदलाव भी आने से असहज रहेंगे।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपको किसी न किसी रूप में लाभ देकर जाएगा। दिन के आरंभी भाग में आलस्य दिखाएंगे मेहनत से बचने की मानसिकता रहने से आवश्यक कार्यो में विलंब होगा जिससे घर के सदस्यों से फटकार भी सुनने को मिलेगी। दोपहर का समय कार्य व्यवसाय के लिये शुभ रहेगा प्रतिस्पर्धा कम रहने से इसका जमकर लाभ उठाएंगे धन की आमद आशासे अधिक होगी लेकिन सहकर्मी का व्यवहार आज परेशान करने वाला रहेगा फिर भी संध्या से पूर्व ही दिन भर की पूर्ति कर लेंगे। संध्या का समय काम की जगह मनोरंजन में बिताना अधिक पसंद करेंगे। मौज शौक पर खर्च अधिक होगा व्यसनों से बचे अन्यथा अपमानित हो सकते है। जरूरी कार्य भी आज ही निपटा ले कल कुछ न कुछ व्यवधान आने से लटक सकते है।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन आपका स्वभाव बीते कुछ दिनों से संतोषि रहेगा। आज धन संबंधित उलझने रहने के बाद भी पारिवारिक कार्यो एवं आपसी संबंधों को अधिक महत्त्व देंगे। मध्यान तक घर मे कोई न कोई आपसे असंतुष्ट रहेगा लेकिन संध्या बाद खर्च करने के बाद नाराजगी प्रसन्नता में बदल जाएगी मनोरंजन सुख वृद्धि के लिये खर्च में कमी नही करेंगे। भाई बंधुओ से ईर्ष्या युक्त संबंध कुछ समय के लिये मानसिक रूप से अशांत बनाएँगे पैतृक कारणों से बहस होने की संभावना है फिर भी आपका व्यवहार आज थोड़ा शालीन रहने से स्थिति को संभाल लेंगे। कार्य व्यवसाय से लाभ मेहनत के बाद ही साधारण रहेगा। संध्या के समय भाग दौड़ से बचने का प्रयास करेंगे दुर्व्यसनों पर भी खर्च होगा। सेहत में थोड़ी समस्या रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिये शुभफलदायी रहेगा स्वभाव में थोड़ी चंचलता अवश्य रहेगी लेकिन इससे आस पास का वातावरण खुशनुमा ही बनाएंगे। कार्य क्षेत्र पर आज किसी के भटकाने से गलत निर्णय हो सकते है देखभाल कर ही कार्य करें व्यवसाय में चाहकर भी निवेश करना पड़ेगा इसका भविष्य में सामान्य लाभ मिल जाएगा। उधारी के व्यवहार कुछ समय के लिये बेचैनी बढ़ाएंगे पुरानी शीघ्र चुकाने के प्रयास करें नई करने से बचे अपमानित हो सकते है। दोपहर के बाद काम करने का मन नही करेगा मित्र परिजनों के साथ धार्मिक अथवा एकांत स्थान की यात्रा करेंगे दिखावे से बचे नाहाई तो बाद में आर्थिक विषमताएं बनेगी। सेहत में आज सुधार रहेगा।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज का दिन हानिकर रहने वाला है किसी भी कार्य मे जल्दबाजी से बचे सोच समझकर अनुभवी व्यक्ति की सलाह के बाद ही कोई कदम उठाए। कार्य व्यवसाय आज भगवान भरोसे रहेगा लाभ होते होते किसी अन्य के पक्ष में जाने से निराशा होगी। आज जहां से सहायता की उम्मीद लगाएंगे वही आपको टरकायेगा ज्यादा जोर देने पर आगे के लिये संबंध खराब होने का भर रहेगा। धन की आमद अत्यंत सीमित होगी वह भी पुराने व्यवहारों से ही कार्य क्षेत्र पर स्वयं अथवा नौकरों के हाथ नुकसान हो सकता है क्रोध से बचे। घर मे भी परिजनों के द्वारा हानि होने की संभावना है। सेहत ठीक रहेगी लेकिन आकस्मिक चोटादि का भय है उपकरणों से काम करते समय सावधानी बरतें।
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〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