आज का पंचाग आपका राशि फल, मनुष्य के देवतुल्य बनने की प्रक्रिया, नर्मदा के सियाराम बाबा, गिलोय के स्वास्थ्य लाभ और प्रयोग, मिल गया है बुढ़ापा नापने का थर्मामीटर

​ ​ 𝕝𝕝 🕉 𝕝𝕝

                  *श्री हरिहरो* 

                *विजयतेतरामम्

        *🌹।।सुप्रभातम्।।🌹*

        🗓 आज का पञ्चाङ्ग 🗓

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*शनिवार, ३१ दिसम्बर २०२२*

 

सूर्योदय: 🌄 ०७:१४

सूर्यास्त: 🌅 ०५:२९

चन्द्रोदय: 🌝 १२:५३

चन्द्रास्त: 🌜२६:०२

अयन 🌖 दक्षिणायने 

(दक्षिणगोलीय)

ऋतु: 🌳 हेमंत

शक सम्वत:👉१९४४ (शुभकृत)

विक्रम सम्वत:👉२०७९ (नल)

मास 👉 पौष

पक्ष 👉 शुक्ल

तिथि 👉 नवमी (१८:३३ से 

दशमी)

नक्षत्र👉रेवती(११:४७से अश्विनी

योग👉परिघ(०८:२०से शिव

प्रथम करण 👉 कौलव

(१८:३३ तक)

द्वितीय करण 👉 तैतिल

(३०:४७ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥

🌖🌗🌖🌗

सूर्य 🌟 धनु

चंद्र 🌟 मेष (११:४६ से)

मंगल🌟वृष(उदित,पश्चिम,वक्री)

बुध🌟धनु(उदित,पूर्व,वक्री)

गुरु🌟मीन(उदित,पूर्व,मार्गी)

शुक्र🌟मकर(उदित,पश्चिम)

शनि🌟मकर(उदित,पूर्व,मार्गी)

राहु 🌟 मेष

केतु 🌟 तुला

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५९ से १२:४०

अमृत काल 👉 ०९:२१ से १०:५८

रवियोग 👉 ११:४७ से ३१:१३

विजय मुहूर्त 👉 १४:०२ से १४:४३

गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:२४ से १७:५२

सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:२७ से १८:५०

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५२ से २४:४८

राहुकाल 👉 ०९:४६ से ११:०३

राहुवास 👉 पूर्व

यमगण्ड 👉 १३:३७ से १४:५३

होमाहुति 👉 शुक्र

दिशाशूल 👉 पूर्व

अग्निवास 👉 आकाश 

चन्द्रवास 👉 उत्तर (पूर्व ११:४७ से) 

शिववास 👉 गौरी के साथ (१८:३३ से सभा में)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – काल २ – शुभ

३ – रोग ४ – उद्वेग

५ – चर ६ – लाभ

७ – अमृत ८ – काल

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – लाभ २ – उद्वेग

३ – शुभ ४ – अमृत

५ – चर ६ – रोग

७ – काल ८ – लाभ

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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पूर्व-उत्तर (वाय विडिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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पंचक समाप्त (११:४६) पर, वाहन क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:३० से सायं ०४:२५ तक आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज ११:४७ तक जन्मे शिशुओ का नाम रेवती नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ची) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम अश्विनी नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण अनुसार क्रमशः (चू, चे, चो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

