आज का पंचाग आपका राशि फल और ऐसे हो भी हो सकते हैं राधा रानी के दर्शन

📖 *नीतिदर्शन………………..*✍ *तत्कर्म यन्न बन्धाय सा विद्या या विमुक्तये।* *आसायायापरं कर्म विद्यान्या शिल्पनैपुणम्।।* 📝 *भावार्थ* 👉🏾 कर्म वही है, जो बन्धनका कारण न हो और विद्या भी वही है, जो मुक्ति की साधिका हो। इसके अतिरिक्त और कर्म तो परिश्रमरूप तथा अन्य विद्याएँ कला–कौशलमात्र हैं। 💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐🌹 ………..|| *पञ्चाङ्गदर्शन* ||……….🌹 *श्रीशुभ वैक्रमीय सम्वत् २०७७ || शक-सम्वत् १९४२ || याम्यायन् || प्रमादी नाम संवत्सर|| हेमन्त ऋतु || मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष || अष्टमी तिथि अपराह्न ६:१४ तक उपरान्त नवमी || भौमवासर || पौष सौर ०८ प्रविष्ठ || तदनुसार २२ दिसम्बर २०२० ई० || नक्षत्र उत्तराभाद्रपदा || मीनस्थ चन्द्रमा ||* 💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐  📖 *नीतिदर्शन………………*✍ *न देवा दण्डमादाय रक्षन्ति पशुपालवत्।* *यं तु रक्षतुमिच्छन्ति बुद्ध्या संविभजन्ति तम्।।* 📝 *भावार्थ* 👉🏾 देवता लोग चरवाहोंकी तरह डंडा लेकर पहरा नहीं देते, उन्हें जिसकी रक्षा अभीष्ट होती है, उसे वे उत्तम बुद्धि प्रदान कर देते हैं। 💐👏🏾 *सुदिनम्* 👏🏾💐 🌹.🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉 🌄सुप्रभातम🌄 🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓 🌻मंगलवार, २२ दिसंबर २०२०🌻 सूर्योदय: 🌄 ०७:२१ सूर्यास्त: 🌅 ०५:२१ चन्द्रोदय: 🌝 १२:४३ चन्द्रास्त: 🌜००:५५ अयन 🌕 दक्षिणायने (दक्षिणगोलीय) ऋतु: 🌲 हेमन्त शक सम्वत: 👉 १९४२ (शर्वरी) विक्रम सम्वत: 👉 २०७७ (प्रमादी) मास 👉 मार्गशीर्ष पक्ष 👉 शुक्ल तिथि 👉 अष्टमी – १८:१४ तक नक्षत्र 👉 उत्तराभाद्रपद – ०१:३८ तक योग 👉 व्यतीपात – १२:११ तक प्रथम करण 👉 बव – १८:१४ तक द्वितीय कारण 👉 बालव – पूर्ण रात्रि 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰️〰️ ॥ गोचर ग्रहा: ॥ 🌖🌗🌖🌗 सूर्य 🌟 धनु चंद्र 🌟 मीन मंगल 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी) बुध 🌟 धनु (अस्त, पूर्व, मार्गी) गुरु 🌟 मकर (उदित, पश्चिम, मार्गी) शुक्र 🌟 तुला (उदित, पूर्व, मार्गी) शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी) राहु 🌟 वृष केतु 🌟 वृश्चिक 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 शुभाशुभ मुहूर्त विचार ⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳ 〰〰〰〰〰〰〰 अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५५ से १२:३६ अमृत काल 👉 २०:१९ से २२:०५ सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ०७:०९ से ०१:३८ रवियोग ०१:३८ से ०७:१० विजय मुहूर्त 👉 १३:५८ से १४:३९ सायाह्न सन्ध्या 👉 १७:२२ से १८:४५ राहुकाल 👉 १४:४९ से १६:०५ राहुवास 👉 पश्चिम यमगण्ड 👉 ०९:४३ से १०:५९ होमाहुति 👉 शुक्र दिशाशूल 👉 उत्तर अग्निवास 👉 पृथ्वी – १८:१४ तक चन्द्रवास 👉 उत्तर 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ☄चौघड़िया विचार☄ 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ ॥ दिन का चौघड़िया ॥ १ – रोग २ – उद्वेग ३ – चर ४ – लाभ ५ – अमृत ६ – काल ७ – शुभ ८ – रोग ॥रात्रि का चौघड़िया॥ १ – काल २ – लाभ ३ – उद्वेग ४ – शुभ ५ – अमृत ६ – चर ७ – रोग ८ – काल नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 शुभ यात्रा दिशा 🚌🚈🚗⛵🛫 उत्तर-पश्चिम (धनिया अथवा दलिया का सेवन कर यात्रा करें) 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 तिथि विशेष 🗓📆🗓📆 〰️〰️〰️〰️ राष्ट्रीय पौष मास आरम्भ आदि। 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 〰〰〰〰〰〰〰〰〰️〰️ आज ०१:३८ तक जन्मे शिशुओ का नाम उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (थ, झ, ञ) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम रेवती नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय चरण अनुसार क्रमश (दे, दो) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है। 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 उदय-लग्न मुहूर्त धनु – ०६:४४ से ०८:४८ मकर – ०८:४८ से १०:२९ कुम्भ – १०:२९ से ११:५५ मीन – ११:५५ से १३:१८ मेष – १३:१८ से १४:५२ वृषभ – १४:५२ से १६:४७ मिथुन – १६:४७ से १९:०२ कर्क – १९:०२ से २१:२३ सिंह – २१:२३ से २३:४२ कन्या – २३:४२ से ०२:०० तुला – ०२:०० से ०४:२१ वृश्चिक – ०४:२१ से ०६:४० 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 पञ्चक रहित मुहूर्त मृत्यु पञ्चक – ०७:०९ से ०८:४८ अग्नि पञ्चक – ०८:४८ से १०:२९ शुभ मुहूर्त – १०:२९ से ११:५५ रज पञ्चक – ११:५५ से १३:१८ अग्नि पञ्चक – १३:१८ से १४:५२ शुभ मुहूर्त – १४:५२ से १६:४७ रज पञ्चक – १६:४७ से १८:१४ शुभ मुहूर्त – १८:१४ से १९:०२ चोर पञ्चक – १९:०२ से २१:२३ शुभ मुहूर्त – २१:२३ से २३:४२ रोग पञ्चक – २३:४२ से ०१:३८ शुभ मुहूर्त – ०१:३८ से ०२:०० मृत्यु पञ्चक – ०२:०० से ०४:२१ अग्नि पञ्चक – ०४:२१ से ०६:४० शुभ मुहूर्त – ०६:४० से ०७:१० 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 आज का राशिफल 🐐🐂💏💮🐅👩 〰️〰️〰️〰️〰️〰️ मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ) आज भी परिस्थियां आपके विपरीत ही रहने वाली है कल से स्थिति में सुधार आने लगेगा इसलिये महत्त्वपूर्ण निर्णय कल के ऊपर टालना बेहतर रहेगा। आज दिन के पूर्वार्द्ध से ही मन किसी अनजाने भय से व्याकुल रहेगा। कार्य व्यवसाय में भी नुकसान के कारण डर कर कार्य करेंगे। उधारी के धन को लेकर भी मन मे चिंता लगी रहेगी। आज कोई भी अनैतिक कार्य करने से बचे अन्यथा कानूनी उलझनों में फंस सकते है। असफलता के कारण स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहने से घर का वातावरण अशांत होगा। मध्यान के बाद से स्थिति में सुधार तो आएगा लेकिन साहस की कमी निर्णय लेने से रोकेगी। घर का वातावरण संध्या बाद से सामान्य होने लगेगा लेकिन स्नेह की कमी फिर भी रहेगी। शरीर मे छोटे मोटे विकार लगे रहेंगे।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो) आज के दिन आप मेहनत करने में कमी नही रखेंगे फिर भी सफलता संदिग्ध ही रहेगी। नौकरी वाले जातको का ध्यान कार्य मे कम इधर उधर की बातों में अधिक रहेगा व्यवसाय से जुड़े लोग आज सौंदर्य अथवा साज सज्जा के सामान एवं दैनिक उपयोग की वस्तुओ एवं पर बिना विचार निवेश कर सकते है परन्तु तुरंत लाभ की उम्मीद न रखे निकट भविष्य में अवश्य धन मिलेगा। आज भी आवश्यकता अनुसार धन कही न कहींसे मिल ही जायेगा। पति पत्नी के बीच संबंधों में निकटता आएगी छोटी मोटी बातो को अनदेखा करें संतान के