आज का पंचाग आपका राशि फल, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा झंडा ऊंचा रहे हमारा, जाने विश्व की अंतिम अश्वमेघ यज्ञ की विशेषता, कश्मीर के लाल चौक पर खुली पौड़ी गढ़वाल के व्यवसायी का रावत मिष्ठान भंडार!

भारत माता की जय। जय हिंद। देश के सैनिकों और सुरक्षा बलों को सैल्यूट। जय जवान जय किसान तिरंगा निशान। मान सरोवर की लहरों तक हिन्दुस्तान हमारा है। अखंड भारत अतुल्य भारत अमूल्य झंडा सदा ऊंचा रहे हमारा। इस झंडे का मान न जाये चाहे जान भले ही जाये। नमामि शंकर भजामि शंकर। हरि हर हरिहर।। जब बद्रीविशाल स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं घर घर तिरंगा ✍️हरीश मैखुरी 

@ स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा🇮🇳 फहराने में क्या अंतर है ?

*पहला अंतर*

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर झंडे को नीचे से रस्सी द्वारा खींच कर ऊपर ले जाया जाता है, फिर खोल कर फहराया जाता है, जिसे *ध्वजारोहण* कहा जाता है क्योंकि यह 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना को सम्मान देने हेतु किया जाता है जब प्रधानमंत्री जी ने ऐसा किया था। संविधान में इसे Flag Hoisting🇮🇳 (ध्वजारोहण) कहा जाता है।

जबकि…..

26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे खोल कर फहराया जाता है, संविधान में इसे *Flag Unfurling*🇮🇳 (झंडा फहराना) कहा जाता है।

*दूसरा अंतर*

15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री जो कि केंद्र सरकार के प्रमुख होते हैं वो ध्वजारोहण करते हैं, क्योंकि स्वतंत्रता के दिन भारत का संविधान लागू नहीं हुआ था और राष्ट्रपति जो कि राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख होते है, उन्होंने पदभार ग्रहण नहीं किया था। इस दिन शाम को राष्ट्रपति अपना सन्देश राष्ट्र के नाम देते हैं।

जबकि…….

26 जनवरी जो कि देश में संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, इस दिन संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं!

*तीसरा अंतर*

स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से ध्वजारोहण किया जाता है।

जबकि……

गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर झंडा फहराया जाता है।

आग्रह है ये अंतर अपने बच्चों को जरूर बताएं।

सावन की अंतिम सोमवार पर बधाई एवं शुभकामनाएं 

🕉श्री हरिहरौ विजयतेतराम🕉
🌄सुप्रभातम🌄
🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓
🌻सोमवार, १४ अगस्त २०२३🌻

