आज का पंचाग आपका राशि फल, स्कूलों में छात्र अब वेद, पुराण, उपनिषद और गीता भी पढ़ सकेंगे-डाॅ धनसिंह रावत शिक्षा मंत्री उत्तराखंड, पांडवों ने इसलिए की थी उत्तराखंड में चारधाम यात्रा

✍️हरीश मैखुरी विद्यालयों में छात्र अब वेद, पुराण, उपनिषद और गीता भी पढ़ सकेंगे। “प्रदेश सरकार नई शिक्षा नीति के अंतर्गत इसे पाठ्यक्रम में सम्मलित करने पर विचार कर रही है” यह कहना है शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत का। उन्होंने यह बात यहां दून विश्वविद्यालय में परीक्षा पर्व-4 कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कही। पाठशालाओं में छात्र अब वेद, पुराण, उपनिषद और गीता भी पढ़ सकेंगे। प्रदेश सरकार नई शिक्षा नीति के तहत इसे पाठ्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही है। यह कहना है शिक्षा मंत्री डा.धन सिंह रावत का। उन्होंने यह बात यहां दून विश्वविद्यालय में परीक्षा पर्व-4 कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कही। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में स्पष्ट है कि शैक्षिक पाठ्यक्रम राज्यों को तैयार करना है। सरकार भारतीय ज्ञान और परंपरा को विद्यलयी पाठ्यक्रम में सम्मलित करने से पहले राज्य के लोगों से इस पर सुझाव लेगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए दो मई को विभागीय अधिकारियों की बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में इस पर भी मंथन किया जाएगा। इस अवसर पर बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा गीता खन्ना ने कहा कि प्रत्येक विद्यालय में शिक्षक अविभावक संघ का गठन आवश्यक कर दिया गया है ताकि विद्यार्थियों का हितों का संरक्षण हो सके।

वहीं शंकराचार्य मठ ज्योतिषपीठ के पूर्व प्रवक्ता फलित ज्योतिष के त्रिकालदर्शी विद्वान डाॅ रमेश पांडे ने कहा कि देवभूमि में अनादि काल से वैदिक शिक्षा का प्रवाह निश्रित होता रहा है। बद्रीश क्षेत्र में ही महर्षि वेदव्यास द्वारा लोक कल्याण हेतु वेद पुराण और ज्योतिष आदि शास्त्रों का आविर्भाव प्रकाशमान हुआ। हिमालय का यह क्षेत्र अखंड भारत वर्ष का सांस्कृतिक आधार है, इसलिए सभी विदयालयों में वैदिक शिक्षा और ज्योतिष आदि शास्त्रों को पाठ्यक्रम में आवश्यक रूप से सम्मिलित होना चाहिए। 

कार्यक्रम में सीबीएससी के क्षेत्रीय निदेशक जयप्रकाश चतुर्वेदी, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य सचिव रूपाली, दून विवि की कुलपति सुरेखा डंगवाल, प्रो. ओपीएस नेगी, सदस्य पुष्पा पाटले, विनोद कपरवाण, पं. रमेश शास्त्री, सीईओ डॉ. मुकुल सती आदि महानुभाव उपस्थित रहे।

अपडेट – शिक्षा मंत्री डाॅ धनसिंह रावत इस विषय पर गंभीर भी दिखते हैं उन्होने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हम इस सत्र से लागू करने जा रहे हैं। उत्तराखंड इसे लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। नई शिक्षा नीति में स्पष्ट कहा गया है कि शिक्षा नीति भारतीय ज्ञान परंपराओं के आधार पर होनी चाहिए। 

हम जनता से सुझाव लेने और शिक्षाविदों से सलाह लेने के बाद पाठ्यक्रम में वेद, गीता, रामायण और उत्तराखंड के इतिहास को शामिल करेंगे। 

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु जी की उपस्थिति में आज नई शिक्षा नीति के संबंध में गवर्निंग बॉडी की बैठक की।

