आज का पंचाग आपका राशि फल, रूद्रप्रयाग की साक्षी कठैत का उत्तराखंड की अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम के कैंप के लिए चयन, हमारे भारत का वास्तविक इतिहास सिर कटते थे धड़ लड़ते थे, विश्व का सबसे प्राचीन बांध भारत में बना था आज भी कार्य कर रहा है

इतिहास हमारा पढ़ लेना रक्त से शब्द सजाए हैं।

सिर कटते थे ,धड़ लड़ते थे, तब शूरवीर “हिंदू” कहलाये हैं।

(गुरु तेगबहादुर पुण्य दिवस को समर्पित) 

।*༺𝕝 🕉 𝕝༻​​*

             *𝕝𝕝 जय श्री राधे 𝕝𝕝*

             *महर्षि पाराशर पंचांग*

          *🙏☾अथ पंचांगम्☽🙏*

            *दिनाँक : ~* 

      आंग्ल तिथि *28/11/2022, सोमवार* 

पंचमी, शुक्ल पक्ष,

मार्गशीर्ष

▬▬▬▬▬⁂⧱⁂▬▬▬▬▬

 

तिथि——-पंचमी 13:34:44 तक

पक्ष————————-शुक्ल

नक्षत्र——-उत्तराषाढा 10:28:04

योग————–वृद्वि 18:03:28

करण———–बालव 13:34:44

करण———-कौलव 24:16:31

वार———————–सोमवार

माह———————-मार्गशीर्ष

चन्द्र राशि——————–मकर

सूर्य राशि——————-वृश्चिक

रितु————————-हेमंत

आयन—————–दक्षिणायण

संवत्सर——————-शुभकृत

संवत्सर (उत्तर)——————–नल

विक्रम संवत—————-2079

गुजराती संवत————–2079

शक संवत——————1944

 

वृन्दावन

सूर्योदय—————-06:51:11

सूर्यास्त—————-17:22:54

दिन काल————- 10:31:42 

रात्री काल————- 13:29:03

चंद्रोदय—————- 11:18:20 

चंद्रास्त—————- 21:59:40

 

लग्न—-वृश्चिक 11°36′ , 221°36′

 

सूर्य नक्षत्र—————– अनुराधा 

चन्द्र नक्षत्र————– उत्तराषाढा

नक्षत्र पाया———————ताम्र 

 

*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*

 

जी—- उत्तराषाढा 10:28:04

 

खी—- श्रवण 15:58:22

 

खू—- श्रवण 21:29:55

 

खे—- श्रवण 27:02:49

 

*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*

 

        ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद

==========================

सूर्य=वृश्चिक 11 :29 अनुराधा , 3 नू 

चन्द्र =मकर 07°23, अनुराधा , 4 जी 

बुध =वृश्चिक 22 ° 34′ ज्येष्ठा ‘2 या 

शुक्र=वृश्चिक 20°05, ज्येष्ठा ‘ 2 या 

मंगल=वृषभ 25°30 ‘ मृगशिरा’ 1 नो 

गुरु=मीन 04°30 ‘ उ o भा o, 1 दू 

शनि=मकर 25°43 ‘ धनिष्ठा ‘ 1 गा       

राहू=(व) मेष 17°50 भरणी , 2 लू 

केतु=(व) तुला 17°50 विशाखा , 4 ता 

 

*🚩💮 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩*

 

राहू काल 08:10 – 09:29 अशुभ

यम घंटा 10:48 – 12:07 अशुभ

गुली काल 13:26 – 14:45 अशुभ

अभिजित 11:46 – 12:28 शुभ

दूर मुहूर्त 12:28 – 13:10 अशुभ

दूर मुहूर्त 14:34 – 15:17 अशुभ

वर्ज्यम 14:08 – 15:36 अशुभ

 

💮चोघडिया, दिन

अमृत 06:51 – 08:10 शुभ

काल 08:10 – 09:29 अशुभ

शुभ 09:29 – 10:48 शुभ

रोग 10:48 – 12:07 अशुभ

उद्वेग 12:07 – 13:26 अशुभ

चर 13:26 – 14:45 शुभ

लाभ 14:45 – 16:04 शुभ

अमृत 16:04 – 17:23 शुभ

 

