आज का पंचाग आपका राशि फल, क्यों सब तीर्थ बार बार गंगा सागर एक बार, बिजली बनाने का सिद्धान्त ऋषि अगस्त्य का दिया हुआ है

निश्चित ही बिजली का आविष्कार बेंजामिन फ्रेंक्लिन ने किया लेकिन बेंजामिन फ्रेंक्लिन अपनी एक किताब में लिखते हैं कि एक रात मैं संस्कृत का एक वाक्य पढ़ते-पढ़ते सो गया। उस रात मुझे स्वप्न में संस्कृत के उस वचन का अर्थ और रहस्य समझ में आया जिससे मुझे मदद मिली।

महर्षि अगस्त्य एक वैदिक ऋषि थे। महर्षि अगस्त्य राजा दशरथ के राजगुरु थे। इनकी गणना सप्तर्षियों में की जाती है। ऋषि अगस्त्य ने ‘अगस्त्य संहिता’ नामक ग्रंथ की रचना की। आश्चर्यजनक रूप से इस ग्रंथ में विद्युत उत्पादन से संबंधित सूत्र मिलते हैं-

संस्थाप्य मृण्मये पात्रे ताम्रपत्रं सुसंस्कृतम्‌।
छादयेच्छिखिग्रीवेन चार्दाभि: काष्ठापांसुभि:॥

दस्तालोष्टो निधात्वय: पारदाच्छादितस्तत:।
संयोगाज्जायते तेजो मित्रावरुणसंज्ञितम्‌॥
-अगस्त्य संहिता

अर्थात : एक मिट्टी का पात्र लें, उसमें ताम्र पट्टिका (Copper Sheet) डालें तथा शिखिग्रीवा (Copper sulphate) डालें, फिर बीच में गीली काष्ट पांसु (wet saw dust) लगाएं, ऊपर पारा (mercury‌) तथा दस्त लोष्ट (Zinc) डालें, फिर तारों को मिलाएंगे तो उससे मित्रावरुणशक्ति (Electricity) का उदय होगा।

अगस्त्य संहिता में विद्युत का उपयोग इलेक्ट्रोप्लेटिंग (Electroplating) के लिए करने का भी विवरण मिलता है। उन्होंने बैटरी द्वारा तांबे या सोने या चांदी पर पॉलिश चढ़ाने की विधि निकाली अत: अगस्त्य को कुंभोद्भव (Battery Bone) कहते हैं