सूर्योदय: 🌄 ०६:०१
सूर्यास्त: 🌅 ०७:०३
चन्द्रोदय: 🌝 ०४:२५
चन्द्रास्त: 🌜१८:०६
अयन 🌖 दक्षिणायणे (उत्तरगोलीय)
ऋतु: ⛈️ वर्षा
शक सम्वत: 👉 १९४५ (शोभकृत)
विक्रम सम्वत: 👉 २०८० (नल)
मास 👉 श्रावण (द्वितीय, अधिक)
पक्ष 👉 कृष्ण
तिथि 👉 त्रयोदशी (१०:२५ से चतुर्दशी)
नक्षत्र 👉 पुनर्वसु (११:०७ से पुष्य)
योग 👉 सिद्धि (१६:४० से व्यतीपात)
प्रथम करण 👉 वणिज (१०:२५ तक)
द्वितीय करण 👉 विष्टि (२३:३२ तक)
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॥ गोचर ग्रहा: ॥
🌖🌗🌖🌗
सूर्य 🌟 कर्क
चंद्र 🌟 कर्क
मंगल 🌟 सिंह (उदित, पश्चिम, मार्गी)
बुध 🌟 सिंह (उदय, पश्चिम, मार्गी)
गुरु 🌟 मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी)
शुक्र 🌟 कर्क (अस्त, पश्चिम)
शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)
राहु 🌟 मेष
केतु 🌟 तुला
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शुभाशुभ मुहूर्त विचार
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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:५५ से १२:४८
अमृत काल 👉 ०८:२७ से १०:१४
सर्वार्थसिद्धि योग 👉 ११:०७ से ०५:४४
विजय मुहूर्त 👉 १४:३४ से १५:२७
गोधूलि मुहूर्त 👉 १९:०० से १९:२१
सायाह्न सन्ध्या 👉 १९:०० से २०:०४
निशिता मुहूर्त 👉 ००:०० से ००:४३
ब्रह्म मुहूर्त 👉 ०४:१७ से ०५:००
राहुकाल 👉 ०७:२३ से ०९:०२
राहुवास 👉 उत्तर-पश्चिम
यमगण्ड 👉 १०:४२ से १२:२१
होमाहुति 👉 केतु
दिशाशूल 👉 पूर्व
अग्निवास 👉 पृथ्वी
भद्रावास 👉 मृत्यु (१०:२५ से २३:३२)
चन्द्रवास 👉 उत्तर
शिववास 👉 भोजन में (१०:२५ से श्मशान में)
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☄चौघड़िया विचार☄
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॥ दिन का चौघड़िया ॥
१ – अमृत २ – काल
३ – शुभ ४ – रोग
५ – उद्वेग ६ – चर
७ – लाभ ८ – अमृत
॥रात्रि का चौघड़िया॥
१ – चर २ – रोग
३ – काल ४ – लाभ
५ – उद्वेग ६ – शुभ
७ – अमृत ८ – चर
नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
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शुभ यात्रा दिशा
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उत्तर-पश्चिम (दर्पण देखकर अथवा खीर का सेवन कर यात्रा करें)
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तिथि विशेष
🗓📆🗓📆
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मासिक शिवरात्रि आदि ।
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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण
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आज ११:०७ तक जन्मे शिशुओ का नाम पूनर्वसु नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ही) नामक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम पुष्य नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (हू, हे, हो, डा) नामक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।
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उदय-लग्न मुहूर्त
कर्क – ०३:४० से ०६:०१
सिंह – ०६:०१ से ०८:२०
कन्या – ०८:२० से १०:३८
तुला – १०:३८ से १२:५९
वृश्चिक – १२:५९ से १५:१८
धनु – १५:१८ से १७:२२
मकर – १७:२२ से १९:०३
कुम्भ – १९:०३ से २०:२९
मीन – २०:२९ से २१:५२
मेष – २१:५२ से २३:२६
वृषभ – २३:२६ से ०१:२१
मिथुन – ०१:२१ से ०३:३६
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पञ्चक रहित मुहूर्त
शुभ मुहूर्त – ०५:४३ से ०६:०१
चोर पञ्चक – ०६:०१ से ०८:२०
शुभ मुहूर्त – ०८:२० से १०:२५
रोग पञ्चक – १०:२५ से १०:३८
शुभ मुहूर्त – १०:३८ से ११:०७
मृत्यु पञ्चक – ११:०७ से १२:५९
अग्नि पञ्चक – १२:५९ से १५:१८
शुभ मुहूर्त – १५:१८ से १७:२२
रज पञ्चक – १७:२२ से १९:०३
शुभ मुहूर्त – १९:०३ से २०:२९
चोर पञ्चक – २०:२९ से २१:५२
रज पञ्चक – २१:५२ से २३:२६
शुभ मुहूर्त – २३:२६ से ०१:२१
चोर पञ्चक – ०१:२१ से ०३:३६
शुभ मुहूर्त – ०३:३६ से ०५:36
आज का राशिफल
🐐🐂💏💮🐅👩
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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन आपको घरेलू एवं सामाजिक क्षेत्र पर प्रतिकूल फल मिलने वाले है। दिन के आरंभ से ही आपका स्वभाव अत्यंत रूखा रहेगा लोगो की कमियां खोज खोज कर लड़ने के लिये तैयार रहेंगे घर के सदस्य भी पुरानी गलतियां गिना कर माहौल को अधिक अशांत बनाएंगे। मध्यान बाद स्थिति में थोड़ा सुधार आएगा कार्य क्षेत्र पर आकस्मिक धन लाभ होने से मन की कड़वाहट कम होगी लेकिन धन संबंधित विषयों को लेकर किसी न किसी से कलह भी हो सकती है। संध्या का समय व्यवसाय में वृद्धि करेगा लेकिन धन लाभ होने की जगह आश्वासन ही मिलेंगे। घर में भी वातावरण पहले से शांत बनेगा पर पूरी तरह शांत होने में समय लग सकता है। अनैतिक कार्यो से दूर रहे शारीरिक हानि के साथ मान भंग होने की संभावना है। मानसिक अशांति अन्य विकारों को जन्म देगी शान्त रहने का प्रयास करें।