🕉श्री हरिहरो विजयतेतराम🕉  

🌄सुप्रभातम🌄

🗓आज का पञ्चाङ्ग🗓

🌻रविवार, १ मई २०२२🌻

 

सूर्योदय: 🌄 ०५:४५

सूर्यास्त: 🌅 ०६:४८

चन्द्रोदय: 🌝 ०५:४७

चन्द्रास्त: 🌜१९:२९

अयन 🌕 उत्तरायने (उत्तरगोलीय

ऋतु: 🌞 ग्रीष्म 

शक सम्वत: 👉 १९४४ (शुभकृत)

विक्रम सम्वत: 👉 २०७९ (राक्षस)

मास 👉 वैशाख 

पक्ष 👉 शुक्ल

तिथि 👉 प्रतिपदा (२७:२५ तक)

नक्षत्र 👉 भरणी (२२:११ तक)

योग 👉 आयुष्मान् (१५:१९ तक)

प्रथम करण 👉 किंस्तुघ्न (१४:३७ तक)

द्वितीय करण 👉 बव (२७:२५ तक)

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॥ गोचर ग्रहा: ॥ 

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सूर्य 🌟 मेष 

चंद्र 🌟 वृष (२८:४४ से)

मंगल 🌟 कुम्भ (उदित, पश्चिम, मार्गी)

बुध 🌟 वृष (उदय, पश्चिम, मार्गी)

गुरु 🌟 मीन (उदित, पूर्व, मार्गी)

शुक्र 🌟 मीन (अस्त, पूर्व, वक्री)

शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, मार्गी)

राहु 🌟 मेष 

केतु 🌟 तुला 

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शुभाशुभ मुहूर्त विचार

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अभिजित मुहूर्त 👉 ११:४७ से १२:४१

अमृत काल 👉 १६:५९ से १८:४३

त्रिपुष्कर योग 👉 २७:२५ से २९:३३

विजय मुहूर्त 👉 १४:२७ से १५:२१

गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:४१ से १९:०५

सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:५४ से १९:५८

निशिता मुहूर्त 👉 २३:५२ से २४:३५

राहुकाल 👉 १७:१४ से १८:५४

राहुवास 👉 उत्तर

यमगण्ड 👉 १२:१४ से १३:५४

होमाहुति 👉 सूर्य

दिशाशूल 👉 पश्चिम

अग्निवास 👉 पृथ्वी

चन्द्रवास 👉 पूर्व (दक्षिण २८:४४ से) 

शिववास 👉 श्मशान में (२७:२५ से गौरी के साथ)

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☄चौघड़िया विचार☄

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॥ दिन का चौघड़िया ॥ 

१ – उद्वेग २ – चर

३ – लाभ ४ – अमृत

५ – काल ६ – शुभ

७ – रोग ८ – उद्वेग

॥रात्रि का चौघड़िया॥ 

१ – शुभ २ – अमृत

३ – चर ४ – रोग

५ – काल ६ – लाभ

७ – उद्वेग ८ – शुभ

नोट– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

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शुभ यात्रा दिशा

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दक्षिण-पूर्व (पान का सेवन कर यात्रा करें)

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तिथि विशेष

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मई मास आरम्भ, पाराशर ऋषि जयंती अगस्त्य अस्त १२:२३ पर आदि।

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आज जन्मे शिशुओं का नामकरण 

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आज २२:११ तक जन्मे शिशुओ का नाम 

भरणी नक्षत्र के द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमश (लू, ले, लो) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम कृतिका नक्षत्र के प्रथम एवं द्वितीय चरण अनुसार क्रमशः (अ, ई) नामाक्षर से रखना शास्त्रसम्मत है।