सारे तीरथ बार-बार गंगा सागर एक बार जाने क्यों

गंगा सागर को तीर्थों का पिता कहा जाता है, कहने का तात्पर्य है कि गंगा सागर का अन्य तीर्थों की अपेक्षा अत्यधिक महत्व है। शायद यही कारण है कि जन साधारण में यह कहावत बहुत प्रचलित है कि- ”सब तीरथ बार-बार, गंगा सागर एक बार।’
‘ गंगा जिस स्थान पर समुद्र में मिलती है, उसे गंगा सागर कहा गया है। गंगा सागर एक बहुत सुंदर वन द्वीप समूह है जो बंगाल की दक्षिण सीमा में बंगाल की खाड़ी पर स्थित है। प्राचीन समय में इसे पाताल लोक के नाम से भी जाना जाता था। कलकत्ते से यात्री प्रायः जहाज में गंगा सागर जाते हैं। 
यहां मेले के दिनों में काफी भीड़-भाड़ व रौनक रहती है। लेकिन बाकी दिनों में शांति एवं एकांकीपन छाया रहता है। तीर्थ स्थान-सागर द्वीप में केवल थोड़े से साधु ही रहते हैं। यह अब वन से ढका और प्रायः जनहीन है। इस सागर द्वीप में जहां गंगा सागर मेला होता है, वहां से एक मील उत्तर में वामनखल स्थान पर एक प्राचीन मंदिर है।
 इस समय जहां गंगा सागर पर मेला लगता है, पहले यहीं गंगाजी समुद्र में मिलती थी, किंतु अब गंगा का मुहाना पीछे हट गया है। अब गंगा सागर के पास गंगाजी की एक छोटी धारा समुद्र से मिलती है। आज यहां सपाट मैदान है और जहां तक नजर जाती है वहां केवल घना जंगल। 
मेले के दिनों में गंगा के किनारे पर मेले के स्थान बनाने के लिए इन जंगलों को कई मीलों तक काट दिया जाता है। गंगा सागर का मेला मकर संक्रांति को लगता है। खाने-पीने के लिए होटल, पूजा-पाठ की सामग्री व अन्य सामानों की भी बहुत-सी दुकानें खुल जाती हैं। 
सारे तीर्थों का फल अकेले गंगा सागर में मिल जाता है। संक्रांति के दिन गंगा सागर में स्नान का महात्म्य सबसे बड़ा माना गया है। प्रातः और दोपहर स्नान और मुण्डन-कर्म होता है। यहां पर लोग श्राद्ध व पिण्डदान भी करते हैं।
 कपिल मुनि के मंदिर में जाकर दर्शन करते हैं, इसके बाद लोग लौटते हैं ओर पांचवें दिन मेला समाप्त हो जाता है। गंगा सागर से कुछ दूरी पर कपिल ऋषि का सन् 1973 में बनाया गया नया मंदिर है जिसके बीच में कपिल ऋषि की मूर्ति है। 
उस मूर्ति के एक तरफ राजा भगीरथ को गोद में लिए हुए गंगाजी की मूर्ति है तथा दूसरी तरफ राजा सगर तथा हनुमान जी की मूर्ति है। इसके अलावा यहां सांखय योग के आचार्य कपिलानंद जी का आश्रम, महादेव मंदिर, योगेंद्र मठ, शिव शक्ति-महानिर्वाण आश्रम और भारत सेवाश्रम संघ का विशाल मंदिर भी हैं।
 रामायण में एक कथा मिलती है जिसके अनुसार कपिल मुनि किसी अन्य स्थान पर तपस्या कर रहे थे। ऐसे ही समय में अयोध्या के सूर्यवंशी राजा सगर एक अश्वमेध यज्ञ का अनुष्ठान करने लगे। उनके अश्वमेध यज्ञ से डरकर इंद्र ने राक्षस रूप धारण कर यज्ञ के अश्व को चुरा लिया और पाताल लोक में ले जाकर कपिल के आश्रम में बांध दिया। 
राजा सगर की दो पत्नियां थीं- केशिनी और सुमति। केशिनी के गर्भ से असमंजस पैदा हुआ और सुमति के गर्भ से साठ हजार पुत्र। असमंजस बड़ा ही उद्धत प्रकृति का था। वह प्रजा को बहुत पीड़ा देता था। अतः सगर ने उसे अपने राज्य से निकाल दिया था। 