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन आपको आर्थिक समृद्धि प्रदान करेगा लेकिन आज खर्च करते समय सोच विचार अवश्य करें ठगे जाने अथवा अन्य कारणों से हानि हो सकती है घर के बड़े परिजन भी आपकी फिजूल खर्ची से नाराज होंगे इसके बाद ही मितव्ययी बनेंगे। कार्य क्षेत्र से दिन के पूर्वार्द्ध में ही अनुकूल वातावरण मिलेगा धन की आमद असमय होने से आश्चर्य में पढ़ेंगे। दूर रहने वाले स्वयंजन से कोई अप्रिय सूचना मिलने से कुछ समय के लिये उदासी छाएगी फिर भी अन्य क्षेत्रों से उत्साहित करने वाले प्रसंग बनते रहेंगे। वाहन चलाते समय विशेष सावधानी रखें अकस्मात दुर्घटना में चोटादि का भय है शरीर मे दुखन एवं मूत्राशय संबंधित संमस्या होगी।

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज के दिन आपको घर और कारोबार में तालमेल बैठाने में परेशानी आएगी। दिमाग मे व्यवसाय सम्बंधित उलझने दिन के आरंभ से ही लगी रहेंगी उपर से घरेलू कार्य का बोझ आने से दुविधा में रहेंगे घर के बुजुर्गों का सहयोग भी कम रहने से स्वयं को ही अधिकांश कार्य निपटाने पड़ेंगे। दोपहर बाद भागदौड़ से निजात मिलेगी लेकिन व्यावसायिक कारणों से व्यस्तता बढ़ेगी कार्य क्षेत्र का माहौल अकस्मात बदलने से थोड़ी असहजता होगी फिर भी सहयोगियों की मदद से इससे पर पा लेंगे धन की आमद टलते टलते संध्या के समय अचानक होगी। घर मे आज किसी के नाराज होने से वातावरण कुछ समय के लिये उदासीन बनेगा बात मानने पर सामान्य हो जाएगा संचित धन में कमी आएगी सेहत में भी कुछ न कुछ विकार रहेगा पर कार्य रुकने नही देंगे।

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपका व्यक्तित्त्व निखरा हुआ रहेगा लेकिन स्वभाव में जिद और अहम भी रहने से लोग आपकी बातो का गलत अर्थ ही निकालेंगे। मध्यान से पहले तक एकाग्रता अधिक रहेगी मानसिक रूप से शांत रहने के कारण दैनिक पूजा पाठ में आज अधिक मन लगेगा लेकिन दोपहर बाद कार्य भार बढ़ने से एकाग्रता भंग होगी जिस कार्य को करना है उसे छोड़ व्यर्थ के कार्यो में रुचि लेंगे। कार्य व्यवसाय में मेहनत से पीछे नही हटेंगे परन्तु तुरंत फल पाने की चाह मानसिक अशांति बढ़ाएगी धैर्य से काम ले आज आवश्यकता अनुसार आर्थिक लाभ अवश्य होगा भले थोड़ा विलंब से ही हो। पारिवारिक वातावरण अपने काम से काम रखने तक ही शांत रहेगा किसी को ताने मारना अथवा कार्य मे दखल देना परेशानी में डालेगा। सेहत छोटी मोटी व्याधि को छोड़ सामान्य रहेगी।