विषय मे अशुभ समाचार मिलने से चिंता होगी। माता की सेहत भी चिंता का विषय बनेगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा) आज आपका पल पल में बदलता स्वभाव स्वयं के साथ आस पास के लोगो को भी असमंजस में डालेगा। घर अथवा कार्य क्षेत्र पर बदलाव लाने का विचार बनेगा परन्तु आज ना ही करे तो बेहतर रहेगा कार्य व्यवसाय से लाभ की संभावना दिन भर बनी रहेगी लेकिन होगा आकस्मिक ही। आर्थिक कारणों से किसी से कलह होने की संभावना है धैर्य से काम के अन्यथा संबंध खराब हो सकते है। संतान का महत्त्वपूर्ण सहयोग कार्य क्षेत्र पर मिलेगा लेकिन इससे कोई विशेष लाभ नही उठा पाएंगे। आज सहकर्मी एवं पति-पत्नी के प्रति मन मे हीन भावना आएगी। हरि वस्तुओ की दलाली से अच्छा लाभ मिल सकता है। आवश्यक कार्य दिन रहते कर ले कल से परिस्थिति हानिकारक बनने वाली है। स्वास्थ्य में शाम से गिरावट अनुभव करेंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो) आज का दिन आपके लिये उतार चढ़ाव से भरा रहेगा लेकिन स्वभाव से परोपकारी रहने का लाभ किसी न किसी रूप में अवश्य मिलेगा। धर्म कर्म में आज भी काफी निष्ठा रहेगी लेकिन पूजा पाठ के लिये समय कम ही मिल पायेगा। कार्य व्यवसाय को लेकर मन में सुबह से ही योजना बनाते रहेंगे लेकिन आज सहयोग की कमी अथवा किसी अन्य के विलंब के कारण मध्यान के बाद ही सोची योजना पर कार्य आरंभ हो सकेगा। धन की आमद संभावना होने पर भी अंतिम क्षण में आगे के लिये लटक सकती है। आज आपको कोई मूल्यवान वस्तु मिलने की संभावना है लेकिन इसके गलत हाथ मे जाने से हानि भी हो सकती हैं। हर किसी पर विश्वाश ना करें। सन्तानो को छोड़ घर के अन्य सभी सदस्य एकमत रहेंगे खास कर पति पत्नी में अच्छी पटेगी। कुछ समय के लिये शारीरिक शिथिलता भी बनेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे) बीते दिन की असंयमित दिनचार्य का प्रभाव आज दिन के पहले भाग में देखने को मिलेगा थकान एवं शरीर मे अकड़न की शिकायत के चलते दैनिक कार्य भी जबरदस्ती करने पड़ेंगे पुरुषों की अपेक्षा महिलाओ को अधिक कमजोरी अनुभव होगी। मध्यान से राहत मिलने लगेगी फिर भी आज आपका मन उखड़ा हुआ ही रहेगा। कार्य व्यवसाय से थोड़ा बहुत लाभ आसानी से हो जावेगा ज्यादा लोभ से बचे आयात निर्यात अथवा बाहरी क्षेत्र संबंधित कार्यो से कुछ ख़र्च करने के बाद धन लाभ हो सकता है लेकिन आज धन को रोक नही पाएंगे। संध्या से पहले किसी भी कार्य मे जोखिम ना ले संध्या के बाद किया निवेश शीघ्र ही फलती होगा। बिजली के उपकरण एवं वाहनादि से सावधानी बरतें।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो) आज के दिन आप अपनी ही मस्ती में मस्त रहेंगे किसी कार्य मे सहज सफलता मिलने से मन ही मन प्रसन्न भी रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज व्यवसाय आशानुकूल नही रहेगा फिर भी पैतृक व्यवसाय से अल्प लाभ हो जाएगा। खाद्य प्रदार्थ स्वर्ण एवं सफेद वस्तुओ में निवेश आगे लाभ दिलाएगा।