अश्वमेध का घोड़ा चुरा लिये जाने के कारण सगर बड़ी चिंता में पड़ गये। उन्होंने अपने साठ हजार पुत्रों को अश्व ढूंढने के लिए कहा। साठों हजार पुत्र अश्व ढूंढते ढूंढते-ढूंढते पाताल लोक में पहुंच गये। 
वहां उन लोगों ने कपिल मुनि के आश्रम में यज्ञीय अश्व को बंधा देखा। उन लोगों ने मुनि कपिल को ही चोर समझकर उनका काफी अपमान कर दिया। अपमानित होकर ऋषि कपिल ने सभी को शाप दिया- ‘तुम लोग भस्म हो जाओ।
‘ शाप मिलते ही सभी भस्म हो गये। पुत्रों के आने में विलंब देखकर राजा सगर ने अपने पौत्र अंशुमान, जो असमंजस का पुत्र था, को पता लगाने के लिए भेजा। अंशुमान खोजते-खोजते पाताल लोक पहुंचा। वहां अपने सभी चाचाओं को भस्म रूप में परिणत देखा तो सारी स्थिति समझ गया। 
उन्होंने कपिल मुनि की स्तुति कर प्रसन्न किया। कपिल मुनि ने उसे घोड़ा ले जाने की अनुमति दे दी और यह भी कहा कि यदि राजा सगर का कोई वंशज गंगा को वहां तक ले आये तो सभी का उद्धार हो जाएगा। अंशुमान घोड़ा लेकर अयोध्या लौट आया। यज्ञ समाप्त करने के बाद राजा सगर ने 30 हजार वर्षों तक राज्य किया और अंत में अंशुमान को राजगद्दी देकर स्वर्ग सिधार गये। अंशुमान ने गंगा को पृथ्वी पर लाने का काफी प्रयत्न किया, लेकिन सफल नहीं हो पाया। अंशुमान के पुत्र दिलीप ने दीर्घकाल तक तपस्या की। 
लेकिन वह भी सफल नहीं हो पाया। दिलीप के पुत्र भगीरथ ने घोर तपस्या की। गंगा ने आश्वासन दिया कि मैं जरूर पृथ्वी पर आऊंगी, लेकिन जिस समय मैं स्वर्गलोक से पृथ्वी पर आऊंगी, उस समय मेरे प्रवाह को रोकने के लिए कोई उपस्थित होना चाहिए। 
भगीरथ ने इसके लिए भगवान शिव को प्रसन्न किया। भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटा में धारण कर लिया। भगीरथ ने उन्हें पुनः प्रसन्न किया तो शिवजी ने गंगा को छोड़ दिया।
 गंगा शिवजी के मस्तक से सात स्रोतों में भूमि पर उतरी। ह्रानिदी, पावनी और नलिनी नामक तीन प्रवाह पूर्व की ओर चल गये, वड.क्ष, सीता तथा सिंधु नामक तीन प्रवाह पश्चिम की ओर चले गये और अंतिम एक प्रवाह भगीरथ के बताए हुए मार्ग से चलने लगा। 
भगीरथ पैदल गंगा के साथ नहीं चल सकते थे, अतः उन्हें एक रथ दिया गया। भगीरथ गंगा को लेकर उसी जगह आये जहां उनके प्रपितामह आदि भस्म हुए थे। गंगा सबका उद्धार करती हुई सागर में मिल गयी। भगीरथ द्वारा लाये जाने के कारण गंगा का एक नाम भागीरथी भी पड़ा। 
जहां भगीरथ के पितरों का उद्धार हुआ, वही स्थान सागर द्वीप या गंगासागर कहलाता है। गंगा सागर से कुछ दूरी पर कपिल ऋषि का सन् 1973 में बनाया गया नया मंदिर है जिसके बीच में कपिल ऋषि की मूर्ति है। उस मूर्ति के एक तरफ राजा भगीरथ को गोद में लिए हुए गंगाजी की मूर्ति है तथा दूसरी तरफ राजा सगर तथा हनुमान जी की मूर्ति है 
जय मां गंगे
#by_संस्कारी_बालक
आज का पंचाग आपका राशि फल* 🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉  
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻शनिवार, १५ जनवरी २०२२🌻
 