🚩चोघडिया, रात

चर 17:23 – 19:04 शुभ

रोग 19:04 – 20:45 अशुभ

काल 20:45 – 22:26 अशुभ

लाभ 22:26 – 24:07* शुभ

उद्वेग 24:07* – 25:49* अशुभ

शुभ 25:49* – 27:30* शुभ

अमृत 27:30* – 29:11* शुभ

चर 29:11* – 30:52* शुभ

 

💮होरा, दिन

चन्द्र 06:51 – 07:44

शनि 07:44 – 08:36

बृहस्पति 08:36 – 09:29

मंगल 09:29 – 10:22

सूर्य 10:22 – 11:14

शुक्र 11:14 – 12:07

बुध 12:07 – 12:59

चन्द्र 12:59 – 13:52

शनि 13:52 – 14:45

बृहस्पति 14:45 – 15:38

मंगल 15:38 – 16:30

सूर्य 16:30 – 17:23

 

🚩होरा, रात

शुक्र 17:23 – 18:30

बुध 18:30 – 19:38

चन्द्र 19:38 – 20:45

शनि 20:45 – 21:53

बृहस्पति 21:53 – 23:00

मंगल 23:00 – 24:07

सूर्य 24:07* – 25:15

शुक्र 25:15* – 26:22

बुध 26:22* – 27:30

चन्द्र 27:30* – 28:37

शनि 28:37* – 29:45

बृहस्पति 29:45* – 30:52

 

*🚩💮 उदयलग्न प्रवेशकाल 💮🚩* 

 

वृश्चिक > 05:04 से 07:30 तक 

धनु > 07:30 से 09:56 तक

मकर > 09:56 से 11:34 तक

कुम्भ > 11:34 से 13:04 तक

मीन > 13: 04 से 13: 36 तक

मेष > 13: 36 से 15:10 तक

वृषभ > 15:10 से 17:56 तक 

कर्क > 17:56 से 22:26 तक

सिंह > 22:26 से 00:38 तक

कन्या > 00:38 से 02:56 तक

तुला > 02:56 से 05:15 तक

 

*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*

 

       (लगभग-वास्तविक समय के समीप) 

दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट

जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट

कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट

लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट

कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट

 

*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। 

प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। 

चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥

रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।

अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥

अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।

उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।

शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।

लाभ में व्यापार करें ।

रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।

काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।

अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।

 

*💮दिशा शूल ज्ञान————पूर्व*

परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l

इस मंत्र का उच्चारण करें-:

*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*

*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*

 

*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*

*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*

*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*

*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*

*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*

*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*

 

 5 + 2 + 1 = 8 ÷ 4 = 0 शेष

 मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l

 

*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*

 

सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है

 

 बुध ग्रह मुखहुति

 

*💮 शिव वास एवं फल -:*

 

 5 + 5 + 5 = 15 ÷ 7 = 1 शेष

 

कैलाश वास = शुभ कारक

 

*🚩भद्रा वास एवं फल -:*

 

*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*

*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*

 

*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*

 

*विहार पंचमी*

 

*श्री बांके बिहारी जी प्राकट्योत्सव*

 

*श्री राम जानकी विवाहोत्सव*

 

*सर्वार्थ सिद्धि योग 10:28 तक*

 

*गुरु तेगबहादुर पुण्य दिवस*

 

*नाग पंचमी (दक्षिण भारत)*

 

*महात्मा ज्योतिबा फुले पुण्य दिवस*

*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*

 

दुतो न सञ्चरति खे न चलेच्च वार्ता ।

पुर्व न जल्पितमिदं न च सड्गमोऽस्ति ।

व्योम्नि स्थितं रविशाशग्रहणं प्रशस्तं

जानाति यो द्विजवरः सकथं न विद्वान् ।।

।। चा o नी o।।

 