पिता अथवा पैतृक मामलों में किसी परिजन से तीखी बहस हो सकती है व्यवहार में नरमी बरते अन्यथा आगे के लिये परेशानी होगी। भाई बंधुओ के ऊपर भी खर्च हो सकता है। सरकारी एवं जमीनी मामलों को आज प्राथमिकता दे लेदेकर सफल होने के ज्यादा आसार है। घर मे पति अथवा पत्नी की सेहत अकस्मात खराब होगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते) आज के दिन आपसे भावनाओ में बहकर कोई अनैतिक कार्य हो सकता है जिसका बाद में पछतावा भी होगा। कार्य क्षेत्र पर कई बार लाभ की संभावना बनेगी लेकिन लाभ आज मुश्किल से ही हो पायेगा। सफेद वस्तुओ के व्यवसाय में आज तेजी रहेगी लेकिन व्यवसायी वर्ग भविष्य के लिये काली वस्तुओ में निवेश करे लाभ की संभावना अधिक रहेगी किसी को उधार देना पड़ेगा। शल्य चिकित्सा के योग भी है कराने से पहले अनुभवी की सलाह अवश्य लें। घर का वातावरण नरम गरम रहेगा पतिपत्नी के बीच शंका जन्म लेने से कलह हो सकती है। सन्तानो से भी संबंधों में चंचलता आएगी। सिर अथवा हड्डी संबंधित विकार से परेशानी हो सकती है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू) आज के दिन आपका व्यवहार एक समान नही रहेगा जिससे स्वार्थ होगा उसी से व्यवहार करना पसंद करेंगे विपरीत लिंगीय आकर्षण आज भी अधिक रहेगा नियंत्रण में रहे अन्यथा निकट भविष्य में किसी मुसीबत में फंस सकते है। कार्य व्यवसाय आज अनिश्चितता रहेगी मध्यान के आस पास आकस्मिक लाभ की संभावना है लापरवाही ना करें वरना आपके हिस्से का लाभ किसी प्रतिद्वन्दी के हिस्से में भी जा सकता है। आज सार्वजिक क्षेत्र पर कम बोलने पर ही सम्मान मिलेगा इसका भी ध्यान रखें। कार्य क्षेत्र पर स्वार्थी व्यवहार के कारण पुराने संबंध खराब हो सकते है। दाम्पत्य जीवन मे भी आज तालमेल कम ही रहेगा पति पत्नी एक दूसरे की कमियां निकालेंगे लेकिन संताने विवेकी व्यवहार करेंगी। मूत्राशय संबंधित रोग हो सकता है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे) आज का दिन आप शांति से बिताने का प्रयास करेंगे लेकिन घर अथवा कार्य क्षेत्र का वातावरण क्रोध के लिये उकसाएगा। काम धंधे को लेकर आज ज्यादा भागदौड़ करनी पड़ेगी फिर भी परिणाम आशाजनक नही मिलेंगे केवल कमीशन वाले कार्यो से जुड़े लोग कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमा सकेंगे अन्य व्यवसायी वर्ग को लाभ के लिये इंतजार करना पड़ेगा नौकरी पेशा लोग अपने व्यवहार में मिठास रखें अन्यथा स्थान परिवर्तन या नौकरी खतरे में पड़ सकती हैं पति अथवा संतान का व्यवहार दुखी करेगा फिर भी महिलाएं आज बेतुकी बयानबाजी से बचे। वायु विकार से शरीर मे दर्द एवं गैस बदहजमी की शिकायत होगी।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी) आज के दिन आपका स्वभाव अत्यंत जिद्दी रहेगा लेकिन इसका कुछ न कुछ लाभ भी मिलेगा। आज जिस कार्य को हाथ मे लेंगे उसे लाभ हानि की परवाह किये बिना पूर्ण करने के बाद ही चैन से बैठेंगे। मध्यान के समय व्यवसाय अथवा नौकरी में सहकर्मी अधिकारी से अहम को लेकर टकराव की स्थिति बनेगी लेकिन थोड़े ही देर में कोई शुभ समाचार मिलने पर वातावरण शांत हो जाएगा। आज आध्यात्म से अवश्य जुड़े रहे इसका अप्रत्यक्ष लाभ जरूर मिलेगा। घर मे भी सदस्यों में श्रेष्ठ दिखने की होड़ रहेगी। भाई बंधुओ से व्यवहार बनाये रहे आकस्मिक लाभ मिल सकता है। पर्यटन की योजना बनेगी निकट भविष्य में इसपर अधिक खर्च होगा। नेत्र संबन्धित विकार हो सकता है।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा) आज के दिन आपका स्वभाव तो संतोषि रहेगा परिस्थिति के अनुसार स्वयं को ढाल लेंगे लेकिन घर के सदस्यों की महात्त्वकांक्षाये अधिक रहेगी खास कर महिलाए एवं संतान देखादेखी में किसी महंगी वस्तु की मांग कर दुविधा में डालेंगी।