सूर्योदय: 🌄 ०७:१५
सूर्यास्त: 🌅 ०५:४१
चन्द्रोदय: 🌝 १५:१९
चन्द्रास्त: 🌜३०:००
अयन 🌕 उत्तरायने (दक्षिणगोलीय
ऋतु: 🌫️ शिशिर 
शक सम्वत: 👉 १९४३ (प्लव)
विक्रम सम्वत: 👉 २०७८ (आनन्द)
मास 👉 पौष
पक्ष 👉 शुक्ल
तिथि 👉 त्रयोदशी (२४:५७ तक)
नक्षत्र 👉 मृगशिरा (२३:२१ तक)
योग 👉 ब्रह्म (१४:३४ तक)
प्रथम करण 👉 कौलव (११:३९ तक)
द्वितीय करण 👉 तैतिल (२४:५७ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 
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सूर्य 🌟 मकर
चंद्र 🌟 मिथुन (०९:५० से)
मंगल 🌟 वृश्चिक (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 मकर (अस्त, पश्चिम, वक्री)
गुरु 🌟 कुंम्भ (उदय, पूर्व, मार्गी)
शुक्र 🌟 धनु (उदय, पूर्व, वक्री)
शनि 🌟 मकर (उदय, पूर्व, मार्गी)
राहु 🌟 वृष
केतु 🌟 वृश्चिक
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०६ से १२:४७
अमृत काल 👉 १३:२६ से १५:१४
रवियोग 👉 २३:२१ से ३१:१४
विजय मुहूर्त 👉 १४:११ से १४:५२
गोधूलि मुहूर्त 👉 १७:२८ से १७:५२
निशिता मुहूर्त 👉 २३:५९ से २४:५३
राहुकाल 👉 ०९:५० से ११:०८
राहुवास 👉 पूर्व
यमगण्ड 👉 १३:४४ से १५:०३
होमाहुति 👉 शनि (२३:२१ तक)
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 आकाश 
चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम ०९:५१ से) 
शिववास 👉 नन्दी पर (२४:५७ भोजन में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 
१ – काल २ – शुभ
३ – रोग ४ – उद्वेग
५ – चर ६ – लाभ
७ – अमृत ८ – काल
॥रात्रि का चौघड़िया॥ 
१ – लाभ २ – उद्वेग
३ – शुभ ४ – अमृत
५ – चर ६ – रोग
७ – काल ८ – लाभ
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 
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शुभ यात्रा दिशा
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पश्चिम-दक्षिण (वायविन्डिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
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शनिप्रदोष व्रत, गृहप्रवेश मुहूर्त प्रातः :३८ से ०९:५० तक, व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त प्रातः ०८:३८ से ०९:५० तक , वाहनादि क्रय-विक्रय मुहूर्त दोपहर १२:३६ से सायं ०४:३५ तक आदि।मकर संक्रान्ति॥ 
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 
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आज २३:२१ तक जन्मे शिशुओ का नाम      
मृगशिरा नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (वो, क, की) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओं का नाम आर्द्रा नक्षत्र के प्रथम चरण अनुसार क्रमश: (कु) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
धनु – २९:११ से ०७:१४
मकर – ०७:१४ से ०८:५६
कुम्भ – ०८:५६ से १०:२१
मीन – १०:२१ से ११:४५
मेष – ११:४५ से १३:१९
वृषभ – १३:१९ से १५:१३
मिथुन – १५:१३ से १७:२८
कर्क – १७:२८ से १९:५०
सिंह – १९:५० से २२:०९
कन्या – २२:०९ से २४:२७
तुला – २४:२७ से २६:४८
वृश्चिक – २६:४८ से २९:०७
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०७:१४ से ०७:१४
रोग पञ्चक – ०७:१४ से ०८:५६
शुभ मुहूर्त – ०८:५६ से १०:२१
मृत्यु पञ्चक – १०:२१ से ११:४५
रोग पञ्चक – ११:४५ से १३:१९
शुभ मुहूर्त – १३:१९ से १५:१३
मृत्यु पञ्चक – १५:१३ से १७:२८
अग्नि पञ्चक – १७:२८ से १९:५०
शुभ मुहूर्त – १९:५० से २२:०९
रज पञ्चक – २२:०९ से २३:२१
शुभ मुहूर्त – २३:२१ से २४:२७
चोर पञ्चक – २४:२७ से २४:५७
शुभ मुहूर्त – २४:५७ से २६:४८
रोग पञ्चक – २६:४८ से २९:०७
शुभ मुहूर्त – २९:०७ से ३१:१४
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आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आप मौज-मस्ती के मूड में रहेंगे लेकिन आपका स्वभाव पल पल में बदलने से सहजनो को असुविधा होगी। टालने पर भी धार्मिक आयोजनों में भी सम्मिलित होने का अवसर मिलेगा। कार्य क्षेत्र पर जिस कार्य को नही करना चाहिये उसी कार्य से अपने बुद्धि बल से लाभ अर्जित करेंगे अधिकांश कार्य निर्धारित समय पर पूरे होंगे फिर भी धन संबंधित समस्या बनी रहेगी। परिजनों से अत्यधिक भावनात्मक सम्बन्ध रहने के कारण नाजायज लाभ उठाएंगे। संध्या के समय किसी मनोकामना की पूर्ति होगी सेहत लगभग ठीक ही रहेगी।
 