धनु – ३०:११ से ०८:१४

मकर – ०८:१४ से ०९:५५

कुम्भ – ०९:५५ से ११:२१

मीन – ११:२१ से १२:४५

मेष – १२:४५ से १४:१९

वृषभ – १४:१९ से १६:१३

मिथुन – १६:१३ से १८:२८

कर्क – १८:२८ से २०:५०

सिंह – २०:५० से २३:०९

कन्या – २३:०९ से २५:२७

तुला – २५:२७ से २७:४८

वृश्चिक – २७:४८ से ३०:०७

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०७:१३ से ०८:१४

रोग पञ्चक – ०८:१४ से ०९:५५

शुभ मुहूर्त – ०९:५५ से ११:२१

मृत्यु पञ्चक – ११:२१ से ११:४७

अग्नि पञ्चक – ११:४७ से १२:४५

शुभ मुहूर्त – १२:४५ से १४:१९

मृत्यु पञ्चक – १४:१९ से १६:१३

अग्नि पञ्चक – १६:१३ से १८:२८

शुभ मुहूर्त – १८:२८ से १८:३३

रज पञ्चक – १८:३३ से २०:५०

शुभ मुहूर्त – २०:५० से २३:०९

चोर पञ्चक – २३:०९ से २५:२७

शुभ मुहूर्त – २५:२७ से २७:४८

रोग पञ्चक – २७:४८ से ३०:०७

शुभ मुहूर्त – ३०:०७ से ३१:१३

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज दिन के आरंभिक भाग में किसी कार्य को करने की जल्दबाजी में नुकसान हो सकता है आज धर्य से सोच विचार कर काम करने पर ही व्यवसाय अथवा अन्य कार्यो से लाभ पाया जा सकेगा। सेहत में दिनभर उतार चढ़ाव लगा रहने से कार्य करने में उत्साह नही दिखाएंगे। आज आपको लाभ के अवसर भी मिलेंगे परन्तु ज्यादा पाने की लालसा के कारण हाथ से निकल सकते है। आज कम से संतोष करें अन्यथा खर्च चलाना भारी पड़ेगा। नौकरी वालो की अधिकारी वर्ग से कहासुनी होगी गुस्से में आकर कोई कदम ना उठाये बाद में पछताना पड़ेगा। परिजन की उम्मीद के विपरीत कार्य करने पर बहस हो सकती है।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज का दिन आपके लिये हानिकर रहेगा। आज किसी ना किसी रूप में आपके विचार कार्य उल्टा ही फल देंगे। कार्य व्यवसाय से लाभ की उम्मीद अंत समय मे टूटने से मन नकारात्मक विचारों से भरेगा जल्दबाजी में कुछ अनुचित कदम भी उठा सकते है लेकिन इसका परिणाम निकट भविष्य में धन के साथ सम्मान हानि भी करा सकता है। महिलाये आज कही सुनी बातो पर घर मे कलह करेंगी बाद में स्थिति स्पष्ट होने पर पश्चाताप होगा। आज जल्दी से किसी की बातों में ना आये अन्यथा मानसिक तनाव के साथ संबंधों में दूरी बढेगी। स्वास्थ्य में शिथिलता रहेगी। 

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज का दिन धन लाभ वाला है लेकिन सेहत में थोड़ी नरमी रहने से लापरवाहि करेंगे परिणामस्वरूप उचित लाभ से वंचित रह सकते है। स्वभाव में परोपकार की भावना रहेगी लेकिन स्वार्थ सिद्धि भी रहेगी अपने मतलब के काम के लिये ना नही कहेंगे बेकार के कामो में रुचि नही लेंगे। कार्य व्यवसाय में लाभ के कई अवसर मिलेंगे परन्तु जोड़ तोड़ की नीति के चलते सीमित लाभ से संतोष करना पडेगा। संध्या का समय दिन की अपेक्षा बेहतर रहेगा बाहर घूमने के प्रसंग बनेंगे मन हल्का रहेगा परिजन भी आवश्यकता पूर्ति होने पर प्रसन्न रहेंगे। स्वास्थ्य रात्रि के समय प्रतिकूल होगा सतर्क रहें।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज का दिन आपकी आशाओ के विपरीत रहने से मन मे नकारात्मक भाव आएंगे लेकिन आध्यात्म से जुड़ने का लाभ भी किसी ना किसी रूप में अवश्य ही मिलेगा। दिन के आरम्भ से मध्यान तक दिनचार्य अव्यवस्थित रहेगी चाहकर भी अपनी योजनाओं को आगे नही बढ़ा सकेंगे धन संबंधित उलझने हर कार्य मे बाधा डालेगी फिर भी परिश्रम से पीछे ना हटे अन्यथा आपके हिस्से का लाभ कोई अन्य लेजा सकता है। कार्य क्षेत्र पर सहकर्मियों का उद्दंड व्यवहार क्रोध दिलाएगा धर्य से काम लें वरना अकेले ही काम करना पड़ेगा। गृहस्थ का वातावरण मंगलमय रहेगा आपस मे थोड़ी बहुत टोका-टाकी होगी फिर भी एकता बनी रहेगी। थकान ज्यादा अनुभव होगी।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज के दिन आपके आध्यात्मिक क्षेत्र में उन्नति के योग बन रहे है। आज परोपकार की भावना भी प्रबल रहेगी अपने कार्य छोड़ अन्य की सहायता करने में तत्पर रहेंगे लेकिन ध्यान रहे किसी से ज्यादा हमदर्दी भी पारिवारिक कलह का कारण बन सकती है। नौकरी वाले लोगो से जल्दबाजी में त्रुटि होने की संभावना है सतर्क रहें अन्यथा अधिकारी वर्ग की नाराजगी देखनी पड़ेगी। आर्थिक रूप से दिन परिश्रम साध्य रहेगा धन लाभ मेहनत के ऊपर निर्भर करेगा आलस्य से बचें। घर का वातावरण वैसे तो शांत रहेगा लेकिन बीच मे आपसी तालमेल की कमी के चलते उग्र हो सकता है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