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन से आपको ज्यादा लाभ की उम्मीद नही रहेगी। दिन के आरम्भ से ही मौसमी बीमारियों का प्रकोप कार्य करने का उत्साह खत्म करेगा। व्यवसाय में भी डर का वातावरण महत्तवपूर्ण निर्णय लेने से रोकेगा लेकिन आज आप मन की सुनने की अपेक्षा दिमाग का प्रयोग करें जहां हानि कि सम्भवना रहेगी वहां से आकस्मिक लाभ मिल सकता है। माता की भी सेहत खराब होने से दौड़धूप करनी पड़ेगी घर मे किसी न किसी की बीमारी पर खर्च बढ़ेगा। मध्यान से स्थिति में सुधार आने लगेगा बीमारी में थोड़ा सुधार आने पर व्यवसाय की चिंता सताएगी फिर भी ज्यादा भागदौड़ से बचे अन्यथा संध्या बाद तबियत फिर से खराब होने पर थोड़े बहुत कार्य भी नही कर पाएंगे। संतोषी वृति अपनाए सुखी रहेंगे।

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन लाभदायक है आज आप जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे परिस्थितियां पहले से ही इसके अनुकूल बनने लगे जाएंगी। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा रहने पर भी आपके व्यवसाय को प्रभावित नही कर पायेगी। नौकरी पेशाओ को अपने कार्य मे विजय मिलने से अधिकारी वर्ग से निकटता बढ़ेगी लेकिन बच कर भी रहे आज जिससे भी प्रेम संबंधों में घनिष्ठता बढ़ेगी वही कुछ ना कुछ भार आपके ऊपर डालेगा जिससे अपने कार्यो अथवा हितों की हानि हो सकती है। धन लाभ के लिये ज्यादा भागदौड़ नही करनी पड़ेगा सहज रूप से होने पर निश्चिन्त रहेंगे। गृहस्थी में सुख शांति बनी रहेगी पैतृक साधनों में वृद्धि करने से घर के बड़े बुजुर्ग प्रसन्न रहेंगे लेकिन महिलाए किसी बात को लेकर मुह फुलायेंगी सेहत मामूली बातो को छोड़ ठीक ही रहेगी।

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज का दिन कार्य सफलता दायक रहेगा लेकिन आज आपको गलत मार्गदर्शन करने वाले भी मिलेंगे जो आपके हितैषी बनकर बेवजह ही उटपटांग सलाह देकर मार्गभ्रमित करेंगे। किसी भी कार्य को करने से पहले घर मे बुजुर्गों की सलाह अवश्य लें सफलता निश्चत होगी। व्यावसायिक क्षेत्र पर आज अन्य दिनों की तुलना में अधिक माथापच्ची करनी पड़ेगी धन लाभ के कई अवसर मिलेंगे लेकिन बेवजह के खर्च भी आज अधिक रहेंगे जिससे थोड़ा बहुत लाभ ही हाथ लगेगा। आज जोखिम वाले कार्यो में निवेश से बचे अन्यथा धन फंस सकता है। आध्यात्म के क्षेत्र से जुड़े जातको को साधना में नई अनुभूति होगी। गूढ़ विषयो को जानने की लालसा बढ़ेगी। सेहत में कुछ विकार भी आ सकता है। पेट से ऊपर के भाग संबंधित परेशानी की संभावना है।

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज का दिन आपकी आशाओं पर खरा उतरेगा दिनचर्या भी आज व्यवस्थित रहने का फायदा मिलेगा। दिन के आरंभ में कार्य करने की गति थोड़ी धीमी रहेगी लेकिन मध्यान से धीरे धीरे गति आने लगेगी एक बार सफ़लता का स्वाद चखने के बाद अधिक निष्ठा से कार्यो में तल्लीन हो जाएंगे। धन की आमद रुक रुक कर पर एकसाथ कई मार्ग से होने पर उत्साहित रहेंगे। जोखिम आज बेजीझक ले सकते है लाभ ही होगा। मध्यान बाद आपका ध्यान कार्य क्षेत्र पर कम मनोरंजन पर अधिक रहेगा जल्दबाजी में कार्य करेंगे जिससे कुछ त्रुटि होने की संभावना है सतर्क होकर कार्य करें। पारिवारिक वातावरण लगभग शांत ही रहेगा किसी की जिद के आगे झुकना पड़ेगा। जोड़ो में तकलीफ हो सकती है।