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपके लिए विशेष परिश्रम वाला रहेगा मन ना होने पर भी कई दिनों से रुके घरेलू कार्य के साथ व्यावसायिक कार्य भी एकसाथ आने से स्वभाव में चिड़चिड़ापन बनेगा। कार्य क्षेत्र पर आज प्रतिस्पर्धा बढ़ने से आपका दिन संघर्षमय रहेगा अपने कार्य स्वयं करने का प्रयास करें आज किसी पर अतिविश्वास हानि कराएगा। अचल संपत्ति संबंधित कार्य सरकारी अनियमित्तताओ के कारण अधूरे रहने पर क्रोध आएगा। आकस्मिक दुर्घटना के भी योग है यथा संभव यात्रा टाले वाहन, पानी से सतर्क रहें। परिजनों की अनदेखी से व्यवहार में थोड़ा रूखापन आएगा। सेहत आज किसी न किसी कारण से नरम गरम ही रहेगी। 
 
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन चंचलता आपके मन मस्तिष्क पर हावी रहेगी। स्वयं किसी को।कुछ भी बोल देंगे लेकिन किसी अन्य की छोटी सी बात भी सहन नही कर पाएंगे जिससे टकराव की स्थिति बनेगी। मध्यान के बाद का समय आपको सावधानी से बिताने की सलाह है। आज आप भावुकता की अधिकता के कारण किसी से धोखा खा सकते है किसी से भी उधारी का व्यवहार ना करें। आकस्मिक खर्च से आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी। स्त्री एवं जल स्त्रोत से सावधान रहें। घर का वातावरण आपके कारण उदासीन रहेगा मनमौजी व्यवहार स्नेहीजनों से दूरी बढ़ाएगा। शारीरिक अकड़न की शिकायत हो सकती है।
 
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज का दिन आपको प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। प्रातःकाल से ही परिज अथवा किसी अन्य महत्त्वपूर्ण व्यक्ति की जिद परेशानी में डालेगी ऊपर से व्यवसाय में भी उतार चढ़ाव रहने से तालमेल नही बैठा सकेंगे। आज लाभ कमाने के लिए प्रतिष्ठा दांव पर लगाने वाली स्थिति बनेगी। कार्य क्षेत्र पर अव्यवस्था का वातावरण बनेगा। महिलाए आज विशेषकर बेतुकी बाते बोलने से बचे क्रोध पर भी संयम रखें मान हानि हो सकती है। बनते काम लटकने से हताश होंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी अनुभव होगी। सीमित साधनों से काम चलाये ज्यादा पाने की लालसा हाथ आये से भी वंचित कर सकती है। स्वास्थ्य कुछ समय के लिये प्रतिकूल होगा।
 
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिए अनुकूल रहेगा स्वभाव में आलस्य दिन के आरंभ से ही छाया रहेगा फिर भी अतिआवश्यक कार्यो में विलंब नही होने देंगे। आप में परोपकार की भावना अधिक रहेगी सामाजिक कार्यो में भी आज रुचि दिखायेंगे संगी साथियो का भी सहयोग मिलने से मान-सम्मान एवं आत्म विश्वास बढ़ेगा। काम-धंधे को लेकर ज्यादा गंभीर नही रहेंगे जिसके परिणाम स्वरूप आज अल्प लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। समय पर आवश्यकता पूर्ति करने पर परिवार में सुख-शांति का वातावरण रहेगा। संध्या का समय उत्तम भोजन वाहन सैर सपाटे में बीताएँगे। सेहत सामान्य रहेगी विपरीत लिंगीय आकर्षण अधिक रहेगा।
 
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन भी आपको शुभ फल देने वाला है। आज आप अपने व्यवहार कुशलता से किसी का भी दिल जीत सकते हैं आज के दिनों से मन मे चल रही किसी कामना पूर्ति से उत्साह बढ़ेगा लेकिन सरकारी अथवा अचल संपत्ति के दस्तावेज अधूरे रहने एवं घर का वातावरण अकस्मात गरम होने से थोड़ी परेशानी भी होगी। व्यवसाय में आज किया गया निवेश भविष्य के लिए लाभदायक रहेगा। संध्या बाद का समय दिनभर की तुलना में अधिक रोचक रहेगा मित्र-परिजनों के साथ मनोरंजन के अवसर मिलेंगे लेकिन संचित कोष में अधिक गिरावट भी देखने को मिलेगी। सब सुविधाएं मिलने पर भी अंत मे कोई न कोई कसर अनुभव करेंगे।
 
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन आप सुख-शांति से व्यतीत करेंगे नए कार्य के आरम्भ की रूप रेखा बनाएंगे लेकिन आज आलस्य के कारण बीच मे ही भूल भी जाएंगे। कार्य क्षेत्र पर अन्य दिनों की तुलना में आज कम समय देंगे लेकिन पुराने रुके धन की प्राप्ति होने पर संतोष होगा किसी से उलझने के प्रसंग भी बनेंगे आर्थिक विषयक बातो को शांति से सुलझाए अन्यथा बाद में उलझने अधिक बढ़ सकती है । मध्यान पश्चात का समय मित्रो के साथ मनोरंजन में बितायेंगे। पारिवारिक मतभेद सुलझने से राहत मिलेगी। स्त्री-संतान का सहयोग मिलेगा। असंयमित भोजन से पेट खराब हो सकता है। पर्यटक यात्रा के योग है।
 