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उदय-लग्न मुहूर्त

मेष – २८:४८ से ०६:२२

वृषभ – ०६:२२ से ०८:१७

मिथुन – ०८:१७ से १०:३२

कर्क – १०:३२ से १२:५३

सिंह – १२:५३ से १५:१२

कन्या – १५:१२ से १७:३०

तुला – १७:३० से १९:५१

वृश्चिक – १९:५१ से २२:१०

धनु – २२:१० से २४:१४

मकर – २४:१४ से २५:५५

कुम्भ – २५:५५ से २७:२१

मीन – २७:२१ से २८:४४

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पञ्चक रहित मुहूर्त

शुभ मुहूर्त – ०५:३४ से ०६:२२

चोर पञ्चक – ०६:२२ से ०८:१७

शुभ मुहूर्त – ०८:१७ से १०:३२

रोग पञ्चक – १०:३२ से १२:५३

शुभ मुहूर्त – १२:५३ से १५:१२

मृत्यु पञ्चक – १५:१२ से १७:३०

अग्नि पञ्चक – १७:३० से १९:५१

शुभ मुहूर्त – १९:५१ से २२:१०

रज पञ्चक – २२:१० से २२:११

शुभ मुहूर्त – २२:११ से २४:१४

चोर पञ्चक – २४:१४ से २५:५५

शुभ मुहूर्त – २५:५५ से २७:२१

रोग पञ्चक – २७:२१ से २७:२५

शुभ मुहूर्त – २७:२५ से २८:४४

शुभ मुहूर्त – २८:४४ से २९:३३

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आज का राशिफल

🐐🐂💏💮🐅👩

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मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

आज का दिन लगभग ठीक ठाक ही रहेगा आपकी मानसिकता सुखोपभोग की अधिक रहेगी इसके ऊपर खर्च करने में सोचेंगे नही। भाग्य का साथ भी मिलने से जिस कार्य को करेंगे उसमे अन्य की तुलना में शीघ्र ही सफलता पा लेंगे धन लाभ भी आज आवश्यकता से अधिक होगा। कार्य क्षेत्र पर विवेक का परिचय दे भागीदारों अथवा अन्य सहकर्मियो से किसी बात को लेकर गलतफहमी पनपेगी। घर का वातावरण आनददायक रहेगा माता से विशेष लगाव होने से मनोकामना पूर्ति हो सकेगी लेकिन संतान संबंधित कोई नई समस्या से परेशान होंगे संध्या बाद का समय दिन की तुलना में शांति से बिताएंगे परोपकार की भावना आज कम ही रहेगी। सेहत आज ठीक ही रहेगी।

 

वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)

आज भी परिस्थियां आपके विपरीत ही रहने वाली है कल से स्थिति में सुधार आने लगेगा इसलिये महत्त्वपूर्ण निर्णय कल के ऊपर टालना बेहतर रहेगा। आज दिन के पूर्वार्द्ध से ही मन किसी अनजाने भय से व्याकुल रहेगा। कार्य व्यवसाय में भी नुकसान के कारण डर कर कार्य करेंगे। उधारी के धन को लेकर भी मन मे चिंता लगी रहेगी। आज कोई भी अनैतिक कार्य करने से बचे अन्यथा कानूनी उलझनों में फंस सकते है। असफलता के कारण स्वभाव में चिड़चिड़ापन रहने से घर का वातावरण अशांत होगा। मध्यान के बाद से स्थिति में सुधार तो आएगा लेकिन साहस की कमी निर्णय लेने से रोकेगी। घर का वातावरण संध्या बाद से सामान्य होने लगेगा लेकिन स्नेह की कमी फिर भी रहेगी। शरीर मे छोटे मोटे विकार लगे रहेंगे।

 

मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)

आज के दिन आपका व्यवहार एक समान नही रहेगा जिससे स्वार्थ होगा उसी से व्यवहार करना पसंद करेंगे विपरीत लिंगीय आकर्षण आज भी अधिक रहेगा नियंत्रण में रहे अन्यथा निकट भविष्य में किसी मुसीबत में फंस सकते है। कार्य व्यवसाय आज अनिश्चितता रहेगी मध्यान के आस पास आकस्मिक लाभ की संभावना है लापरवाही ना करें वरना आपके हिस्से का लाभ किसी प्रतिद्वन्दी के हिस्से में भी जा सकता है। आज सार्वजिक क्षेत्र पर कम बोलने पर ही सम्मान मिलेगा इसका भी ध्यान रखें। कार्य क्षेत्र पर स्वार्थी व्यवहार के कारण पुराने संबंध खराब हो सकते है। दाम्पत्य जीवन मे भी आज तालमेल कम ही रहेगा पति पत्नी एक दूसरे की कमियां निकालेंगे लेकिन संताने विवेकी व्यवहार करेंगी। मूत्राशय संबंधित रोग हो सकता है।