आज के दिन मध्यान बाद से आपको आशा के विपरीत फल मिलने लगेगा सेहत भी साथ नही देगी आवश्यक कार्य इससे पहले ही पूर्ण करने का प्रयास करें। व्यवसायी वर्ग एवं नौकरी वाले लोग नया कार्य आरम्भ कर सकते है लेकिन निवेश सोच समझ कर ही करें। सामाजिक क्षेत्र अथवा अन्य दिनचार्य में आज किसी भी प्रकार का जोखिम लेने से बचें अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा। मेहनत करने के बाद भी धन की आमद अनिश्चित रहेगी घरेलू खर्च अधिक होने के कारण बजट बिगड़ेगा। मित्र परिचित मीठा बोलकर अपना हित साधेंगे भावुकता से बचें। परिजनों का सहयोग मिलता रहेगा।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज का दिन आपके लिए अनुकूल परिस्थिति वाला रहेगा पूर्व में सोची योजनाए सिरे चढ़ने से आय के नए मार्ग विकसित होंगे लेकिन आज आप जो भी योजना बनाएंगे उसके शीघ्र फलित होने में संदेह रहेगा। काम-धंधा लगभग ठीक ही चलेगा लेकिन ज्यादा पाने की चाह के कारण कुछ ना कुछ अभाव अनुभव होगा। सामाजिक कार्यो में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे दान-पुण्य भी करेंगे लेकिन इनके पीछे दिखावे की भावना भी रहेगी मान-सम्मान मिलने से अहम बढेगा। सहकर्मी अथवा परिजनों की मांग पूरी करने पर धन का व्यय होगा। स्वास्थ्य में कोई नया विकार आएगा सतर्क रहें।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन वृद्धिकारक योग बन रहे है। शारीरिक रूप से चुस्त रहने का लाभ कार्य क्षेत्र पर मिलेगा। जिस भी कार्य मे हाथ डालेंगे उससे कुछ ना कुछ लाभ ही होगा। कार्य क्षेत्र पर आज प्रतिस्पर्धा भी अधिक रहेगी फिर भी आपके लाभ को कोई नही रोक सकेगा। धन की आमद समय पर और आवश्यकता से अधिक ही होगी फिर भी आर्थिक मामलों में आज स्पष्टता रखना आवश्यक है भूल होने अथवा उधारी के कारण विवाद की संभावना है। मित्र रिश्तेदारी में जाने के प्रसंग बनेंगे। परिवार में सुख सुविधा की वृद्धि के विचार बनेंगे निकट भविष्य में इनपर खर्च भी होगा। कुछ समय के लिये वैचारिक मतभेद होंगे।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज का दिन आपके लिये मिला जुला रहेगा। दिनचार्य आज व्यवस्थित रहेगी अधिकांश कार्य समय पर पूर्ण कर लेंगे धन की आमद भी निश्चित समय पर हो जाएगी लेकिन अचानक खर्च आने से हाथ से निकल जाने पर स्वयं को ठगा सा अनुभव करेंगे। कार्य क्षेत्र पर किसी से आर्थिक विषयो को लेकर बहस होने की सम्भवना है विवेक से काम ले अन्यथा धन डूब भी सकता है। नौकरी वाले लोग अधिकारी वर्ग से किसी बात को लेकर नाराज रहेंगे बेमन से कार्य करने पर विलम्ब होगा काम मे सफाई भी नही रहेगी। परिजन आपसे मतलब का व्यवहार रखेंगे इच्छा पूर्ति के लिए जिद पर अडेंगे। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज के दिन आप अपनी ही गलतियों से लोगो के अपशब्द सुनेंगे फिर भी व्यवहार में बदलाव नही आने से मामला हाथापाई तक पहुच सकता है। वाणी और व्यवहार में नरमी रखना आज अति आवश्यक है अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। आज आपकी जल्दी से किसी से नही बनेंगी घर का शांत वातावरण भी आपके कारण खराब होगा। कार्य क्षेत्र पर धन अथवा अन्य लेन-देन संबंधित मामूली बात पर झगड़ा करने पर उतारू होंगे फलस्वरूप प्रतिष्ठा खराब होगी। आर्थिक रूप से दिन ठीक है फिर भी आपके व्यवहार से कुछ ना कुछ कमी अवश्य आएगी। मौन रहने का प्रयास करें। 