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज दिन आपके लिये प्रतिकूल रहने वाला है सेहत में आज भी कुछ ना कुछ विकार रहने से कार्य करने का मन नही करेगा आज आपको ज्यादा भाग दौड़ अथवा मेहनत के कार्य से बचना चाहिये अन्यथा स्थिति गंभीर भी हो सकती है। मध्यान के समय कार्यो को जबरदस्ती करेंगे जिससे थकान बढ़ेंगी और काम मे भी कुछ ना कुछ नुक्स रह जायेगा। दोपहर बाद का समय थोड़ा राहत वाला रहेगा किसी स्वजन की सहायता से धन अथवा अन्य प्रकार से लाभ होगा सेहत में सुधार तो आएगा परन्तु विपरीत लिंगीय आकर्षण भी बढ़ने से अपमान जैसी स्थिति बनेगी। घर के सदस्यों का सहयोग आज कम ही मिलेगा पति पत्नी एकदूसरे को शंका की दृष्टि से देखेंगे। यात्रा ना करें।

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज के दिन बीते दिन की अपेक्षा आपका स्वभाव एकदम विपरीत रहेगा आज आपके अंदर व्यवहारिकता अधिक रहेगी सार्वजिक क्षेत्र पर मीठी वाणी के बल पर वरिष्ठ लोगो से नए संबंध बनेंगे इसने भविष्य में कुछ न कुछ लाभ अवश्य होगा। पराक्रम शक्ति प्रबल रहने पर भी काम-धंधे से मध्यान तक दौड़धूप के बाद भी सकारात्मक परिणाम ना मिलने से मायूसी आएगी लेकिन संध्या के समय मेहनत का फल धन लाभ के रूप में मिलने से मन को राहत पहुचेगी। संध्या के समय भी व्यवसाय में गति रहेगी लेकिन खर्च बढ़ने से संचय नही कर पाएंगे। घर मे मातृ शक्ति की अधिक चलेगी काम निकालने के लिये खुशामद करनी पड़ेगी। भूमि वाहन सुख आज उत्तम रहेगा। व्यावसायिक चिंता को छोड़ सेहत ठीक ही रहेगी।

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज का दिन आपकी आशा के अनुकूल रहेगा लेकिन आज आप लाभ पाने के लिये गलत हथकंडे अपनाएंगे जिससे सामाजिक क्षेत्र पर आलोचना हो सकती है। पुराने कार्य से धन की आमद निश्चित रहेगी फिर भी ज्यादा पाने की लालसा में चैन से ना खुद बैठेंगे ना ही कार्य क्षेत्र पर अन्य सहयोगियों को बैठने देंगे। सहकर्मी मन ही मन आपको बुराभला कहेंगे पर आर्थिक रूप से मदद मिलने पर व्यवहार बदल जायेगा। व्यवसाय में नए प्रतिद्वन्दी उभरेंगे लेकिन आज आपका चाहकर भी अहित नही कर पाएंगे। भागीदारी के कार्यो में निवेश से बचें। घर मे किसी के ऊपर नाजायज दबाव डालने से कलह हो सकती है। नेत्र, हड्डी, मूत्र संबंधित समस्या होने की संभावना है।

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन आप अपने मन की ही सुनेंगे और करेंगे। व्यवहारिकता रहेगी फिर भी अपने मे ही मगन रहेंगे किसी का कार्यो में दखल देना आपको भायेगा नही। कार्य व्यवसाय में आज बुद्धि और धन दोनो लगाने पर ही लाभ कमाया जा सकता है। सहकर्मी आपके अड़ियल व्यवहार से परेशान रहेंगे कहासुनी भी हो सकती है फिर भी आज संध्या के समय धन की प्राप्ति किसी पुराने साधन के द्वारा हो ही जाएगी। मन मे लंबी यात्रा के विचार बनेंगे लेकिन आज करना केवल खर्च बढ़ाना मात्र रहेगा इससे लाभ की आशा ना रखें। घर का वातावरण भी आज ढुलमुल रहेगा वादा पूरा करने में आनाकानी करेंगे जिससे परिजनों के मन मे कड़वाहट आएगी। सेहत आज सामान्य रहेगी फिर भी लोहे के उपकरणों से सावधान रहें।
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ 🙏राधे राधे🙏

वर्षों पहले पढा था..!

पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय।
ढाई अक्षर प्रेम के, पढ़े सो पंडित होय॥

अब पता लगा है कि, ढाई अक्षर है क्या..?
तब से मन शांत हो गया..!!

ढाई अक्षर के ब्रह्मा और, ढाई अक्षर की सृष्टि..!
ढाई अक्षर के विष्णु और, ढाई अक्षर की लक्ष्मी..!!

ढाई अक्षर की दुर्गा और, ढाई अक्षर की शक्ति..!!

ढाई अक्षर की श्रद्धा और, ढाई अक्षर की भक्ति..!
ढाई अक्षर का त्याग और, ढाई अक्षर का ध्यान..!!

ढाई अक्षर की इच्छा और, ढाई अक्षर की तुष्टि..!
ढाई अक्षर का धर्म और, ढाई अक्षर का कर्म..!!

ढाई अक्षर का भाग्य और, ढाई अक्षर की व्यथा..!
ढाई अक्षर का ग्रन्थ और, ढाई अक्षर का सन्त..!!

ढाई अक्षर का शब्द और, ढाई अक्षर का अर्थ..!
ढाई अक्षर का सत्य और, ढाई अक्षर की मिथ्या..!!

ढाई अक्षर की श्रुति और, ढाई अक्षर की ध्वनि..!
ढाई अक्षर की अग्नि और, ढाई अक्षर का कुण्ड..!!

ढाई अक्षर का मन्त्र और, ढाई अक्षर का यन्त्र..!
ढाई अक्षर की श्वांस और, ढाई अक्षर के प्राण..!!

ढाई अक्षर का जन्म और, ढाई अक्षर की मृत्यु..!
ढाई अक्षर की अस्थि और, ढाई अक्षर की अर्थी..!!

ढाई अक्षर का प्यार और, ढाई अक्षर का युद्ध..!
ढाई अक्षर का मित्र और, ढाई अक्षर का शत्रु..!!

ढाई अक्षर का प्रेम और, ढाई अक्षर की घृणा..!
जन्म से लेकर मृत्यु तक हम, बंधे हैं ढाई अक्षर में..!!

हैं ढाई अक्षर ही वक़्त में और, ढाई अक्षर ही अन्त में..!
समझ न पाया कोई भी, है रहस्य क्या ढाई अक्षर में..!!

महापुरुषों की गूढ़ रहस्यों से भरी
भाषा को शत-शत नमन.🙏🏼🕉🚩

जीवन की शुरुवात और अंत दोनों ही जीरो से होनी होती है,और बीच के समय में हम यह सोचते हैं कि हमने ये और वो प्राप्त कर लिया,यह सिर्फ खुद के मन को झूठा दिलासा देना है,जबकि बड़े मजे की बात तो यह है कि हम यह भली भाँति जानते हैं, कि हमसे पहले आये,दुनिया को जीतने बाले सिकन्दर जैसे भी नहीं रहे अर्थात शून्य में मिल गए,फिर भी कहीं न कहीं हम यह मानने को तैयार नही होते,परंतु जीवन की सच्चाई तो यही है !! जय श्री राम ✍️हरीश मैखुरी

विश्व के अंतिम अश्वमेध यज्ञ के अनुष्ठान का वर्णन …. (भाग 1)

जयपुर को केवल हवा महल और गुलाबी रंग से ही जानने वालों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण लेख क्रम बद्ध रूप से लिखने जा रहा हूं …..

जयपुर की भूमि अत्यंत पावन है कि इसे ‘ छोटी काशी’ कहा जाता है और मेरे गुरुदेव अनंत श्री संपन्न जगद्गुरु श्री मलूकपीठाधीश्वर महाभाग ने इसे ‘ उप ब्रज’ कह कर सम्बोधित किया है। वृंदावन के ठाकुर श्री गोविंद और गोपीनाथ जी ने भी ब्रजभूमि के बाहर यदि जाना चाहा तो अपने गोस्वामी सेवकों को स्वप्न में जयपुर ले जाने का आदेश दिया। 