 

कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

आज के दिन आप अपनी ही मस्ती में मस्त रहेंगे किसी कार्य मे सहज सफलता मिलने से मन ही मन प्रसन्न भी रहेंगे। कार्य क्षेत्र पर आज व्यवसाय आशानुकूल नही रहेगा फिर भी पैतृक व्यवसाय से अल्प लाभ हो जाएगा। खाद्य प्रदार्थ स्वर्ण एवं सफेद वस्तुओ में निवेश आगे लाभ दिलाएगा।पिता अथवा पैतृक मामलों में किसी परिजन से तीखी बहस हो सकती है व्यवहार में नरमी बरते अन्यथा आगे के लिये परेशानी होगी। भाई बंधुओ के ऊपर भी खर्च हो सकता है। सरकारी एवं जमीनी मामलों को आज प्राथमिकता दे लेदेकर सफल होने के ज्यादा आसार है। घर मे पति अथवा पत्नी की सेहत अकस्मात खराब होगी।

 

सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)

आज का दिन आपके लिये उतार चढ़ाव से भरा रहेगा लेकिन स्वभाव से परोपकारी रहने का लाभ किसी न किसी रूप में अवश्य मिलेगा। धर्म कर्म में आज भी काफी निष्ठा रहेगी लेकिन पूजा पाठ के लिये समय कम ही मिल पायेगा। कार्य व्यवसाय को लेकर मन में सुबह से ही योजना बनाते रहेंगे लेकिन आज सहयोग की कमी अथवा किसी अन्य के विलंब के कारण मध्यान के बाद ही सोची योजना पर कार्य आरंभ हो सकेगा। धन की आमद संभावना होने पर भी अंतिम क्षण में आगे के लिये लटक सकती है। आज आपको कोई मूल्यवान वस्तु मिलने की संभावना है लेकिन इसके गलत हाथ मे जाने से हानि भी हो सकती हैं। हर किसी पर विश्वाश ना करें। सन्तानो को छोड़ घर के अन्य सभी सदस्य एकमत रहेंगे खास कर पति पत्नी में अच्छी पटेगी। कुछ समय के लिये शारीरिक शिथिलता भी बनेगी।

 

कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)

बीते दिन की असंयमित दिनचार्य का प्रभाव आज दिन के पहले भाग में देखने को मिलेगा थकान एवं शरीर मे अकड़न की शिकायत के चलते दैनिक कार्य भी जबरदस्ती करने पड़ेंगे पुरुषों की अपेक्षा महिलाओ को अधिक कमजोरी अनुभव होगी। मध्यान से राहत मिलने लगेगी फिर भी आज आपका मन उखड़ा हुआ ही रहेगा। कार्य व्यवसाय से थोड़ा बहुत लाभ आसानी से हो जावेगा ज्यादा लोभ से बचे आयात निर्यात अथवा बाहरी क्षेत्र संबंधित कार्यो से कुछ ख़र्च करने के बाद धन लाभ हो सकता है लेकिन आज धन को रोक नही पाएंगे। संध्या से पहले किसी भी कार्य मे जोखिम ना ले संध्या के बाद किया निवेश शीघ्र ही फलती होगा। बिजली के उपकरण एवं वाहनादि से सावधानी बरतें।

 

तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)