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज आपको कुछ अतिरिक्त कार्य सौपे जाएंगे लापरवाह एवं आलसी स्वभाव के चलते आरम्भ में ये झंझट लगेंगे लेकिन कुछ समय बीतने पर इनमे ही मग्न हो जाएंगे कार्य व्यवसाय में मध्यान तक ही रुचि लेंगे इसके बाद का समय एकांत में बिताना पसंद करेंगे। आज आप एकबार लिए निर्णय से पीछे नही हटेंगे चाहे हानि ही क्यो ना हो घर मे मांगलिक आयोजन होंगे वातावरण आत्मबल देने वाला रहेगा। दिन का कुछ समय पूर्व में किये कार्यो की समीक्षा में बीतेगा इससे संतोष की प्राप्ति होगीं। संध्या बाद मन काल्पनिक दुनिया मे खोया रहेगा। परिवार के सदस्य अपनी अनदेखी से उदास रहेंगे। सेहत कुछ समय के लिये नरम बनेगी।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन शुभ संयोग बन रहे है प्रातः काल मे कुछ समय के लिये धन अथवा अन्य कारणों से मानसिक बेचैनी रहेगी लेकिन मध्यान तक इनका समाधान होने से शांति मिलेगी। काम-धंधा आज अन्य दिनों की अपेक्षा बेहतर चलेगा प्रतिस्पर्धियों पर विजय पाएंगे। मध्यान के बाद जिस भी कार्य को करेंगे वह थोड़ी बहुत मेहनत के बाद सफल होगा। धन की आमद संध्या तक संतोषजनक हो जाएगी। पारिवारिक वातावरण शांत रहेगा। महिलाये शारीरिक रूप से कमजोरी अनुभव करेंगी फिर भी इससे दैनिक कार्य बाधित नही होंगे। धर्म कर्म में आस्था रहेगी लेकिन आज पूरा समय नही दे पाएंगे।

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*🙏आज का विचार🙏*   

*यदि मनुष्य अपने भीतरी दृष्टिकोण को बदल ले तो बाहर सब कुछ अच्छा और सुन्दर नजर आएगा। जैसा हम स्वयं होते हैं वैसा ही हमें सर्वत्र नजर आने लगता है। सीधी सी बात है जैसा आँखों पर चश्मा लगा होगा वैसा ही नजर आने लगेगा।*

           *संसार में बहुत लोगों को केवल बुराईयाँ, दोष, गंदगी और गलत चीजें ही नजर आती है। यह सब उनकी ग़लत कट्टर धारणा के कारण होता है, स्वयं श्री कृष्ण भी सामने आकर प्रकट हो जाएँ तो उनमें भी सबसे पहले इन्हें दोष ही नजर आएगा।*

          *संसार में अच्छे, सज्जन, सत्कर्मी और श्रेष्ठ लोग भी बहुत हैं। धरती पर कई लोग तो ईश्वर का चिन्तन करते-करते तीर्थ जैसे ही हो गए हैं। दोष दर्शन की जगह हम सबमें गुण दर्शन करने लग जाएँ तो हमारा स्वयं का विकास तो होगा ही दुनियां भी बड़ी सुन्दर लगने लगेगी।

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     *•🌺कृष्णमय शु-प्रभात🌺•* 