जयपुर के संस्थापक महाराज सवाई जयसिंह जी बहादुर जो कि जयपुर से पूर्व अपनी आंबेर नामक राजधानी में रहते थे उन्होंने नगर सीमा के विस्तार करने की भावना से नवीन राजधानी बसाने का संकल्प लिया।

जिसके लिए उन्होंने आमेर में आज से लगभग २८० वर्ष पूर्व विक्रम संवत 1799 तद्नुसार ईस्वी सन 1742 में अश्वमेध यज्ञ का अनुष्ठान किया, जो कि पृथ्वी का अंतिम अश्वमेध यज्ञ है इसके बाद इतिहास में कहीं भी अश्वमेघ यज्ञ का उल्लेख नहीं मिलता। 

कुछ इतिहासकारों ने ईस्वी सन 1737 और 1741 का काल माना है परंतु तत्कालीन शासक श्री इंद्रसिंह जी ने दिनांक 10 जुलाई 1742 का लिखा एक पत्र जिसमे उन्होंने महाराज सवाई जयसिंह जी को संबोधित करते हुए लिखा ” विगत सात सौ शताब्दी में प्रथम बार ऐसा अनुष्ठान करके आपने इस यज्ञ के द्वारा कलयुग में सतयुग की स्थापना कर दी” आदि यज्ञ का गुणगान किया है। इससे यह ज्ञात होता है की वर्ष 1742 ही रहा होगा।

इस अश्वमेध यज्ञ का निमंत्रण पत्र आषाढ़ कृ. २ सं. १७९९ को अनेक राज घरानों को दिया गया था तथा महाराज के द्वारा आमेर वासी अपनी प्रजा को सभी प्रत्येक आस्तिक सनातनी हिन्दू को सार्वजनिक रूप से मुनादी करवाई की इस आयोजन में सामूहिक भाग लेके पुण्यस्नान करके पुण्य अर्जित करें।

तत्कालीन लेखक और कवियों ने अपने ग्रंथों यथा ‘ ईश्वर विलास ‘…. ‘ जय सिंह चरित ‘….दुलीचंद जी ने ‘ कर्मविलास ‘ आदि पुस्तकों और काव्यों में इस यज्ञ का गुणगान किया है।

वैदिक धर्म में आस्थावान प्रजापालक ऋषिकल्प शासक सवाई जय सिंह जी ने अश्वमेध यज्ञ के धार्मिक और राजनेतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए अपने राजपुरोहित पंडित श्री रत्नाकर भट्ट व अन्य विद्वानों से चर्चा करके पहले ‘वाजपेय यज्ञ’ का सविधि अनुष्ठान किया बाद में अपने पुरोहितों की सलाह से अश्वमेघ यज्ञ के लिए वाराणसी के विद्वानों से अनुमति एवम मार्गदर्शन मांगा। (ईश्वर विलास महाकाव्य के चौथे सर्ग में 30 से 35वें श्लोक में इस बात का वर्णन है)

वाराणसी से पत्र के द्वारा काशी के विद्वानों ने विस्तृत विधि के द्वारा मार्गदर्शन किया तथा अनुष्ठान में अनेक देवी देवताओं का सविधि प्रतिष्ठा पुर्वक पूजन करने के निर्देश दिए।

काशी से विद्वान पंडित श्री हरिकृष्ण शर्मा, कर्नाटक प्रदेश से पंडित श्री रामचंद्र द्रविड आदि कई विद्वान जो यज्ञ की विधियों के ज्ञाता थे वे सब भारत के अनेक प्रांतों से पधारे। इनमे से पं. श्री हरीकृष्ण शर्मा ने ही वैष्णव ग्रंथ ” वैदिक वैष्णव सदाचार” की रचना की थी।