आज के दिन आप मेहनत करने में कमी नही रखेंगे फिर भी सफलता संदिग्ध ही रहेगी। नौकरी वाले जातको का ध्यान कार्य मे कम इधर उधर की बातों में अधिक रहेगा व्यवसाय से जुड़े लोग आज सौंदर्य अथवा साज सज्जा के सामान एवं दैनिक उपयोग की वस्तुओ एवं पर बिना विचार निवेश कर सकते है परन्तु तुरंत लाभ की उम्मीद न रखे निकट भविष्य में अवश्य धन मिलेगा। आज भी आवश्यकता अनुसार धन कही न कहींसे मिल ही जायेगा। पति पत्नी के बीच संबंधों में निकटता आएगी छोटी मोटी बातो को अनदेखा करें संतान के विषय मे अशुभ समाचार मिलने से चिंता होगी। माता की सेहत भी चिंता का विषय बनेगी।

 

वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)

आज के दिन आपसे भावनाओ में बहकर कोई अनैतिक कार्य हो सकता है जिसका बाद में पछतावा भी होगा। कार्य क्षेत्र पर कई बार लाभ की संभावना बनेगी लेकिन लाभ आज मुश्किल से ही हो पायेगा। सफेद वस्तुओ के व्यवसाय में आज तेजी रहेगी लेकिन व्यवसायी वर्ग भविष्य के लिये काली वस्तुओ में निवेश करे लाभ की संभावना अधिक रहेगी किसी को उधार देना पड़ेगा। शल्य चिकित्सा के योग भी है कराने से पहले अनुभवी की सलाह अवश्य लें। घर का वातावरण नरम गरम रहेगा पतिपत्नी के बीच शंका जन्म लेने से कलह हो सकती है। सन्तानो से भी संबंधों में चंचलता आएगी। सिर अथवा हड्डी संबंधित विकार से परेशानी हो सकती है।

 

धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)

आज आपका पल पल में बदलता स्वभाव स्वयं के साथ आस पास के लोगो को भी असमंजस में डालेगा। घर अथवा कार्य क्षेत्र पर बदलाव लाने का विचार बनेगा परन्तु आज ना ही करे तो बेहतर रहेगा कार्य व्यवसाय से लाभ की संभावना दिन भर बनी रहेगी लेकिन होगा आकस्मिक ही। आर्थिक कारणों से किसी से कलह होने की संभावना है धैर्य से काम के अन्यथा संबंध खराब हो सकते है। संतान का महत्त्वपूर्ण सहयोग कार्य क्षेत्र पर मिलेगा लेकिन इससे कोई विशेष लाभ नही उठा पाएंगे। आज सहकर्मी एवं पति-पत्नी के प्रति मन मे हीन भावना आएगी। हरि वस्तुओ की दलाली से अच्छा लाभ मिल सकता है। आवश्यक कार्य दिन रहते कर ले कल से परिस्थिति हानिकारक बनने वाली है। स्वास्थ्य में शाम से गिरावट अनुभव करेंगे।

 

मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)

आज का दिन आप शांति से बिताने का प्रयास करेंगे लेकिन घर अथवा कार्य क्षेत्र का वातावरण क्रोध के लिये उकसाएगा। काम धंधे को लेकर आज ज्यादा भागदौड़ करनी पड़ेगी फिर भी परिणाम आशाजनक नही मिलेंगे केवल कमीशन वाले कार्यो से जुड़े लोग कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमा सकेंगे अन्य व्यवसायी वर्ग को लाभ के लिये इंतजार करना पड़ेगा नौकरी पेशा लोग अपने व्यवहार में मिठास रखें अन्यथा स्थान परिवर्तन या नौकरी खतरे में पड़ सकती हैं पति अथवा संतान का व्यवहार दुखी करेगा फिर भी महिलाएं आज बेतुकी बयानबाजी से बचे। वायु विकार से शरीर मे दर्द एवं गैस बदहजमी की शिकायत होगी।

 

कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)