 
*मां नर्मदा के अनमोल मोती*
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 12 वर्ष मौन के बाद बोले सियाराम तो उन्हें मिला यही नाम .. ! ! 
पाखंड से कोशो दूर , एक विरक्त सन्यासी भारत मे उन्ही मे से एक है  #सियारामबाबा है *100* वर्ष से अधिक ये मध्यप्रदेश में खरगौन के पास ही ग्राम भट्टयान में रहते है । भट्याण बुजुर्ग में विशेषकर गुरु पूर्णिमा एवं सामान्य दिनों में भी संत सियाराम बाबा का पूजन करने बड़ी संख्या में बाबा के भक्त आते हैं । 
श्री सियाराम बाबा ने 12 साल का मौन व्रत धारण किया था । कोई नहीं जानता था बाबा कहां से आए हैं । बाबा ने मौन व्रत तोड़ा और पहला शब्द सियाराम बोले तब से गांव वाले उनको सियाराम बाबा कहते हैं ।
 10 साल की खड़ेश्वरी सिद्धि : भक्त बताते हैं मौसम कोई भी हो बाबा केवल एक लंगोट पहनते हैं । उन्होंने 10 साल तक खड़ेश्वरी सिद्धी की है । इसमें तपस्वी सोने , जागने सहित हर काम खड़े रहकर ही करते हैं । खड़ेश्वरी साधना के दौरान नर्मदा में बाढ़ आई । पानी बाबा की नाभि तक पहुंच गया , लेकिन वे अपनी जगह से नहीं हटे । 
कई विदेशी भक्त भी पहुंचते हैं : बाबा के दर्शन के लिए , भक्तों के मुताबिक अर्जेंटीना व ऑस्ट्रिया से कुछ विदेशी लोग पहुंचे । उन्होंने बाबा को 500 रुपए भेंट में दिए । संत ने 10 रुपए प्रसादी के रखकर बाकी लौटा दिए । वे भी आश्चर्यचकित थे ।
 गांव के ही मुकुंद केवट , राजेश छलोत्रा , पूनमचंद बिरले , हरीश बिरले के अनुसार बुजुर्ग बताते है बाबा 50-60 साल पहले यहां आए थे । कुटिया बनाई ओर रहने लगे । हनुमानजी की मूर्ति स्थापित कर सुबह – शाम राम नाम का जप व रामचरितमानस पाठ करते थे । बाबा का जन्म मुंबई में हुआ । वहीं कक्षा 7-8 तक पढ़ाई हुई । कम उम्र में एक गुजराती साहूकार के यहां मुनीम का काम शुरू किया । उसी दौरान कोई साधु के दर्शन हुए । मन में वैराग्य व श्रीराम भक्ति जागी । घर – संसार त्यागा और तप करने हिमालय चले गए । कितने साल कहां तप किया , उनक गुरु कौन थे कोई नहीं जानता । बाबा ने यह किसी को नहीं बताया । आज भी पूछने पर एक ही बात कहते हैं मेरा क्या है , मैं तो सिर्फ मजा देखता हूं । ग्राम के रामेश्वर बिरले व संतोष पटेल ने बताया बाबा रोज नर्मदा स्नान करते हैं । नर्मदा परिक्रमा करने वालों की सेवा खुद करते हैं । 
सदाव्रत में दाल , चावल , तेल , नमक , मिर्च , कपूर , अगरबत्ती व बत्ती भी देते हैं । जो भी भक्त आश्रम आता है बाबा अपने हाथों से चाय बनाकर पिलाते हैं । कई बार नर्मदा की बाढ़ की वजह से गांव के घर डूब जाते हैं । ग्रामीण ऊंची सुरक्षित जगह चले जाते है । लेकिन बाबा अपना आश्रम व मंदिर छोड़कर कहीं नहीं जाते । बाढ़ के दौरान मंदिर में बैठकर रामचरितमानस पाठ करते हैं । बाढ़ उतरने पर ग्रामीण उन्हें देखने आते हैं तो कहते हैं मां नर्मदा आई थी । दर्शन व आशीर्वाद देकर चली गई । मां से क्या डरना , वो तो मैय्या है
 वर्तमान में जहाँ बाबा का निवास है वह क्षेत्र डूब में जाने वाला है । 
सरकार ने इन्हें मुआवजे के 2 करोड़ 57 लाख दिए थे …. तो इन्होंने सारा पैसा खरगौन के समीप ही ग्राम नांगलवाड़ी में नाग देवता के मंदिर में दान कर दिया ताकि वहा भव्य मंदिर बने और सुविधा मिले । 
आप लाखो रुपये दान में दो … 
पर नही लेते केवल 10 रुपये लेते है … और रजिस्टर में देने वाले का नाम साथ ही नर्मदा परिक्रमा वालो का खाना और रहने की व्यवस्था … कई सालों से अनवरत करते आ रहे है .. ! 
सियाराम बाबा जैसे सन्त आज भी लाखों में है भारत मे यही असली *सनातन* की रीढ़ है !
जय जय श्री राम
#जय_जय_सियाराम_बाबा 🙏
गिलोय के औषधीय प्रयोग एवं गुण
गंठिया, बुखार, पीलिया, टी.बी., कैंसर, सफेद दाग, यौन, पेशाब में रुकावट, नेत्र रोग, उल्टी, दस्त, पित्ती, लीवर या जिगर, वातरक्त, हिचकी, हलीमक, हांथीपाँव, कान का मैल, आदि बीमारियों के इलाज में गिलोय (अमृता) के औषधीय  चिकित्सा प्रयोग निम्न प्रकार से किये जाते है:-