परिवार के बुजुर्ग को छोड़ अन्य सभी आपके उदासीन व्यवहार से चिड़ेंगे। भाई बंधुओ से भी किसी बात को लेकर जिद बहस होगी लेकिन आपका नरम व्यवहार मामले को गंभीर नही होने देगा। सरकार संबंधित कार्य से भागदौड़ के बाद आज भी कोई परिणाम नही मिलने से मन परेशान होगा। लेकिन बेरोजगार लोग प्रयास जारी रखें कहीं से शुभ समाचार मिल सकते है। संध्या के समय धन संबंधित मामलों को लेकर मन मे हीं भावना आएगी।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची) आज का दिन लगभग ठीक ठाक ही रहेगा आपकी मानसिकता सुखोपभोग की अधिक रहेगी इसके ऊपर खर्च करने में सोचेंगे नही। भाग्य का साथ भी मिलने से जिस कार्य को करेंगे उसमे अन्य की तुलना में शीघ्र ही सफलता पा लेंगे धन लाभ भी आज आवश्यकता से अधिक होगा। कार्य क्षेत्र पर विवेक का परिचय दे भागीदारों अथवा अन्य सहकर्मियो से किसी बात को लेकर गलतफहमी पनपेगी। घर का वातावरण आनददायक रहेगा माता से विशेष लगाव होने से मनोकामना पूर्ति हो सकेगी लेकिन संतान संबंधित कोई नई समस्या से परेशान होंगे संध्या बाद का समय दिन की तुलना में शांति से बिताएंगे परोपकार की भावना आज कम ही रहेगी। सेहत आज ठीक ही रहेगी। 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰️ 🙏राधे राधे🙏 💠 बड़ी सुन्दर सत्य कथा है अवश्य पढ़े 💠 बरसाने के एक संत की कथा एक संत बरसाना में रहते थे और हर रोज सुबह उठकर यमुना जी में स्नान करके राधा जी के दर्शन करने जाया करते थे यह नियम हर रोज का था। जब तक राधा रानी के दर्शन नहीं कर लेते थे,तब तक जल भी ग्रहण नहीं करते थे। दर्शन करते करते तकरीबन उनकी ऊम्र अस्सी वर्ष की हो गई। आज सुबह उठकर रोज की तरह उठे और यमुना में स्नान किया और राधा रानी के दर्शन को गए। मन्दिर के पट खुले और राधा रानी के दर्शन करने लगे। दर्शन करते करते संन्त के मन मे भाव आया की :- “मुझे राधा रानी के दर्शन करते करते आज अस्सी वर्ष हो गये लेकिन मैंने आज तक राधा रानी को कोई भी वस्त्र नहीं चड़ाये लोग राधा रानी के लिये, कोई नारियल लाता है, कोई चुनरिया लाता है, कोई चूड़ी लाता है, कोई बिन्दी लाता है, कोई साड़ी लाता है, कोई लहंगा चुनरिया लाता है। लेकिन मैंने तो आज तक कुछ भी नहीं चढ़ाया है।” यह विचार संत जी के मन मे आया की “जब सभी मेरी राधा रानी लिए कुछ ना कुछ लाते है, तो मैं भी अपनी राधा रानी के लिए कुछ ना कुछ लेकर जरूर आऊँगा। लेकिन क्या लाऊं? जिससे मेरी राधा रानी खुश हो जाये ? तो संन्त जी यह सोच कर अपनी कुटिया मे आ गए। सारी रात सोचते सोचते सुबह हो गई उठे उठ कर स्नान किया और आज अपनी कुटिया मे ही राधा रानी के दर्शन पूजन किया। दर्शन के बाद मार्केट मे जाकर सबसे सुंदर वाला लहंगा चुनरिया का कपड़ा लाये और अपनी कुटिया मे आकर के अपने ही हाथों से लहंगा-चुनरिया को सिला और सुंदर से सुंदर उस लहंगा-चुनरिया मे गोटा लगाये। जब पूरी तरह से लहंगा चुनरिया को तैयार कर लिया तो मन में सोचा कि “इस लहंगा चुनरिया को अपनी राधा रानी को पहनाऊगां तो बहुत ही सुंदर मेरी राधा रानी लगेंगी।” यह सोच करके आज संन्त जी उस लहंगा-चुनरिया को लेकर राधा रानी के मंदिर को चले। मंदिर की