आज के दिन आपका स्वभाव अत्यंत जिद्दी रहेगा लेकिन इसका कुछ न कुछ लाभ भी मिलेगा। आज जिस कार्य को हाथ मे लेंगे उसे लाभ हानि की परवाह किये बिना पूर्ण करने के बाद ही चैन से बैठेंगे। मध्यान के समय व्यवसाय अथवा नौकरी में सहकर्मी अधिकारी से अहम को लेकर टकराव की स्थिति बनेगी लेकिन थोड़े ही देर में कोई शुभ समाचार मिलने पर वातावरण शांत हो जाएगा। आज आध्यात्म से अवश्य जुड़े रहे इसका अप्रत्यक्ष लाभ जरूर मिलेगा। घर मे भी सदस्यों में श्रेष्ठ दिखने की होड़ रहेगी। भाई बंधुओ से व्यवहार बनाये रहे आकस्मिक लाभ मिल सकता है। पर्यटन की योजना बनेगी निकट भविष्य में इसपर अधिक खर्च होगा। नेत्र संबन्धित विकार हो सकता है।

 

मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)

आज के दिन आपका स्वभाव तो संतोषि रहेगा परिस्थिति के अनुसार स्वयं को ढाल लेंगे लेकिन घर के सदस्यों की महात्त्वकांक्षाये अधिक रहेगी खास कर महिलाए एवं संतान देखादेखी में किसी महंगी वस्तु की मांग कर दुविधा में डालेंगी।परिवार के बुजुर्ग को छोड़ अन्य सभी आपके उदासीन व्यवहार से चिड़ेंगे। भाई बंधुओ से भी किसी बात को लेकर जिद बहस होगी लेकिन आपका नरम व्यवहार मामले को गंभीर नही होने देगा। सरकार संबंधित कार्य से भागदौड़ के बाद आज भी कोई परिणाम नही मिलने से मन परेशान होगा। लेकिन बेरोजगार लोग प्रयास जारी रखें कहीं से शुभ समाचार मिल सकते है। संध्या के समय धन संबंधित मामलों को लेकर मन मे हीं भावना आएगी। 