   कोई संदेशवाहक आकाश में जा नहीं सकता और आकाश से कोई समाचार आ नहीं सकता वहा रहने वाले लोगो की ध्वनि सुनाई नहीं देती. और उनके साथ कोई संपर्क नहीं हो सकता. इसीलिए वह ब्राह्मण जो सूर्य और चन्द्र ग्रहण की भविष्य वाणी करता है, उसे विद्वान मानना चाहिए। 

 
विश्व का सबसे प्राचीन बांध भारत में बना था.
…और इसे बनाने वाले भी भारतीय ही थे. 
आज से करीब 2 हजार वर्ष पूर्व  भारत में कावेरी नदी पर कल्लनई बांध का निमार्ण कराया गया था, जो आज भी न केवल सही सलामत है बल्कि सिंचाई का एक बहुत बड़ा साधन भी है.
भारत के इस गौरवशाली इतिहास को पहले अंग्रेज और बाद में वामपंथी इतिहासकारों ने जानबूझकर लोगों से इस तथ्य को छुपाया.
दक्षिण भारत में कावेरी नदी पर बना यह कल्लनई बांध वर्तमान में तमिलनाडू के तिरूचिरापल्ली जिले में है. इसका निमार्ण चोल राजवंश के शासन काल में हुआ था.राज्य में पड़ने वाले सूखे और बाढ़ से निपटने के लिए कावेरी नदी को डायवर्ट कर बनाया गया यह बांध प्राचीन भारतीयों की इंजीनियरिंग का उत्तम उदाहरण है.
कल्लनई बांध को चोल शासक करिकाल ने बनवाया था.यह बांध करीब एक हजार फीट लंबा और 60 फीट चौड़ा है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बांध में जिस तकनीक का उपयोग किया गया है वह वर्तमान विश्व की आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक है, जिसकी भारतीयों को आज से करीब 2 हजार वर्ष पहले ही जानकारी थी.
कावेरी नदी की जलधारा बहुत तीव्र गति से बहती है, जिससे बरसात के मौसम में यह डेल्टाई क्षेत्र में भयंकर बाढ़ से तबाही मचाती है.
पानी की तेज धार के कारण इस नदी पर किसी निर्माण या बांध का टिक पाना बहुत ही मुश्किल काम था. उस समय के भारतीय वैज्ञानिकों ने इस चुनौती को स्वीकार किया और और नदी की तेज धारा पर बांध बना दिया जो 2 हजार वर्ष बीत जाने के बाद आज भी ज्यों का त्यों खड़ा है.
इस बांध को आप कभी देखेंगे तो पाएंगे यह जिग जैग प्रमाण का है. यह जिग जैग जैसा का इस लिए बनाया गया था ताकि पानी के तेज बहाव से बांध की दीवारों पर पड़ने वाली फोर्स को डायवर्ट कर उस पर दवाब को कम कर सके. देश ही नहीं दुनिया में बनने वाले सभी आधुनिक बांधों के लिए यह बांध आज प्रेरणा का स्रोत है.
यह कल्लनई बांध तमिलनाडू में सिंचाई का महत्वपूर्ण स्रोत है.
आज भी इससे करीब 10 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई होती है.
यदि आप भारत की इस अमूल्य तकनीकी थाती कल्लनई बांध के दर्शन करना चाहते हैं तो आपको तमिलनाडू के तिरूचिरापल्ली जिले में आना होगा. मुख्यालय तिरूचिरापल्ली से इसकी कुल दूरी  19 किलोमीटर है.

 

*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*

 

गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11

 

पश्यामि देवांस्तव देव देहे सर्वांस्तथा भूतविशेषसङ्‍घान्‌ ।,

ब्रह्माणमीशं कमलासनस्थमृषींश्च सर्वानुरगांश्च दिव्यान्‌ ॥,

 

अर्जुन बोले- हे देव! मैं आपके शरीर में सम्पूर्ण देवों को तथा अनेक भूतों के समुदायों को, कमल के आसन पर विराजित ब्रह्मा को, महादेव को और सम्पूर्ण ऋषियों को तथा दिव्य सर्पों को देखता हूँ॥,15॥,

 

*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*

 

देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।

नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।

विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।

जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।

 

🐏मेष

पार्टनरों का सहयोग समय पर मिलने से प्रसन्नता रहेगी। स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त से बड़ा लाभ हो सकता है। प्रतिद्वंद्विता रहेगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक-ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। चोट व रोग से बाधा संभव है। दूसरों के काम में दखलंदाजी न करें।

 

🐂वृष

क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। पुराना रोग बाधा का कारण रहेगा। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। छोटी सी गलती से समस्या बढ़ सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्र व संबंधी सहायता करेंगे। आय बनी रहेगी। जोखिम न लें।

 

👫मिथुन

अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था नहीं होने से परेशानी रहेगी। व्यवसाय में कमी होगी। नौकरी में नोकझोंक हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। थकान महसूस होगी। अपेक्षित कार्यों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी।

 

🦀कर्क

मन की चंचलता पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति। अनुकूल रहेगी। जीवनसाथी पर आपसी मेहरबानी रहेगी। जल्दबाजी में धनहानि हो सकती है। व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में सुकून रहेगा। निवेश लाभप्रद रहेगा। कार्य बनेंगे। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे।

 

🐅सिंह

उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। जुए, सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें।

 

🙎‍♀️कन्या

नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामजिक कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। प्रतिष्ठा वृद्धि होगी। सुख के साधन जुटेंगे। नौकरी में वर्चस्व स्थापित होगा। आय के स्रोत बढ़ सकते हैं। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर सहयोग व प्रसन्नता में वृद्धि होगी।

 

⚖️तुला

प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़े कार्य की समस्याएं दूर होंगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। कर्ज में कमी होगी। संतुष्टि रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। अपना प्रभाव बढ़ा पाएंगे। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य न करें।

 

🦂वृश्चिक

दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। व्यवसाय में जल्दबाजी से काम न करें। चोट व दुर्घटना से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर स्थिति मनोनुकूल रहेगी। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। वस्तुएं संभालकर रखें।

 

🏹धनु

घर-बाहर अशांति रहेगी। कार्य में रुकावट होगी। आय में कमी तथा नौकरी में कार्यभार रहेगा। बेवजह🐏मेष

पार्टनरों का सहयोग समय पर मिलने से प्रसन्नता रहेगी। स्थायी संपत्ति की खरीद-फरोख्त से बड़ा लाभ हो सकता है। प्रतिद्वंद्विता रहेगी। नौकरी में मातहतों का सहयोग मिलेगा। व्यवसाय ठीक-ठीक चलेगा। आय में वृद्धि होगी। चोट व रोग से बाधा संभव है। दूसरों के काम में दखलंदाजी न करें।

 

🐂वृष

क्रोध व उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। विवाद को बढ़ावा न दें। पुराना रोग बाधा का कारण रहेगा। स्वास्थ्य पर खर्च होगा। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। छोटी सी गलती से समस्या बढ़ सकती है। व्यवसाय ठीक चलेगा। मित्र व संबंधी सहायता करेंगे। आय बनी रहेगी। जोखिम न लें।

 

👫मिथुन

अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। व्यवस्था नहीं होने से परेशानी रहेगी। व्यवसाय में कमी होगी। नौकरी में नोकझोंक हो सकती है। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। थकान महसूस होगी। अपेक्षित कार्यों में विघ्न आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। आय में निश्चितता रहेगी।

 

🦀कर्क

मन की चंचलता पर नियंत्रण रखें। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति। अनुकूल रहेगी। जीवनसाथी पर आपसी मेहरबानी रहेगी। जल्दबाजी में धनहानि हो सकती है। व्यवसाय में वृद्धि होगी। नौकरी में सुकून रहेगा। निवेश लाभप्रद रहेगा। कार्य बनेंगे। घर-बाहर सुख-शांति बने रहेंगे।

 

🐅सिंह

उत्तेजना पर नियंत्रण रखें। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ के योग हैं। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। जुए, सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। निवेश शुभ रहेगा। प्रमाद न करें।

 