सीढ़ियां चढ़ने लगे और अपने मन में सोच रहे हैं , “आज मेरे हाथों के बनाए हुए लहंगा चुनरिया राधा रानी को पहनाऊगां तो मेरी लाड़ली खूब सुंदर लगेंगी” यह सोच कर जा रहे हैं। इतने मे एक बरसाना की लड़की(लाली)आई और बाबा से कहती है :- “बाबा आज बहुत ही खुश हो, क्या बात है ? बाबा बताओ ना !” तो बाबा ने कहा कि :- “लाली आज मे बहुत खुश हूँ। आज मैं अपने हाथों से राधा रानी के लिए लहंगा-चुनरिया बनाया है। इस लहँगा चुनरिया को राधा रानी जी को पहनाऊंगा और मेरी राधा रानी बहुत सुंदर दिखेंगी।” उस लाली ने कहा :- “बाबा मुझे भी दिखाओ ना आपने लहँगा चुनरिया कैसी बनाई है।” लहँगा चुनरिया को देखकर वो लड़की बोली :- “अरे बाबा राधा रानी के पास तो बहुत सारी पोशाक है। तो ये मुझे दे दो ना।” तो महात्मा बोले की :- “बेटी तुमको मैं दूसरी बाजार से दिलवा दूंगा। ये तो मै अपने हाथ से बनाकर राधा रानी के लिये लेकर जा रहा हूँ। तुमको और कोई दुसरा दिलवा दूंगा।” लेकिन उस छोटी सी बालिका ने उस महात्मा का दुपट्टा पकड़ लिया “बाबा ये मुझे दे दो”, पर संत भी जिद करने लगे की “दूसरी दिलवाऊंगा ये नहीं दूंगा।” लेकिन वो बच्ची भी इतनी तेज थी की संत के हाथ से छुड़ा लहँगा-चुनरिया को छीन कर भाग गई। अब तो बाबा को बहुत ही दुख लगा की “मैंने आज तक राधा रानी को कुछ नहीं चढ़ाया। लेकिन जब लेकर आया तो लाली लेकर भाग गई। मेरा तो जीवन ही खराब हैं। अब क्या करूँगा?” यह सोच कर संन्त उसी सीढ़ियों में बैठे करके रोने लगे। इतने मे कुछ संत वहाँ आये और पूछा :- “क्या बात है, बाबा ? आप क्यों रो रहे हैं।” तो बाबा ने उन संतों को पूरी बात बताया, संतों ने बाबा को समझाया और कहा कि :- “आप दुखी मत हो कल दूसरी लहँगा चुनरिया बना के राधा रानी को पहना देना। चलो राधा रानी के दर्शन कर लेते है।” इस प्रकार संतो ने बाबा को समझाया और राधा रानी के दर्शन को लेकर चले गये। रोना तो बन्द हुआ लेकिन मन ख़राब था क्योंकि कामना पूरी नहीं हुई ना, तो अनमने मन से राधा रानी का दर्शन करने संत जा रहे थे और मन में ये ही सोच रहे है ” की मुझे लगता है की किशोरी जी की इच्छा नहीं थी , शायद राधा रानी मेरे हाथो से बनी पोशाक पहनना ही नहीं चाहती थी ! “, ऐसा सोचकर बड़े दुःखी होकर जा रहे है। मंदिर आकर राधा रानी के पट खुलने का इन्तजार करने लगे। थोड़े ही देर बाद मन्दिर के पट खुले तो संन्तो ने कहा :- “बाबा देखो तो आज हमारी राधा रानी बहुत ही सुंदर लग रही है।” संतों की बात सुनकर के जैसे ही बाबा ने अपना सिर उठा कर के देखा तो जो लहँगा चुनरिया बाबा ने अपने हाथों से बनाकर लाये थे, वही आज राधा रानी ने पहना था। बाबा बहुत ही खुश हो गये और राधा रानी से कहा हे “राधा रानी,आपको इतना भी सब्र नहीं रहा आप मेरे हाथों से मंदिर की सीढ़ियों से ही लेकर भाग गईं ! ऐसा क्यों?” सर्वेश्वरी श्री राधा रानी ने कहा की “बाबा आपके भाव को देखकर मुझ से रहा नहीं गया और ये केवल पोशाक नही है, इस मैं आपका प्रेम है तो मैं खुद ही आकर के आपसे लहँगा चुनरिया छीन कर भाग गई थी।” इतना सुनकर के बाबा भाव विभोर हो गये और बाबा ने उसी समय किशोरी जी का धन्यवाद किया। ❤️🙏बोलिए श्री राधा रानी की जय 🙏❤️

जितना डर कोरोना से लग रहा है,
अगर उतना डर कर्मों से भी लगने लगे
तो दुनिया अपने आप स्वर्ग बन जाए !!

🌹💐🌹सुप्रभात🌹💐🌹