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज के दिन आपको प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। आज आपमें आनंद एवं स्फूर्ति का अभाव रहने से कार्य में मन नहीं लगेगा पूर्व में लिए किसी गलत निर्णय के कारण भी आज हानि होने की संभावना है बेहतर रहेगा आज कोई भी निर्णय लेने से बचे। फिजूल खर्च अधिक रहने से आर्थिक स्थिति प्रभावित होगी। किसी परिजन से धन को लेकर विवाद हो सकता है। कर्ज लेने की स्थिति बन सकती है। अधिक क्रोध से बचें विशेषकर महिलाओ को सम्मान दे अन्यथा मान हानि भी हो सकती है। सेहत में भी कुछ न कुछ कमी लगी रहेगी जोखिम ना लें।
 
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा। आज आप वाणी की मधुरता एवं युक्तियों के बल पर बड़े लोगो से सम्बन्ध बनाएंगे जो कि भविष्य में आपके लिए लाभदायी सिद्ध होंगे आज भी जोखिम वाले कार्यो में थोड़ी परेशानी के बाद लाभ अवश्य होगा लेकिन स्वभाव में आलस्य पल पल पर बाधक भी बनेगा इससे बचने का प्रयास करें। धन की आमद आज अन्य दिनों की तुलना में कम ही होगी फिर भी इसकी परवाह नही करेंगे। महिलाओ को आज किसी प्रियजन के बिछड़ने अथवा अन्य कारणों से मन मे दुख होगा पारिवारिक सदस्यों का सहयोग मिलने से राहत भी मिलेगी। सेहत आज उत्तम बनी रहेगी। सन्तानो पर नजर रखे कुछ गड़बड़ कर सकते है।
 
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन व्यस्तता से भरा रहेगा साथ ही आज खर्चो पर नियंत्रण नही रहेगा अधिकांश खर्च आज आवश्यक ही होंगे पर दिखावे के ऊपर ही। दिन का ज्यादातर समय कार्य क्षेत्र एवं धर में फैली व्यवस्था को सुधारने में व्यतीत होगा। नए निर्माण की योजना बनेगी इस पर खर्च भी करेंगे। आपके कार्य कुशलता और जीवनशैली की प्रशंसा होगी जिससे मन मे अभिमान आएगा। आज आय सिमित ही रहेगी इसके विपरीत मध्यान पश्चात मनोरंजन पर अधिक खर्च होगा। फिजूल खर्ची से बचें अन्यथा आगे आर्थिक उलझनों का सामना करना पड़ेगा घर मे माता पिता को छोड़ अन्य सभी लोग स्वार्थसिद्धि के लिये मीठा व्यवहार करेंगे। आरोग्य बना रहेगा।
 
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपके लिए मिश्रित फलदायक रहेगा बुद्धि विवेक रहने के बाद भी हर काम मे अपनी ही चलाएंगे चाहे फिर आगे उसका नतीजा विपरीत ही क्यो ना निकले। आज कोई अनिच्छित कार्य करना भी पड़ेगा। निर्धारित कार्यो के पूर्ण होने में विलम्ब होने से परेशानी होगी किसी से अपमानजनक शब्द सुनने की संभावना है। व्यर्थ की यात्रा में समय एवं धन व्यय होगा। मध्यान पश्चात व्यवसाय में थोड़ा लाभ होगा धन की आमद फिर भी आवश्यकता से कम ही होगी। सेहत में भी कुछ न कुछ गड़बड़ लगी रहेगी सर्दी-जुखाम से पीड़ित हो सकते है लेकिन फिर भी मनोरंजन के अवसर खाली नही जाने देंगे। परिजनों की बात सुन बिना जवाब ना दे कलह हो सकती है।
 
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन का पूर्वार्ध शुभफलदायी रहेगा स्वभाव में मनमानी रहने के कारण परिजनों को परेशानी होगी घरेलू समस्याओं के समाधान करने की जगह टरकाने पर किसी से झड़प हो सकती है। कार्य क्षेत्र पर भी आज बेमन से कार्य करेंगे लेकिन सहयोगियों की सहायता से लाभ की संभावना बनेगी धन की आमद संध्या के समय तक संतोषजनक हो जाएगी। मध्यान पश्चात सेहत आकस्मिक ढीली होने से काम-काज प्रभावित होगा फिर भी सैर सपाटे मनोरंजन के लिये तैयार रहेंगे। स्त्री पक्ष से शुभ समाचार मिलेगा घरेलू खर्च कंजूसी बरतने पर भी अधिक होंगे। जिद से बचे अन्यथा दिन शांति से बिताना भारी पड़ेगा। किसी अन्य महिला के चक्कर मे मान हानि हो सकती है। सतर्क रहें।
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〰〰〰〰〰🙏राधे राधे🙏