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*सूर्य नारायण भगवान के पिता -महर्षि कश्यप
*सूर्य भगवान की माता का नाम -अदिति
*सूर्य भगवान की पत्नी का नाम -संज्ञा और छाया
*सूर्य भगवान के ससुर का नाम -विश्वकर्मा
*सूर्य भगवान की बहन का नाम -छठ (छठ पूजा ,यमुना एवं सूर्य की उपस्थिति में पूजा)
*सूर्य भगवान के बच्चों का नाम-
*छाया द्वारा -शनि देव,तप्ति (कौरवों की दादी). * संज्ञा द्वारा – यमराज ,यमुना ,वैवस्वतमनु.
मंदिर निर्माण :-
सबसे पहले यमुनोत्री मंदिर का निर्माण राजा सुदर्शन शाह ने 1885 में कराया था , लेकिन भूकंप के कारण एक बार यमुनोत्री धाम पूरी तरह तहस-नहस हो गया था ,इसके बाद मंदिर का पुनः निर्माण जयपुर की महारानी गुलेरिया ने 19वीं सदी में करवाया। यमुनोत्री का वास्तविक स्रोत जमी हुई बर्फ की एक झील और हिंमनंद चम्पासर ग्लेशियर है।
प्राचीन काल में यमुनोत्री पहुंचने का मार्ग पगडंडी के रूप में अत्यंत दुर्गम तथा डरावना था, जिसे दिल्ली के सेठ चांदमल द्वारा महाराजा नरेंद्र शाह का सहयोग लेकर सही करवाया था , मंदिर के वर्तमान स्वरूप के निर्माण का श्रेय गढ़वाल के राजा प्रताप शाह को जाता है।
यमुनोत्री के एक गर्म जल की धारा का कुण्ड मौजूद है, कहा जाता है कि अपनी पुत्री यमुना को आशीर्वाद देने के लिए सूर्य भगवान ने स्वयं गर्म जलधारा का रूप धारण किया है ,पहाड़ों के शिखर पर जमा देने वाली सर्दी में भी इस कुण्ड का पानी खोलता रहता है, यात्रा पर आए भक्तगण कपड़े में चावल और आलू को इस तृप्त कुण्ड में उबालकर प्रसाद स्वरूप ग्रहण करते हुए अपने साथ ले जाते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार जब त्रेता युग में रावण ने माता सीता का हरण किया तथा हनुमान उन्हें ढूंढते हुए लंका पहुंचे तो रावण ने हनुमान जी की पूंछ में आग लगा दी थी , लेकिन श्री हनुमान ने अपनी पूंछ में लगी आग से संपूर्ण सोने की लंका को जलाकर खाक कर दिया था तब लंका को जलाने के पश्चात भगवान हनुमान अपनी पूंछ की आग बुझाने के लिए यहां आए तथा यमुना के शीतल जल से अपनी पूंछ में लगी आग बुझाई यही कारण है कि जिस पहाड़ी पर श्री हनुमान ने अपनी पूंछ की आग बुझाई थी उसे आज बंदर पूछ के नाम से जाना जाता है.
METHOLOGY BEHIND YAMUNOTRI :-
कहते हैं सूर्यनारायण भगवान की पत्नी से उत्पन्न हुई संतान यम और यमुना। पुत्री यमुना नदी के रूप में पृथ्वी पर रहने लगी तथा पुत्र यमराज को मृत्युलोक मिला, मान्यता है कि यमुना ने अपने भाई यमराज से भाई दूज के पर्व पर वरदान मांगा कि जो भी व्यक्ति भाई दूज के दिन यमुना में स्नान करें उसे यमलोक में न जाना पड़े इसीलिए ऐसा कहा गया है कि जो भी मनुष्य यमुना की पवित्र निर्मल धारा में स्नान करता है वह अकाल मृत्यु के भय से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करता है यमुनोत्री धाम हिंदू धर्म की आस्था के प्रमुख केंद्र चार धामों में पहला धाम है यमुनोत्री धाम गढ़वाल हिमालय के उत्तरकाशी में स्थित है इस की समुद्र तल से ऊंचाई 3235 मीटर है
यमुनोत्री धाम की यात्रा की शुरूआत :-
यमुनोत्री धाम की यात्रा पांडवों ने भी की , पांडव उत्तराखंड को तीर्थ यात्रा पर आए थे तो पहले यमुनोत्री आए उसके बाद गंगोत्री फिर केदारनाथ और बद्रीनाथ से चार धाम की यात्रा की। इससे पांडव निष्पपय हुए। इसीलिए उत्तराखंड के चारधाम लाखों भक्त आते हैं यात्रा का आरंभ यमुनोत्री धाम से ही होता है
कपाट खुलने का और बंद होने का समय
यमुनोत्री धाम के कपाट सदैव अक्षय तृतीया को खुलते हैं एवं भैया दूज के दिन बंद होते हैं तथा भैया दूज के दिन मां यमुना की डोली खरसाली के उखीमठ मंदिर में 6 माह माह के लिए लाई जाती है जहां पर आप सभी लोग माता के
दर्शन सर्दियों में भी कर सकते हैं,यमुनोत्री में नेपाली बाबा श्री राम भरोसे दास जी द्वारा हनुमान मंदिर की स्थापना भी की गई है जँहा पूरे वर्ष निरंतर हवन पूजा भंडारे की व्यवस्था होती है,सभी भक्तों को दर्शन करने चाहिए।

आप में जरूर कुछ ऐसा है कि आप सभी को अपना दीवाना बना लेते हैं। आपके समाज के लिए किया गया कार्य दर्पण की तरह चमकता है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी रहते हुए आपका पीछा करना शुरू किया जब सुदूर पर्वतीय क्षेत्र के एक गांव में आग लग आप दयालु हैं लेकिन प्रशासनिक स्तर पर भी बहुत कुशल हैं। आम आदमी के दिल में जगह बनाना आप बखूबी जानते हैं। हो सकता है लोग आपको आपसे ज्यादा पसंद करें। बहुत बहुत शुभकामनाएं।