हिंदी अंग्रेजी उर्दू पंजाबी मराठी गुजरती तमिल तेलगू मलयालम बंगाली कन्नड़ नेपाली 
गिलोय (अमृता) Giloy گلوی ਗਿਲੌਏ Amrita ગિલૉય அமிழ்தவள்ளி గిలోయ్ ഗിലോയ് Giloy ಗಿಲೋಯ್ गिलीयो
गिलोय के औषधीय गुण-Amrata-Giloy Aushadhiya Gun in Hindi
गठिया में गिलोय के औषधीय प्रयोग एवं उपचार विधि
गठिया से ग्रसित रोगी दूध के साथ गिलोय का चूर्ण 2-5 ग्राम की मात्रा में दिन में दो-तीन बार लेने से गठिया Gathiya और अनुवंशिका मिटती हैं। तथा गठिया से फौरन आराम मिलता है।
बुखार में गिलोय के औषधीय गुण एवं प्रयोग विधि
बुखार से परेशान मरीज को गिलोय या अमृता स्वरस 40 ग्राम अच्छी तरह कुचलकर, मिटटी के बर्तन में 250 ग्राम पानी मिलाकर रातभर ढककर रखते हैं। और प्रातः मसलकर छान प्रयोग करते हैं। 20 ग्राम की मात्रा दिन में तीन बार पीने से ज्वर नष्ट हो जाता हैं। गिलोय का स्वरस 20 ग्राम, इसमें 1 ग्राम पीपली तथा 1 चम्मच मधु का प्रक्षेप देकर प्रातः-सांय सेवन करने से तेज बुखार, कफ, प्लीहारोग, कास, अरुचि आदि रोग नष्ट होते हैं।
1    बुखार में गिलोय के औषधीय गुण एवं प्रयोग विधि
बुखार से परेशान मरीज को गिलोय या अमृता स्वरस 40 ग्राम अच्छी तरह कुचलकर, मिटटी के बर्तन में 250 ग्राम पानी मिलाकर रातभर ढककर रखते हैं। और प्रातः मसलकर छान प्रयोग करते हैं। 20 ग्राम की मात्रा दिन में तीन बार पीने से ज्वर नष्ट हो जाता हैं। गिलोय का स्वरस 20 ग्राम, इसमें 1 ग्राम पीपली तथा 1 चम्मच मधु का प्रक्षेप देकर प्रातः-सांय सेवन करने से तेज बुखार, कफ, प्लीहारोग, कास, अरुचि आदि रोग नष्ट होते हैं।
2 कफ ( बलगम)
मधु के साथ सेवन करने से कफ मिटता हैं। 
सौंठ के साथ सेवन करने से आमवात मिटता हैं। काली मिर्च और सुखोष्ण जल के साथ सेवन करने से हृदय शूल मिटता हैं। इसका प्रयोग व्यधिनुसार अनुपात के सात दिनों तक नियमित रूप करने से बहुत सारी बीमारियों में लाभप्रद है
           ॐ  अर्जुन के गुण धर्म
संस्कृत 
अर्जुन, धवल, संबर, इन्द्रदु, ककुभः
हिंदी 
अर्जुन, काहू
अर्जुन शीतल, हृदय के लिए हितकारी, कसैला, क्षत, क्षय, विष, रुधिर विकार, मेद, प्रमेह, व्रण, कफ तथा पित्त को नष्ट करता है। अर्जुन से हृदय की मांसपेशियों को बल मिलता है, हृदय का स्पंदन ठीक और सबल होता है। स्पंदन की संख्या कम हो जाती है। सूक्ष्म रक्तवाहिनियों का संकोच होता है, जिससे रक्त भार बढ़ता है। इस प्रकार इससे हृदय सशक्त और उत्तेजित होता है। इससे रक्त वाहिनियों के द्वारा होने वाले रक्त का स्त्राव भी कम होता है, जिससे यह शोथ को दूर करता है। इसके प्रयोग से रक्तवहस्रोंतों का संकोचन भली प्रकार होने से हृदय रक्त को समस्त शरीर में फेंकने तथा शरीर में फैले हुए समस्त रुधिर को हृदय के अंदर खींचने का कार्य सुगमता से करता है। इसीलिये हृदय एवं रक्तवाहिनियों के शैथिल्य, सर्वांग शोथ, नाड़ी की मंदता, श्वास, कास आदि जीर्ण विकारों में इसका प्रयोग परम् हितकारी है। अर्जुन के प्रयोग से पित्त की विदग्धता और अम्लता कम होकर रक्त में स्वादुता एवं स्थिरता उत्पन्न होती है। जिससे रक्त पित्त तथा अम्लपित्त आदि विशिष्ट पित्तविकारों में लाभ होता है। कसैला होने के कारण यह कफध्न, मूत्र संग्रहणीय और शामक होता है।  यह स्तम्भक और ज्वरध्न भी है। यह विषध्न और हृदय को पुष्ट करने  बृंहण हैं। अर्जुन, शिरीष, ताड़ यह सब सालसारादि गण, कुष्ठरोग नाशक, प्रमेह, पाण्डु रोगनाशक, कफ और मेद का शोषक है। अर्जुन वृक्ष, अश्मभेद, अपामार्ग, गोखरू यह सब वात विकारनाशक हैं। अश्मरी शर्करा कृच्छ, मूत्राघात की पीड़ा को शांत करता हैं। अर्जुन, जामुन मुलहठी बेर ये सब व्रण के लिये हितकारी भग्न को मिटाने वाले रक्त पित्तनाशक, दाह, भेद तथा योनिरोगों को दूर करते हैं।