🙎‍♀️कन्या

नई योजना बनेगी। कार्यप्रणाली में सुधार होगा। सामजिक कार्य करने की इच्छा जागृत होगी। प्रतिष्ठा वृद्धि होगी। सुख के साधन जुटेंगे। नौकरी में वर्चस्व स्थापित होगा। आय के स्रोत बढ़ सकते हैं। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। निवेश शुभ रहेगा। घर-बाहर सहयोग व प्रसन्नता में वृद्धि होगी।

 

⚖️तुला

प्रयास सफल रहेंगे। किसी बड़े कार्य की समस्याएं दूर होंगी। मित्रों का सहयोग कर पाएंगे। कर्ज में कमी होगी। संतुष्टि रहेगी। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। व्यापार मनोनुकूल चलेगा। अपना प्रभाव बढ़ा पाएंगे। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। निवेश शुभ रहेगा। जोखिम व जमानत के कार्य न करें।

 

🦂वृश्चिक

दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे। व्यवसाय में जल्दबाजी से काम न करें। चोट व दुर्घटना से बचें। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। घर-बाहर स्थिति मनोनुकूल रहेगी। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। वस्तुएं संभालकर रखें।

 

🏹धनु

घर-बाहर अशांति रहेगी। कार्य में रुकावट होगी। आय में कमी तथा नौकरी में कार्यभार रहेगा। बेवजह लोगों से कहासुनी हो सकती है। दु:खद समाचार मिलने से नकारात्मकता बढ़ेगी। व्यवसाय से संतुष्टि नहीं रहेगी। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाज न करें।

 

🐊मकर

यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। बगैर मांगे किसी को सलाह न दें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। धनार्जन होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। अज्ञात भय व चिंता रहेंगे।

 

🍯कुंभ

पार्टी व पिकनिक की योजना बनेगी। मित्रों के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।

 

🐟मीन

पूजा-पाठ व सत्संग में मन लगेगा। आत्मशांति रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। मातहतों का सहयोग मिलेगा। किसी सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। दूसरे के काम में दखल न दें। लोगों से कहासुनी हो सकती है। दु:खद समाचार मिलने से नकारात्मकता बढ़ेगी। व्यवसाय से संतुष्टि नहीं रहेगी। पार्टनरों से मतभेद हो सकते हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। जल्दबाज न करें।

 

🐊मकर

यात्रा सफल रहेगी। नेत्र पीड़ा हो सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। बगैर मांगे किसी को सलाह न दें। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। धनार्जन होगा। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। अज्ञात भय व चिंता रहेंगे।

 

🍯कुंभ

पार्टी व पिकनिक की योजना बनेगी। मित्रों के साथ समय अच्‍छा व्यतीत होगा। स्वादिष्ट भोजन का आनंद मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। किसी प्रबुद्ध व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। शत्रु सक्रिय रहेंगे। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी।

 

🐟मीन

पूजा-पाठ व सत्संग में मन लगेगा। आत्मशांति रहेगी। कोर्ट व कचहरी के कार्य अनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। मातहतों का सहयोग मिलेगा। किसी सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। दूसरे के काम में दखल न दें।

 

🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏

🌺🌺🌺🌺🙏🌺🌺🌺🌺

*आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन)*

(व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)