वाराणसी से जो मार्गदर्शन मिला उसमे यज्ञ के लिए कांचीपुरम से भगवान श्री वरदराज (विष्णु) जी की मूर्ति आवश्यक बताई गई। परंतु सवाई जयसिंह जी के अनुरोध पर कांचीपुरम के शासक ने देने से मना कर दिया तत्पश्चात महाराज जय सिंह जी ने उस मूर्ति को लाने का जिम्मा अपने बहादुर सैनिक श्री हीदा मीणा को सौंपा। हीदा मीणा ने अपनी सेना की टुकड़ी के साथ कांचीपुरम जा कर युद्धपूर्वक वह मूर्ति यज्ञ हेतु आमेर ले आए । अपने इस शौर्य के प्रदर्शन के फलस्वरूप श्री हीदा मीणा को राजा के द्वारा धन और विस्तृत भू भाग जागीर के रुप में दिया जिसे आज भी जयपुर में ‘ हीदा की मोरी ‘ के नाम से जाना जाता है। इस घटना का वर्णन ईश्वर विलास ग्रंथ के अलावा डॉ लक्ष्मीनारायण झरवाल की पुस्तक “मीणा समाज की स्वतंत्रता का इतिहास” में वर्णन है।

यह अत्यंत प्राचीन और स्वर्ण से निर्मित भगवान श्री वरदराज की मूर्ति महाभारत कालीन है और ऐसी मान्यता है की इसी मूर्ति की साक्षी में द्वापर में महाराज युद्धिष्ठर ने अश्वमेघ यज्ञ किया था। यह भगवान वरदराज आज भी कृपापूर्वक जयपुर में विराजमान है। इन्ही के साथ अनेक देवी देवताओं को विधिवत यज्ञ से पूर्व प्रतिष्ठित किया था जो आज भी जयपुर में विराजमान हैं इनका विस्तारपूर्वक वर्णन अगले भाग में करूंगा ….. यह प्रथम भाग है अतः भगवान प्रथम पूज्य गणपति जी का वर्णन आवश्यक है सो जयपुर के प्रथम आराध्य भगवान श्री गढ़ गणेश जी की स्थापना इसी यज्ञ में हुई थी और यज्ञ सम्पन्न होने के बाद श्री विग्रह को यज्ञ भूमि के समीप पर्वत श्रंखला पर स्थापित किया था (विस्तार पूर्वक आगे के भाग में वर्णन होगा) और इन्ही गढ़ गणेश की मंगलमई और अभय पूर्ण दृष्टि के सामने के भू भाग पर जयपुर की चारदीवारी की नींव रखी गई। जयपुर के राजप्रासाद सिटी पैलेस, भगवान गोविंद देव मंदिर अल्बर्ट हॉल आदि प्रमुख भवनों से लेकर वर्तमान के आकर्षण केंद्र JLN रोड पर वर्ल्ड ट्रेड पार्क और पत्रिका गेट आदि तक का विस्तार भगवान श्री गढ़ गणेश के आशीर्वाद से ही हुआ है और अनवरत विकास जारी है। मंदिर से नीचे जयपुर को देखने पर मंदिर श्री गोविंद देव जी से पत्रिका गेट तक एक सीध दिखाई पड़ती है। 

भगवान श्री गढ़ गणेश की दास पर अत्यंत कृपा है और उनके श्रीअंगसेवी महंत श्री प्रदीप औदिच्य जी, महंत श्री महेश महता जी और श्री Anand Mehta जी का आशीर्वाद भी खूब मिलता है। इनके पूर्वज भी यज्ञ में दीक्षित ब्रह्मण थे जो गुर्जरप्रदेश(गुजरात) से पधारे थे।

शेष यज्ञ की विधियों और देव विग्रहों का वर्णन अगले भाग में ……

सभी को सादर प्रणाम 🙏✍️हेरंम्भ 

जम्मू कश्मीर में 370 हटने का लाभ देखो अपने गढ़वाल के लोगों ने कश्मीर के लाल चौक पर मिठाई की दुकान खोल दी। 370 हटने से पहले यहां इस्लामी आतंकवादियों और पत्थरबाजों के चलते यहां तिरंगा फहराने के लिए भी सोचना पड़ता था। तब यहां का कानून अलग था। अब वहां शांति है तभी तो वहां अब भारतीयों की दुकान खुल रही हैं पहले तो वहां भारत की दुकान को खतरा था। लेकिन बिडम्बना देखिये देश विरोधियों को 370 हटना खटक रहा है इन दिनों वे सुप्रीम कोर्ट में 370 की बहाली के लिए रोना रो रहे हैं। कश्मीर के लाल चौक का बताया गया यह फोटो शोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है।