1  शोथ :- गुर्दो पर इसका प्रभाव मूत्रल अर्थात अधिक मूत्र लाने वाला है। हृदय रोगों के अतिरिक्त शरीर के विभिन्न अंगों में पानी पड़ जाने और शरीर पर शोथ आ जाने पर भी अर्जुन का सफलता से प्रयोग किया जाता है।
    1      अदरख के गुण
अदरक एक बेहतरीन दर्दनाशक है। खांसी जुकाम, बुखार और सिरदर्द में इसका सेवन करने से तुरंत आराम मिलता है।
अदरक का पाउडर ओवेरियन कैंसर के इलाज में काम आता है। एक शोध में पाया गया है कि अदरक में उपलब्ध तत्व ओवेरियन कैंसर के सेल को खत्म करते हैं।
1   काली मिर्च
काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल तत्व होते हैं, जो आपको इंफेक्शन से बचाने में मदद करते हैं। एक दक्षिण अफ्रीकी अध्ययन के अनुसार, काली मिर्च में मौजूद लार्विसाइडल प्रभाव मच्छरों से होने वाले संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करता है
इसको बनाने के लिए पांच काली मिर्च को पीसकर पानी में भिगो दें। इस पानी को उबालें और छानकर पिएं। इस ड्रिंक में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो कैंसर से बचाता है। इसमें मौजूद पोटेशियम से ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल में रहता है। कार्बोहाइड्रेट्स से शरीर की कमजोरी दूर होती है। काली मिर्च को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से बॉडी को भरपूर आयरन मिलता है। यह एनीमिया यानि खून की कमी से भी बचाता है यह जॉइंट पैन से बचाव करता है। इससे बॉडी के जहरीले पदार्थ यानि टॉक्सिन्स दूर होते हैं। यह कब्ज को भी दूर करता है। इससे बॉडी का मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। यह तेजी से वजन कम करता है। इससे शरीर में नमी बनी रहती है। इससे चेहरे की चमक बढ़ती है। इससे मसल्स मजबूत होती हैं।
आँखों की पलकों के किनारे निकलने वाली गुहेरी (छोटी फुंसी ) पर काली मिर्च को पानी में पीसकर लेप करने से बहुत लाभ होता है।
नीबू और अदरक के 5-5 ग्राम रस में 1 ग्राम काली मिर्च का पाउडर मिलाकर सेवन करने से पेट का दर्द शीघ्र ठीक होता है।
कालीमिर्च के 5 दाने मिसरी मिले दूध के साथ निगलने से तेज जुकाम भी जल्द ही ठीक होता है।
कालीमिर्च का आधा चम्मच पाउडर लेकर उसमें शहद और घी मिलाकर लेने से सर्दी से जुकाम सिरदर्द ठीक होते हैं।
सर्दी से होने वाले छाती का दर्द भी ठीक होता है। और कफ भी सरलता से निकल जाता है। सर्दी से बचने के लिए काली मिर्च के उपाय के रूप में आप इसे चाय या दूध में मिलाकर पी सकते हैं |
कालीमिर्च को घी में घिसकर बूंद-बूंद नाक में टपकाने से आधा सर का दर्द (माइग्रेन) ठीक होता है।
काली मिर्च की तासीर गर्म होती है। गर्मी के दिनों में गर्मी को कम करने के लिए इसे गुनगुने पानी के साथ लेना फायदेमंद होता है।
सुबह सुबह गर्म पानी के साथ कालीमिर्च का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है | इसके अलावा ये हमारे बॉडी सेल्स को भी पोषण देने का काम भी करती है |
जुकाम होने पर पिसी काली मिर्च मिलाकर गर्म दूध पीएं।
यदि जुकाम (cold cough ) लम्बे समय से बार-बार होता है और छींके आती हैं तो काली मिर्च की संख्या एक से शुरू करके रोज एक बढ़ाते हुए 15 दिन तक खाएं। ऐसा ही 15 दिन के बाद वापस एक-एक घटाते हुए खत्म करें। ऐसा करने से पुराना जुकाम नजला खत्म हो जाएगा।
खांसी होने पर आधा चम्मच काली मिर्च का पाउडर और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में 3-4 बार खाने से खांसी दूर होती है 
             1 हल्दी के गुण धर्म
रोजाना कम से कम 1 ग्राम हल्दी का सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। जिससे शरीर को मौसमी बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है। इसके साथ ही हल्दी शरीर में टी.बी की बीमारी को बढ़ाने वाले हानिकारक कारकों को खत्म करती है।