09897565893, 09412618599

रुद्रप्रयाग की बेटी का उख  अंडर -19 महिला क्रिकेट  कैंप के लिए चयन
    अगस्त्यमुनि ब्लॉक के बंगोली गांव की की साक्षी कठैत का उत्तराखंड की अंडर-19 महिला क्रिकेट टीम के कैंप के लिए चयन हुआ है। इन दिनों साक्षी काशीपुर में चल रहे कैंप में अन्य खिलाड़ियों के साथ अभ्यास कर रही है।
    बंगोली गांव के भरत सिंह कठैत व संगीता देवी की बेटी साक्षी ने कक्षा आठवीं से क्रिकेट को अपना करिअर चुन लिया था। पिता भरत सिंह ने बेटी का पंजीकरण जिला क्रिकेट एसोसिएशन में कराया। वहीं, जिला मुख्यालय में क्रिकेट प्रशिक्षक प्रशांत बिष्ट से कोचिंग कराई। गुलाबराय के मैदान में छात्रा ने कोच से मिले दिशा-निर्देशों के तहत अपनी विकेट कीपिंग और बल्लेबाजी को निखारा।
   जिला क्रिकेट एसोसिएशन में अलग-अलग आयुवर्ग में पांच बालिकाएं पंजीकृत हैं। अंडर-19 आयु वर्ग में वैष्णवी शर्मा, सभ्या नेगी, हिमानी भंडारी, साक्षी कठैत सहित पांच बालिकाएं हैं। प्रशिक्षक प्रशांत बिष्ट का कहना है कि साक्षी का उत्तराखंड-19 महिला क्रिकेट टीम के कैंप के लिए चयन क्षेत्र ही नहीं जिले व मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बड़ी उपलब्धि है।
   हमारी तरफ से बिटिया साक्षी को ब्रेकिंग उत्तराखंड डाट काम न्यूज संस्थान की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं
 
विश्व का सबसे प्राचीन बांध भारत में बना था.
…और इसे बनाने वाले भी भारतीय ही थे. 
आज से करीब 2 हजार वर्ष पूर्व  भारत में कावेरी नदी पर कल्लनई बांध का निमार्ण कराया गया था, जो आज भी न केवल सही सलामत है बल्कि सिंचाई का एक बहुत बड़ा साधन भी है.
भारत के इस गौरवशाली इतिहास को पहले अंग्रेज और बाद में वामपंथी इतिहासकारों ने जानबूझकर लोगों से इस तथ्य को छुपाया.
दक्षिण भारत में कावेरी नदी पर बना यह कल्लनई बांध वर्तमान में तमिलनाडू के तिरूचिरापल्ली जिले में है. इसका निमार्ण चोल राजवंश के शासन काल में हुआ था.राज्य में पड़ने वाले सूखे और बाढ़ से निपटने के लिए कावेरी नदी को डायवर्ट कर बनाया गया यह बांध प्राचीन भारतीयों की इंजीनियरिंग का उत्तम उदाहरण है.
कल्लनई बांध को चोल शासक करिकाल ने बनवाया था.यह बांध करीब एक हजार फीट लंबा और 60 फीट चौड़ा है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस बांध में जिस तकनीक का उपयोग किया गया है वह वर्तमान विश्व की आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक है, जिसकी भारतीयों को आज से करीब 2 हजार वर्ष पहले ही जानकारी थी.
कावेरी नदी की जलधारा बहुत तीव्र गति से बहती है, जिससे बरसात के मौसम में यह डेल्टाई क्षेत्र में भयंकर बाढ़ से तबाही मचाती है.
पानी की तेज धार के कारण इस नदी पर किसी निर्माण या बांध का टिक पाना बहुत ही मुश्किल काम था. उस समय के भारतीय वैज्ञानिकों ने इस चुनौती को स्वीकार किया और और नदी की तेज धारा पर बांध बना दिया जो 2 हजार वर्ष बीत जाने के बाद आज भी ज्यों का त्यों खड़ा है.
इस बांध को आप कभी देखेंगे तो पाएंगे यह जिग जैग आकार का है. यह जिग जैग आकार का इस लिए बनाया गया था ताकि पानी के तेज बहाव से बांध की दीवारों पर पड़ने वाली फोर्स को डायवर्ट कर उस पर दवाब को कम कर सके. देश ही नहीं दुनिया में बनने वाले सभी आधुनिक बांधों के लिए यह बांध आज प्रेरणा का स्रोत है.
यह कल्लनई बांध तमिलनाडू में सिंचाई का महत्वपूर्ण स्रोत है.
आज भी इससे करीब 10 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई होती है.
यदि आप भारत की इस अमूल्य तकनीकी थाती कल्लनई बांध के दर्शन करना चाहते हैं तो आपको तमिलनाडू के तिरूचिरापल्ली जिले में आना होगा. मुख्यालय तिरूचिरापल्ली से इसकी दूरी मात्र 19 किलोमीटर है।