#बुढ़ापा_नापने_का_थर्मामीटर
😄😂🤣

1. दोस्त बुलाये पर, जानें का दिल न करे,
समझ लो बूढ़े हो गए।

2. पड़ोसन की जगह,पत्नी पर ज़्यादा प्यार आनें लगे,
समझ लो बूढ़े हो चले।

3. नए कपड़े खरीदनें की,इच्छा कम हो रही हो,
तो समझना बूढ़े हो चले।

4. रेस्टोरेंट में खाना खाते वक़्त,घर के खाने की याद आने लगे,
समझना बूढ़े हो चले।

5. बारिश हो रही हो और,पकौड़े की जगह छाता याद आये,
समझो बूढ़े हो चले।

6. हर बात पर युवाओं के,फैशन पर टिप्पणी करनें लगे हो,
समझना बूढ़े हो चले।

7. मौज-मस्ती वाली फिल्मों की,आलोचना करनें लगे हो तो,
समझना बूढ़े हो चले।

8. मस्त-महफ़िल सजी हो और,उस दौरान मशवरा देने लग जाओ,
तो समझना बूढ़े हो चले।

9. फूल पर गुनगुनाते भंवरे को देख,रोमांटिक गाना न याद आये,
समझना बूढ़े हो चले।

10. बेफिक्री छोड़ सर पर चिंता, की टोकरी उठा ली हो,
समझना बूढ़े हो चले।

12. घर से बाहर नहीं निकलने के बहाने बढ़ गए,
तो समझो बूढ़े हो गए।

13. इस पोस्ट को पढ़ने के बाद वाह वाह करने की इच्छा नहीं है,
तो समझो बूढ़े हो गए। 😀
सदैव युवा बने रहने और बीपी शूगर थाईराईड ओवैसिटी घुटने दर्द बदन दर्द जैसी समस्याओं पर परामर्श एवं निदान के लिए बनें आयुर्वेदिक स्वास्थ्य जागरूकता का हिस्सा
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